< اَلْعَدَد 18 >

وَقَالَ ٱلرَّبُّ لِهَارُونَ: «أَنْتَ وَبَنُوكَ وَبَيْتُ أَبِيكَ مَعَكَ تَحْمِلُونَ ذَنْبَ ٱلْمَقْدِسِ، وَأَنْتَ وَبَنُوكَ مَعَكَ تَحْمِلُونَ ذَنْبَ كَهَنُوتِكُمْ. ١ 1
और ख़ुदावन्द ने हारून से कहा कि, हैकल का बार — ए — गुनाह तुझ पर और तेरे बेटों और तेरे आबाई ख़ान्दान पर होगा, और तुम्हारी कहानत का बार — ए — गुनाह भी तुझ पर और तेरे बेटों पर होगा।
وَأَيْضًا إِخْوَتُكَ سِبْطُ لَاوِي، سِبْطُ أَبِيكَ، قَرِّبْهُمْ مَعَكَ فَيَقْتَرِنُوا بِكَ وَيُوازِرُوكَ، وَأَنْتَ وَبَنُوكَ قُدَّامَ خَيْمَةِ ٱلشَّهَادَةِ، ٢ 2
और तू लावी के क़बीले या'नी अपने बाप के क़बीले के लोगों को भी जो तेरे भाई हैं अपने साथ ले आया कर, ताकि वह तेरे साथ होकर तेरी ख़िदमत करें; लेकिन शहादत के ख़ेमे के आगे तू और तेरे बेटे ही आया करें।
فَيَحْفَظُونَ حِرَاسَتَكَ وَحِرَاسَةَ ٱلْخَيْمَةِ كُلِّهَا. وَلَكِنْ إِلَى أَمْتِعَةِ ٱلْقُدْسِ وَإِلَى ٱلْمَذْبَحِ لَا يَقْتَرِبُونَ، لِئَلَّا يَمُوتُوا هُمْ وَأَنْتُمْ جَمِيعًا. ٣ 3
वह तेरी ख़िदमत और सारे ख़ेमे की मुहाफ़िज़त करें; सिर्फ़ वह हैकल के बर्तनों और मज़बह के नज़दीक न जाएँ, ऐसा न हो कि वह भी और तुम भी हलाक हो जाओ।
يَقْتَرِنُونَ بِكَ وَيَحْفَظُونَ حِرَاسَةَ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ مَعَ كُلِّ خِدْمَةِ ٱلْخَيْمَةِ. وَٱلْأَجْنَبِيُّ لَا يَقْتَرِبْ إِلَيْكُمْ. ٤ 4
इसलिए वह तेरे साथ होकर ख़ेमा — ए — इजितमा'अ और ख़ेमे के इस्ते'माल की सब चीज़ों की मुहाफ़िज़त करें, और कोई ग़ैर शख़्स तुम्हारे नज़दीक न आने पाए।
بَلْ تَحْفَظُونَ أَنْتُمْ حِرَاسَةَ ٱلْقُدْسِ وَحِرَاسَةَ ٱلْمَذْبَحِ، لِكَيْ لَا يَكُونَ أَيْضًا سَخَطٌ عَلَى بَنِي إِسْرَائِيلَ. ٥ 5
और तुम हैकल और मज़बह की मुहाफ़िज़त करो ताकि आगे को फिर बनी इस्राईल पर क़हर नाज़िल न हो।
هَأَنَذَا قَدْ أَخَذْتُ إِخْوَتَكُمُ ٱللَّاوِيِّينَ مِنْ بَيْنِ بَنِي إِسْرَائِيلَ عَطِيَّةً لَكُمْ مُعْطَيْنَ لِلرَّبِّ، لِيَخْدِمُوا خِدْمَةَ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ. ٦ 6
और देखो, मैंने बनी लावी को जो तुम्हारे भाई हैं बनी — इस्राईल से अलग करके ख़ुदावन्द की ख़ातिर बख़्शिश के तौर पर तुम को सुपुर्द किया, ताकि वह ख़ेमा — ए — इजितमा'अ की ख़िदमत करें।
وَأَمَّا أَنْتَ وَبَنُوكَ مَعَكَ فَتَحْفَظُونَ كَهَنُوتَكُمْ مَعَ مَا لِلْمَذْبَحِ وَمَا هُوَ دَاخِلَ ٱلْحِجَابِ، وَتَخْدِمُونَ خِدْمَةً. عَطِيَّةً أَعْطَيْتُ كَهَنُوتَكُمْ. وَٱلْأَجْنَبِيُّ ٱلَّذِي يَقْتَرِبُ يُقْتَلُ». ٧ 7
लेकिन मज़बह की और पर्दे के अन्दर की ख़िदमत तेरे और तेरे बेटों के ज़िम्मे है; इसलिए उसके लिए तुम अपनी कहानत की हिफ़ाज़त करना, वहाँ तुम ही ख़िदमत किया करना, कहानत की ख़िदमत का शर्फ़ मैं तुम को बख़्शता हूँ और जो ग़ैर शख़्स नज़दीक आए वह जान से मारा जाए।
وَقَالَ ٱلرَّبُّ لِهَارُونَ: «وَهَأَنَذَا قَدْ أَعْطَيْتُكَ حِرَاسَةَ رَفَائِعِي، مَعَ جَمِيعِ أَقْدَاسِ بَنِي إِسْرَائِيلَ لَكَ أَعْطَيْتُهَا، حَقَّ ٱلْمَسْحَةِ وَلِبَنِيكَ فَرِيضَةً دَهْرِيَّةً. ٨ 8
फिर ख़ुदावन्द ने हारून से कहा, देख, मैंने बनी — इस्राईल की सब पाक चीज़ों में से उठाने की कुर्बानियाँ तुझे दे दीं; मैंने उनको तेरे मम्सूह होने का हक़ ठहराकर तुझे और तेरे बेटों को हमेशा के लिए दिया।
هَذَا يَكُونُ لَكَ مِنْ قُدْسِ ٱلْأَقْدَاسِ مِنَ ٱلنَّارِ، كُلُّ قَرَابِينِهِمْ مَعَ كُلِّ تَقْدِمَاتِهِمْ وَكُلِّ ذَبَائِحِ خَطَايَاهُمْ وَكُلِّ ذَبَائِحِ آثَامِهِمْ ٱلَّتِي يَرُدُّونَهَا لِي. قُدْسُ أَقْدَاسٍ هِيَ لَكَ وَلِبَنِيكَ. ٩ 9
सबसे पाक चीज़ों में से जो कुछ आग से बचाया जाए वह तेरा होगा; उनके सब चढ़ावे, या'नी नज़्र की क़ुर्बानी और ख़ता की क़ुर्बानी और जुर्म की क़ुर्बानी जिनको वह मेरे सामने गुजरानें, वह तेरे और तेरे बेटों के लिए बहुत पाक ठहरें।
فِي قُدْسِ ٱلْأَقْدَاسِ تَأْكُلُهَا. كُلُّ ذَكَرٍ يَأْكُلُهَا. قُدْسًا تَكُونُ لَكَ. ١٠ 10
और तू उनको बहुत पाक जान कर खाना; मर्द ही मर्द उनको खाएँ, वह तेरे लिए पाक हैं।
وَهَذِهِ لَكَ: ٱلرَّفِيعَةُ مِنْ عَطَايَاهُمْ مَعَ كُلِّ تَرْدِيدَاتِ بَنِي إِسْرَائِيلَ. لَكَ أَعْطَيْتُهَا وَلِبَنِيكَ وَبَنَاتِكَ مَعَكَ فَرِيضَةً دَهْرِيَّةً. كُلُّ طَاهِرٍ فِي بَيْتِكَ يَأْكُلُ مِنْهَا. ١١ 11
और अपने हदिये में से जो कुछ बनी — इस्राईल उठाने की क़ुर्बानी और हिलाने की क़ुर्बानी के तौर पर पेश करें वह भी तेरा ही हो, इनको मैं तुझ को और तेरे बेटे — बेटियों को हमेशा के हक़ के तौर पर देता हूँ; तेरे घराने में जितने पाक हैं वह उनको खाएँ।
كُلُّ دَسَمِ ٱلزَّيْتِ وَكُلُّ دَسَمِ ٱلْمِسْطَارِ وَٱلْحِنْطَةِ، أَبْكَارُهُنَّ ٱلَّتِي يُعْطُونَهَا لِلرَّبِّ، لَكَ أَعْطَيْتُهَا. ١٢ 12
अच्छे से अच्छा तेल और अच्छी से अच्छी मय और अच्छे से अच्छा गेहूँ, या'नी इन चीज़ों में से जो कुछ वह पहले फल के तौर पर ख़ुदावन्द के सामने पेश करें वह सब मैंने तुझे दिया।
أَبْكَارُ كُلِّ مَا فِي أَرْضِهِمِ ٱلَّتِي يُقَدِّمُونَهَا لِلرَّبِّ لَكَ تَكُونُ. كُلُّ طَاهِرٍ فِي بَيْتِكَ يَأْكُلُهَا. ١٣ 13
उनके मुल्क की सारी पैदावार के पहले पक्के फल, जिनको वह ख़ुदावन्द के सामने लाएँ तेरे होंगे; तेरे घराने में जितने पाक हैं वह उनको खाएँ।
كُلُّ مُحَرَّمٍ فِي إِسْرَائِيلَ يَكُونُ لَكَ. ١٤ 14
बनी — इस्राईल की हर एक मख़्सूस की हुई चीज़ तेरी होगी।
كُلُّ فَاتِحِ رَحِمٍ مِنْ كُلِّ جَسَدٍ يُقَدِّمُونَهُ لِلرَّبِّ، مِنَ ٱلنَّاسِ وَمِنَ ٱلْبَهَائِمِ، يَكُونُ لَكَ. غَيْرَ أَنَّكَ تَقْبَلُ فِدَاءَ بِكْرِ ٱلْإِنْسَانِ. وَبِكْرُ ٱلْبَهِيمَةِ ٱلنَّجِسَةِ تَقْبَلُ فِدَاءَهُ. ١٥ 15
उन जानदारों में से जिनको वह ख़ुदावन्द के सामने पेश करते हैं, जितने पहलौठी के बच्चे हैं चाहे वह इंसान के हों चाहे हैवान के वह सब तेरे होंगे; लेकिन इंसान के पहलौठों का फ़िदिया लेकर उनको ज़रूर छोड़ देना और नापाक जानवरों के पहलौठे भी फ़िदिये से छोड़ दिए जाएँ।
وَفِدَاؤُهُ مِنِ ٱبْنِ شَهْرٍ تَقْبَلُهُ حَسَبَ تَقْوِيمِكَ فِضَّةً، خَمْسَةَ شَوَاقِلَ عَلَى شَاقِلِ ٱلْقُدْسِ. هُوَ عِشْرُونَ جِيرَةً. ١٦ 16
और जिनका फ़िदिया दिया जाए वह जब एक महीने के हों, तो उनको अपनी ठहराई हुई क़ीमत के मुताबिक़ हैकल की मिस्क़ाल के हिसाब से जो बीस जीरे की होती है चाँदी की पाँच मिस्क़ाल लेकर छोड़ देना।
لَكِنْ بِكْرُ ٱلْبَقَرِ أَوْ بِكْرُ ٱلضَّأْنِ أَوْ بِكْرُ ٱلْمَعْزِ لَا تَقْبَلْ فِدَاءَهُ. إِنَّهُ قُدْسٌ. بَلْ تَرُشُّ دَمَهُ عَلَى ٱلْمَذْبَحِ، وَتُوقِدُ شَحْمَهُ وَقُودًا رَائِحَةَ سَرُورٍ لِلرَّبِّ. ١٧ 17
लेकिन गाय और भेड़ — बकरी के पहलौठों का फ़िदिया न लिया जाए, वह पाक हैं; तू उनका ख़ून मज़बह पर छिड़कना और उनकी चर्बी आतिशीन क़ुर्बानी के तौर पर जला देना, ताकि वह ख़ुदावन्द के सामने राहतअंगेज़ ख़ुशबू ठहरे।
وَلَحْمُهُ يَكُونُ لَكَ، كَصَدْرِ ٱلتَّرْدِيدِ وَٱلسَّاقِ ٱلْيُمْنَى يَكُونُ لَكَ. ١٨ 18
और उनका गोश्त तेरा होगा जिस तरह हिलाई हुई क़ुर्बानी का सीना और दहनी रान तेरे हैं।
جَمِيعُ رَفَائِعِ ٱلْأَقْدَاسِ ٱلَّتِي يَرْفَعُهَا بَنُو إِسْرَائِيلَ لِلرَّبِّ أَعْطَيْتُهَا لَكَ وَلِبَنِيكَ وَبَنَاتِكَ مَعَكَ حَقًّا دَهْرِيًّا. مِيثَاقَ مِلْحٍ دَهْرِيًّا أَمَامَ ٱلرَّبِّ لَكَ وَلِزَرْعِكَ مَعَكَ». ١٩ 19
जितनी पाक चीज़ें बनी — इस्राईल उठाने की क़ुर्बानी के तौर पर ख़ुदावन्द के सामने पेश करें, उन सभों को मैंने तुझे और तेरे बेटे — बेटियों को हमेशा के हक़ के तौर पर दिया; यह ख़ुदावन्द के सामने तेरे और तेरी नसल के लिए नमक का दाइमी 'अहद है।”
وَقَالَ ٱلرَّبُّ لِهَارُونَ: «لَا تَنَالُ نَصِيبًا فِي أَرْضِهِمْ، وَلَا يَكُونُ لَكَ قِسْمٌ فِي وَسَطِهِمْ. أَنَا قِسْمُكَ وَنَصِيبُكَ فِي وَسَطِ بَنِي إِسْرَائِيلَ. ٢٠ 20
और ख़ुदावन्द ने हारून से कहा, उनके मुल्क में तुझे कोई मीरास नहीं मिलेगी और न उनके बीच तेरा कोई हिस्सा होगा क्यूँकि बनी — इस्राईल में तेरा हिस्सा और तेरी मीरास मैं हूँ।
«وَأَمَّا بَنُو لَاوِي، فَإِنِّي قَدْ أَعْطَيْتُهُمْ كُلَّ عُشْرٍ فِي إِسْرَائِيلَ مِيرَاثًا عِوَضَ خِدْمَتَهِمْ ٱلَّتِي يَخْدِمُونَهَا، خِدْمَةِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ. ٢١ 21
'और बनी लावी को उस ख़िदमत के मु'आवज़े में जो वह ख़ेमा — ए — इजितमा'अ में करते हैं मैंने बनी इस्राईल की सारी दहेकी मौरूसी हिस्से के तौर पर दी।
فَلَا يَقْتَرِبُ أَيْضًا بَنُو إِسْرَائِيلَ إِلَى خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ لِيَحْمِلُوا خَطِيَّةً لِلْمَوْتِ، ٢٢ 22
और आगे को बनी — इस्राईल ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के नज़दीक हरगिज़ न आएँ, ऐसा न हो कि गुनाह उनके सिर लगे और वह मर जाएँ।
بَلِ ٱللَّاوِيُّونَ يَخْدِمُونَ خِدْمَةَ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ، وَهُمْ يَحْمِلُونَ ذَنْبَهُمْ فَرِيضَةً دَهْرِيَّةً فِي أَجْيَالِكُمْ. وَفِي وَسَطِ إِسْرَائِيلَ لَا يَنَالُونَ نَصِيبًا. ٢٣ 23
बल्कि बनी लावी ख़ेमा — ए — इजितमा'अ की ख़िदमत करें और वहीँ उनका बार — ए — गुनाह उठाएँ; तुम्हारी नसल — दर — नसल यह एक दाइमी क़ानून हो, और बनी इस्राईल के बीच उनको कोई मीरास न मिले।
إِنَّ عُشُورَ بَنِي إِسْرَائِيلَ ٱلَّتِي يَرْفَعُونَهَا لِلرَّبِّ رَفِيعَةً قَدْ أَعْطَيْتُهَا لِلَّاوِيِّينَ نَصِيبًا. لِذَلِكَ قُلْتُ لَهُمْ: فِي وَسَطِ بَنِي إِسْرَائِيلَ لَا يَنَالُونَ نَصِيبًا». ٢٤ 24
क्यूँकि मैंने बनी — इस्राईल की दहेकी को, जिसे वह उठाने की क़ुर्बानी के तौर पर ख़ुदावन्द के सामने पेश करेंगे उनका मौरूसी हिस्सा कर दिया है; इसी वजह से मैंने उनके हक़ में कहा है कि बनी — इस्राईल के बीच उनकी कोई मीरास न मिले।”
وَكَلَّمَ ٱلرَّبُّ مُوسَى قَائِلًا: ٢٥ 25
और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि,
«وَٱللَّاوِيُّونَ تُكَلِّمُهُمْ وَتَقُولُ لَهُمْ: مَتَى أَخَذْتُمْ مِنْ بَنِي إِسْرَائِيلَ ٱلْعُشْرَ ٱلَّذِي أَعْطَيْتُكُمْ إِيَّاهُ مِنْ عِنْدِهِمْ نَصِيبًا لَكُمْ، تَرْفَعُونَ مِنْهُ رَفِيعَةَ ٱلرَّبِّ: عُشْرًا مِنَ ٱلْعُشْرِ، ٢٦ 26
“तू लावियों से इतना कह देना कि जब तुम बनी — इस्राईल से उस दहेकी को लो जिसे मैंने उनकी तरफ़ से तुम्हारा मौरूसी हिस्सा कर दिया है, तो तुम उस दहेकी की दहेकी ख़ुदावन्द के सामने उठाने की क़ुर्बानी के लिए पेश करना।
فَيُحْسَبُ لَكُمْ. إِنَّهُ رَفِيعَتُكُمْ كَٱلْحِنْطَةِ مِنَ ٱلْبَيْدَرِ، وَكَالْمِلْءِ مِنَ ٱلْمِعْصَرَةِ. ٢٧ 27
और यह तुम्हारी उठाई हुई क़ुर्बानी तुम्हारी तरफ़ से ऐसी ही समझी जाएगी जैसे खलिहान का गल्ला और कोल्हू की मय समझी जाती है।
فَهَكَذَا تَرْفَعُونَ أَنْتُمْ أَيْضًا رَفِيعَةَ ٱلرَّبِّ مِنْ جَمِيعِ عُشُورِكُمُ ٱلَّتِي تَأْخُذُونَ مِنْ بَنِي إِسْرَائِيلَ. تُعْطُونَ مِنْهَا رَفِيعَةَ ٱلرَّبِّ لِهَارُونَ ٱلْكَاهِنِ. ٢٨ 28
इस तरीक़े से तुम भी अपनी सब दहेकियों में से जो तुम को बनी इस्राईल की तरफ़ से मिलेगी ख़ुदावन्द के सामने उठाने की क़ुर्बानी पेश करना, और ख़ुदावन्द की यह उठाई हुई क़ुर्बानी हारून काहिन को देना।
مِنْ جَمِيعِ عَطَايَاكُمْ تَرْفَعُونَ كُلَّ رَفِيعَةِ ٱلرَّبِّ مِنَ ٱلْكُلِّ، دَسَمَهُ ٱلْمُقَدَّسَ مِنْهُ. ٢٩ 29
जितने नज़राने तुम को मिलें उनमें से उनका अच्छे से अच्छा हिस्सा, जो पाक किया गया है और ख़ुदावन्द का है, तुम उठाने की क़ुर्बानी के तौर पर पेश करना।
وَتَقُولُ لَهُمْ: حِينَ تَرْفَعُونَ دَسَمَهُ مِنْهُ يُحْسَبُ لِلَّاوِيِّينَ كَمَحْصُولِ ٱلْبَيْدَرِ وَكَمَحْصُولِ ٱلْمِعْصَرَةِ. ٣٠ 30
इसलिए तू उनसे कह देना कि जब तुम इनमें से उनका अच्छे से अच्छा हिस्सा उठाने की क़ुर्बानी के तौर पर पेश करोगे, तो वह लावियों के हक़ में खलिहान के भरे गल्ले और कोल्हू की भरी मय के बराबर का हिसाब होगा।
وَتَأْكُلُونَهُ فِي كُلِّ مَكَانٍ أَنْتُمْ وَبُيُوتُكُمْ، لِأَنَّهُ أُجْرَةٌ لَكُمْ عِوَضَ خِدْمَتِكُمْ فِي خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ. ٣١ 31
और इनको तुम अपने घरानों के साथ हर जगह खा सकते हो, क्यूँकि यह उस ख़िदमत के बदले तुम्हारा मजदूरी है जो तुम ख़ेमा — ए — इजितमा'अ में करोगे।
وَلَا تَتَحَمَّلُونَ بِسَبَبِهِ خَطِيَّةً إِذَا رَفَعْتُمْ دَسَمَهُ مِنْهُ. وَأَمَّا أَقْدَاسُ بَنِي إِسْرَائِيلَ فَلَا تُدَنِّسُوهَا لِئَلَّا تَمُوتُوا». ٣٢ 32
और जब तुम उसमें से अच्छे से अच्छा हिस्सा उठाने की क़ुर्बानी के तौर पर पेश करोगे, तो तुम उसकी वजह से गुनाहगार न ठहरोगे; और ख़बरदार बनी इस्राईल की पाक चीज़ों को नापाक न करना ताकि तुम हलाक न हो।”

< اَلْعَدَد 18 >