< مِيخَا 3 >

وَقُلْتُ: «ٱسْمَعُوا يَا رُؤَسَاءَ يَعْقُوبَ، وَقُضَاةَ بَيْتِ إِسْرَائِيلَ. أَلَيْسَ لَكُمْ أَنْ تَعْرِفُوا ٱلْحَقَّ؟ ١ 1
और मैंने कहा: ऐ या'क़ूब के सरदारों और बनी — इस्राईल के हाकिमों, सुनो। क्या मुनासिब नहीं कि तुम 'अदालत से वाक़िफ़ हो?
ٱلْمُبْغِضِينَ ٱلْخَيْرَ وَٱلْمُحِبِّينَ ٱلشَّرَّ، ٱلنَّازِعِينَ جُلُودَهُمْ عَنْهُمْ، وَلَحْمَهُمْ عَنْ عِظَامِهِمْ. ٢ 2
तुम नेकी से दुश्मनी और बुराई से मुहब्बत रखते हो; और लोगों की खाल उतारते, और उनकी हड्डियों पर से गोश्त नोचते हो।
وَٱلَّذِينَ يَأْكُلُونَ لَحْمَ شَعْبِي، وَيَكْشُطُونَ جِلْدَهُمْ عَنْهُمْ، وَيُهَشِّمُونَ عِظَامَهُمْ، وَيُشَقِّقُونَ كَمَا فِي ٱلْقِدْرِ، وَكَٱللَّحْمِ فِي وَسَطِ ٱلْمِقْلَى». ٣ 3
और मेरे लोगों का गोश्त खाते हो, और उनकी खाल उतारते, और उनकी हड्डियों को तोड़ते और उनको टुकड़े — टुकड़े करते हो; जैसे वह हाँडी और देग़ के लिए गोश्त हैं।
حِينَئِذٍ يَصْرُخُونَ إِلَى ٱلرَّبِّ فَلَا يُجِيبُهُمْ، بَلْ يَسْتُرُ وَجْهَهُ عَنْهُمْ فِي ذَلِكَ ٱلْوَقْتِ كَمَا أَسَاءُوا أَعْمَالَهُمْ. ٤ 4
तब वह ख़ुदावन्द को पुकारेंगे, लेकिन वह उनकी न सुनेगा; हाँ, वह उस वक़्त उनसे मुँह फेर लेगा क्यूँकि उनके 'आमाल बुरे हैं।
هَكَذَا قَالَ ٱلرَّبُّ عَلَى ٱلْأَنْبِيَاءِ ٱلَّذِينَ يُضِلُّونَ شَعْبِي، ٱلَّذِينَ يَنْهَشُونَ بِأَسْنَانِهِمْ، وَيُنَادُونَ: «سَلَامٌ»! وَٱلَّذِي لَا يَجْعَلُ فِي أَفْوَاهِهِمْ شَيْئًا، يَفْتَحُونَ عَلَيْهِ حَرْبًا: ٥ 5
उन नबियों के हक़ में जो मेरे लोगों को गुमराह करते हैं, जो लुक़्मा पाकर 'सलामती सलामती पुकारते हैं, लेकिन अगर कोई खाने को न दे तो उससे लड़ने को तैयार होते है, ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है।
«لِذَلِكَ تَكُونُ لَكُمْ لَيْلَةٌ بِلَا رُؤْيَا. ظَلَامٌ لَكُمْ بِدُونِ عِرَافَةٍ. وَتَغِيبُ ٱلشَّمْسُ عَنِ ٱلْأَنْبِيَاءِ، وَيُظْلِمُ عَلَيْهِمِ ٱلنَّهَارُ. ٦ 6
“कि अब तुम पर रात हो जाएगी, जिसमें ख्व़ाब न देखोगे और तुम पर तारीकी छा जाएगी; और ग़ैबबीनी न कर सकोगे, और नबियों पर आफ़ताब ग़ुरूब होगा, और उनके लिए दिन अँधेरा हो जाएगा।
فَيَخْزَى ٱلرَّاؤُونَ، وَيَخْجَلُ ٱلْعَرَّافُونَ، وَيُغَطُّونَ كُلُّهُمْ شَوَارِبَهُمْ، لِأَنَّهُ لَيْسَ جَوَابٌ مِنَ ٱللهِ». ٧ 7
तब ग़ैबबीन पशेमान और फ़ालगीर शर्मिन्दा होंगे, बल्कि सब लोग मुँह पर हाथ रख्खेंगे, क्यूँकि ख़ुदा की तरफ़ से कुछ जवाब न होगा।
لَكِنَّنِي أَنَا مَلْآنٌ قُوَّةَ رُوحِ ٱلرَّبِّ وَحَقًّا وَبَأْسًا، لِأُخَبِّرَ يَعْقُوبَ بِذَنْبِهِ وَإِسْرَائِيلَ بِخَطِيَّتِهِ. ٨ 8
लेकिन मैं ख़ुदावन्द की रूह के ज़रिए' क़ुव्वत — ओ — 'अदालत — ओ — दिलेरी से मा'मूर हूँ, ताकि या'क़ूब को उसका गुनाह और इस्राईल को उसकी ख़ता जताऊँ।
اِسْمَعُوا هَذَا يَا رُؤَسَاءَ بَيْتِ يَعْقُوبَ وَقُضَاةَ بَيْتِ إِسْرَائِيلَ، ٱلَّذِينَ يَكْرَهُونَ ٱلْحَقَّ وَيُعَوِّجُونَ كُلَّ مُسْتَقِيمٍ. ٩ 9
ऐ बनी या'क़ूब के सरदारों, और ऐ बनी — इस्राईल के हाकिमों, जो 'अदालत से 'अदावत रखते हो, और सारी रास्ती को मरोड़ते हो, इस बात को सुनो।
ٱلَّذِينَ يَبْنُونَ صِهْيَوْنَ بِٱلدِّمَاءِ، وَأُورُشَلِيمَ بِٱلظُّلْمِ. ١٠ 10
तुम जो सिय्यून को ख़ूँरेज़ी से और येरूशलेम को बेइन्साफ़ी से ता'मीर करते हो।
رُؤَسَاؤُهَا يَقْضُونَ بِٱلرَّشْوَةِ، وَكَهَنَتُهَا يُعَلِّمُونَ بِٱلْأُجْرَةِ، وَأَنْبِيَاؤُهَا يَعْرِفُونَ بِٱلْفِضَّةِ، وَهُمْ يَتَوَكَّلُونَ عَلَى ٱلرَّبِّ قَائِلِينَ: «أَلَيْسَ ٱلرَّبُّ فِي وَسَطِنَا؟ لَا يَأْتِي عَلَيْنَا شَرٌّ!». ١١ 11
उसके सरदार रिश्वत लेकर 'अदालत करते हैं, और उसके काहिन मज़दूरी लेकर ता'लीम देते हैं, और उसके नबी रुपया लेकर फ़ालगीरी करते हैं; तोभी वह ख़ुदावन्द पर भरोसा करते हैं और कहते हैं, क्या ख़ुदावन्द हमारे बीच नहीं? इसलिए हम पर कोई बला न आएगी।”
لِذَلِكَ بِسَبَبِكُمْ تُفْلَحُ صِهْيَوْنُ كَحَقْلٍ، وَتَصِيرُ أُورُشَلِيمُ خِرَبًا، وَجَبَلُ ٱلْبَيْتِ شَوَامِخَ وَعْرٍ. ١٢ 12
इसलिए सिय्यून तुम्हारी ही वजह से खेत की तरह जोता जाएगा; येरूशलेम खण्डरों का ढेर हो जाएगा, और इस खुदा के घर का पहाड़ जंगल की ऊँची जगहों की तरह होगा।

< مِيخَا 3 >