< اَلْمَزَامِيرُ 121 >

تَرْنِيمَةُ ٱلْمَصَاعِدِ أَرْفَعُ عَيْنَيَّ إِلَى ٱلْجِبَالِ، مِنْ حَيْثُ يَأْتِي عَوْنِي! ١ 1
आराधना के लिए यात्रियों का गीत. मैं अपनी आंखें पर्वतों की ओर उठाता— क्या मेरी सहायता का स्रोत वहां है?
مَعُونَتِي مِنْ عِنْدِ ٱلرَّبِّ، صَانِعِ ٱلسَّمَاوَاتِ وَٱلْأَرْضِ. ٢ 2
मेरी सहायता का स्रोत तो याहवेह हैं, स्वर्ग और पृथ्वी के कर्ता.
لَا يَدَعُ رِجْلَكَ تَزِلُّ. لَا يَنْعَسُ حَافِظُكَ. ٣ 3
वह तुम्हारा पैर फिसलने न देंगे; वह, जो तुम्हें सुरक्षित रखते हैं, झपकी नहीं लेते.
إِنَّهُ لَا يَنْعَسُ وَلَا يَنَامُ حَافِظُ إِسْرَائِيلَ. ٤ 4
निश्चयतः इस्राएल के रक्षक न तो झपकी लेंगे और न सो जाएंगे.
ٱلرَّبُّ حَافِظُكَ. ٱلرَّبُّ ظِلٌّ لَكَ عَنْ يَدِكَ ٱلْيُمْنَى. ٥ 5
याहवेह तुम्हें सुरक्षित रखते हैं— तुम्हारे दायें पक्ष में उपस्थित याहवेह तुम्हारी सुरक्षा की छाया हैं;
لَا تَضْرِبُكَ ٱلشَّمْسُ فِي ٱلنَّهَارِ، وَلَا ٱلْقَمَرُ فِي ٱللَّيْلِ. ٦ 6
न तो दिन के समय सूर्य से तुम्हारी कोई हानि होगी, और न रात्रि में चंद्रमा से.
ٱلرَّبُّ يَحْفَظُكَ مِنْ كُلِّ شَرٍّ. يَحْفَظُ نَفْسَكَ. ٧ 7
सभी प्रकार की बुराई से याहवेह तुम्हारी रक्षा करेंगे, वह तुम्हारे जीवन की रक्षा करेंगे;
ٱلرَّبُّ يَحْفَظُ خُرُوجَكَ وَدُخُولَكَ مِنَ ٱلْآنَ وَإِلَى ٱلدَّهْرِ. ٨ 8
तुम्हारे आने जाने में याहवेह तुम्हें सुरक्षित रखेंगे, वर्तमान में और सदा-सर्वदा.

< اَلْمَزَامِيرُ 121 >