< فِيلِبِّي 3 >

أَخِيرًا يَا إِخْوَتِي، ٱفْرَحُوا فِي ٱلرَّبِّ. كِتَابَةُ هَذِهِ ٱلْأُمُورِ إِلَيْكُمْ لَيْسَتْ عَلَيَّ ثَقِيلَةً، وَأَمَّا لَكُمْ فَهِيَ مُؤَمِّنَةٌ. ١ 1
ग़रज़ मेरे भाइयों! ख़ुदावन्द में ख़ुश रहो। तुम्हें एक ही बात बार — बार लिखने में मुझे तो कोई दिक़्क़त नहीं, और तुम्हारी इस में हिफ़ाज़त है।
اُنْظُرُوا ٱلْكِلَابَ. ٱنْظُرُوا فَعَلَةَ ٱلشَّرِّ. ٱنْظُرُوا ٱلْقَطْعَ. ٢ 2
कुत्तों से ख़बरदार रहो, बदकारों से ख़बरदार रहो कटवाने वालों से ख़बरदार रहो।
لِأَنَّنَا نَحْنُ ٱلْخِتَانَ، ٱلَّذِينَ نَعْبُدُ ٱللهَ بِٱلرُّوحِ، وَنَفْتَخِرُ فِي ٱلْمَسِيحِ يَسُوعَ، وَلَا نَتَّكِلُ عَلَى ٱلْجَسَدِ. ٣ 3
क्यूँकि मख़्तून तो हम हैं जो ख़ुदा की रूह की हिदायत से ख़ुदा की इबादत करते हैं, और मसीह पर फ़ख़्र करते हैं, और जिस्म का भरोसा नहीं करते।
مَعَ أَنَّ لِي أَنْ أَتَّكِلَ عَلَى ٱلْجَسَدِ أَيْضًا. إِنْ ظَنَّ وَاحِدٌ آخَرُ أَنْ يَتَّكِلَ عَلَى ٱلْجَسَدِ فَأَنَا بِٱلْأَوْلَى. ٤ 4
अगर्चे मैं तो जिस्म का भी भरोसा कर सकता हूँ। अगर किसी और को जिस्म पर भरोसा करने का ख़याल हो, तो मैं उससे भी ज़्यादा कर सकता हूँ।
مِنْ جِهَةِ ٱلْخِتَانِ مَخْتُونٌ فِي ٱلْيَوْمِ ٱلثَّامِنِ، مِنْ جِنْسِ إِسْرَائِيلَ، مِنْ سِبْطِ بِنْيَامِينَ، عِبْرَانِيٌّ مِنَ ٱلْعِبْرَانِيِّينَ. مِنْ جِهَةِ ٱلنَّامُوسِ فَرِّيسِيٌّ. ٥ 5
आठवें दिन मेरा ख़तना हुआ, इस्राईल की क़ौम और बिनयामीन के क़बीले का हूँ, इबरानियो, का इब्रानी और शरी'अत के ऐ'तिबार से फ़रीसी हूँ
مِنْ جِهَةِ ٱلْغَيْرَةِ: مُضْطَهِدُ ٱلْكَنِيسَةِ. مِنْ جِهَةِ ٱلْبِرِّ ٱلَّذِي فِي ٱلنَّامُوسِ: بِلَا لَوْمٍ. ٦ 6
जोश के एतबार से कलीसिया का, सतानेवाला, शरी'अत की रास्तबाज़ी के ऐतबार से बे 'ऐब था,
لَكِنْ مَا كَانَ لِي رِبْحًا، فَهَذَا قَدْ حَسِبْتُهُ مِنْ أَجْلِ ٱلْمَسِيحِ خَسَارَةً. ٧ 7
लेकिन जितनी चीज़ें मेरे नफ़े' की थी उन्हीं को मैंने मसीह की ख़ातिर नुक़्सान समझ लिया है।
بَلْ إِنِّي أَحْسِبُ كُلَّ شَيْءٍ أَيْضًا خَسَارَةً مِنْ أَجْلِ فَضْلِ مَعْرِفَةِ ٱلْمَسِيحِ يَسُوعَ رَبِّي، ٱلَّذِي مِنْ أَجْلِهِ خَسِرْتُ كُلَّ ٱلْأَشْيَاءِ، وَأَنَا أَحْسِبُهَا نُفَايَةً لِكَيْ أَرْبَحَ ٱلْمَسِيحَ، ٨ 8
बल्कि मैंने अपने ख़ुदावन्द मसीह 'ईसा की पहचान की बड़ी ख़ूबी की वजह से सब चीज़ों का नुक़्सान उठाया और उनको कूड़ा समझता हूँ ताकि मसीह को हासिल करूँ
وَأُوجَدَ فِيهِ، وَلَيْسَ لِي بِرِّي ٱلَّذِي مِنَ ٱلنَّامُوسِ، بَلِ ٱلَّذِي بِإِيمَانِ ٱلْمَسِيحِ، ٱلْبِرُّ ٱلَّذِي مِنَ ٱللهِ بِٱلْإِيمَانِ. ٩ 9
और उस में पाया जाऊँ, न अपनी उस रास्तबाज़ी के साथ जो शरी'अत की तरफ़ से है, बल्कि उस रास्तबाज़ी के साथ जो मसीह पर ईमान लाने की वजह से है और ख़ुदा की तरफ़ से ईमान पर मिलती है;
لِأَعْرِفَهُ، وَقُوَّةَ قِيَامَتِهِ، وَشَرِكَةَ آلَامِهِ، مُتَشَبِّهًا بِمَوْتِهِ، ١٠ 10
और मैं उसको और उसके जी उठने की क़ुदरत को, और उसके साथ दुखों में शरीक होने को मा'लूम करूँ, और उसकी मौत से मुशाबहत पैदा करूँ
لَعَلِّي أَبْلُغُ إِلَى قِيَامَةِ ٱلْأَمْوَاتِ. ١١ 11
ताकि किसी तरह मुर्दों में से जी उठने के दर्जे तक पहुचूं।
لَيْسَ أَنِّي قَدْ نِلْتُ أَوْ صِرْتُ كَامِلًا، وَلَكِنِّي أَسْعَى لَعَلِّي أُدْرِكُ ٱلَّذِي لِأَجْلِهِ أَدْرَكَنِي أَيْضًا ٱلْمَسِيحُ يَسُوعُ. ١٢ 12
अगर्चे ये नहीं कि मैं पा चुका या कामिल हो चुका हूँ, बल्कि उस चीज़ को पकड़ने को दौड़ा हुआ जाता हूँ जिसके लिए मसीह ईसा 'ने मुझे पकड़ा था।
أَيُّهَا ٱلْإِخْوَةُ، أَنَا لَسْتُ أَحْسِبُ نَفْسِي أَنِّي قَدْ أَدْرَكْتُ. وَلَكِنِّي أَفْعَلُ شَيْئًا وَاحِدًا: إِذْ أَنَا أَنْسَى مَا هُوَ وَرَاءُ وَأَمْتَدُّ إِلَى مَا هُوَ قُدَّامُ، ١٣ 13
ऐ भाइयों! मेरा ये गुमान नहीं कि पकड़ चुका हूँ; बल्कि सिर्फ़ ये करता हूँ कि जो चीज़ें पीछे रह गई उनको भूल कर, आगे की चीज़ों की तरफ़ बढ़ा हुआ।
أَسْعَى نَحْوَ ٱلْغَرَضِ لِأَجْلِ جَعَالَةِ دَعْوَةِ ٱللهِ ٱلْعُلْيَا فِي ٱلْمَسِيحِ يَسُوعَ. ١٤ 14
निशाने की तरफ़ दौड़ा हुआ जाता हूँ, ताकि उस इनाम को हासिल करूँ जिसके लिए ख़ुदा ने मुझे मसीह ईसा में ऊपर बुलाया है।
فَلْيَفْتَكِرْ هَذَا جَمِيعُ ٱلْكَامِلِينَ مِنَّا، وَإِنِ ٱفْتَكَرْتُمْ شَيْئًا بِخِلَافِهِ فَٱللهُ سَيُعْلِنُ لَكُمْ هَذَا أَيْضًا. ١٥ 15
पस हम में से जितने कामिल हैं यही ख़याल रखें, और अगर किसी बात में तुम्हारा और तरह का ख़याल हो तो ख़ुदा उस बात को तुम पर भी ज़ाहिर कर देगा।
وَأَمَّا مَا قَدْ أَدْرَكْنَاهُ، فَلْنَسْلُكْ بِحَسَبِ ذَلِكَ ٱلْقَانُونِ عَيْنِهِ، وَنَفْتَكِرْ ذَلِكَ عَيْنَهُ. ١٦ 16
बहरहाल जहाँ तक हम पहूँचे हैं उसी के मुताबिक़ चलें।
كُونُوا مُتَمَثِّلِينَ بِي مَعًا أَيُّهَا ٱلْإِخْوَةُ، وَلَاحِظُوا ٱلَّذِينَ يَسِيرُونَ هَكَذَا كَمَا نَحْنُ عِنْدَكُمْ قُدْوَةٌ. ١٧ 17
ऐ भाइयों! तुम सब मिलकर मेरी तरह बनो, और उन लोगों की पहचान रखो जो इस तरह चलते हैं जिसका नमूना तुम हम में पाते हो;
لِأَنَّ كَثِيرِينَ يَسِيرُونَ مِمَّنْ كُنْتُ أَذْكُرُهُمْ لَكُمْ مِرَارًا، وَٱلْآنَ أَذْكُرُهُمْ أَيْضًا بَاكِيًا، وَهُمْ أَعْدَاءُ صَلِيبِ ٱلْمَسِيحِ، ١٨ 18
क्यूँकि बहुत सारे ऐसे हैं जिसका ज़िक्र मैंने तुम से बराबर किया है, और अब भी रो रो कर कहता हूँ कि वो अपने चाल — चलन से मसीह की सलीब के दुश्मन हैं।
ٱلَّذِينَ نِهَايَتُهُمُ ٱلْهَلَاكُ، ٱلَّذِينَ إِلَهُهُمْ بَطْنُهُمْ وَمَجْدُهُمْ فِي خِزْيِهِمِ، ٱلَّذِينَ يَفْتَكِرُونَ فِي ٱلْأَرْضِيَّاتِ. ١٩ 19
उनका अन्जाम हलाकत है, उनका ख़ुदा पेट है, वो अपनी शर्म की बातों पर फ़ख़्र करते हैं और दुनिया की चीज़ों के ख़याल में रहते हैं।
فَإِنَّ سِيرَتَنَا نَحْنُ هِيَ فِي ٱلسَّمَاوَاتِ، ٱلَّتِي مِنْهَا أَيْضًا نَنْتَظِرُ مُخَلِّصًا هُوَ ٱلرَّبُّ يَسُوعُ ٱلْمَسِيحُ، ٢٠ 20
मगर हमारा वतन असमान पर है हम एक मुन्जी यानी ख़ुदावन्द 'ईसा मसीह के वहाँ से आने के इन्तिज़ार में हैं।
ٱلَّذِي سَيُغَيِّرُ شَكْلَ جَسَدِ تَوَاضُعِنَا لِيَكُونَ عَلَى صُورَةِ جَسَدِ مَجْدِهِ، بِحَسَبِ عَمَلِ ٱسْتِطَاعَتِهِ أَنْ يُخْضِعَ لِنَفْسِهِ كُلَّ شَيْءٍ. ٢١ 21
वो अपनी उस ताक़त की तासीर के मुवाफ़िक़, जिससे सब चीज़ें अपने ताबे'कर सकता है, हमारी पस्त हाली के बदन की शक्ल बदल कर अपने जलाल के बदन की सूरत बनाएगा।

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