< مَتَّى 28 >

وَبَعْدَ ٱلسَّبْتِ، عِنْدَ فَجْرِ أَوَّلِ ٱلْأُسْبُوعِ، جَاءَتْ مَرْيَمُ ٱلْمَجْدَلِيَّةُ وَمَرْيَمُ ٱلْأُخْرَى لِتَنْظُرَا ٱلْقَبْرَ. ١ 1
सबत के बाद हफ़्ते के पहले दिन धूप निकलते वक़्त मरियम मग़दलिनी और दूसरी मरियम क़ब्र को देखने आईं।
وَإِذَا زَلْزَلَةٌ عَظِيمَةٌ حَدَثَتْ، لِأَنَّ مَلَاكَ ٱلرَّبِّ نَزَلَ مِنَ ٱلسَّمَاءِ وَجَاءَ وَدَحْرَجَ ٱلْحَجَرَ عَنِ ٱلْبَابِ، وَجَلَسَ عَلَيْهِ. ٢ 2
और देखो, एक बड़ा भुन्चाल आया क्यूँकि ख़ुदा का फ़रिश्ता आसमान से उतरा और पास आकर पत्थर को लुढ़का दिया; और उस पर बैठ गया।
وَكَانَ مَنْظَرُهُ كَٱلْبَرْقِ، وَلِبَاسُهُ أَبْيَضَ كَٱلثَّلْجِ. ٣ 3
उसकी सूरत बिजली की तरह थी, और उसकी पोशाक बर्फ़ की तरह सफ़ेद थी।
فَمِنْ خَوْفِهِ ٱرْتَعَدَ ٱلْحُرَّاسُ وَصَارُوا كَأَمْوَاتٍ. ٤ 4
और उसके डर से निगहबान काँप उठे, और मुर्दा से हो गए।
فَأَجَابَ ٱلْمَلَاكُ وَقَالَ لِلْمَرْأَتَيْنِ: «لَا تَخَافَا أَنْتُمَا، فَإِنِّي أَعْلَمُ أَنَّكُمَا تَطْلُبَانِ يَسُوعَ ٱلْمَصْلُوبَ. ٥ 5
फ़रिश्ते ने औरतों से कहा, “तुम न डरो। क्यूँकि मैं जानता हूँ कि तुम ईसा को ढूँड रही हो जो मस्लूब हुआ था।
لَيْسَ هُوَ هَهُنَا، لِأَنَّهُ قَامَ كَمَا قَالَ! هَلُمَّا ٱنْظُرَا ٱلْمَوْضِعَ ٱلَّذِي كَانَ ٱلرَّبُّ مُضْطَجِعًا فِيهِ. ٦ 6
वो यहाँ नहीं है, क्यूँकि अपने कहने के मुताबिक़ जी उठा है; आओ ये जगह देखो जहाँ ख़ुदावन्द पड़ा था।
وَٱذْهَبَا سَرِيعًا قُولَا لِتَلَامِيذِهِ: إِنَّهُ قَدْ قَامَ مِنَ ٱلْأَمْوَاتِ. هَا هُوَ يَسْبِقُكُمْ إِلَى ٱلْجَلِيلِ. هُنَاكَ تَرَوْنَهُ. هَا أَنَا قَدْ قُلْتُ لَكُمَا». ٧ 7
और जल्दी जा कर उस के शागिर्दों से कहो वो मुर्दों में से जी उठा है, और देखो; वो तुम से पहले गलील को जाता है वहाँ तुम उसे देखोगे, देखो मैंने तुम से कह दिया है।”
فَخَرَجَتَا سَرِيعًا مِنَ ٱلْقَبْرِ بِخَوْفٍ وَفَرَحٍ عَظِيمٍ، رَاكِضَتَيْنِ لِتُخْبِرَا تَلَامِيذَهُ. ٨ 8
और वो ख़ौफ़ और बड़ी ख़ुशी के साथ क़ब्र से जल्द रवाना होकर उसके शागिर्दों को ख़बर देने दौड़ीं।
وَفِيمَا هُمَا مُنْطَلِقَتَانِ لِتُخْبِرَا تَلَامِيذَهُ إِذَا يَسُوعُ لَاقَاهُمَا وَقَالَ: «سَلَامٌ لَكُمَا». فَتَقَدَّمَتَا وَأَمْسَكَتَا بِقَدَمَيْهِ وَسَجَدَتَا لَهُ. ٩ 9
और देखो ईसा उन से मिला, और उस ने कहा, “सलाम।” उन्होंने पास आकर उसके क़दम पकड़े और उसे सज्दा किया।
فَقَالَ لَهُمَا يَسُوعُ: «لَا تَخَافَا. اِذْهَبَا قُولَا لِإِخْوَتِي أَنْ يَذْهَبُوا إِلَى ٱلْجَلِيلِ، وَهُنَاكَ يَرَوْنَنِي». ١٠ 10
इस पर ईसा ने उन से कहा, “डरो नहीं। जाओ, मेरे भाइयों से कहो कि गलील को चले जाएँ, वहाँ मुझे देखेंगे।”
وَفِيمَا هُمَا ذَاهِبَتَانِ إِذَا قَوْمٌ مِنَ ٱلْحُرَّاسِ جَاءُوا إِلَى ٱلْمَدِينَةِ وَأَخْبَرُوا رُؤَسَاءَ ٱلْكَهَنَةِ بِكُلِّ مَا كَانَ. ١١ 11
जब वो जा रही थीं, तो देखो; पहरेदारों में से कुछ ने शहर में आकर तमाम माजरा सरदार काहिनों से बयान किया।
فَٱجْتَمَعُوا مَعَ ٱلشُّيُوخِ، وَتَشَاوَرُوا، وَأَعْطَوْا ٱلْعَسْكَرَ فِضَّةً كَثِيرَةً ١٢ 12
और उन्होंने बुज़ुर्गों के साथ जमा होकर मशवरा किया और सिपाहियों को बहुत सा रुपऐ दे कर कहा,
قَائِلِينَ: «قُولُوا إِنَّ تَلَامِيذَهُ أَتَوْا لَيْلًا وَسَرَقُوهُ وَنَحْنُ نِيَامٌ. ١٣ 13
“ये कह देना, कि रात को जब हम सो रहे थे उसके शागिर्द आकर उसे चुरा ले गए।
وَإِذَا سُمِعَ ذَلِكَ عِنْدَ ٱلْوَالِي فَنَحْنُ نَسْتَعْطِفُهُ، وَنَجْعَلُكُمْ مُطْمَئِنِّينَ». ١٤ 14
अगर ये बात हाकिम के कान तक पहुँची तो हम उसे समझाकर तुम को ख़तरे से बचा लेंगे”
فَأَخَذُوا ٱلْفِضَّةَ وَفَعَلُوا كَمَا عَلَّمُوهُمْ، فَشَاعَ هَذَا ٱلْقَوْلُ عِنْدَ ٱلْيَهُودِ إِلَى هَذَا ٱلْيَوْمِ. ١٥ 15
पस उन्होंने रुपऐ लेकर जैसा सिखाया गया था, वैसा ही किया; और ये बात यहूदियों में मशहूर है।
وَأَمَّا ٱلْأَحَدَ عَشَرَ تِلْمِيذًا فَٱنْطَلَقُوا إِلَى ٱلْجَلِيلِ إِلَى ٱلْجَبَلِ، حَيْثُ أَمَرَهُمْ يَسُوعُ. ١٦ 16
और ग्यारह शागिर्द गलील के उस पहाड़ पर गए, जो ईसा ने उनके लिए मुक़र्रर किया था।
وَلَمَّا رَأَوْهُ سَجَدُوا لَهُ، وَلَكِنَّ بَعْضَهُمْ شَكُّوا. ١٧ 17
उन्होंने उसे देख कर सज्दा किया, मगर कुछ ने शक किया।
فَتَقَدَّمَ يَسُوعُ وَكَلَّمَهُمْ قَائِلًا: «دُفِعَ إِلَيَّ كُلُّ سُلْطَانٍ فِي ٱلسَّمَاءِ وَعَلَى ٱلْأَرْضِ، ١٨ 18
ईसा ने पास आ कर उन से बातें की और कहा “आस्मान और ज़मीन का कुल इख़्तियार मुझे दे दिया गया है।
فَٱذْهَبُوا وَتَلْمِذُوا جَمِيعَ ٱلْأُمَمِ وَعَمِّدُوهُمْ بِٱسْمِ ٱلْآبِ وَٱلِٱبْنِ وَٱلرُّوحِ ٱلْقُدُسِ. ١٩ 19
पस तुम जा कर सब क़ौमों को शागिर्द बनाओ और उन को बाप और बेटे और रूह — उल — क़ुद्दूस के नाम से बपतिस्मा दो।
وَعَلِّمُوهُمْ أَنْ يَحْفَظُوا جَمِيعَ مَا أَوْصَيْتُكُمْ بِهِ. وَهَا أَنَا مَعَكُمْ كُلَّ ٱلْأَيَّامِ إِلَى ٱنْقِضَاءِ ٱلدَّهْرِ». آمِينَ. (aiōn g165) ٢٠ 20
और उन को ये ता'लीम दो, कि उन सब बातों पर अमल करें जिनका मैंने तुम को हुक्म दिया; और देखो, मैं दुनिया के आख़िर तक हमेशा तुम्हारे साथ हूँ।” (aiōn g165)

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