< اَلْمَزَامِيرُ 122 >

تَرْنِيمَةُ ٱلْمَصَاعِدِ. لِدَاوُدَ فَرِحْتُ بِٱلْقَائِلِينَ لِي: «إِلَى بَيْتِ ٱلرَّبِّ نَذْهَبُ». ١ 1
आराधना के लिए यात्रियों का गीत. दावीद की रचना. जब यात्रियों ने मेरे सामने यह प्रस्ताव रखा, “चलो, याहवेह के आवास को चलें,” मैं अत्यंत उल्‍लसित हुआ.
تَقِفُ أَرْجُلُنَا فِي أَبْوَابِكِ يَا أُورُشَلِيمُ. ٢ 2
येरूशलेम, हम तुम्हारे द्वार पर खड़े हुए हैं.
أُورُشَلِيمُ ٱلْمَبْنِيَّةُ كَمَدِينَةٍ مُتَّصِلَةٍ كُلِّهَا، ٣ 3
येरूशलेम उस नगर के समान निर्मित है, जो संगठित रूप में बसा हुआ है.
حَيْثُ صَعِدَتِ ٱلْأَسْبَاطُ - أَسْبَاطُ ٱلرَّبِّ، شَهَادَةً لِإِسْرَائِيلَ- لِيَحْمَدُوا ٱسْمَ ٱلرَّبِّ. ٤ 4
यही है वह स्थान, जहां विभिन्‍न कुल, याहवेह के कुल, याहवेह के नाम के प्रति आभार प्रदर्शित करने के लिए जाया करते हैं जैसा कि उन्हें आदेश दिया गया था.
لِأَنَّهُ هُنَاكَ ٱسْتَوَتِ ٱلْكَرَاسِيُّ لِلْقَضَاءِ، كَرَاسِيُّ بَيْتِ دَاوُدَ. ٥ 5
यहीं न्याय-सिंहासन स्थापित हैं, दावीद के वंश के सिंहासन.
ٱسْأَلُوا سَلَامَةَ أُورُشَلِيمَ: «لِيَسْتَرِحْ مُحِبُّوكِ. ٦ 6
येरूशलेम की शांति के निमित्त यह प्रार्थना की जाए: “समृद्ध हों वे, जिन्हें तुझसे प्रेम है.
لِيَكُنْ سَلَامٌ فِي أَبْرَاجِكِ، رَاحَةٌ فِي قُصُورِكِ». ٧ 7
तुम्हारी प्राचीरों की सीमा के भीतर शांति व्याप्‍त रहे तथा तुम्हारे राजमहलों में तुम्हारे लिए सुरक्षा बनी रहें.”
مِنْ أَجْلِ إِخْوَتِي وَأَصْحَابِي لَأَقُولَنَّ: «سَلَامٌ بِكِ». ٨ 8
अपने भाइयों और मित्रों के निमित्त मेरी यही कामना है, “तुम्हारे मध्य शांति स्थिर रहे.”
مِنْ أَجْلِ بَيْتِ ٱلرَّبِّ إِلَهِنَا أَلْتَمِسُ لَكِ خَيْرًا. ٩ 9
याहवेह, हमारे परमेश्वर के भवन के निमित्त, मैं तुम्हारी समृद्धि की अभिलाषा करता हूं.

< اَلْمَزَامِيرُ 122 >