< اَلْعَدَد 4 >

وَكَلَّمَ ٱلرَّبُّ مُوسَى وَهَارُونَ قَائِلًا: ١ 1
फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा,
«خُذْ عَدَدَ بَنِي قَهَاتَ مِنْ بَيْنِ بَنِي لَاوِي حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، ٢ 2
“लेवियों में से कहातियों की, उनके कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार, गिनती करो,
مِنِ ٱبْنِ ثَلَاثِينَ سَنَةً فَصَاعِدًا إِلَى ٱبْنِ خَمْسِينَ سَنَةً، كُلِّ دَاخِلٍ فِي ٱلْجُنْدِ لِيَعْمَلَ عَمَلًا فِي خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ. ٣ 3
अर्थात् तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की आयु वालों में, जितने मिलापवाले तम्बू में काम-काज करने को भर्ती हैं।
هَذِهِ خِدْمَةُ بَنِي قَهَاتَ فِي خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ: قُدْسُ ٱلْأَقْدَاسِ. ٤ 4
और मिलापवाले तम्बू में परमपवित्र वस्तुओं के विषय कहातियों का यह काम होगा,
يَأْتِي هَارُونُ وَبَنُوهُ عِنْدَ ٱرْتِحَالِ ٱلْمَحَلَّةِ وَيُنَزِّلُونَ حِجَابَ ٱلسَّجْفِ وَيُغَطُّونَ بِهِ تَابُوتَ ٱلشَّهَادَةِ، ٥ 5
अर्थात् जब जब छावनी का कूच हो तब-तब हारून और उसके पुत्र भीतर आकर, बीचवाले पर्दे को उतार कर उससे साक्षीपत्र के सन्दूक को ढाँप दें;
وَيَجْعَلُونَ عَلَيْهِ غِطَاءً مِنْ جِلْدِ تُخَسٍ، وَيَبْسُطُونَ مِنْ فَوْقُ ثَوْبًا كُلُّهُ أَسْمَانْجُونِيٌّ، وَيَضَعُونَ عِصِيَّهُ. ٦ 6
तब वे उस पर सुइसों की खालों का आवरण डालें, और उसके ऊपर सम्पूर्ण नीले रंग का कपड़ा डालें, और सन्दूक में डंडों को लगाएँ।
وَعَلَى مَائِدَةِ ٱلْوُجُوهِ يَبْسُطُونَ ثَوْبَ أَسْمَانْجُونٍ، وَيَضَعُونَ عَلَيْهِ ٱلصِّحَافَ وَٱلصُّحُونَ وَٱلْأَقْدَاحَ وَكَاسَاتِ ٱلسَّكِيبِ، وَيَكُونُ ٱلْخُبْزُ ٱلدَّائِمُ عَلَيْهِ، ٧ 7
फिर भेंटवाली रोटी की मेज पर नीला कपड़ा बिछाकर उस पर परातों, धूपदानों, करछों, और उण्डेलने के कटोरों को रखें; और प्रतिदिन की रोटी भी उस पर हो;
وَيَبْسُطُونَ عَلَيْهَا ثَوْبَ قِرْمِزٍ وَيُغَطُّونَهُ بِغِطَاءٍ مِنْ جِلْدِ تُخَسٍ وَيَضَعُونَ عِصِيَّهُ. ٨ 8
तब वे उन पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उसको सुइसों की खालों के आवरण से ढाँपें, और मेज के डंडों को लगा दें।
وَيَأْخُذُونَ ثَوْبَ أَسْمَانْجُونٍ وَيُغَطُّونَ مَنَارَةَ ٱلضَّوْءِ وَسُرُجَهَا وَمَلَاقِطَهَا وَمَنَافِضَهَا وَجَمِيعَ آنِيَةِ زَيْتِهَا ٱلَّتِي يَخْدِمُونَهَا بِهَا. ٩ 9
फिर वे नीले रंग का कपड़ा लेकर दीपकों, गुलतराशों, और गुलदानों समेत उजियाला देनेवाले दीवट को, और उसके सब तेल के पात्रों को, जिनसे उसकी सेवा टहल होती है, ढाँपें;
وَيَجْعَلُونَهَا وَجَمِيعَ آنِيَتَهَا فِي غِطَاءٍ مِنْ جِلْدِ تُخَسٍ، وَيَجْعَلُونَهُ عَلَى ٱلْعَتَلَةِ. ١٠ 10
१०तब वे सारे सामान समेत दीवट को सुइसों की खालों के आवरण के भीतर रखकर डंडे पर धर दें।
وَعَلَى مَذْبَحِ ٱلذَّهَبِ يَبْسُطُونَ ثَوْبَ أَسْمَانْجُونٍ، وَيُغَطُّونَهُ بِغِطَاءٍ مِنْ جِلْدِ تُخَسٍ وَيَضَعُونَ عِصِيَّهُ. ١١ 11
११फिर वे सोने की वेदी पर एक नीला कपड़ा बिछाकर उसको सुइसों की खालों के आवरण से ढाँपें, और उसके डंडों को लगा दें;
وَيَأْخُذُونَ جَمِيعَ أَمْتِعَةِ ٱلْخِدْمَةِ ٱلَّتِي يَخْدِمُونَ بِهَا فِي ٱلْقُدْسِ، وَيَجْعَلُونَهَا فِي ثَوْبِ أَسْمَانْجُونٍ وَيُغَطُّونَهَا بِغِطَاءٍ مِنْ جِلْدِ تُخَسٍ، وَيَجْعَلُونَهَا عَلَى ٱلْعَتَلَةِ. ١٢ 12
१२तब वे सेवा टहल के सारे सामान को लेकर, जिससे पवित्रस्थान में सेवा टहल होती है, नीले कपड़े के भीतर रखकर सुइसों की खालों के आवरण से ढाँपें, और डंडे पर धर दें।
وَيَرْفَعُونَ رَمَادَ ٱلْمَذْبَحِ، وَيَبْسُطُونَ عَلَيْهِ ثَوْبَ أُرْجُوانٍ، ١٣ 13
१३फिर वे वेदी पर से सब राख उठाकर वेदी पर बैंगनी रंग का कपड़ा बिछाएँ;
وَيَجْعَلُونَ عَلَيْهِ جَمِيعَ أَمْتِعَتِهِ ٱلَّتِي يَخْدِمُونَ عَلَيْهِ بِهَا: ٱلْمَجَامِرَ وَٱلْمَنَاشِلَ وَٱلرُّفُوشَ وَٱلْمَنَاضِحَ، كُلَّ أَمْتِعَةِ ٱلْمَذْبَحِ، وَيَبْسُطُونَ عَلَيْهِ غِطَاءً مِنْ جِلْدِ تُخَسٍ، وَيَضَعُونَ عِصِيَّهُ. ١٤ 14
१४तब जिस सामान से वेदी पर की सेवा टहल होती है वह सब, अर्थात् उसके करछे, काँटे, फावड़ियाँ, और कटोरे आदि, वेदी का सारा सामान उस पर रखें; और उसके ऊपर सुइसों की खालों का आवरण बिछाकर वेदी में डंडों को लगाएँ।
وَمَتَى فَرَغَ هَارُونُ وَبَنُوهُ مِنْ تَغْطِيَةِ ٱلْقُدْسِ وَجَمِيعِ أَمْتِعَةِ ٱلْقُدْسِ عِنْدَ ٱرْتِحَالِ ٱلْمَحَلَّةِ، يَأْتِي بَعْدَ ذَلِكَ بَنُو قَهَاتَ لِلْحَمْلِ وَلَكِنْ لَا يَمَسُّوا ٱلْقُدْسَ لِئَلَّا يَمُوتُوا. ذَلِكَ حِمْلُ بَنِي قَهَاتَ فِي خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ. ١٥ 15
१५और जब हारून और उसके पुत्र छावनी के कूच के समय पवित्रस्थान और उसके सारे सामान को ढाँप चुकें, तब उसके बाद कहाती उसके उठाने के लिये आएँ, पर किसी पवित्र वस्तु को न छूएँ, कहीं ऐसा न हो कि मर जाएँ। कहातियों के उठाने के लिये मिलापवाले तम्बू की ये ही वस्तुएँ हैं।
وَوِكَالَةُ أَلِعَازَارَ بْنِ هَارُونَ ٱلْكَاهِنِ هِيَ زَيْتُ ٱلضَّوْءِ وَٱلْبَخُورُ ٱلْعَطِرُ وَٱلتَّقْدِمَةُ ٱلدَّائِمَةُ وَدُهْنُ ٱلْمَسْحَةِ، وَوِكَالَةُ كُلِّ ٱلْمَسْكَنِ وَكُلِّ مَا فِيهِ بِٱلْقُدْسِ وَأَمْتِعَتِهِ». ١٦ 16
१६“जो वस्तुएँ हारून याजक के पुत्र एलीआजर को देख-रेख के लिये सौंपी जाएँ वे ये हैं, अर्थात् उजियाला देने के लिये तेल, और सुगन्धित धूप, और नित्य अन्नबलि, और अभिषेक का तेल, और सारे निवास, और उसमें की सब वस्तुएँ, और पवित्रस्थान और उसके सम्पूर्ण सामान।”
وَكَلَّمَ ٱلرَّبُّ مُوسَى وَهَارُونَ قَائِلًا: ١٧ 17
१७फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा,
«لَا تَقْرِضَا سِبْطَ عَشَائِرِ ٱلْقَهَاتِيِّينَ مِنْ بَيْنِ ٱللَّاوِيِّينَ، ١٨ 18
१८“कहातियों के कुलों के गोत्रों को लेवियों में से नाश न होने देना;
بَلِ ٱفْعَلَا لَهُمْ هَذَا فَيَعِيشُوا وَلَا يَمُوتُوا عِنْدَ ٱقْتِرَابِهِمْ إِلَى قُدْسِ ٱلْأَقْدَاسِ: يَدْخُلُ هَارُونُ وَبَنُوهُ وَيُقِيمُونَهُمْ كُلَّ إِنْسَانٍ عَلَى خِدْمَتِهِ وَحِمْلِهِ. ١٩ 19
१९उसके साथ ऐसा करो, कि जब वे परमपवित्र वस्तुओं के समीप आएँ, तब न मरें परन्तु जीवित रहें; इस कारण हारून और उसके पुत्र भीतर आकर एक-एक के लिये उसकी सेवकाई और उसका भार ठहरा दें,
وَلَا يَدْخُلُوا لِيَرَوْا ٱلْقُدْسَ لَحْظَةً لِئَلَّا يَمُوتُوا». ٢٠ 20
२०और वे पवित्र वस्तुओं के देखने को क्षण भर के लिये भी भीतर आने न पाएँ, कहीं ऐसा न हो कि मर जाएँ।”
وَكَلَّمَ ٱلرَّبُّ مُوسَى قَائِلًا: ٢١ 21
२१फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
«خُذْ عَدَدَ بَنِي جَرْشُونَ أَيْضًا حَسَبَ بُيُوتِ آبَائِهِمْ وَعَشَائِرِهِمْ، ٢٢ 22
२२“गेर्शोनियों की भी गिनती उनके पितरों के घरानों और कुलों के अनुसार कर;
مِنِ ٱبْنِ ثَلَاثِينَ سَنَةً فَصَاعِدًا إِلَى ٱبْنِ خَمْسِينَ سَنَةً تَعُدُّهُمْ، كُلَّ ٱلدَّاخِلِينَ لِيَتَجَنَّدُوا أَجْنَادًا، لِيَخْدِمُوا خِدْمَةً فِي خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ. ٢٣ 23
२३तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की आयु वाले, जितने मिलापवाले तम्बू में सेवा करने को भर्ती हों उन सभी को गिन ले।
هَذِهِ خِدْمَةُ عَشَائِرِ ٱلْجَرْشُونِيِّينَ مِنَ ٱلْخِدْمَةِ وَٱلْحِمْلِ: ٢٤ 24
२४सेवा करने और भार उठाने में गेर्शोनियों के कुलवालों की यह सेवकाई हो;
يَحْمِلُونَ شُقَقَ ٱلْمَسْكَنِ، وَخَيْمَةَ ٱلِٱجْتِمَاعِ وَغِطَاءَهَا، وَغِطَاءَ ٱلتُّخَسِ ٱلَّذِي عَلَيْهَا مِنْ فَوْقُ، وَسَجْفَ بَابِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ، ٢٥ 25
२५अर्थात् वे निवास के पटों, और मिलापवाले तम्बू और उसके आवरण, और इसके ऊपरवाले सुइसों की खालों के आवरण, और मिलापवाले तम्बू के द्वार के पर्दे,
وَأَسْتَارَ ٱلدَّارِ وَسَجْفَ مَدْخَلِ بَابِ ٱلدَّارِ ٱللَّوَاتِي حَوْلَ ٱلْمَسْكَنِ وَحَوْلَ ٱلْمَذْبَحِ مُحِيطَةً، وَأَطْنَابَهُنَّ وَكُلَّ أَمْتِعَةِ خِدْمَتِهِنَّ. وَكُلُّ مَا يُعْمَلُ لَهُنَّ فَهُمْ يَصْنَعُونَهُ، ٢٦ 26
२६और निवास, और वेदी के चारों ओर के आँगन के पर्दों, और आँगन के द्वार के पर्दे, और उनकी डोरियों, और उनमें काम में आनेवाले सारे सामान, इन सभी को वे उठाया करें; और इन वस्तुओं से जितना काम होता है वह सब भी उनकी सेवकाई में आए।
حَسَبَ قَوْلِ هَارُونَ وَبَنِيهِ تَكُونُ جَمِيعُ خِدْمَةِ بَنِي ٱلْجَرْشُونِيِّينَ مِنْ كُلِّ حَمْلِهِمْ وَمِنْ كُلِّ خِدْمَتِهِمْ. وَتُوَكِّلُهُمْ بِحِرَاسَةِ كُلِّ أَحْمَالِهِمْ. ٢٧ 27
२७और गेर्शोनियों के वंश की सारी सेवकाई हारून और उसके पुत्रों के कहने से हुआ करे, अर्थात् जो कुछ उनको उठाना, और जो-जो सेवकाई उनको करनी हो, उनका सारा भार तुम ही उन्हें सौंपा करो।
هَذِهِ خِدْمَةُ عَشَائِرِ بَنِي ٱلْجَرْشُونِيِّينَ فِي خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ، وَحِرَاسَتُهُمْ بِيَدِ إِيثَامَارَ بْنِ هَارُونَ ٱلكَاهِنِ. ٢٨ 28
२८मिलापवाले तम्बू में गेर्शोनियों के कुलों की यही सेवकाई ठहरे; और उन पर हारून याजक का पुत्र ईतामार अधिकार रखे।
«بَنُو مَرَارِي حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ تَعُدُّهُمْ، ٢٩ 29
२९“फिर मरारियों को भी तू उनके कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार गिन लें;
مِنِ ٱبْنِ ثَلَاثِينَ سَنَةً فَصَاعِدًا إِلَى ٱبْنِ خَمْسِينَ سَنَةً تَعُدُّهُمْ، كُلَّ ٱلدَّاخِلِينَ فِي ٱلْجُنْدِ لِيَخْدِمُوا خِدْمَةَ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ. ٣٠ 30
३०तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की आयु वाले, जितने मिलापवाले तम्बू की सेवा करने को भर्ती हों, उन सभी को गिन ले।
وَهَذِهِ حِرَاسَةُ حَمْلِهِمْ وَكُلُّ خِدْمَتِهِمْ فِي خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ: أَلْوَاحُ ٱلْمَسْكَنِ وَعَوَارِضُهُ وَأَعْمِدَتُهُ وَفُرَضُهُ، ٣١ 31
३१और मिलापवाले तम्बू में की जिन वस्तुओं के उठाने की सेवकाई उनको मिले वे ये हों, अर्थात् निवास के तख्ते, बेंड़े, खम्भे, और कुर्सियाँ,
وَأَعْمِدَةُ ٱلدَّارِ حَوَالَيْهَا وَفُرَضُهَا وَأَوْتَادُهَا وَأَطْنَابُهَا مَعَ كُلِّ أَمْتِعَتِهَا وَكُلِّ خِدْمَتِهَا. وَبِٱلْأَسْمَاءِ تَعُدُّونَ أَمْتِعَةَ حِرَاسَةِ حَمْلِهِمْ. ٣٢ 32
३२और चारों ओर आँगन के खम्भे, और इनकी कुर्सियाँ, खूँटे, डोरियाँ, और भाँति-भाँति के काम का सारा सामान ढोने के लिये उनको सौंपा जाए उसमें से एक-एक वस्तु का नाम लेकर तुम गिन लो।
هَذِهِ خِدْمَةُ عَشَائِرِ بَنِي مَرَارِي. كُلُّ خِدْمَتِهِمْ فِي خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ بِيَدِ إِيثَامَارَ بْنِ هَارُونَ ٱلْكَاهِنِ». ٣٣ 33
३३मरारियों के कुलों की सारी सेवकाई जो उन्हें मिलापवाले तम्बू के विषय करनी होगी वह यही है; वह हारून याजक के पुत्र ईतामार के अधिकार में रहे।”
فَعَدَّ مُوسَى وَهَارُونُ وَرُؤَسَاءُ ٱلْجَمَاعَةِ بَنِي ٱلْقَهَاتِيِّينَ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، ٣٤ 34
३४तब मूसा और हारून और मण्डली के प्रधानों ने कहातियों के वंश को, उनके कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार,
مِنِ ٱبْنِ ثَلَاثِينَ سَنَةً فَصَاعِدًا إِلَى ٱبْنِ خَمْسِينَ سَنَةً، كُلَّ ٱلدَّاخِلِينَ فِي ٱلْجُنْدِ لِلْخِدْمَةِ فِي خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ. ٣٥ 35
३५तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष की आयु के, जितने मिलापवाले तम्बू की सेवकाई करने को भर्ती हुए थे, उन सभी को गिन लिया;
فَكَانَ ٱلْمَعْدُودُونَ مِنْهُمْ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ أَلْفَيْنِ وَسَبْعَ مِئَةٍ وَخَمْسِينَ. ٣٦ 36
३६और जो अपने-अपने कुल के अनुसार गिने गए, वे दो हजार साढ़े सात सौ थे।
هَؤُلَاءِ هُمُ ٱلْمَعْدُودُونَ مِنْ عَشَائِرِ ٱلْقَهَاتِيِّينَ، كُلُّ ٱلْخَادِمِينَ فِي خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ ٱلَّذِينَ عَدَّهُمْ مُوسَى وَهَارُونُ حَسَبَ قَوْلِ ٱلرَّبِّ عَنْ يَدِ مُوسَى. ٣٧ 37
३७कहातियों के कुलों में से जितने मिलापवाले तम्बू में सेवा करनेवाले गिने गए, वे इतने ही थे; जो आज्ञा यहोवा ने मूसा के द्वारा दी थी उसी के अनुसार मूसा और हारून ने इनको गिन लिया।
وَٱلْمَعْدُودُونَ مِنْ بَنِي جَرْشُونَ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، ٣٨ 38
३८गेर्शोनियों में से जो अपने कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार गिने गए,
مِنِ ٱبْنِ ثَلَاثِينَ سَنَةً فَصَاعِدًا إِلَى ٱبْنِ خَمْسِينَ سَنَةً، كُلُّ ٱلدَّاخِلِينَ فِي ٱلْجُنْدِ لِلْخِدْمَةِ فِي خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ. ٣٩ 39
३९अर्थात् तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की आयु के, जो मिलापवाले तम्बू की सेवकाई करने को दल में भर्ती हुए थे,
كَانَ ٱلْمَعْدُودُونَ مِنْهُمْ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ أَلْفَيْنِ وَسِتَّ مِئَةٍ وَثَلَاثِينَ. ٤٠ 40
४०उनकी गिनती उनके कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार दो हजार छः सौ तीस थी।
هَؤُلَاءِ هُمُ ٱلْمَعْدُودُونَ مِنْ عَشَائِرِ بَنِي جَرْشُونَ، كُلُّ ٱلْخَادِمِينَ فِي خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ ٱلَّذِينَ عَدَّهُمْ مُوسَى وَهَارُونُ حَسَبَ قَوْلِ ٱلرَّبِّ. ٤١ 41
४१गेर्शोनियों के कुलों में से जितने मिलापवाले तम्बू में सेवा करनेवाले गिने गए, वे इतने ही थे; यहोवा की आज्ञा के अनुसार मूसा और हारून ने इनको गिन लिया।
وَٱلْمَعْدُودُونَ مِنْ عَشَائِرِ بَنِي مَرَارِي حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، ٤٢ 42
४२फिर मरारियों के कुलों में से जो अपने कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार गिने गए,
مِنِ ٱبْنِ ثَلَاثِينَ سَنَةً فَصَاعِدًا إِلَى ٱبْنِ خَمْسِينَ سَنَةً، كُلُّ ٱلدَّاخِلْينَ فِي ٱلْجُنْدِ لِلْخِدْمَةِ فِي خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ. ٤٣ 43
४३अर्थात् तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की आयु के, जो मिलापवाले तम्बू की सेवकाई करने को भर्ती हुए थे,
كَانَ ٱلْمَعْدُودُونَ مِنْهُمْ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ ثَلَاثَةَ آلَافٍ وَمِئَتَيْنِ. ٤٤ 44
४४उनकी गिनती उनके कुलों के अनुसार तीन हजार दो सौ थी।
هَؤُلَاءِ هُمُ ٱلْمَعْدُودُونَ مِنْ عَشَائِرِ بَنِي مَرَارِي ٱلَّذِينَ عَدَّهُمْ مُوسَى وَهَارُونُ حَسَبَ قَوْلِ ٱلرَّبِّ عَنْ يَدِ مُوسَى. ٤٥ 45
४५मरारियों के कुलों में से जिनको मूसा और हारून ने, यहोवा की उस आज्ञा के अनुसार जो मूसा के द्वारा मिली थी, गिन लिया वे इतने ही थे।
جَمِيعُ ٱلْمَعْدُودِينَ ٱللَّاوِيِّينَ ٱلَّذِينَ عَدَّهُمْ مُوسَى وَهَارُونُ وَرُؤَسَاءُ إِسْرَائِيلَ، حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ وَبُيُوتِ آبَائِهِمْ، ٤٦ 46
४६लेवियों में से जिनको मूसा और हारून और इस्राएली प्रधानों ने उनके कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार गिन लिया,
مِنِ ٱبْنِ ثَلَاثِينَ سَنَةً فَصَاعِدًا إِلَى ٱبْنِ خَمْسِينَ سَنَةً، كُلُّ ٱلدَّاخِلِينَ لِيَعْمَلُوا عَمَلَ ٱلْخِدْمَةِ وَعَمَلَ ٱلْحَمْلِ فِي خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ. ٤٧ 47
४७अर्थात् तीस वर्ष से लेकर पचास वर्ष तक की आयु वाले, जितने मिलापवाले तम्बू की सेवकाई करने और बोझ उठाने का काम करने को हाजिर होनेवाले थे,
كَانَ ٱلْمَعْدُودُونَ مِنْهُمْ ثَمَانِيَةَ آلَافٍ وَخَمْسَ مِئَةٍ وَثَمَانِينَ. ٤٨ 48
४८उन सभी की गिनती आठ हजार पाँच सौ अस्सी थी।
حَسَبَ قَوْلِ ٱلرَّبِّ عَنْ يَدِ مُوسَى عُدَّ كُلُّ إِنْسَانٍ عَلَى خِدْمَتِهِ وَعَلَى حَمْلِهِ، ٱلَّذِينَ عَدَّهُمْ مُوسَى كَمَا أَمَرَهُ ٱلرَّبُّ. ٤٩ 49
४९ये अपनी-अपनी सेवा और बोझ ढोने के लिए यहोवा के कहने पर गए। जो आज्ञा यहोवा ने मूसा को दी थी उसी के अनुसार वे गिने गए।

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