< اَلْعَدَد 25 >

وَأَقَامَ إِسْرَائِيلُ فِي شِطِّيمَ، وَٱبْتَدَأَ ٱلشَّعْبُ يَزْنُونَ مَعَ بَنَاتِ مُوآبَ. ١ 1
और इस्राईली शित्तीम में रहते थे, और लोगों ने मोआबी 'औरतों के साथ हरामकारी शुरू' कर दी।
فَدَعَوْنَ ٱلشَّعْبَ إِلَى ذَبَائِحِ آلِهَتِهِنَّ، فَأَكَلَ ٱلشَّعْبُ وَسَجَدُوا لِآلِهَتِهِنَّ. ٢ 2
क्यूँकि वह 'औरतें इन लोगों को अपने मा'बूदों की क़ुर्बानियों में आने की दावत देती थीं, और यह लोग जाकर खाते और उनके मा'बूदों को सिज्दा करते थे।
وَتَعَلَّقَ إِسْرَائِيلُ بِبَعْلِ فَغُورَ. فَحَمِيَ غَضَبُ ٱلرَّبِّ عَلَى إِسْرَائِيلَ. ٣ 3
यूँ इस्राईली बा'ल फ़ग़ूर की इबादत लगे। तब ख़ुदावन्द का क़हर बनी इस्राईल पर भड़का,
فَقَالَ ٱلرَّبُّ لِمُوسَى: «خُذْ جَمِيعَ رُؤُوسِ ٱلشَّعْبِ وَعَلِّقْهُمْ لِلرَّبِّ مُقَابِلَ ٱلشَّمْسِ، فَيَرْتَدَّ حُمُوُّ غَضَبِ ٱلرَّبِّ عَنْ إِسْرَائِيلَ». ٤ 4
और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा, “क़ौम के सब सरदारों को पकड़कर ख़ुदावन्द के सामने धूप में टाँग दे, ताकि ख़ुदावन्द का शदीद क़हर इस्राईल पर से टल जाए।”
فَقَالَ مُوسَى لِقُضَاةِ إِسْرَائِيلَ: «ٱقْتُلُوا كُلُّ وَاحِدٍ قَوْمَهُ ٱلْمُتَعَلِّقِينَ بِبَعْلِ فَغُورَ». ٥ 5
तब मूसा ने बनी — इस्राईल के हाकिमों से कहा, “तुम्हारे जो — जो आदमी बा'ल फ़गूर की इबादत करने लगे हैं उनको क़त्ल कर डालो।”
وَإِذَا رَجُلٌ مِنْ بَنِي إِسْرَائِيلَ جَاءَ وَقَدَّمَ إِلَى إِخْوَتِهِ ٱلْمِدْيَانِيَّةَ، أَمَامَ عَيْنَيْ مُوسَى وَأَعْيُنِ كُلِّ جَمَاعَةِ بَنِي إِسْرَائِيلَ، وَهُمْ بَاكُونَ لَدَى بَابِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ. ٦ 6
और जब बनी — इस्राईल की जमा'अत ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े पर रो रही थी, तो एक इस्राईली मूसा और तमाम लोगों की आँखों के सामने एक मिदियानी 'औरत को अपने साथ अपने भाइयों के पास ले आया।
فَلَمَّا رَأَى ذَلِكَ فِينْحَاسُ بْنُ أَلِعَازَارَ بْنِ هَارُونَ ٱلْكَاهِنِ، قَامَ مِنْ وَسَطِ ٱلْجَمَاعَةِ وَأَخَذَ رُمْحًا بِيَدِهِ، ٧ 7
जब फ़ीन्हास बिन इली'एलियाज़र बिन हारून काहिन ने यह देखा, तो उसने जमा'अत में से उठ हाथ में एक बर्छी ली,
وَدَخَلَ وَرَاءَ ٱلرَّجُلِ ٱلْإِسْرَائِيلِيِّ إِلَى ٱلْقُبَّةِ وَطَعَنَ كِلَيْهِمَا، ٱلرَّجُلَ ٱلْإِسْرَائِيلِيَّ وَٱلْمَرْأَةَ فِي بَطْنِهَا. فَٱمْتَنَعَ ٱلْوَبَأُ عَنْ بَنِي إِسْرَائِيلَ. ٨ 8
और उस मर्द के पीछे जाकर ख़ेमे के अन्दर घुसा और उस इस्राईली मर्द और उस 'औरत दोनों का पेट छेद दिया। तब बनी — इस्राईल में से वबा जाती रही।
وَكَانَ ٱلَّذِينَ مَاتُوا بِٱلْوَبَإِ أَرْبَعَةً وَعِشْرِينَ أَلْفًا. ٩ 9
और जितने इस वबा से मरे उनका शुमार चौबीस हज़ार था।
فَكَلَّمَ ٱلرَّبُّ مُوسَى قَائِلًا: ١٠ 10
और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि;
«فِينْحَاسُ بْنُ أَلِعَازَارَ بْنِ هَارُونَ ٱلْكَاهِنِ قَدْ رَدَّ سَخَطِي عَنْ بَنِي إِسْرَائِيلَ بِكَوْنِهِ غَارَ غَيْرَتِي فِي وَسَطِهِمْ حَتَّى لَمْ أُفْنِ بَنِي إِسْرَائِيلَ بِغَيْرَتِي. ١١ 11
“फ़ीन्हास बिन इली'एलियाज़र बिन हारून काहिन ने मेरे क़हर को बनी — इस्राईल पर से हटाया क्यूँकि उनके बीच उसे मेरे लिए ग़ैरत आई, इसीलिए मैंने बनी — इस्राईल को अपनी ग़ैरत के जोश में हलाक नहीं किया।
لِذَلِكَ قُلْ: هَأَنَذَا أُعْطِيهِ مِيثَاقِي مِيثَاقَ ٱلسَّلَامِ، ١٢ 12
इसलिए तू कह दे कि मैंने उससे अपना सुलह का 'अहद बाँधा,
فَيَكُونُ لَهُ وَلِنَسْلِهِ مِنْ بَعْدِهِ مِيثَاقَ كَهَنُوتٍ أَبَدِيٍّ، لِأَجْلِ أَنَّهُ غَارَ لِلهِ وَكَفَّرَ عَنْ بَنِي إِسْرَائِيلَ». ١٣ 13
और वह उसके लिए और उसके बाद उसकी नसल के लिए कहानत का 'दाइमी 'अहद होगा; क्यूँकि वह अपने ख़ुदा के लिए ग़ैरतमन्द हुआ और उसने बनी — इस्राईल के लिए कफ़्फ़ारा दिया।”
وَكَانَ ٱسْمُ ٱلرَّجُلِ ٱلْإِسْرَائِيلِيِّ ٱلْمَقْتُولِ ٱلَّذِي قُتِلَ مَعَ ٱلْمِدْيَانِيَّةِ، زِمْرِيَ بْنَ سَالُو، رَئِيسَ بَيْتِ أَبٍ مِنَ ٱلشِّمْعُونِيِّينَ. ١٤ 14
उस इस्राईली मर्द का नाम जो उस मिदियानी 'औरत के साथ मारा गया ज़िमरी था, जो सलू का बेटा और शमौन के क़बीले के एक आबाई ख़ान्दान का सरदार था।
وَٱسْمُ ٱلْمَرْأَةِ ٱلْمِدْيَانِيَّةِ ٱلْمَقْتُولَةِ كُزْبِيَ بِنْتَ صُورٍ، هُوَ رَئِيسُ قَبَائِلِ بَيْتِ أَبٍ فِي مِدْيَانَ. ١٥ 15
और जो मिदियानी 'औरत मारी गई उसका नाम कज़बी था, वह सूर की बेटी थी जो मिदियान में एक आबाई ख़ान्दान के लोगों का सरदार था।
ثُمَّ كَلَّمَ ٱلرَّبُّ مُوسَى قَائِلًا: ١٦ 16
और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि,
«ضَايِقُوا ٱلْمِدْيَانِيِّينَ وَٱضْرِبُوهُمْ، ١٧ 17
“मिदियानियों को सताना और उनको मारना,
لِأَنَّهُمْ ضَايَقُوكُمْ بِمَكَايِدِهِمِ ٱلَّتِي كَادُوكُمْ بِهَا فِي أَمْرِ فَغُورَ وَأَمْرِ كُزْبِي أُخْتِهِمْ بِنْتِ رَئِيسٍ لِمِدْيَانَ، ٱلَّتِي قُتِلَتْ يَوْمَ ٱلْوَبَإِ بِسَبَبِ فَغُورَ». ١٨ 18
क्यूँकि वह तुम को अपने धोखे के दाम में फँसाकर सताते हैं, जैसा फ़गूर के मु'आमिले में हुआ और कज़बी के मु'आमिले में भी हुआ।” जो मिदियान के सरदार की बेटी और मिदियानियों की बहन थी, और फ़गूर ही के मु'आमिले में वबा के दिन मारी गई।

< اَلْعَدَد 25 >