< فِيلِبِّي 4 >

إِذًا يَا إِخْوَتِي ٱلْأَحِبَّاءَ، وَٱلْمُشْتَاقَ إِلَيْهِمْ، يَا سُرُورِي وَإِكْلِيلِي، ٱثْبُتُوا هَكَذَا فِي ٱلرَّبِّ أَيُّهَا ٱلْأَحِبَّاءُ. ١ 1
इसलिए हे मेरे प्रिय भाइयों, जिनमें मेरा जी लगा रहता है, जो मेरे आनन्द और मुकुट हो, हे प्रिय भाइयों, प्रभु में इसी प्रकार स्थिर रहो।
أَطْلُبُ إِلَى أَفُودِيَةَ وَأَطْلُبُ إِلَى سِنْتِيخِي أَنْ تَفْتَكِرَا فِكْرًا وَاحِدًا فِي ٱلرَّبِّ. ٢ 2
मैं यूओदिया से निवेदन करता हूँ, और सुन्तुखे से भी, कि वे प्रभु में एक मन रहें।
نَعَمْ أَسْأَلُكَ أَنْتَ أَيْضًا، يَا شَرِيكِي ٱلْمُخْلِصَ، سَاعِدْ هَاتَيْنِ ٱللَّتَيْنِ جَاهَدَتَا مَعِي فِي ٱلْإِنْجِيلِ، مَعَ أَكْلِيمَنْدُسَ أَيْضًا وَبَاقِي ٱلْعَامِلِينَ مَعِي، ٱلَّذِينَ أَسْمَاؤُهُمْ فِي سِفْرِ ٱلْحَيَاةِ. ٣ 3
हे सच्चे सहकर्मी, मैं तुझ से भी विनती करता हूँ, कि तू उन स्त्रियों की सहायता कर, क्योंकि उन्होंने मेरे साथ सुसमाचार फैलाने में, क्लेमेंस और मेरे अन्य सहकर्मियों समेत परिश्रम किया, जिनके नाम जीवन की पुस्तक में लिखे हुए हैं।
اِفْرَحُوا فِي ٱلرَّبِّ كُلَّ حِينٍ، وَأَقُولُ أَيْضًا: ٱفْرَحُوا. ٤ 4
प्रभु में सदा आनन्दित रहो; मैं फिर कहता हूँ, आनन्दित रहो।
لِيَكُنْ حِلْمُكُمْ مَعْرُوفًا عِنْدَ جَمِيعِ ٱلنَّاسِ. اَلرَّبُّ قَرِيبٌ. ٥ 5
तुम्हारी कोमलता सब मनुष्यों पर प्रगट हो। प्रभु निकट है।
لَا تَهْتَمُّوا بِشَيْءٍ، بَلْ فِي كُلِّ شَيْءٍ بِٱلصَّلَاةِ وَٱلدُّعَاءِ مَعَ ٱلشُّكْرِ، لِتُعْلَمْ طِلْبَاتُكُمْ لَدَى ٱللهِ. ٦ 6
किसी भी बात की चिन्ता मत करो; परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और विनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख उपस्थित किए जाएँ।
وَسَلَامُ ٱللهِ ٱلَّذِي يَفُوقُ كُلَّ عَقْلٍ، يَحْفَظُ قُلُوبَكُمْ وَأَفْكَارَكُمْ فِي ٱلْمَسِيحِ يَسُوعَ. ٧ 7
तब परमेश्वर की शान्ति, जो सारी समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरक्षित रखेगी।
أَخِيرًا أَيُّهَا ٱلْإِخْوَةُ، كُلُّ مَا هُوَ حَقٌّ، كُلُّ مَا هُوَ جَلِيلٌ، كُلُّ مَا هُوَ عَادِلٌ، كُلُّ مَا هُوَ طَاهِرٌ، كُلُّ مَا هُوَ مُسِرٌّ، كُلُّ مَا صِيتُهُ حَسَنٌ، إِنْ كَانَتْ فَضِيلَةٌ وَإِنْ كَانَ مَدْحٌ، فَفِي هَذِهِ ٱفْتَكِرُوا. ٨ 8
इसलिए, हे भाइयों, जो-जो बातें सत्य हैं, और जो-जो बातें आदरणीय हैं, और जो-जो बातें उचित हैं, और जो-जो बातें पवित्र हैं, और जो-जो बातें सुहावनी हैं, और जो-जो बातें मनभावनी हैं, अर्थात्, जो भी सद्गुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्हीं पर ध्यान लगाया करो।
وَمَا تَعَلَّمْتُمُوهُ، وَتَسَلَّمْتُمُوهُ، وَسَمِعْتُمُوهُ، وَرَأَيْتُمُوهُ فِيَّ، فَهَذَا ٱفْعَلُوا، وَإِلَهُ ٱلسَّلَامِ يَكُونُ مَعَكُمْ. ٩ 9
जो बातें तुम ने मुझसे सीखी, और ग्रहण की, और सुनी, और मुझ में देखीं, उन्हीं का पालन किया करो, तब परमेश्वर जो शान्ति का सोता है तुम्हारे साथ रहेगा।
ثُمَّ إِنِّي فَرِحْتُ بِٱلرَّبِّ جِدًّا لِأَنَّكُمُ ٱلْآنَ قَدْ أَزْهَرَ أَيْضًا مَرَّةً ٱعْتِنَاؤُكُمْ بِي ٱلَّذِي كُنْتُمْ تَعْتَنُونَهُ، وَلَكِنْ لَمْ تَكُنْ لَكُمْ فُرْصَةٌ. ١٠ 10
१०मैं प्रभु में बहुत आनन्दित हूँ कि अब इतने दिनों के बाद तुम्हारा विचार मेरे विषय में फिर जागृत हुआ है; निश्चय तुम्हें आरम्भ में भी इसका विचार था, पर तुम्हें अवसर न मिला।
لَيْسَ أَنِّي أَقُولُ مِنْ جِهَةِ ٱحْتِيَاجٍ، فَإِنِّي قَدْ تَعَلَّمْتُ أَنْ أَكُونَ مُكْتَفِيًا بِمَا أَنَا فِيهِ. ١١ 11
११यह नहीं कि मैं अपनी घटी के कारण यह कहता हूँ; क्योंकि मैंने यह सीखा है कि जिस दशा में हूँ, उसी में सन्तोष करूँ।
أَعْرِفُ أَنْ أَتَّضِعَ وَأَعْرِفُ أَيْضًا أَنْ أَسْتَفْضِلَ. فِي كُلِّ شَيْءٍ وَفِي جَمِيعِ ٱلْأَشْيَاءِ قَدْ تَدَرَّبْتُ أَنْ أَشْبَعَ وَأَنْ أَجُوعَ، وَأَنْ أَسْتَفْضِلَ وَأَنْ أَنْقُصَ. ١٢ 12
१२मैं दीन होना भी जानता हूँ और बढ़ना भी जानता हूँ; हर एक बात और सब दशाओं में मैंने तृप्त होना, भूखा रहना, और बढ़ना-घटना सीखा है।
أَسْتَطِيعُ كُلَّ شَيْءٍ فِي ٱلْمَسِيحِ ٱلَّذِي يُقَوِّينِي. ١٣ 13
१३जो मुझे सामर्थ्य देता है उसमें मैं सब कुछ कर सकता हूँ।
غَيْرَ أَنَّكُمْ فَعَلْتُمْ حَسَنًا إِذِ ٱشْتَرَكْتُمْ فِي ضِيقَتِي. ١٤ 14
१४तो भी तुम ने भला किया कि मेरे क्लेश में मेरे सहभागी हुए।
وَأَنْتُمْ أَيْضًا تَعْلَمُونَ أَيُّهَا ٱلْفِيلِبِّيُّونَ أَنَّهُ فِي بَدَاءَةِ ٱلْإِنْجِيلِ،لَمَّا خَرَجْتُ مِنْ مَكِدُونِيَّةَ، لَمْ تُشَارِكْنِي كَنِيسَةٌ وَاحِدَةٌ فِي حِسَابِ ٱلْعَطَاءِ وَٱلْأَخْذِ إِلَّا أَنْتُمْ وَحْدَكُمْ. ١٥ 15
१५हे फिलिप्पियों, तुम आप भी जानते हो कि सुसमाचार प्रचार के आरम्भ में जब मैंने मकिदुनिया से कूच किया तब तुम्हें छोड़ और किसी कलीसिया ने लेने-देने के विषय में मेरी सहायता नहीं की।
فَإِنَّكُمْ فِي تَسَالُونِيكِي أَيْضًا أَرْسَلْتُمْ إِلَيَّ مَرَّةً وَمَرَّتَيْنِ لِحَاجَتِي. ١٦ 16
१६इसी प्रकार जब मैं थिस्सलुनीके में था; तब भी तुम ने मेरी घटी पूरी करने के लिये एक बार क्या वरन् दो बार कुछ भेजा था।
لَيْسَ أَنِّي أَطْلُبُ ٱلْعَطِيَّةَ، بَلْ أَطْلُبُ ٱلثَّمَرَ ٱلْمُتَكَاثِرَ لِحِسَابِكُمْ. ١٧ 17
१७यह नहीं कि मैं दान चाहता हूँ परन्तु मैं ऐसा फल चाहता हूँ, जो तुम्हारे लाभ के लिये बढ़ता जाए।
وَلَكِنِّي قَدِ ٱسْتَوْفَيْتُ كُلَّ شَيْءٍ وَٱسْتَفْضَلْتُ. قَدِ ٱمْتَلَأْتُ إِذْ قَبِلْتُ مِنْ أَبَفْرُودِتُسَ ٱلْأَشْيَاءَ ٱلَّتِي مِنْ عِنْدِكُمْ، نَسِيمَ رَائِحَةٍ طَيِّبَةٍ، ذَبِيحَةً مَقْبُولَةً مَرْضِيَّةً عِنْدَ ٱللهِ. ١٨ 18
१८मेरे पास सब कुछ है, वरन् बहुतायत से भी है; जो वस्तुएँ तुम ने इपफ्रुदीतुस के हाथ से भेजी थीं उन्हें पाकर मैं तृप्त हो गया हूँ, वह तो सुखदायक सुगन्ध और ग्रहण करने के योग्य बलिदान है, जो परमेश्वर को भाता है।
فَيَمْلَأُ إِلَهِي كُلَّ ٱحْتِيَاجِكُمْ بِحَسَبِ غِنَاهُ فِي ٱلْمَجْدِ فِي ٱلْمَسِيحِ يَسُوعَ. ١٩ 19
१९और मेरा परमेश्वर भी अपने उस धन के अनुसार जो महिमा सहित मसीह यीशु में है तुम्हारी हर एक घटी को पूरी करेगा।
وَلِلهِ وَأَبِينَا ٱلْمَجْدُ إِلَى دَهْرِ ٱلدَّاهِرِينَ. آمِينَ. (aiōn g165) ٢٠ 20
२०हमारे परमेश्वर और पिता की महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
سَلِّمُوا عَلَى كُلِّ قِدِّيسٍ فِي ٱلْمَسِيحِ يَسُوعَ. يُسَلِّمُ عَلَيْكُمُ ٱلْإِخْوَةُ ٱلَّذِينَ مَعِي. ٢١ 21
२१हर एक पवित्र जन को जो यीशु मसीह में हैं नमस्कार कहो। जो भाई मेरे साथ हैं तुम्हें नमस्कार कहते हैं।
يُسَلِّمُ عَلَيْكُمْ جَمِيعُ ٱلْقِدِّيسِينَ وَلَا سِيَّمَا ٱلَّذِينَ مِنْ بَيْتِ قَيْصَرَ. ٢٢ 22
२२सब पवित्र लोग, विशेष करके जो कैसर के घराने के हैं तुम को नमस्कार कहते हैं।
نِعْمَةُ رَبِّنَا يَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ مَعَ جَمِيعِكُمْ. آمِينَ. -كُتِبَتْ إِلَى أَهْلِ فِيلبيِّ مِنْ رُومِيَةِ عَلَى يَدِ أَبَفْرُودِتُسَ- ٢٣ 23
२३हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह तुम्हारी आत्मा के साथ रहे।

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