< اَلْمَزَامِيرُ 127 >
تَرْنِيمَةُ ٱلْمَصَاعِدِ. لِسُلَيْمَانَ إِنْ لَمْ يَبْنِ ٱلرَّبُّ ٱلْبَيْتَ، فَبَاطِلًا يَتْعَبُ ٱلْبَنَّاؤُونَ. إِنْ لَمْ يَحْفَظِ ٱلرَّبُّ ٱلْمَدِينَةَ، فَبَاطِلًا يَسْهَرُ ٱلْحَارِسُ. | ١ 1 |
आराधना के लिए यात्रियों का गीत. शलोमोन की रचना. यदि गृह-निर्माण याहवेह द्वारा न किया गया हो तो, श्रमिकों का परिश्रम निरर्थक होता है. यदि नगर की सुरक्षा याहवेह न करें, तो रखवाले द्वारा की गई चौकसी व्यर्थ होती है.
بَاطِلٌ هُوَ لَكُمْ أَنْ تُبَكِّرُوا إِلَى ٱلْقِيَامِ، مُؤَخِّرِينَ ٱلْجُلُوسَ، آكِلِينَ خُبْزَ ٱلْأَتْعَابِ. لَكِنَّهُ يُعْطِي حَبِيبَهُ نَوْمًا. | ٢ 2 |
तुम्हारा सुबह जाग उठना देर तक जागे रहना, संकटपूर्ण श्रम का भोजन करना व्यर्थ है; क्योंकि याहवेह द्वारा नींद का अनुदान उनके लिए है, जिनसे वह प्रेम करते हैं.
هُوَذَا ٱلْبَنُونَ مِيرَاثٌ مِنْ عِنْدِ ٱلرَّبِّ، ثَمَرَةُ ٱلْبَطْنِ أُجْرَةٌ. | ٣ 3 |
संतान याहवेह के दिए हुए निज भाग होते हैं, तथा बालक उनका दिया हुआ उपहार.
كَسِهَامٍ بِيَدِ جَبَّارٍ، هَكَذَا أَبْنَاءُ ٱلشَّبِيبَةِ. | ٤ 4 |
युवावस्था में उत्पन्न हुई संतान वैसी ही होती है, जैसे योद्धा के हाथों में बाण.
طُوبَى لِلَّذِي مَلَأَ جَعْبَتَهُ مِنْهُمْ. لَا يَخْزَوْنَ بَلْ يُكَلِّمُونَ ٱلْأَعْدَاءَ فِي ٱلْبَابِ. | ٥ 5 |
कैसा धन्य होता है वह पुरुष, जिसका तरकश इन बाणों से भरा हुआ है! नगर द्वार पर शत्रुओं का प्रतिकार करते हुए उन्हें लज्जित नहीं होना पड़ेगा.