< اَلْمَزَامِيرُ 108 >

تَسْبِيحَةٌ. مَزْمُورٌ لِدَاوُدَ ثَابِتٌ قَلْبِي يَا ٱللهُ. أُغَنِّي وَأُرَنِّمُ. كَذَلِكَ مَجْدِي. ١ 1
दाऊद का भजन हे परमेश्वर, मेरा हृदय स्थिर है; मैं गाऊँगा, मैं अपनी आत्मा से भी भजन गाऊँगा।
ٱسْتَيْقِظِي أَيَّتُهَا ٱلرَّبَابُ وَٱلْعُودُ. أَنَا أَسْتَيْقِظُ سَحَرًا. ٢ 2
हे सारंगी और वीणा जागो! मैं आप पौ फटते जाग उठूँगा
أَحْمَدُكَ بَيْنَ ٱلشُّعُوبِ يَارَبُّ، وَأُرَنِّمُ لَكَ بَيْنَ ٱلْأُمَمِ. ٣ 3
हे यहोवा, मैं देश-देश के लोगों के मध्य में तेरा धन्यवाद करूँगा, और राज्य-राज्य के लोगों के मध्य में तेरा भजन गाऊँगा।
لِأَنَّ رَحْمَتَكَ قَدْ عَظُمَتْ فَوْقَ ٱلسَّمَاوَاتِ، وَإِلَى ٱلْغَمَامِ حَقُّكَ. ٤ 4
क्योंकि तेरी करुणा आकाश से भी ऊँची है, और तेरी सच्चाई आकाशमण्डल तक है।
ٱرْتَفِعِ ٱللَّهُمَّ عَلَى ٱلسَّمَاوَاتِ، وَلْيَرْتَفِعْ عَلَى كُلِّ ٱلْأَرْضِ مَجْدُكَ. ٥ 5
हे परमेश्वर, तू स्वर्ग के ऊपर हो! और तेरी महिमा सारी पृथ्वी के ऊपर हो!
لِكَيْ يَنْجُوَ أَحِبَّاؤُكَ. خَلِّصْ بِيَمِينِكَ وَٱسْتَجِبْ لِي. ٦ 6
इसलिए कि तेरे प्रिय छुड़ाए जाएँ, तू अपने दाहिने हाथ से बचा ले और हमारी विनती सुन ले!
ٱللهُ قَدْ تَكَلَّمَ بِقُدْسِهِ: «أَبْتَهِجُ، أَقْسِمُ شَكِيمَ، وَأَقِيسُ وَادِيَ سُكُّوتَ. ٧ 7
परमेश्वर ने अपनी पवित्रता में होकर कहा है, “मैं प्रफुल्लित होकर शेकेम को बाँट लूँगा, और सुक्कोत की तराई को नपवाऊँगा।
لِي جِلْعَادُ، لِي مَنَسَّى. إِفْرَايِمُ خُوذَةُ رَأْسِي. يَهُوذَا صَوْلَجَانِي. ٨ 8
गिलाद मेरा है, मनश्शे भी मेरा है; और एप्रैम मेरे सिर का टोप है; यहूदा मेरा राजदण्ड है।
مُوآبُ مِرْحَضَتِيْ. عَلَى أَدُومَ أَطْرَحُ نَعْلِي. يَا فَلَسْطِينُ ٱهْتِفِي عَلَيَّ». ٩ 9
मोआब मेरे धोने का पात्र है, मैं एदोम पर अपना जूता फेंकूँगा, पलिश्त पर मैं जयजयकार करूँगा।”
مَنْ يَقُودُنِي إِلَى ٱلْمَدِينَةِ ٱلْمُحَصَّنَةِ؟ مَنْ يَهْدِينِي إِلَى أَدُومَ؟ ١٠ 10
१०मुझे गढ़वाले नगर में कौन पहुँचाएगा? एदोम तक मेरी अगुआई किसने की हैं?
أَلَيْسَ أَنْتَ يَا ٱللهُ ٱلَّذِي رَفَضْتَنَا، وَلَا تَخْرُجُ يَا ٱللهُ مَعَ جُيُوشِنَا؟ ١١ 11
११हे परमेश्वर, क्या तूने हमको त्याग नहीं दिया?, और हे परमेश्वर, तू हमारी सेना के आगे-आगे नहीं चलता।
أَعْطِنَا عَوْنًا فِي ٱلضِّيقِ، فَبَاطِلٌ هُوَ خَلَاصُ ٱلْإِنْسَانِ. ١٢ 12
१२शत्रुओं के विरुद्ध हमारी सहायता कर, क्योंकि मनुष्य की सहायता व्यर्थ है!
بِٱللهِ نَصْنَعُ بِبَأْسٍ، وَهُوَ يَدُوسُ أَعْدَاءَنَا. ١٣ 13
१३परमेश्वर की सहायता से हम वीरता दिखाएँगे, हमारे शत्रुओं को वही रौंदेगा।

< اَلْمَزَامِيرُ 108 >