< اَلْمَزَامِيرُ 127 >

تَرْنِيمَةُ ٱلْمَصَاعِدِ. لِسُلَيْمَانَ إِنْ لَمْ يَبْنِ ٱلرَّبُّ ٱلْبَيْتَ، فَبَاطِلًا يَتْعَبُ ٱلْبَنَّاؤُونَ. إِنْ لَمْ يَحْفَظِ ٱلرَّبُّ ٱلْمَدِينَةَ، فَبَاطِلًا يَسْهَرُ ٱلْحَارِسُ. ١ 1
अगर ख़ुदावन्द ही घर न बनाए, तो बनाने वालों की मेहनत' बेकार है। अगर ख़ुदावन्द ही शहर की हिफ़ाज़त न करे, तो निगहबान का जागना 'बेकार है।
بَاطِلٌ هُوَ لَكُمْ أَنْ تُبَكِّرُوا إِلَى ٱلْقِيَامِ، مُؤَخِّرِينَ ٱلْجُلُوسَ، آكِلِينَ خُبْزَ ٱلْأَتْعَابِ. لَكِنَّهُ يُعْطِي حَبِيبَهُ نَوْمًا. ٢ 2
तुम्हारे लिए सवेरे उठना और देर में आराम करना, और मशक़्क़त की रोटी खाना 'बेकार है; क्यूँकि वह अपने महबूब को तो नींद ही में दे देता है।
هُوَذَا ٱلْبَنُونَ مِيرَاثٌ مِنْ عِنْدِ ٱلرَّبِّ، ثَمَرَةُ ٱلْبَطْنِ أُجْرَةٌ. ٣ 3
देखो, औलाद ख़ुदावन्द की तरफ़ से मीरास है, और पेट का फल उसी की तरफ़ से अज्र है,
كَسِهَامٍ بِيَدِ جَبَّارٍ، هَكَذَا أَبْنَاءُ ٱلشَّبِيبَةِ. ٤ 4
जवानी के फ़र्ज़न्द ऐसे हैं, जैसे ज़बरदस्त के हाथ में तीर।
طُوبَى لِلَّذِي مَلَأَ جَعْبَتَهُ مِنْهُمْ. لَا يَخْزَوْنَ بَلْ يُكَلِّمُونَ ٱلْأَعْدَاءَ فِي ٱلْبَابِ. ٥ 5
ख़ुश नसीब है वह आदमी जिसका तरकश उनसे भरा है। जब वह अपने दुश्मनों से फाटक पर बातें करेंगे तो शर्मिन्दा न होंगे।

< اَلْمَزَامِيرُ 127 >