< اَلْعَدَد 32 >

وَأَمَّا بَنُو رَأُوبَيْنَ وَبَنُو جَادَ فَكَانَ لَهُمْ مَوَاشٍ كَثِيرَةٌ وَافِرَةٌ جِدًّا. فَلَمَّا رَأَوْا أَرْضَ يَعْزِيرَ وَأَرْضَ جِلْعَادَ، وَإِذَا ٱلْمَكَانُ مَكَانُ مَوَاشٍ، ١ 1
रूबेनियों और गादियों के पास बहुत से जानवर थे। जब उन्होंने याजेर और गिलाद देशों को देखकर विचार किया, कि वह पशुओं के योग्य देश है,
أَتَى بَنُو جَادَ وَبَنُو رَأُوبَيْنَ وَكَلَّمُوا مُوسَى وَأَلِعَازَارَ ٱلْكَاهِنَ وَرُؤَسَاءَ ٱلْجَمَاعَةِ قَائِلِينَ: ٢ 2
तब मूसा और एलीआजर याजक और मण्डली के प्रधानों के पास जाकर कहने लगे,
«عَطَارُوتُ وَدِيبُونُ وَيَعْزِيرُ وَنِمْرَةُ وَحَشْبُونُ وَأَلِعَالَةُ وَشَبَامُ وَنَبُو وَبَعُونُ، ٣ 3
“अतारोत, दीबोन, याजेर, निम्रा, हेशबोन, एलाले, सबाम, नबो, और बोन नगरों का देश
ٱلْأَرْضُ ٱلَّتِي ضَرَبَهَا ٱلرَّبُّ قُدَّامَ بَنِي إِسْرَائِيلَ، هِيَ أَرْضُ مَوَاشٍ، وَلِعَبِيدِكَ مَوَاشٍ». ٤ 4
जिस पर यहोवा ने इस्राएल की मण्डली को विजय दिलवाई है, वह पशुओं के योग्य है; और तेरे दासों के पास पशु हैं।”
ثُمَّ قَالُوا: «إِنْ وَجَدْنَا نِعْمَةً فِي عَيْنَيْكَ فَلْتُعْطَ هَذِهِ ٱلْأَرْضُ لِعَبِيدِكَ مُلْكًا، وَلَا تُعَبِّرْنَا ٱلْأُرْدُنَّ». ٥ 5
फिर उन्होंने कहा, “यदि तेरा अनुग्रह तेरे दासों पर हो, तो यह देश तेरे दासों को मिले कि उनकी निज भूमि हो; हमें यरदन पार न ले चल।”
فَقَالَ مُوسَى لِبَنِي جَادٍ وَبَنِي رَأُوبَيْنَ: «هَلْ يَنْطَلِقُ إِخْوَتُكُمْ إِلَى ٱلْحَرْبِ، وَأَنْتُمْ تَقْعُدُونَ هَهُنَا؟ ٦ 6
मूसा ने गादियों और रूबेनियों से कहा, “जब तुम्हारे भाई युद्ध करने को जाएँगे तब क्या तुम यहाँ बैठे रहोगे?
فَلِمَاذَا تَصُدُّونَ قُلُوبَ بَنِي إِسْرَائِيلَ عَنِ ٱلْعُبُورِ إِلَى ٱلْأَرْضِ ٱلَّتِي أَعْطَاهُمُ ٱلرَّبُّ؟ ٧ 7
और इस्राएलियों से भी उस पार के देश जाने के विषय, जो यहोवा ने उन्हें दिया है, तुम क्यों अस्वीकार करवाते हो?
هَكَذَا فَعَلَ آبَاؤُكُمْ حِينَ أَرْسَلْتُهُمْ مِنْ قَادَشَ بَرْنِيعَ لِيَنْظُرُوا ٱلْأَرْضَ. ٨ 8
जब मैंने तुम्हारे बापदादों को कादेशबर्ने से कनान देश देखने के लिये भेजा, तब उन्होंने भी ऐसा ही किया था।
صَعِدُوا إِلَى وَادِي أَشْكُولَ وَنَظَرُوا ٱلْأَرْضَ وَصَدُّوا قُلُوبَ بَنِي إِسْرَائِيلَ عَنْ دُخُولِ ٱلْأَرْضِ ٱلَّتِي أَعْطَاهُمُ ٱلرَّبُّ. ٩ 9
अर्थात् जब उन्होंने एशकोल नामक घाटी तक पहुँचकर देश को देखा, तब इस्राएलियों से उस देश के विषय जो यहोवा ने उन्हें दिया था अस्वीकार करा दिया।
فَحَمِيَ غَضَبُ ٱلرَّبِّ فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ وَأَقْسَمَ قَائِلًا: ١٠ 10
१०इसलिए उस समय यहोवा ने कोप करके यह शपथ खाई,
لَنْ يَرَى ٱلنَّاسُ ٱلَّذِينَ صَعِدُوا مِنْ مِصْرَ، مِنِ ٱبْنِ عِشْرِينَ سَنَةً فَصَاعِدًا، ٱلْأَرْضَ ٱلَّتِي أَقْسَمْتُ لِإِبْرَاهِيمَ وَإِسْحَاقَ وَيَعْقُوبَ، لِأَنَّهُمْ لَمْ يَتَّبِعُونِي تَمَامًا، ١١ 11
११‘निःसन्देह जो मनुष्य मिस्र से निकल आए हैं उनमें से, जितने बीस वर्ष के या उससे अधिक आयु के हैं, वे उस देश को देखने न पाएँगे, जिसके देने की शपथ मैंने अब्राहम, इसहाक, और याकूब से खाई है, क्योंकि वे मेरे पीछे पूरी रीति से नहीं हो लिये;
مَا عَدَا كَالِبَ بْنَ يَفُنَّةَ ٱلْقِنِزِّيَّ وَيَشُوعَ بْنَ نُونَ، لِأَنَّهُمَا ٱتَّبَعَا ٱلرَّبَّ تَمَامًا. ١٢ 12
१२परन्तु यपुन्ने कनजी का पुत्र कालेब, और नून का पुत्र यहोशू, ये दोनों जो मेरे पीछे पूरी रीति से हो लिये हैं ये उसे देखने पाएँगे।’
فَحَمِيَ غَضَبُ ٱلرَّبِّ عَلَى إِسْرَائِيلَ وَأَتَاهَهُمْ فِي ٱلْبَرِّيَّةِ أَرْبَعِينَ سَنَةً، حَتَّى فَنِيَ كُلُّ ٱلْجِيلِ ٱلَّذِي فَعَلَ ٱلشَّرَّ فِي عَيْنَيِ ٱلرَّبِّ. ١٣ 13
१३अतः यहोवा का कोप इस्राएलियों पर भड़का, और जब तक उस पीढ़ी के सब लोगों का अन्त न हुआ, जिन्होंने यहोवा के प्रति बुरा किया था, तब तक अर्थात् चालीस वर्ष तक वह उन्हें जंगल में मारे-मारे फिराता रहा।
فَهُوَذَا أَنْتُمْ قَدْ قُمْتُمْ عِوَضًا عَنْ آبَائِكُمْ، تَرْبِيَةَ أُنَاسٍ خُطَاةٍ، لِكَيْ تَزِيدُوا أَيْضًا حُمُوَّ غَضَبِ ٱلرَّبِّ عَلَى إِسْرَائِيلَ. ١٤ 14
१४और सुनो, तुम लोग उन पापियों के बच्चे होकर इसलिए अपने बापदादों के स्थान पर प्रगट हुए हो, कि इस्राएल के विरुद्ध यहोवा के भड़के हुए कोप को और भी भड़काओ!
إِذَا ٱرْتَدَدْتُمْ مِنْ وَرَائِهِ، يَعُودُ يَتْرُكُهُ أَيْضًا فِي ٱلْبَرِّيَّةِ، فَتُهْلِكُونَ كُلَّ هَذَا ٱلشَّعْبِ». ١٥ 15
१५यदि तुम उसके पीछे चलने से फिर जाओ, तो वह फिर हम सभी को जंगल में छोड़ देगा; इस प्रकार तुम इन सारे लोगों का नाश कराओगे।”
فَٱقْتَرَبُوا إِلَيْهِ وَقَالُوا: «نَبْنِي صِيَرَ غَنَمٍ لِمَوَاشِينَا هَهُنَا وَمُدُنًا لِأَطْفَالِنَا. ١٦ 16
१६तब उन्होंने मूसा के और निकट आकर कहा, “हम अपने पशुओं के लिये यहीं भेड़शालाएँ बनाएँगे, और अपने बाल-बच्चों के लिये यहीं नगर बसाएँगे,
وَأَمَّا نَحْنُ فَنَتَجَرَّدُ مُسْرِعِينَ قُدَّامَ بَنِي إِسْرَائِيلَ حَتَّى نَأْتِيَ بِهِمْ إِلَى مَكَانِهِمْ، وَيَلْبَثُ أَطْفَالُنَا فِي مُدُنٍ مُحَصَّنَةٍ مِنْ وَجْهِ سُكَّانِ ٱلْأَرْضِ. ١٧ 17
१७परन्तु आप इस्राएलियों के आगे-आगे हथियार-बन्द तब तक चलेंगे, जब तक उनको उनके स्थान में न पहुँचा दें; परन्तु हमारे बाल-बच्चे इस देश के निवासियों के डर से गढ़वाले नगरों में रहेंगे।
لَا نَرْجِعُ إِلَى بُيُوتِنَا حَتَّى يَقْتَسِمَ بَنُو إِسْرَائِيلَ كُلُّ وَاحِدٍ نَصِيبَهُ. ١٨ 18
१८परन्तु जब तक इस्राएली अपने-अपने भाग के अधिकारी न हों तब तक हम अपने घरों को न लौटेंगे।
إِنَّنَا لَا نَمْلِكُ مَعَهُمْ فِي عَبْرِ ٱلْأُرْدُنِّ وَمَا وَرَاءَهُ، لِأَنَّ نَصِيبَنَا قَدْ حَصَلَ لَنَا فِي عَبْرِ ٱلْأُرْدُنِّ إِلَى ٱلشَّرْقِ». ١٩ 19
१९हम उनके साथ यरदन पार या कहीं आगे अपना भाग न लेंगे, क्योंकि हमारा भाग यरदन के इसी पार पूर्व की ओर मिला है।”
فَقَالَ لَهُمْ مُوسَى: «إِنْ فَعَلْتُمْ هَذَا ٱلْأَمْرَ، إِنْ تَجَرَّدْتُمْ أَمَامَ ٱلرَّبِّ لِلْحَرْبِ، ٢٠ 20
२०तब मूसा ने उनसे कहा, “यदि तुम ऐसा करो, अर्थात् यदि तुम यहोवा के आगे-आगे युद्ध करने को हथियार बाँधो।
وَعَبَرَ ٱلْأُرْدُنَّ كُلُّ مُتَجَرِّدٍ مِنْكُمْ أَمَامَ ٱلرَّبِّ حَتَّى طَرَدَ أَعْدَاءَهُ مِنْ أَمَامِهِ، ٢١ 21
२१और हर एक हथियार-बन्द यरदन के पार तब तक चले, जब तक यहोवा अपने आगे से अपने शत्रुओं को न निकाले
وَأُخْضِعَتِ ٱلْأَرْضُ أَمَامَ ٱلرَّبِّ، وَبَعْدَ ذَلِكَ رَجَعْتُمْ، فَتَكُونُونَ أَبْرِيَاءَ مِنْ نَحْوِ ٱلرَّبِّ وَمِنْ نَحْوِ إِسْرَائِيلَ، وَتَكُونُ هَذِهِ ٱلْأَرْضُ مُلْكًا لَكُمْ أَمَامَ ٱلرَّبِّ. ٢٢ 22
२२और देश यहोवा के वश में न आए; तो उसके पीछे तुम यहाँ लौटोगे, और यहोवा के और इस्राएल के विषय निर्दोष ठहरोगे; और यह देश यहोवा के प्रति तुम्हारी निज भूमि ठहरेगा।
وَلَكِنْ إِنْ لَمْ تَفْعَلُوا هَكَذَا، فَإِنَّكُمْ تُخْطِئُونَ إِلَى ٱلرَّبِّ، وَتَعْلَمُونَ خَطِيَّتَكُمُ ٱلَّتِي تُصِيبُكُمْ. ٢٣ 23
२३और यदि तुम ऐसा न करो, तो यहोवा के विरुद्ध पापी ठहरोगे; और जान रखो कि तुम को तुम्हारा पाप लगेगा।
اِبْنُوا لِأَنْفُسِكُمْ مُدُنًا لِأَطْفَالِكُمْ وَصِيَرًا لِغَنَمِكُمْ. وَمَا خَرَجَ مِنْ أَفْوَاهِكُمُ ٱفْعَلُوا». ٢٤ 24
२४तुम अपने बाल-बच्चों के लिये नगर बसाओ, और अपनी भेड़-बकरियों के लिये भेड़शालाएँ बनाओ; और जो तुम्हारे मुँह से निकला है वही करो।”
فَكَلَّمَ بَنُو جَادَ وَبَنُو رَأُوبَيْنَ مُوسَى قَائِلِينَ: «عَبِيدُكَ يَفْعَلُونَ كَمَا أَمَرَ سَيِّدِي. ٢٥ 25
२५तब गादियों और रूबेनियों ने मूसा से कहा, “अपने प्रभु की आज्ञा के अनुसार तेरे दास करेंगे।
أَطْفَالُنَا وَنِسَاؤُنَا وَمَوَاشِينَا وَكُلُّ بَهَائِمِنَا تَكُونُ هُنَاكَ فِي مُدُنِ جِلْعَادَ. ٢٦ 26
२६हमारे बाल-बच्चे, स्त्रियाँ, भेड़-बकरी आदि, सब पशु तो यहीं गिलाद के नगरों में रहेंगे;
وَعَبِيدُكَ يَعْبُرُونَ، كُلُّ مُتَجَرِّدٍ لِلْجُنْدِ أَمَامَ ٱلرَّبِّ لِلْحَرْبِ كَمَا تَكَلَّمَ سَيِّدِي». ٢٧ 27
२७परन्तु अपने प्रभु के कहे के अनुसार तेरे दास सब के सब युद्ध के लिये हथियार-बन्द यहोवा के आगे-आगे लड़ने को पार जाएँगे।”
فَأَوْصَى بِهِمْ مُوسَى أَلِعَازَارَ ٱلْكَاهِنَ وَيَشُوعَ بْنَ نُونَ وَرُؤُوسَ آبَاءِ ٱلْأَسْبَاطِ مِنْ بَنِي إِسْرَائِيلَ. ٢٨ 28
२८“तब मूसा ने उनके विषय में एलीआजर याजक, और नून के पुत्र यहोशू, और इस्राएलियों के गोत्रों के पितरों के घरानों के मुख्य-मुख्य पुरुषों को यह आज्ञा दी,
وَقَالَ لَهُمْ مُوسَى: «إِنْ عَبَرَ ٱلْأُرْدُنَّ مَعَكُمْ بَنُو جَادَ وَبَنُو رَأُوبَيْنَ، كُلُّ مُتَجَرِّدٍ لِلْحَرْبِ أَمَامَ ٱلرَّبِّ، فَمَتَى أُخْضِعَتِ ٱلْأَرْضُ أَمَامَكُمْ، تُعْطُونَهُمْ أَرْضَ جِلْعَادَ مُلْكًا. ٢٩ 29
२९कि यदि सब गादी और रूबेनी पुरुष युद्ध के लिये हथियार-बन्द तुम्हारे संग यरदन पार जाएँ, और देश तुम्हारे वश में आ जाए, तो गिलाद देश उनकी निज भूमि होने को उन्हें देना।
وَلَكِنْ إِنْ لَمْ يَعْبُرُوا مُتَجَرِّدِينَ مَعَكُمْ، يَتَمَلَّكُوا فِي وَسَطِكُمْ فِي أَرْضِ كَنْعَانَ». ٣٠ 30
३०परन्तु यदि वे तुम्हारे संग हथियार-बन्द पार न जाएँ, तो उनकी निज भूमि तुम्हारे बीच कनान देश में ठहरे।”
فَأَجَابَ بَنُو جَادٍ وَبَنُو رَأُوبَيْنَ قَائِلِينَ: «ٱلَّذِي تَكَلَّمَ بِهِ ٱلرَّبُّ عَنْ عَبِيدِكَ كَذَلِكَ نَفْعَلُ. ٣١ 31
३१तब गादी और रूबेनी बोल उठे, “यहोवा ने जैसा तेरे दासों से कहलाया है वैसा ही हम करेंगे।
نَحْنُ نَعْبُرُ مُتَجَرِّدِينَ أَمَامَ ٱلرَّبِّ إِلَى أَرْضِ كَنْعَانَ، وَلَكِنْ نُعْطَى مُلْكَ نَصِيبِنَا فِي عَبْرِ ٱلْأُرْدُنِّ». ٣٢ 32
३२हम हथियार-बन्द यहोवा के आगे-आगे उस पार कनान देश में जाएँगे, परन्तु हमारी निज भूमि यरदन के इसी पार रहे।”
فَأَعْطَى مُوسَى لَهُمْ، لِبَنِي جَادٍ وَبَنِي رَأُوبَيْنَ وَنِصْفِ سِبْطِ مَنَسَّى بْنِ يُوسُفَ، مَمْلَكَةَ سِيحُونَ مَلِكِ ٱلْأَمُورِيِّينَ وَمَمْلَكَةَ عُوجٍ مَلِكِ بَاشَانَ، ٱلْأَرْضَ مَعَ مُدُنِهَا بِتُخُومِ مُدُنِ ٱلْأَرْضِ حَوَالَيْهَا. ٣٣ 33
३३तब मूसा ने गादियों और रूबेनियों को, और यूसुफ के पुत्र मनश्शे के आधे गोत्रियों को एमोरियों के राजा सीहोन और बाशान के राजा ओग, दोनों के राज्यों का देश, नगरों, और उनके आस-पास की भूमि समेत दे दिया।
فَبَنَى بَنُو جَادَ: دِيبُونَ وَعَطَارُوتَ وَعَرُوعِيرَ ٣٤ 34
३४तब गादियों ने दीबोन, अतारोत, अरोएर,
وَعَطْرُوتَ شُوفَانَ وَيَعْزِيرَ وَيُجْبَهَةَ ٣٥ 35
३५अत्रौत, शोपान, याजेर, योगबहा,
وَبَيْتَ نِمْرَةَ وَبَيْتَ هَارَانَ مُدُنًا مُحَصَّنَةً مَعَ صِيَرِ غَنَمٍ. ٣٦ 36
३६बेतनिम्रा, और बेत-हारन नामक नगरों को दृढ़ किया, और उनमें भेड़-बकरियों के लिये भेड़शाला बनाए।
وَبَنَى بَنُو رَأُوبَيْنَ: حَشْبُونَ وَأَلِعَالَةَ وَقَرْيَتَايِمَ ٣٧ 37
३७और रूबेनियों ने हेशबोन, एलाले, और किर्यातैम को,
وَنَبُوَ وَبَعْلَ مَعُونَ، مُغَيَّرَتَيِ ٱلِٱسْمِ، وَسَبْمَةَ، وَدَعَوْا بِأَسْمَاءٍ أَسْمَاءَ ٱلْمُدُنِ ٱلَّتِي بَنَوْا. ٣٨ 38
३८फिर नबो और बालमोन के नाम बदलकर उनको, और सिबमा को दृढ़ किया; और उन्होंने अपने दृढ़ किए हुए नगरों के और-और नाम रखे।
وَذَهَبَ بَنُو مَاكِيرَ بْنِ مَنَسَّى إِلَى جِلْعَادَ وَأَخَذُوهَا وَطَرَدُوا ٱلْأَمُورِيِّينَ ٱلَّذِينَ فِيهَا. ٣٩ 39
३९और मनश्शे के पुत्र माकीर के वंशवालों ने गिलाद देश में जाकर उसे ले लिया, और जो एमोरी उसमें रहते थे उनको निकाल दिया।
فَأَعْطَى مُوسَى جِلْعَادَ لِمَاكِيرَ بْنِ مَنَسَّى فَسَكَنَ فِيهَا. ٤٠ 40
४०तब मूसा ने मनश्शे के पुत्र माकीर के वंश को गिलाद दे दिया, और वे उसमें रहने लगे।
وَذَهَبَ يَائِيرُ ٱبْنُ مَنَسَّى وَأَخَذَ مَزَارِعَهَا وَدَعَاهُنَّ: حَوُّوثَ يَائِيرَ. ٤١ 41
४१और मनश्शेई याईर ने जाकर गिलाद की कितनी बस्तियाँ ले लीं, और उनके नाम हव्वोत्याईर रखे।
وَذَهَبَ نُوبَحُ وَأَخَذَ قَنَاةَ وَقُرَاهَا وَدَعَاهَا نُوبَحَ بِٱسْمِهِ. ٤٢ 42
४२और नोबह ने जाकर गाँवों समेत कनात को ले लिया, और उसका नाम अपने नाम पर नोबह रखा।

< اَلْعَدَد 32 >