< اَلْعَدَد 27 >

فَتَقَدَّمَتْ بَنَاتُ صَلُفْحَادَ بْنِ حَافَرَ بْنِ جِلْعَادَ بْنِ مَاكِيرَ بْنِ مَنَسَّى، مِنْ عَشَائِرِ مَنَسَّى بْنِ يُوسُفَ. وَهَذِهِ أَسْمَاءُ بَنَاتِهِ: مَحْلَةُ وَنُوعَةُ وَحُجْلَةُ وَمِلْكَةُ وَتِرْصَةُ. ١ 1
तब योसेफ़ के पुत्र मनश्शेह के परिवार से माखीर के पुत्र गिलआद के पुत्र हेफेर के पुत्र ज़लोफेहाद की पुत्रियां, जिनके नाम महलाह, नोहा, होगलाह, मिलकाह तथा तिरज़ाह थे,
وَوَقَفْنَ أَمَامَ مُوسَى وَأَلِعَازَارَ ٱلْكَاهِنِ وَأَمَامَ ٱلرُّؤَسَاءِ وَكُلِّ ٱلْجَمَاعَةِ لَدَى بَابِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ قَائِلَاتٍ: ٢ 2
मोशेह, एलिएज़र तथा प्रधानों एवं सारी सभा की उपस्थिति में मिलनवाले तंबू के द्वार पर एकत्र हुईं. उन्होंने यह विनती की,
«أَبُونَا مَاتَ فِي ٱلْبَرِّيَّةِ، وَلَمْ يَكُنْ فِي ٱلْقَوْمِ ٱلَّذِينَ ٱجْتَمَعُوا عَلَى ٱلرَّبِّ فِي جَمَاعَةِ قُورَحَ، بَلْ بِخَطِيَّتِهِ مَاتَ وَلَمْ يَكُنْ لَهُ بَنُونَ. ٣ 3
“हमारे पिता की मृत्यु तो बंजर भूमि में ही हो चुकी थी. वह उनमें शामिल नहीं थे, जो कोराह के साथ मिलकर याहवेह के विरुद्ध हो गए थे, उनकी मृत्यु उन्हीं के पाप में हो गई. उनके कोई पुत्र न था.
لِمَاذَا يُحْذَفُ ٱسْمُ أَبِينَا مِنْ بَيْنِ عَشِيرَتِهِ لِأَنَّهُ لَيْسَ لَهُ ٱبْنٌ؟ أَعْطِنَا مُلْكًا بَيْنَ إِخْوةِ أَبِينَا». ٤ 4
उनके कोई पुत्र न होने के कारण भला उनके परिवार में से उनका नाम क्यों मिट जाए? कृपया हमारे भाइयों के बीच में से हमें एक भाग दिया जाए.”
فَقَدَّمَ مُوسَى دَعْوَاهُنَّ أَمَامَ ٱلرَّبِّ. ٥ 5
फिर मोशेह ने यह विषय याहवेह के सामने रख दिया,
فَكَلَّمَ ٱلرَّبُّ مُوسَى قَائِلًا: ٦ 6
तब याहवेह ने मोशेह को यह उत्तर दिया,
«بِحَقٍّ تَكَلَّمَتْ بَنَاتُ صَلُفْحَادَ، فَتُعْطِيهِنَّ مُلْكَ نَصِيبٍ بَيْنَ إِخْوَةِ أَبِيهنَّ، وَتَنْقُلُ نَصِيبَ أَبِيهِنَّ إِلَيْهِنَّ. ٧ 7
“ज़लोफेहाद की पुत्रियों ने सुसंगत विषय प्रस्तुत किए हैं. ज़रूरी है कि तुम उन्हें उनके पिता के भाइयों के बीच में एक मीरास का अंश प्रदान करो. तुम उनके पिता की मीरास उनके नाम लिख दोगे.
وَتُكَلِّمُ بَنِي إِسْرَائِيلَ قَائِلًا: أَيُّمَا رَجُلٍ مَاتَ وَلَيْسَ لَهُ ٱبْنٌ، تَنْقُلُونَ مُلْكَهُ إِلَى ٱبْنَتِهِ. ٨ 8
“तुम इस्राएल के घराने को यह भी सूचित करोगे, ‘यदि किसी ऐसे व्यक्ति की मृत्यु हो जाए, जिसके कोई पुत्र ही नहीं है, तब उसकी मीरास उसकी पुत्री के नाम कर देना.
وَإِنْ لَمْ تَكُنْ لَهُ ٱبْنَةٌ، تُعْطُوا مُلْكَهُ لِإِخْوَتِهِ. ٩ 9
यदि उसके कोई पुत्री भी न हो, तब तुम उसकी मीरास उसके भाइयों के नाम कर दोगे.
وَإِنْ لَمْ يَكُنْ لَهُ إِخْوَةٌ، تُعْطُوا مُلْكَهُ لِإِخوَةِ أَبِيهِ. ١٠ 10
यदि उसके कोई भाई भी नहीं हो, तब तुम उसके पिता के भाइयों को उसकी मीरास प्रदान कर दोगे.
وَإِنْ لَمْ يَكُنْ لِأَبِيهِ إِخْوَةٌ، تُعْطُوا مُلْكَهُ لِنَسِيبِهِ ٱلْأَقْرَبِ إِلَيْهِ مِنْ عَشِيرَتِهِ فَيَرِثُهُ». فَصَارَتْ لِبَنِي إِسْرَائِيلَ فَرِيضَةَ قَضَاءٍ، كَمَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ مُوسَى. ١١ 11
यदि उसके पिता के कोई भाई भी न हो, तब तुम उसकी मीरास उसके परिवार में उसके ही निकटतम संबंधी को प्रदान कर दोगे, वह मीरास उसकी हो जाएगी. यह इस्राएल के घराने के लिए न्याय की विधि होगी, ठीक जैसा आदेश याहवेह द्वारा मोशेह को दिया गया था.’”
وَقَالَ ٱلرَّبُّ لِمُوسَى: «ٱصْعَدْ إِلَى جَبَلِ عَبَارِيمَ هَذَا وَٱنْظُرِ ٱلْأَرْضَ ٱلَّتِي أَعْطَيْتُ بَنِي إِسْرَائِيلَ. ١٢ 12
इसके बाद याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी, “तुम इस अबारिम पर्वत पर जाओ और उस देश पर दृष्टि डाल लो, जो मैंने इस्राएल के घराने को दे दिया है.
وَمَتَى نَظَرْتَهَا، تُضَمُّ إِلَى قَوْمِكَ أَنْتَ أَيْضًا كَمَا ضُمَّ هَارُونُ أَخُوكَ. ١٣ 13
जब तुम इस देश को देख लोगे, तुम भी अपने भाई अहरोन के समान अपने लोगों में मिला लिए जाओगे,
لِأَنَّكُمَا فِي بَرِّيَّةِ صِينَ، عِنْدَ مُخَاصَمَةِ ٱلْجَمَاعَةِ، عَصَيْتُمَا قَوْلِي أَنْ تُقَدِّسَانِي بِٱلْمَاءِ أَمَامَ أَعْيُنِهِمْ». ذَلِكَ مَاءُ مَرِيبَةِ قَادَشَ فِي بَرِّيَّةِ صِينَ. ١٤ 14
इसलिये, कि तुमने ज़िन के निर्जन प्रदेश में उस सोते के पास सारी सभा के सामने उनके द्वारा पैदा की गई विद्रोह की स्थिति में मेरी पवित्रता को प्रतिष्ठित करने के मेरे आदेश के विपरीत तुमने काम किया था.” (कादेश के ज़िन के निर्जन प्रदेश में यही था वह मेरिबाह का सोता.)
فَكَلَّمَ مُوسَى ٱلرَّبِّ قَائِلًا: ١٥ 15
फिर मोशेह ने याहवेह से विनती की,
«لِيُوَكِّلِ ٱلرَّبُّ إِلَهُ أَرْوَاحِ جَمِيعِ ٱلْبَشَرِ رَجُلًا عَلَى ٱلْجَمَاعَةِ، ١٦ 16
“सभी मनुष्यों की आत्माओं के परमेश्वर, याहवेह, इस सभा के लिए एक अगुए को नियुक्त कर दें.
يَخْرُجُ أَمَامَهُمْ وَيَدْخُلُ أَمَامَهُمْ وَيُخْرِجُهُمْ وَيُدْخِلُهُمْ، لِكَيْلَا تَكُونَ جَمَاعَةُ ٱلرَّبِّ كَٱلْغَنَمِ ٱلَّتِي لَا رَاعِيَ لَهَا». ١٧ 17
वही उनके हक में सही रहेगा. वही उनका अगुआ होकर इस देश में प्रवेश करवाएगा, जिससे याहवेह की प्रजा की स्थिति वैसी न हो जाए, जैसी बिना चरवाहे की भेड़-बकरियों की हो जाती है.”
فَقَالَ ٱلرَّبُّ لِمُوسَى: «خُذْ يَشُوعَ بْنَ نُونَ، رَجُلًا فِيهِ رُوحٌ، وَضَعْ يَدَكَ عَلَيْهِ، ١٨ 18
मोशेह के लिए याहवेह का उत्तर यह था, “नून के पुत्र यहोशू पर अपना हाथ रख दो-वह एक ऐसा व्यक्ति है, जिसमें पवित्र आत्मा का वास है.
وَأَوْقِفْهُ قُدَّامَ أَلِعَازَارَ ٱلْكَاهِنِ وَقُدَّامَ كُلِّ ٱلْجَمَاعَةِ، وَأَوْصِهِ أَمَامَ أَعْيُنِهِمْ. ١٩ 19
उसे पुरोहित एलिएज़र तथा सारी सभा के सामने खड़ा करना और उन सबके सामने उसे नियुक्त करना.
وَٱجْعَلْ مِنْ هَيْبَتِكَ عَلَيْهِ لِكَيْ يَسْمَعَ لَهُ كُلُّ جَمَاعَةِ بَنِي إِسْرَائِيلَ، ٢٠ 20
अपने अधिकार का एक भाग तुम उस पर दे देना, कि इस्राएल के घराने की सारी सभा में उसके प्रति आज्ञाकारिता की भावना भर जाए.
فَيَقِفَ أَمَامَ أَلِعَازَارَ ٱلْكَاهِنِ فَيَسْأَلُ لَهُ بِقَضَاءِ ٱلْأُورِيمِ أَمَامَ ٱلرَّبِّ. حَسَبَ قَوْلِهِ يَخْرُجُونَ، وَحَسَبَ قَوْلِهِ يَدْخُلُونَ، هُوَ وَكُلُّ بَنِي إِسْرَائِيلَ مَعَهُ، كُلُّ ٱلْجَمَاعَةِ». ٢١ 21
इसके अलावा, वह पुरोहित एलिएज़र पर निर्भर रहेगा, कि एलिएज़र उरीम के द्वारा उसके लिए याहवेह की इच्छा मालूम किया करेगा. उसी के आदेश पर वे कूच करेंगे, उसी की आज्ञा पर वे प्रवेश कर सकेंगे, दोनों ही स्वयं वह तथा इस्राएली, अर्थात् सारी सभा.”
فَفَعَلَ مُوسَى كَمَا أَمَرَهُ ٱلرَّبُّ. أَخَذَ يَشُوعَ وَأَوْقَفَهُ قُدَّامَ أَلِعَازَارَ ٱلْكَاهِنِ وَقُدَّامَ كُلِّ ٱلْجَمَاعَةِ، ٢٢ 22
मोशेह ने याहवेह की आज्ञा का पूरा-पूरा पालन किया. उन्होंने यहोशू को अपने साथ ले जाकर पुरोहित एलिएज़र तथा सारी सभा के सामने खड़ा कर दिया.
وَوَضَعَ يَدَيْهِ عَلَيْهِ وَأَوْصَاهُ كَمَا تَكَلَّمَ ٱلرَّبُّ عَنْ يَدِ مُوسَى. ٢٣ 23
तब मोशेह ने योशुआ पर अपने हाथ रखे और उसे उत्तराधिकारी नियुक्त किया, ठीक जैसी आज्ञा उन्हें याहवेह से प्राप्‍त हुई थी.

< اَلْعَدَد 27 >