< اَلْمَزَامِيرُ 118 >

اِحْمَدُوا ٱلرَّبَّ لِأَنَّهُ صَالِحٌ، لِأَنَّ إِلَى ٱلْأَبَدِ رَحْمَتَهُ. ١ 1
यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करुणा सदा की है!
لِيَقُلْ إِسْرَائِيلُ: «إِنَّ إِلَى ٱلْأَبَدِ رَحْمَتَهُ». ٢ 2
इस्राएल कहे, उसकी करुणा सदा की है।
لِيَقُلْ بَيْتُ هَارُونَ: «إِنَّ إِلَى ٱلْأَبَدِ رَحْمَتَهُ». ٣ 3
हारून का घराना कहे, उसकी करुणा सदा की है।
لِيَقُلْ مُتَّقُو ٱلرَّبِّ: «إِنَّ إِلَى ٱلْأَبَدِ رَحْمَتَهُ». ٤ 4
यहोवा के डरवैये कहे, उसकी करुणा सदा की है।
مِنَ ٱلضِّيقِ دَعَوْتُ ٱلرَّبَّ فَأَجَابَنِي مِنَ ٱلرُّحْبِ. ٥ 5
मैंने सकेती में परमेश्वर को पुकारा, परमेश्वर ने मेरी सुनकर, मुझे चौड़े स्थान में पहुँचाया।
ٱلرَّبُّ لِي فَلَا أَخَافُ. مَاذَا يَصْنَعُ بِي ٱلْإِنْسَانُ؟ ٦ 6
यहोवा मेरी ओर है, मैं न डरूँगा। मनुष्य मेरा क्या कर सकता है?
ٱلرَّبُّ لِي بَيْنَ مُعِينِيَّ، وَأَنَا سَأَرَى بِأَعْدَائِي. ٧ 7
यहोवा मेरी ओर मेरे सहायक है; मैं अपने बैरियों पर दृष्टि कर सन्तुष्ट होऊँगा।
ٱلِٱحْتِمَاءُ بِٱلرَّبِّ خَيْرٌ مِنَ ٱلتَّوَكُّلِ عَلَى إِنْسَانٍ. ٨ 8
यहोवा की शरण लेना, मनुष्य पर भरोसा रखने से उत्तम है।
ٱلِٱحْتِمَاءُ بِٱلرَّبِّ خَيْرٌ مِنَ ٱلتَّوَكُّلِ عَلَى ٱلرُّؤَسَاءِ. ٩ 9
यहोवा की शरण लेना, प्रधानों पर भी भरोसा रखने से उत्तम है।
كُلُّ ٱلْأُمَمِ أَحَاطُوا بِي. بِٱسْمِ ٱلرَّبِّ أُبِيدُهُمْ. ١٠ 10
१०सब जातियों ने मुझ को घेर लिया है; परन्तु यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूँगा।
أَحَاطُوا بِي وَٱكْتَنَفُونِي. بِٱسْمِ ٱلرَّبِّ أُبِيدُهُمْ. ١١ 11
११उन्होंने मुझ को घेर लिया है, निःसन्देह, उन्होंने मुझे घेर लिया है; परन्तु यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूँगा।
أَحَاطُوا بِي مِثْلَ ٱلنَّحْلِ. ٱنْطَفَأُوا كَنَارِ ٱلشَّوْكِ. بِٱسْمِ ٱلرَّبِّ أُبِيدُهُمْ. ١٢ 12
१२उन्होंने मुझे मधुमक्खियों के समान घेर लिया है, परन्तु काँटों की आग के समान वे बुझ गए; यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूँगा!
دَحَرْتَنِي دُحُورًا لِأَسْقُطَ، أَمَّا ٱلرَّبُّ فَعَضَدَنِي. ١٣ 13
१३तूने मुझे बड़ा धक्का दिया तो था, कि मैं गिर पड़ूँ, परन्तु यहोवा ने मेरी सहायता की।
قُوَّتِي وَتَرَنُّمِي ٱلرَّبُّ، وَقَدْ صَارَ لِي خَلَاصًا. ١٤ 14
१४परमेश्वर मेरा बल और भजन का विषय है; वह मेरा उद्धार ठहरा है।
صَوْتُ تَرَنُّمٍ وَخَلَاصٍ فِي خِيَامِ ٱلصِّدِّيقِينَ: «يَمِينُ ٱلرَّبِّ صَانِعَةٌ بِبَأْسٍ. ١٥ 15
१५धर्मियों के तम्बुओं में जयजयकार और उद्धार की ध्वनि हो रही है, यहोवा के दाहिने हाथ से पराक्रम का काम होता है,
يَمِينُ ٱلرَّبِّ مُرْتَفِعَةٌ. يَمِينُ ٱلرَّبِّ صَانِعَةٌ بِبَأْسٍ». ١٦ 16
१६यहोवा का दाहिना हाथ महान हुआ है, यहोवा के दाहिने हाथ से पराक्रम का काम होता है!
لَا أَمُوتُ بَلْ أَحْيَا وَأُحَدِّثُ بِأَعْمَالِ ٱلرَّبِّ. ١٧ 17
१७मैं न मरूँगा वरन् जीवित रहूँगा, और परमेश्वर के कामों का वर्णन करता रहूँगा।
تَأْدِيبًا أَدَّبَنِي ٱلرَّبُّ، وَإِلَى ٱلْمَوْتِ لَمْ يُسْلِمْنِي. ١٨ 18
१८परमेश्वर ने मेरी बड़ी ताड़ना तो की है परन्तु मुझे मृत्यु के वश में नहीं किया।
اِفْتَحُوا لِي أَبْوَابَ ٱلْبِرِّ. أَدْخُلْ فِيهَا وَأَحْمَدِ ٱلرَّبَّ. ١٩ 19
१९मेरे लिये धर्म के द्वार खोलो, मैं उनमें प्रवेश करके यहोवा का धन्यवाद करूँगा।
هَذَا ٱلْبَابُ لِلرَّبِّ. ٱلصِّدِّيقُونَ يَدْخُلُونَ فِيهِ. ٢٠ 20
२०यहोवा का द्वार यही है, इससे धर्मी प्रवेश करने पाएँगे।
أَحْمَدُكَ لِأَنَّكَ ٱسْتَجَبْتَ لِي وَصِرْتَ لِي خَلَاصًا. ٢١ 21
२१हे यहोवा, मैं तेरा धन्यवाद करूँगा, क्योंकि तूने मेरी सुन ली है, और मेरा उद्धार ठहर गया है।
ٱلْحَجَرُ ٱلَّذِي رَفَضَهُ ٱلْبَنَّاؤُونَ قَدْ صَارَ رَأْسَ ٱلزَّاوِيَةِ. ٢٢ 22
२२राजमिस्त्रियों ने जिस पत्थर को निकम्मा ठहराया था वही कोने का सिरा हो गया है।
مِنْ قِبَلِ ٱلرَّبِّ كَانَ هَذَا، وَهُوَ عَجِيبٌ فِي أَعْيُنِنَا. ٢٣ 23
२३यह तो यहोवा की ओर से हुआ है, यह हमारी दृष्टि में अद्भुत है।
هَذَا هُوَ ٱلْيَوْمُ ٱلَّذِي صَنَعُهُ ٱلرَّبُّ، نَبْتَهِجُ وَنَفْرَحُ فِيهِ. ٢٤ 24
२४आज वह दिन है जो यहोवा ने बनाया है; हम इसमें मगन और आनन्दित हों।
آهِ يَارَبُّ خَلِّصْ! آهِ يَارَبُّ أَنْقِذْ! ٢٥ 25
२५हे यहोवा, विनती सुन, उद्धार कर! हे यहोवा, विनती सुन, सफलता दे!
مُبَارَكٌ ٱلْآتِي بِٱسْمِ ٱلرَّبِّ. بَارَكْنَاكُمْ مِنْ بَيْتِ ٱلرَّبِّ. ٢٦ 26
२६धन्य है वह जो यहोवा के नाम से आता है! हमने तुम को यहोवा के घर से आशीर्वाद दिया है।
ٱلرَّبُّ هُوَ ٱللهُ وَقَدْ أَنَارَ لَنَا. أَوْثِقُوا ٱلذَّبِيحَةَ بِرُبُطٍ إِلَى قُرُونِ ٱلْمَذْبَحِ. ٢٧ 27
२७यहोवा परमेश्वर है, और उसने हमको प्रकाश दिया है। यज्ञपशु को वेदी के सींगों से रस्सियों से बाँधो!
إِلَهِي أَنْتَ فَأَحْمَدُكَ، إِلَهِي فَأَرْفَعُكَ. ٢٨ 28
२८हे यहोवा, तू मेरा परमेश्वर है, मैं तेरा धन्यवाद करूँगा; तू मेरा परमेश्वर है, मैं तुझको सराहूँगा।
ٱحْمَدُوا ٱلرَّبَّ لِأَنَّهُ صَالِحٌ، لِأَنَّ إِلَى ٱلْأَبَدِ رَحْمَتَهُ. ٢٩ 29
२९यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करुणा सदा बनी रहेगी!

< اَلْمَزَامِيرُ 118 >