< اَلْعَدَد 29 >

«وَفِي ٱلشَّهْرِ ٱلسَّابِعِ، فِي ٱلْأَوَّلِ مِنَ ٱلشَّهْرِ، يَكُونُ لَكُمْ مَحْفَلٌ مُقَدَّسٌ. عَمَلًا مَّا مِنَ ٱلشُّغْلِ لَا تَعْمَلُوا. يَوْمَ هُتَافِ بُوقٍ يَكُونُ لَكُمْ. ١ 1
और सातवें महीने की पहली तारीख़ को तुम्हारा पाक मजमा' हो, उसमें कोई ख़ादिमाना काम न करना। यह तुम्हारे लिए नरसिंगे फूँकने का दिन है।
وَتَعْمَلُونَ مُحْرَقَةً لِرَائِحَةِ سَرُورٍ لِلرَّبِّ: ثَوْرًا وَاحِدًا ٱبْنَ بَقَرٍ، وَكَبْشًا وَاحِدًا، وَسَبْعَةَ خِرَافٍ حَوْلِيَّةٍ صَحِيحَةٍ. ٢ 2
तुम सोख़्तनी क़ुर्बानी के तौर पर एक बछड़ा, एक मेंढा और सात बे — 'ऐब यक — साला नर बर्रे चढ़ाना ताकि यह ख़ुदावन्द के सामने राहत अंगेज़ ख़ुशबू ठहरे।
وَتَقْدِمَتَهُنَّ مِنْ دَقِيقٍ مَلْتُوتٍ بِزَيْتٍ: ثَلَاثَةَ أَعْشَارٍ لِلثَّوْرِ، وَعُشْرَيْنِ لِلْكَبْشِ، ٣ 3
और इनके साथ नज़्र की क़ुर्बानी के तौर पर तेल मिला हुआ मैदा; बछड़ा ऐफ़ा के तीन दहाई हिस्से के बराबर, और हर मेंढा पाँचवें हिस्से के बराबर,
وَعُشْرًا وَاحِدًا لِكُلِّ خَرُوفٍ مِنَ ٱلسَّبْعَةِ ٱلْخِرَافِ. ٤ 4
और सातों बर्रों में से हर बर्रे पीछे ऐफ़ा के दसवें हिस्से के बराबर हो।
وَتَيْسًا وَاحِدًا مِنَ ٱلْمَعْزِ ذَبِيحَةَ خَطِيَّةٍ لِلتَّكْفِيرِ عَنْكُمْ، ٥ 5
और एक बकरा ख़ता की क़ुर्बानी के लिए हो, ताकि तुम्हारे वास्ते कफ़्फ़ारा दिया जाए।
فَضْلًا عَنْ مُحْرَقَةِ ٱلشَّهْرِ وَتَقْدِمَتِهَا وَٱلْمُحْرَقَةِ ٱلدَّائِمَةِ وَتَقْدِمَتِهَا مَعَ سَكَائِبِهِنَّ كَعَادَتِهِنَّ رَائِحَةَ سَرُورٍ وَقُودًا لِلرَّبِّ. ٦ 6
नये चाँद की सोख़्तनी क़ुर्बानी और उसकी नज़्र की क़ुर्बानी, और दाइमी सोख़्तनी क़ुर्बानी और उसकी नज़्र की क़ुर्बानी और उनके तपावनों के 'अलावा, जो अपने — अपने क़ानून के मुताबिक़ पेश करे जाएँगे, यह भी राहतअंगेज़ ख़ुशबू की आतिशी क़ुर्बानी के तौर पर ख़ुदावन्द के सामने अदा किये जाए।
«وَفِي عَاشِرِ هَذَا ٱلشَّهْرِ ٱلسَّابِعِ، يَكُونُ لَكُمْ مَحْفَلٌ مُقَدَّسٌ، وَتُذَلِّلُونَ أَنْفُسَكُمْ. عَمَلًا مَّا لَا تَعْمَلُوا. ٧ 7
'फिर उसी सातवें महीने की दसवीं तारीख़ को तुम्हारा पाक मजमा' हो; तुम अपनी अपनी जान को दुख देना और किसी तरह का काम न करना,
وَتُقَرِّبُونَ مُحْرَقَةً لِلرَّبِّ رَائِحَةَ سَرُورٍ: ثَوْرًا وَاحِدًا ٱبْنَ بَقَرٍ، وَكَبْشًا وَاحِدًا، وَسَبْعَةَ خِرَافٍ حَوْلِيَّةٍ. صَحِيحَةً تَكُونُ لَكُمْ. ٨ 8
बल्कि सोख़्तनी क़ुर्बानी के तौर पर एक बछड़ा, एक मेंढा और सात यक — साला नर बर्रे ख़ुदावन्द के सामने चढ़ाना, ताकि यह राहतअंगेज़ ख़ुशबू ठहरे; यह सब के सब बे — 'ऐब हों,
وَتَقْدِمَتُهُنَّ مِنْ دَقِيقٍ مَلْتُوتٍ بِزَيْتٍ: ثَلَاثَةُ أَعْشَارٍ لِلثَّوْرِ، وَعُشْرَانِ لِلْكَبْشِ ٱلْوَاحِدِ، ٩ 9
और इनके साथ नज़्र की क़ुर्बानी के तौर पर तेल मिला हुआ मैदा; हर बछड़ा ऐफ़ा के तीन दहाई हिस्से के बराबर, और हर मेंढा पाँचवें हिस्से के बराबर,
وَعُشْرٌ وَاحِدٌ لِكُلِّ خَرُوفٍ مِنَ ٱلسَّبْعَةِ ٱلْخِرَافِ. ١٠ 10
और सातों बर्रों में से हर बर्रे पीछे ऐफ़ा के दसवें हिस्से के बराबर हो,
وَتَيْسًا وَاحِدًا مِنَ ٱلْمَعْزِ ذَبِيحَةَ خَطِيَّةٍ، فَضْلًا عَنْ ذَبِيحَةِ ٱلْخَطِيَّةِ لِلْكَفَّارَةِ وَٱلْمُحْرَقَةِ ٱلدَّائِمَةِ وَتَقْدِمَتِهَا مَعَ سَكَائِبِهِنَّ. ١١ 11
और ख़ता की क़ुर्बानी के लिए एक बकरा हो; यह भी उस ख़ता की क़ुर्बानी के 'अलावा, जो कफ़्फ़ारे के लिए है और दाइमी सोख़्तनी क़ुर्बानी और उसकी नज़्र की कुर्बानी, और तपावनों के 'अलावा अदा किये जाएँ।
«وَفِي ٱلْيَوْمِ ٱلْخَامِسَ عَشَرَ مِنَ ٱلشَّهْرِ ٱلسَّابِعِ، يَكُونُ لَكُمْ مَحْفَلٌ مُقَدَّسٌ. عَمَلًا مَّا مِنَ ٱلشُّغْلِ لَا تَعْمَلُوا. وَتُعَيِّدُونَ عِيدًا لِلرَّبِّ سَبْعَةَ أَيَّامٍ. ١٢ 12
और सातवें महीने की पन्द्रहवीं तारीख़ को फिर तुम्हारा पाक मजमा' हो; उस दिन तुम कोई ख़ादिमाना काम न करना, और सात दिन तक ख़ुदावन्द की ख़ातिर 'ईद मनाना।
وَتُقَرِّبُونَ مُحْرَقَةً، وَقُودَ رَائِحَةِ سَرُورٍ لِلرَّبِّ: ثَلَاثَةَ عَشَرَ ثَوْرًا أَبْنَاءَ بَقَرٍ، وَكَبْشَيْنِ، وَأَرْبَعَةَ عَشَرَ خَرُوفًا حَوْلِيًّا. صَحِيحَةً تَكُونُ لَكُمْ. ١٣ 13
और तुम सोख़्तनी क़ुर्बानी के तौर पर तेरह बछड़े, दो मेंढे, और चौदह यक — साला नर बर्रे चढ़ाना ताकि यह राहत अंगेज़ ख़ुशबू ख़ुदावन्द के लिए आतिशीन क़ुर्बानी ठहरे; यह सब के सब बे — 'ऐब हों।
وَتَقْدِمَتُهُنَّ مِنْ دَقِيقٍ مَلْتُوتٍ بِزَيْتٍ: ثَلَاثَةُ أَعْشَارٍ لِكُلِّ ثَوْرٍ مِنَ ٱلثَّلَاثَةَ عَشَرَ ثَوْرًا، وَعُشْرَانِ لِكُلِّ كَبْشٍ مِنَ ٱلْكَبْشَيْنِ، ١٤ 14
और इनके साथ नज़्र की क़ुर्बानी के तौर पर तेरह बछड़ों में से हर बछड़े पीछे तेल मिला हुआ मैदा ऐफ़ा के तीन दहाई हिस्से के बराबर, और दोनों मेंढों में से हर मेंढे पीछे पाँचवें हिस्से के बराबर,
وَعُشْرٌ وَاحِدٌ لِكُلِّ خَرُوفٍ مِنَ ٱلْأَرْبَعَةَ عَشَرَ خَرُوفًا، ١٥ 15
और चौदह बर्रों में से हर बर्रे पीछे ऐफ़ा के दसवें हिस्से के बराबर हो।
وَتَيْسًا وَاحِدًا مِنَ ٱلْمَعْزِ ذَبِيحَةَ خَطِيَّةٍ، فَضْلًا عَنِ ٱلْمُحْرَقَةِ ٱلدَّائِمَةِ وَتَقْدِمَتِهَا وَسَكِيبِهَا. ١٦ 16
और एक बकरा ख़ता की क़ुर्बानी के लिए हो। यह सब दाइमी सोख़्तनी क़ुर्बानी और उसकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन के 'अलावा चढ़ाए जाएँ।
«وَفِي ٱلْيَوْمِ ٱلثَّانِي: ٱثْنَيْ عَشَرَ ثَوْرًا أَبْنَاءَ بَقَرٍ، وَكَبْشَيْنِ، وَأَرْبَعَةَ عَشَرَ خَرُوفًا حَوْلِيًّا صَحِيحًا. ١٧ 17
“और दूसरे दिन बारह बछड़े, दो मेंढे और चौदह बे — 'ऐब यक — साला नर बर्रे चढ़ाना।
وَتَقْدِمَتَهُنَّ وَسَكَائِبَهُنَّ لِلثِّيرَانِ وَٱلْكَبْشَيْنِ وَٱلْخِرَافِ حَسَبَ عَدَدِهِنَّ كَٱلْعَادَةِ. ١٨ 18
और बछड़ों और मेंढों और बर्रों के साथ, उनके शुमार और तौर तरीक़े के मुताबिक़ उनकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन हों,
وَتَيْسًا وَاحِدًا مِنَ ٱلْمَعْزِ ذَبِيحَةَ خَطِيَّةٍ، فَضْلًا عَنِ ٱلْمُحْرَقَةِ ٱلدَّائِمَةِ وَتَقْدِمَتِهَا مَعَ سَكَائِبِهِنَّ. ١٩ 19
और एक बकरा ख़ता की क़ुर्बानी के लिए हो। यह सब दाइमी सोख़्तनी क़ुर्बानी और उसकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावनों के 'अलावा चढ़ाए जाएँ।
«وَفِي ٱلْيَوْمِ ٱلثَّالِثِ: أَحَدَ عَشَرَ ثَوْرًا، وَكَبْشَيْنِ، وَأَرْبَعَةَ عَشَرَ خَرُوفًا حَوْلِيًّا صَحِيحًا. ٢٠ 20
'और तीसरे दिन ग्यारह बछड़े, दो मेंढे और चौदह यक — साला बे — 'ऐब नर बर्रे हों।
وَتَقْدِمَتَهُنَّ وَسَكَائِبَهُنَّ لِلثِّيرَانِ وَٱلْكَبْشَيْنِ وَٱلْخِرَافِ حَسَبَ عَدَدِهِنَّ كَٱلْعَادَةِ. ٢١ 21
और बछड़ों और मेंढों और बर्रों के साथ, उनके शुमार और तौर तरीक़े के मुताबिक़ उनकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन हों,
وَتَيْسًا وَاحِدًا لِذَبِيحَةِ خَطِيَّةٍ، فَضْلًا عَنِ ٱلْمُحْرَقَةِ ٱلدَّائِمَةِ وَتَقْدِمَتِهَا وَسَكِيبِهَا. ٢٢ 22
और एक बकरा ख़ता की क़ुर्बानी के लिए हो। यह सब दाइमी सोख़्तनी क़ुर्बानी और उसकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन के अलावा चढ़ाए जाएँ।
«وَفِي ٱلْيَوْمِ ٱلرَّابِعِ: عَشَرَةَ ثِيرَانٍ، وَكَبْشَيْنِ، وَأَرْبَعَةَ عَشَرَ خَرُوفًا حَوْلِيًّا صَحِيحًا. ٢٣ 23
'और चौथे दिन दस बछड़े, दो मेंढे और चौदह यक — साला बे — 'ऐब नर बर्रे हों।
وَتَقْدِمَتَهُنَّ وَسَكَائِبَهُنَّ لِلثِّيرَانِ وَٱلْكَبْشَيْنِ وَٱلْخِرَافِ حَسَبَ عَدَدِهِنَّ كَٱلْعَادَةِ. ٢٤ 24
और बछड़ों और मेंढों और बर्रों के साथ, उनके शुमार और तौर तरीक़े के मुताबिक़ उनकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन हों,
وَتَيْسًا وَاحِدًا مِنَ ٱلْمَعْزِ لِذَبِيحَةِ خَطِيَّةٍ، فَضْلًا عَنِ ٱلْمُحْرَقَةِ ٱلدَّائِمَةِ وَتَقْدِمَتِهَا وَسَكِيبِهَا. ٢٥ 25
और एक बकरा ख़ता की क़ुर्बानी के लिए हो। यह सब दाइमी सोख़्तनी क़ुर्बानी और उसकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन के 'अलावा चढ़ाए जाए।
«وَفِي ٱلْيَوْمِ ٱلْخَامِسِ: تِسْعَةَ ثِيرَانٍ، وَكَبْشَيْنِ، وَأَرْبَعَةَ عَشَرَ خَرُوفًا حَوْلِيًّا صَحِيحًا. ٢٦ 26
“और पाँचवे दिन नौ बछड़े, दो मेंढे और चौदह यक — साला बे — 'ऐब नर बर्रे हों।
وَتَقْدِمَتَهُنَّ وَسَكَائِبَهُنَّ لِلثِّيرَانِ وَٱلْكَبْشَيْنِ وَٱلْخِرَافِ حَسَبَ عَدَدِهِنَّ كَٱلْعَادَةِ. ٢٧ 27
और बछड़ों और मेंढों और बर्रों के साथ, उनके शुमार और क़ानून के मुताबिक़ उनकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन हों,
وَتَيْسًا وَاحِدًا لِذَبِيحَةِ خَطِيَّةٍ، فَضْلًا عَنِ ٱلْمُحْرَقَةِ ٱلدَّائِمَةِ وَتَقْدِمَتِهَا وَسَكِيبِهَا. ٢٨ 28
और एक बकरा ख़ता की क़ुर्बानी के लिए हो। यह सब दाइमी सोख़्तनी क़ुर्बानी और उसकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन के 'अलावा चढ़ाए जाए।
«وَفِي ٱلْيَوْمِ ٱلسَّادِسِ: ثَمَانِيَةَ ثِيرَانٍ، وَكَبْشَيْنِ، وَأَرْبَعَةَ عَشَرَ خَرُوفًا حَوْلِيًّا صَحِيحًا. ٢٩ 29
'और छठे दिन आठ बछड़े, दो मेंढे और चौदह यक — साला बे — 'ऐब नर बर्रे हों।
وَتَقْدِمَتَهُنَّ وَسَكَائِبَهُنَّ لِلثِّيرَانِ وَٱلْكَبْشَيْنِ وَٱلْخِرَافِ حَسَبَ عَدَدِهِنَّ كَٱلْعَادَةِ. ٣٠ 30
और बछड़ों और मेंढों और बर्रों के साथ, उनके शुमार और क़ानून के मुताबिक़ उनकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन हों;
وَتَيْسًا وَاحِدًا لِذَبِيحَةِ خَطِيَّةٍ، فَضْلًا عَنِ ٱلْمُحْرَقَةِ ٱلدَّائِمَةِ وَتَقْدِمَتِهَا وَسَكِيبِهَا. ٣١ 31
और एक बकरा ख़ता की क़ुर्बानी के लिए हो। यह सब दाइमी सोख़्तनी क़ुर्बानी और उसकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन के 'अलावा अदा की जाए।
«وَفِي ٱلْيَوْمِ ٱلسَّابِعِ: سَبْعَةَ ثِيرَانٍ، وَكَبْشَيْنِ، وَأَرْبَعَةَ عَشَرَ خَرُوفًا حَوْلِيًّا صَحِيحًا. ٣٢ 32
“और सातवें दिन सात बछड़े, दो मेंढे और चौदह यक — साला बे — 'ऐब नर बर्रे हों।
وَتَقْدِمَتَهُنَّ وَسَكَائِبَهُنَّ لِلثِّيرَانِ وَٱلْكَبْشَيْنِ وَٱلْخِرَافِ حَسَبَ عَدَدِهِنَّ كَعَادَتِهِنَّ. ٣٣ 33
और बछड़ों और मेंढों और बर्रों के साथ, उनके शुमार और तौर तरीक़े के मुताबिक़ उनकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन हों,
وَتَيْسًا وَاحِدًا لِذَبِيحَةِ خَطِيَّةٍ، فَضْلًا عَنِ ٱلْمُحْرَقَةِ ٱلدَّائِمَةِ وَتَقْدِمَتِهَا وَسَكِيبِهَا. ٣٤ 34
और एक बकरा ख़ता की क़ुर्बानी के लिए हो। यह सब दाइमी सोख़्तनी क़ुर्बानी और उसकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन के अलावा अदा की जाएँ
«فِي ٱلْيَوْمِ ٱلثَّامِنِ: يَكُونُ لَكُمُ ٱعْتِكَافٌ. عَمَلًا مَّا مِنَ ٱلشُّغْلِ لَا تَعْمَلُوا. ٣٥ 35
“और आठवें दिन तुम्हारा पाक मजमा' हो; तुम उस दिन कोई ख़ादिमाना काम न करना,
وَتُقَرِّبُونَ مُحْرَقَةً وَقُودًا رَائِحَةَ سَرُورٍ لِلرَّبِّ: ثَوْرًا وَاحِدًا، وَكَبْشًا وَاحِدًا، وَسَبْعَةَ خِرَافٍ حَوْلِيَّةٍ صَحِيحَةٍ. ٣٦ 36
बल्कि तुम एक बछड़ा, एक मेंढा, और सात यक — साला बे — 'ऐब नर बर्रे सोख़्तनी क़ुर्बानी के तौर पर चढ़ाना ताकि वह ख़ुदावन्द के सामने राहतअंगेज़ ख़ुशबू की आतिशी क़ुर्बानी ठहरे।
وَتَقْدِمَتَهُنَّ وَسَكَائِبَهُنَّ لِلثَّوْرِ وَٱلْكَبْشِ وَٱلْخِرَافِ حَسَبَ عَدَدِهِنَّ كَٱلْعَادَةِ. ٣٧ 37
और बछड़े और मेंढे और बर्रों के साथ, उनके शुमार और तौर तरीक़े के मुताबिक़ उनकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन हों,
وَتَيْسًا وَاحِدًا لِذَبِيحَةِ خَطِيَّةٍ، فَضْلًا عَنِ ٱلْمُحْرَقَةِ ٱلدَّائِمَةِ وَتَقْدِمَتِهَا وَسَكِيبِهَا. ٣٨ 38
और एक बकरा ख़ता की क़ुर्बानी के लिए हो। यह सब दाइमी सोख़्तनी क़ुर्बानी और उसकी नज़्र की क़ुर्बानी और तपावन के 'अलावा चढ़ाए जाएँ।
هَذِهِ تُقَرِّبُونَهَا لِلرَّبِّ فِي مَوَاسِمِكُمْ، فَضْلًا عَنْ نُذُورِكُمْ وَنَوَافِلِكُمْ مِنْ مُحْرَقَاتِكُمْ وَتَقْدِمَاتِكُمْ وَسَكَائِبِكُمْ وَذَبَائِحِ سَلَامَتِكُمْ». ٣٩ 39
“तुम अपनी मुक़र्ररा 'ईदों में अपनी मिन्नतों और रज़ा की क़ुर्बानियों के 'अलावा यहीं सोख़्तनी क़ुर्बानियाँ और नज़्र की कुर्बानियाँ और तपावन और सलामती की कुर्बानियाँ ख़ुदावन्द को पेश करना।”
فَكَلَّمَ مُوسَى بَنِي إِسْرَائِيلَ حَسَبَ كُلِّ مَا أَمَرَ بِهِ ٱلرَّبُّ مُوسَى. ٤٠ 40
और जो कुछ ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म दिया, वह सब मूसा ने बनी इस्राईल को बता दिया।

< اَلْعَدَد 29 >