< مَتَّى 13 >
فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ خَرَجَ يَسُوعُ مِنَ ٱلْبَيْتِ وَجَلَسَ عِنْدَ ٱلْبَحْرِ، | ١ 1 |
तीहयात दाड़े ईसु घोर मे गेथो नीकळीन दर्या धेड़े जीन बह ज्यो।
فَٱجْتَمَعَ إِلَيْهِ جُمُوعٌ كَثِيرَةٌ، حَتَّى إِنَّهُ دَخَلَ ٱلسَّفِينَةَ وَجَلَسَ. وَٱلْجَمْعُ كُلُّهُ وَقَفَ عَلَى ٱلشَّاطِئِ. | ٢ 2 |
अने दर्या धेड़े ईसुन्तां घणा ढेरका माणहु आय लाग्या अने तीहयो ढुंड्या पोर चड़ीन बह ज्यो, अने आखा माणहु दर्या धेड़े उबा हय ज्या।
فَكَلَّمَهُمْ كَثِيرًا بِأَمْثَالٍ قَائِلًا: «هُوَذَا ٱلزَّارِعُ قَدْ خَرَجَ لِيَزْرَعَ، | ٣ 3 |
तीहयो दाखला ना लारे तीमने वात ह़ीकाड़्यो। अने तीहयो एक दाखलो केदो, “ह़मळो! कानो कीरसाण बीज वाव्वा ज्यो।
وَفِيمَا هُوَ يَزْرَعُ سَقَطَ بَعْضٌ عَلَى ٱلطَّرِيقِ، فَجَاءَتِ ٱلطُّيُورُ وَأَكَلَتْهُ. | ٤ 4 |
वाव्ता-वाव्ता मे थोड़ाक बीज वाट धेड़े पड़्या, अने चड़ा आवीन तीने खाय ज्या।
وَسَقَطَ آخَرُ عَلَى ٱلْأَمَاكِنِ ٱلْمُحْجِرَةِ، حَيْثُ لَمْ تَكُنْ لَهُ تُرْبَةٌ كَثِيرَةٌ، فَنَبَتَ حَالًا إِذْ لَمْ يَكُنْ لَهُ عُمْقُ أَرْضٍ. | ٥ 5 |
थोड़ाक बीजड़ा चाफर्या वाळा जागा मे पड़्या तां उतळो कादो हतो; एतरे तीहया छोटा उगी आया; अने मुळ्या उन्डे नी ज्या।
وَلَكِنْ لَمَّا أَشْرَقَتِ ٱلشَّمْسُ ٱحْتَرَقَ، وَإِذْ لَمْ يَكُنْ لَهُ أَصْلٌ جَفَّ. | ٦ 6 |
एतरे दाहड़ु उगीन तोप लाग्यो ता तीहयु धान चीमाय्न ह़ुक ज्यु।
وَسَقَطَ آخَرُ عَلَى ٱلشَّوْكِ، فَطَلَعَ ٱلشَّوْكُ وَخَنَقَهُ. | ٧ 7 |
थोड़ाक बीज काटा वाळा झाटवा मे पड़्या, अने उग्या पण कटाळ्ळा झाटवा तीहया रोपा ने डाब देदा।
وَسَقَطَ آخَرُ عَلَى ٱلْأَرْضِ ٱلْجَيِّدَةِ فَأَعْطَى ثَمَرًا، بَعْضٌ مِئَةً وَآخَرُ سِتِّينَ وَآخَرُ ثَلَاثِينَ. | ٨ 8 |
थोड़ाक बीजड़ा वारली जागा मे पड़्या अने उगीन मोटा हय्न काना ह़ोव गुणा, अने काना साट गुणा, अने काना तीस गुणा फोळ लाया।”
مَنْ لَهُ أُذُنَانِ لِلسَّمْعِ، فَلْيَسْمَعْ». | ٩ 9 |
जीनी पांह ह़मळवा ना कान्टा हय तीहयो ह़मळ लेय।
فَتَقَدَّمَ ٱلتَّلَامِيذُ وَقَالُوا لَهُ: «لِمَاذَا تُكَلِّمُهُمْ بِأَمْثَالٍ؟». | ١٠ 10 |
ईसुन ना चेला ह़ाते आवीन तीने केदा, “तु काहा माणहु ने दाखला मे ह़ीकापण आपे?”
فَأَجَابَ وَقَالَ لَهُمْ: «لِأَنَّهُ قَدْ أُعْطِيَ لَكُمْ أَنْ تَعْرِفُوا أَسْرَارَ مَلَكُوتِ ٱلسَّمَاوَاتِ، وَأَمَّا لِأُولَئِكَ فَلَمْ يُعْطَ. | ١١ 11 |
ईसु तीमने जपाप आप्यो, “मे आनीन करीन दाखला मे देखाड़ु काहाके ह़रग राज ना बारा मे जाणवा नी ह़मज तमने भगवान आपलो से, पण हीय्या माणहु ने नी आप्यो।
فَإِنَّ مَنْ لَهُ سَيُعْطَى وَيُزَادُ، وَأَمَّا مَنْ لَيْسَ لَهُ فَٱلَّذِي عِنْدَهُ سَيُؤْخَذُ مِنْهُ. | ١٢ 12 |
काहाके जीनी पांह थोड़ीक आप्ली अक्कल से, तीनेत अळी आपहे अने तीना पांह ढेरेत अक्कल हय जहे। पण जीनी पांह कंय बी नी हय, तीनी पांह गेथी तीहयी अक्कल बी मांग लेहे।”
مِنْ أَجْلِ هَذَا أُكَلِّمُهُمْ بِأَمْثَالٍ، لِأَنَّهُمْ مُبْصِرِينَ لَا يُبْصِرُونَ، وَسَامِعِينَ لَا يَسْمَعُونَ وَلَا يَفْهَمُونَ. | ١٣ 13 |
मे तीमने दाखला मे ह़ीकाड़ु काहाके हीय्या देखता जीन बी नी देखे, अने ह़मळता जीन बी नी ह़मळे अने नी ह़मजे।
فَقَدْ تَمَّتْ فِيهِمْ نُبُوَّةُ إِشَعْيَاءَ ٱلْقَائِلَةُ: تَسْمَعُونَ سَمْعًا وَلَا تَفْهَمُونَ، وَمُبْصِرِينَ تُبْصِرُونَ وَلَا تَنْظُرُونَ. | ١٤ 14 |
यसायो आहयी बी वात भगवान वगे गेथी केदलो हतो, तीहयी वात तीहया माणहु मे तेम ने तेम पुरी हय री: तमु ह़मळह़ु, अने ह़मळ्यात करहु, पण तमने थोड़ीक बी नी ह़मजाये; अने तमु देखहु, पण तमने पल्ले नी पड़े।
لِأَنَّ قَلْبَ هَذَا ٱلشَّعْبِ قَدْ غَلُظَ، وَآذَانَهُمْ قَدْ ثَقُلَ سَمَاعُهَا. وَغَمَّضُوا عُيُونَهُمْ، لِئَلَّا يُبْصِرُوا بِعُيُونِهِمْ، وَيَسْمَعُوا بِآذَانِهِمْ، وَيَفْهَمُوا بِقُلُوبِهِمْ، وَيَرْجِعُوا فَأَشْفِيَهُمْ. | ١٥ 15 |
काहाके आहया आह़फाम नु मन काठु कर लेदला से। आहया मन बेरा हय जेला से। अने आहया आह़फाम ना डोळा मीच लेदला से। आहया ईनीन करते आसम कर्या काहाके ईमने कंय बी नी देखायवा जोवे, अने ईमने कंय बी नी ह़मळाव्वा जोवे, अने ईमना मन ने कंय बी पल्ले नी पड़वा जोवे, अने कदी मारी भणी नी वळवा जोवे, काहाके मे ईमनो छुटकारो कर देही।
وَلَكِنْ طُوبَى لِعُيُونِكُمْ لِأَنَّهَا تُبْصِرُ، وَلِآذَانِكُمْ لِأَنَّهَا تَسْمَعُ. | ١٦ 16 |
पण जुगाळा से तमारा डोळा, काहाके हीय्या देखे, अने जुगाळा से तमारा कान्टा, काहाके हीय्या ह़मळे!
فَإِنِّي ٱلْحَقَّ أَقُولُ لَكُمْ: إِنَّ أَنْبِيَاءَ وَأَبْرَارًا كَثِيرِينَ ٱشْتَهَوْا أَنْ يَرَوْا مَا أَنْتُمْ تَرَوْنَ وَلَمْ يَرَوْا، وَأَنْ يَسْمَعُوا مَا أَنْتُمْ تَسْمَعُونَ وَلَمْ يَسْمَعُوا. | ١٧ 17 |
मे तमने ह़ाचलीन केम, के ढेरेत भगवान वगे गेथी वात केण्या माणहु अने नीयाव करन्या हेर कर्या के, जे वात तमु देखो, देख्या पण नी देखाय; अने जे वात तमु ह़मळो, ह़मळ्या, पण नी ह़मळ्या।
«فَٱسْمَعُوا أَنْتُمْ مَثَلَ ٱلزَّارِعِ: | ١٨ 18 |
हाव तमु कीरसाण ना दाखला नो मतलब ह़मजो:
كُلُّ مَنْ يَسْمَعُ كَلِمَةَ ٱلْمَلَكُوتِ وَلَا يَفْهَمُ، فَيَأْتِي ٱلشِّرِّيرُ وَيَخْطَفُ مَا قَدْ زُرِعَ فِي قَلْبِهِ. هَذَا هُوَ ٱلْمَزْرُوعُ عَلَى ٱلطَّرِيقِ. | ١٩ 19 |
बीज वाव्वा नी टेमे जे बीज वाट धेड़े पड़्या, तीहया आहयी सेलाणी देखाड़े के कदीम कोय भगवान ना राज ना बोल ह़मळे, बाखीन ह़मजे नी, ता तीना मन मे जे वेरायलु से, तीने कुहर्यो भुतड़ो आवीन लीत्ती रेय।
وَٱلْمَزْرُوعُ عَلَى ٱلْأَمَاكِنِ ٱلْمُحْجِرَةِ هُوَ ٱلَّذِي يَسْمَعُ ٱلْكَلِمَةَ، وَحَالًا يَقْبَلُهَا بِفَرَحٍ، | ٢٠ 20 |
चाफर्या वाळी जागा मे वाळा बीज तीहया माणेह नी सेलाणी से: तीहयो भगवान नो बोल ह़मळतेत खुस हय्न मानीन आवरे;
وَلَكِنْ لَيْسَ لَهُ أَصْلٌ فِي ذَاتِهِ، بَلْ هُوَ إِلَى حِينٍ. فَإِذَا حَدَثَ ضِيقٌ أَوِ ٱضْطِهَادٌ مِنْ أَجْلِ ٱلْكَلِمَةِ فَحَالًا يَعْثُرُ. | ٢١ 21 |
पण तीनी मे मुळ्या उंडा नी हयवा सी तीहयो थोड़ाक दाड़ा लग भरहो करे, पण भगवान ना बोल नी लेदे तीनी पोर दुख अने वेला आय पड़े, ता तीहयो तत्यारुत भरहो सोड़ देय।
وَٱلْمَزْرُوعُ بَيْنَ ٱلشَّوْكِ هُوَ ٱلَّذِي يَسْمَعُ ٱلْكَلِمَةَ، وَهَمُّ هَذَا ٱلْعَالَمِ وَغُرُورُ ٱلْغِنَى يَخْنُقَانِ ٱلْكَلِمَةَ فَيَصِيرُ بِلَا ثَمَرٍ. (aiōn ) | ٢٢ 22 |
जे बीज झाटवा वाळी जागा मे पड़्यु तीहयु ते माणेह नी सेलाणी से, जे भगवान ना बोलु ह़मळे ते खरो, पण तीने कळी मे वाळी जीवाय्न नी फीकर अने धन नी लालच भगवान ना बोलु ने पाळीन चालवा नी देय, अने तीहयो जीवाय्न फोळ नी लावे। (aiōn )
وَأَمَّا ٱلْمَزْرُوعُ عَلَى ٱلْأَرْضِ ٱلْجَيِّدَةِ فَهُوَ ٱلَّذِي يَسْمَعُ ٱلْكَلِمَةَ وَيَفْهَمُ. وَهُوَ ٱلَّذِي يَأْتِي بِثَمَرٍ، فَيَصْنَعُ بَعْضٌ مِئَةً وَآخَرُ سِتِّينَ وَآخَرُ ثَلَاثِينَ». | ٢٣ 23 |
वारली जागा मे पड़लु बीज तीहया माणेह नी सेलाणी से: जे भगवान ना बोलु ह़मळे, अने ह़मजे, अने फोळ लावे। कानो ह़ोव गुणा फोळ लावे, कानो साट गुणा फोळ लावे, अने कानो तीस गुणा फोळ लावे।
قَدَّمَ لَهُمْ مَثَلًا آخَرَ قَائِلًا: «يُشْبِهُ مَلَكُوتُ ٱلسَّمَاوَاتِ إِنْسَانًا زَرَعَ زَرْعًا جَيِّدًا فِي حَقْلِهِ. | ٢٤ 24 |
ईसु तीमनी अगळ एक अळी दाखलो केदो, “ह़रग नु राज तीहया माणेह नु ह़रकु से, जे आह़फा ना खेतर मे वारलु बीज वेर्यो।
وَفِيمَا ٱلنَّاسُ نِيَامٌ جَاءَ عَدُوُّهُ وَزَرَعَ زَوَانًا فِي وَسْطِ ٱلْحِنْطَةِ وَمَضَى. | ٢٥ 25 |
पण जत्यार माणहु ह़ुव्वा बाज रेला, ता तीनो वेरी आयो, अने गम मे जंगली बीज ने वेरीन जत र्यो।
فَلَمَّا طَلَعَ ٱلنَّبَاتُ وَصَنَعَ ثَمَرًا، حِينَئِذٍ ظَهَرَ ٱلزَّوَانُ أَيْضًا. | ٢٦ 26 |
जत्यार ह़ुका फुट्या अने उंब्या नीकळ्या ता जंगली बीज देखाव पड़्या।”
فَجَاءَ عَبِيدُ رَبِّ ٱلْبَيْتِ وَقَالُوا لَهُ: يَا سَيِّدُ، أَلَيْسَ زَرْعًا جَيِّدًا زَرَعْتَ فِي حَقْلِكَ؟ فَمِنْ أَيْنَ لَهُ زَوَانٌ؟. | ٢٧ 27 |
एतरे पावर्या मालीक ना घोर आवीन मालीक ने केदा, “मालीक तु तारा खेतर मे वारलु बीज नी वेर्यो ह़ु? ता तीनी मे जंगली बीज कीकम उग आया?”
فَقَالَ لَهُمْ: إِنْسَانٌ عَدُوٌّ فَعَلَ هَذَا. فَقَالَ لَهُ ٱلْعَبِيدُ: أَتُرِيدُ أَنْ نَذْهَبَ وَنَجْمَعَهُ؟ | ٢٨ 28 |
मालीक तीमने केदो, “आहयु काना वेरी नु काम से।” ता पावर्या तीने पुछ्या, “तारी मरजी हय ता आमु जाय्न जंगली बीज ने उखड़ दीया?”
فَقَالَ: لَا! لِئَلَّا تَقْلَعُوا ٱلْحِنْطَةَ مَعَ ٱلزَّوَانِ وَأَنْتُمْ تَجْمَعُونَهُ. | ٢٩ 29 |
मालीक केदो, “नी ईसम ना करो नीता कंय माय्न जंगली बीज ना झाटवा ह़ाते, गम बी नी उखड़ी जाय।
دَعُوهُمَا يَنْمِيَانِ كِلَاهُمَا مَعًا إِلَى ٱلْحَصَادِ، وَفِي وَقْتِ ٱلْحَصَادِ أَقُولُ لِلْحَصَّادِينَ: ٱجْمَعُوا أَوَّلًا ٱلزَّوَانَ وَٱحْزِمُوهُ حُزَمًا لِيُحْرَقَ، وَأَمَّا ٱلْحِنْطَةَ فَٱجْمَعُوهَا إِلَى مَخْزَنِي». | ٣٠ 30 |
वाडणी आवते लग भेळात वदवा देवो। वाडवा नी टेम पोर वाडवा वाळा ने केही, ‘पेले जंगली बीज ना झाटवा भेळा करो अने धपाड़वा करीन हीमना पुळा बांदो। अने अळतेण गम ना दाणा ने मारी मोहटी मे भेळा करो।’”
قَدَّمَ لَهُمْ مَثَلًا آخَرَ قَائِلًا: «يُشْبِهُ مَلَكُوتُ ٱلسَّمَاوَاتِ حَبَّةَ خَرْدَلٍ أَخَذَهَا إِنْسَانٌ وَزَرَعَهَا فِي حَقْلِهِ، | ٣١ 31 |
ईसु तीमने एक अळी दाखलो ह़मळायो, “ह़रग नु राज राय ना दाणान तेवु से, जीने लीन कानो माणेह आह़फा ना खेतर मे वेर देदो।
وَهِيَ أَصْغَرُ جَمِيعِ ٱلْبُزُورِ. وَلَكِنْ مَتَى نَمَتْ فَهِيَ أَكْبَرُ ٱلْبُقُولِ، وَتَصِيرُ شَجَرَةً، حَتَّى إِنَّ طُيُورَ ٱلسَّمَاءِ تَأْتِي وَتَتَآوَى فِي أَغْصَانِهَا». | ٣٢ 32 |
तीहयु ते बीजा आखा बीज मे गेथु नानु रेय, पण उगीन वदीन वाड़ी ना भाजी-पाला ना झाटवा गेथु मोटु हय जाय, अने एवु झाटवु बण जाय के ह़रग ना चड़ा आवीन तीना डाळ्या पोर पोतरा बांदीन रेवा बाज जाय।”
قَالَ لَهُمْ مَثَلًا آخَرَ: «يُشْبِهُ مَلَكُوتُ ٱلسَّمَاوَاتِ خَمِيرَةً أَخَذَتْهَا ٱمْرَأَةٌ وَخَبَّأَتْهَا فِي ثَلَاثَةِ أَكْيَالِ دَقِيقٍ حَتَّى ٱخْتَمَرَ ٱلْجَمِيعُ». | ٣٣ 33 |
ईसु तीमने अळी एक दाखलो ह़मळायो, “ह़रग नु राज तीहया खमीर ह़रकु से, जीने लीन कानी बयर तीन कांगणी लोट मे भेसकी अने आखो लोट खमीर वाळो हय ज्यो।”
هَذَا كُلُّهُ كَلَّمَ بِهِ يَسُوعُ ٱلْجُمُوعَ بِأَمْثَالٍ، وَبِدُونِ مَثَلٍ لَمْ يَكُنْ يُكَلِّمُهُمْ، | ٣٤ 34 |
ईसु आखी वात दाखला नी लारेत माणहु ने ह़मजाड़तो हतो। अने दाखला वगर कंय बी नी केतलो।
لِكَيْ يَتِمَّ مَا قِيلَ بِٱلنَّبِيِّ ٱلْقَائِلِ: «سَأَفْتَحُ بِأَمْثَالٍ فَمِي، وَأَنْطِقُ بِمَكْتُومَاتٍ مُنْذُ تَأْسِيسِ ٱلْعَالَمِ». | ٣٥ 35 |
भगवान वगे गेथी वात केण्या माणहु नी लारे जे केदलु तीहयु पुरु करवा नी करतेत ईसु दाखला नी लारे वात करतो हतो: जेम भगवान केदलो, मे दाखलो केवा करीन मारु मोडु उगाड़ह़ी; अने कळ घड़ायली तां गेथा पेल्ना वारा नी ह़तायली वात उजन्ती करही।
حِينَئِذٍ صَرَفَ يَسُوعُ ٱلْجُمُوعَ وَجَاءَ إِلَى ٱلْبَيْتِ. فَتَقَدَّمَ إِلَيْهِ تَلَامِيذُهُ قَائِلِينَ: «فَسِّرْ لَنَا مَثَلَ زَوَانِ ٱلْحَقْلِ». | ٣٦ 36 |
ईसु माणहु ने वळाय दीन पासो घोर आयो। तीना चेला तीनीन्तां आवीन केदा, “खेतर मे वाळा जंगली बीज ना दाखला नु मतलब ह़ु हये तीहयु आमने ह़मजाड़ दे।”
فَأَجَابَ وَقَالَ لَهُمْ: «اَلزَّارِعُ ٱلزَّرْعَ ٱلْجَيِّدَ هُوَ ٱبْنُ ٱلْإِنْسَانِ. | ٣٧ 37 |
ईसु तीमने केदो, “वारलु बीज वेरन्यो कीरसाण, मनख्या नो सोरो से;
وَٱلْحَقْلُ هُوَ ٱلْعَالَمُ. وَٱلزَّرْعُ ٱلْجَيِّدُ هُوَ بَنُو ٱلْمَلَكُوتِ. وَٱلزَّوَانُ هُوَ بَنُو ٱلشِّرِّيرِ. | ٣٨ 38 |
अने खेतर आहयी कळी से: वारलु बीज भगवान ना राज ना माणहु से; अने जंगली बीज कुहर्या भुतड़ा ना माणहु से;
وَٱلْعَدُوُّ ٱلَّذِي زَرَعَهُ هُوَ إِبْلِيسُ. وَٱلْحَصَادُ هُوَ ٱنْقِضَاءُ ٱلْعَالَمِ. وَٱلْحَصَّادُونَ هُمُ ٱلْمَلَائِكَةُ. (aiōn ) | ٣٩ 39 |
अने वेरवा वाळो वेरी भुतड़ो से; वाडणी कळजुग नु खत्तम हयणु से; वाडण्या ह़रगदुत से। (aiōn )
فَكَمَا يُجْمَعُ ٱلزَّوَانُ وَيُحْرَقُ بِٱلنَّارِ، هَكَذَا يَكُونُ فِي ٱنْقِضَاءِ هَذَا ٱلْعَالَمِ: (aiōn ) | ٤٠ 40 |
जीसम माणहु जंगली बीज ना झाटवा ने भेळा करीन आक्ठु मे धपाड़ देय, तेमेत आहयी कळजुग खत्तम हयहे। (aiōn )
يُرْسِلُ ٱبْنُ ٱلْإِنْسَانِ مَلَائِكَتَهُ فَيَجْمَعُونَ مِنْ مَلَكُوتِهِ جَمِيعَ ٱلْمَعَاثِرِ وَفَاعِلِي ٱلْإِثْمِ، | ٤١ 41 |
मनख्या नो सोरो ह़रगदुत ने मोकलहे अने तीहया तीना राज मे गेथा आखा पाप करन्या ने अने गलत काम करन्या माणहु ने भेळा करहे,
وَيَطْرَحُونَهُمْ فِي أَتُونِ ٱلنَّارِ. هُنَاكَ يَكُونُ ٱلْبُكَاءُ وَصَرِيرُ ٱلْأَسْنَانِ. | ٤٢ 42 |
अने तीमने आक्ठु नी दर्या मे धकली देहे; अने तीहया माणहु तीहयी आक्ठु नी भाटी मे ढोळो-ढोळो अने फुकु-फुकु रड़हे
حِينَئِذٍ يُضِيءُ ٱلْأَبْرَارُ كَٱلشَّمْسِ فِي مَلَكُوتِ أَبِيهِمْ. مَنْ لَهُ أُذُنَانِ لِلسَّمْعِ، فَلْيَسْمَعْ. | ٤٣ 43 |
तीना वारा मे धरमी माणहु आह़फा ना बाह ना राज मे दाड़ान तेम भबळहे। जीना कान्टा हय तीहयो ह़मळी लेय।”
«أَيْضًا يُشْبِهُ مَلَكُوتُ ٱلسَّمَاوَاتِ كَنْزًا مُخْفًى فِي حَقْلٍ، وَجَدَهُ إِنْسَانٌ فَأَخْفَاهُ. وَمِنْ فَرَحِهِ مَضَى وَبَاعَ كُلَّ مَا كَانَ لَهُ وَٱشْتَرَى ذَلِكَ ٱلْحَقْلَ. | ٤٤ 44 |
“ह़रग नु राज खेतर मे खोवायला धन ने तेवु से, जे काना माणेह ने जड़्यु अने तीहयु माणहे ह़ताड़ देदु अने तीहयु खुस हय जाय अने आखु कंय वेचीन तीहया खेतर ने वेचातु लेदो।”
أَيْضًا يُشْبِهُ مَلَكُوتُ ٱلسَّمَاوَاتِ إِنْسَانًا تَاجِرًا يَطْلُبُ لَآلِئَ حَسَنَةً، | ٤٥ 45 |
“अळी ह़रग नु राज एक वेपारीन तेवु से जे वारला मोती नो ह़ोदवाळ्या हतो।
فَلَمَّا وَجَدَ لُؤْلُؤَةً وَاحِدَةً كَثِيرَةَ ٱلثَّمَنِ، مَضَى وَبَاعَ كُلَّ مَا كَانَ لَهُ وَٱشْتَرَاهَا. | ٤٦ 46 |
जत्यार तीने एक मोगलो मोती जड़्यो ता तीहयो जाय्न आह़फा नु आखु कंय वेच देदो अने तीने वेचातु ली लेदो।”
أَيْضًا يُشْبِهُ مَلَكُوتُ ٱلسَّمَاوَاتِ شَبَكَةً مَطْرُوحَةً فِي ٱلْبَحْرِ، وَجَامِعَةً مِنْ كُلِّ نَوْعٍ. | ٤٧ 47 |
“अळी ह़रग नु राज तीहयी मोट्ली जाळ ने तेवु से तीहया दर्या मे नाख देदा, अने आखी भाती ना माछला हापकी लायो।
فَلَمَّا ٱمْتَلَأَتْ أَصْعَدُوهَا عَلَى ٱلشَّاطِئِ، وَجَلَسُوا وَجَمَعُوا ٱلْجِيَادَ إِلَى أَوْعِيَةٍ، وَأَمَّا ٱلْأَرْدِيَاءُ فَطَرَحُوهَا خَارِجًا. | ٤٨ 48 |
अने जत्यार जाळ भराय जी, ता काहर्या तीनी जाळ ने धेड़े हापकी लाया, अने बहीन वारु-वारु तां ठाहरा मे भेळा कर्या अने बगड़ला-बगड़ला माछला ने नाख देय।
هَكَذَا يَكُونُ فِي ٱنْقِضَاءِ ٱلْعَالَمِ: يَخْرُجُ ٱلْمَلَائِكَةُ وَيُفْرِزُونَ ٱلْأَشْرَارَ مِنْ بَيْنِ ٱلْأَبْرَارِ، (aiōn ) | ٤٩ 49 |
कळ खत्तम हयवान टेमे बी एमेत हयहे। ह़रगदुत आवीन पापी माणहु ने धरमी माणहु मे गेथा सेटा करहे, (aiōn )
وَيَطْرَحُونَهُمْ فِي أَتُونِ ٱلنَّارِ. هُنَاكَ يَكُونُ ٱلْبُكَاءُ وَصَرِيرُ ٱلْأَسْنَانِ». | ٥٠ 50 |
अने तीमने आक्ठा ना खाडा मे नाखे। ता तीहया माणहु रड़हे अने दातु ककड़ावता रेहे।”
قَالَ لَهُمْ يَسُوعُ: «أَفَهِمْتُمْ هَذَا كُلَّهُ؟». فَقَالُوا: «نَعَمْ، يا سَيِّدُ». | ٥١ 51 |
ह़ु तमु आहयी आखी वात ने ह़मज्या?
فَقَالَ لَهُمْ: «مِنْ أَجْلِ ذَلِكَ كُلُّ كَاتِبٍ مُتَعَلِّمٍ فِي مَلَكُوتِ ٱلسَّمَاوَاتِ يُشْبِهُ رَجُلًا رَبَّ بَيْتٍ يُخْرِجُ مِنْ كَنْزِهِ جُدُدًا وَعُتَقَاءَ». | ٥٢ 52 |
ईसु तीमने केदो, “एतरे जे बी चोखली सास्तर नो कायदो ह़ीकाड़न्यो ह़रग राज नो चेलो बण्लो से, तीहयो तीहया घोर मालीक ह़रको से, जे आह़फा ना घोर ना खजाना मे गेथो नवला अने जुन्ला चीज नीकाळे।”
وَلَمَّا أَكْمَلَ يَسُوعُ هَذِهِ ٱلْأَمْثَالَ ٱنْتَقَلَ مِنْ هُنَاكَ. | ٥٣ 53 |
जत्यार ईसु आहया आखा दाखला की देदो, ता तां गेथो जत र्यो।
وَلَمَّا جَاءَ إِلَى وَطَنِهِ كَانَ يُعَلِّمُهُمْ فِي مَجْمَعِهِمْ حَتَّى بُهِتُوا وَقَالُوا: «مِنْ أَيْنَ لِهَذَا هَذِهِ ٱلْحِكْمَةُ وَٱلْقُوَّاتُ؟ | ٥٤ 54 |
अने ईसु आह़फा ना ह़ेर मे आवीन तीहया भगवान ना भक्ती ना घोर मे जाय्न माणहु ने ह़ीकाड़वा बाज ज्यो। के तीहया घबराय्न केवा बाज ज्या, “अने आहयी अक्कल अने घणा जुदा-काम कां गेथा जड़्या?
أَلَيْسَ هَذَا ٱبْنَ ٱلنَّجَّارِ؟ أَلَيْسَتْ أُمُّهُ تُدْعَى مَرْيَمَ، وَإِخْوَتُهُ يَعْقُوبَ وَيُوسِي وَسِمْعَانَ وَيَهُوذَا؟ | ٥٥ 55 |
आहयो ह़ुतार नो सोरो नी हय ह़ु? अने ह़ु आनी आय्ह़ नु नाम मरीयम अने तीना भाय नु नाम याकुब, अने युसुफ अने सीमोन अने यहुदा आना भाय नी हय?
أَوَلَيْسَتْ أَخَوَاتُهُ جَمِيعُهُنَّ عِنْدَنَا؟ فَمِنْ أَيْنَ لِهَذَا هَذِهِ كُلُّهَا؟». | ٥٦ 56 |
अने ह़ु आखा बेनेह आपणी वच मे नी रेय? अळी आने आहयी आखी अक्कल अने जोर कां गेथो जड़्यो?”
فَكَانُوا يَعْثُرُونَ بِهِ. وَأَمَّا يَسُوعُ فَقَالَ لَهُمْ: «لَيْسَ نَبِيٌّ بِلَا كَرَامَةٍ إِلَّا فِي وَطَنِهِ وَفِي بَيْتِهِ». | ٥٧ 57 |
आनीन करता तीहयो ठोकर खादो, पण ईसु तीने केदो, “भगवान वगे गेथी वात करन्यो माणेह नी ईज्जत तीना गाम ने अने घोरन्या ने सोड़ीन आखी जागे हये।”
وَلَمْ يَصْنَعْ هُنَاكَ قُوَّاتٍ كَثِيرَةً لِعَدَمِ إِيمَانِهِمْ. | ٥٨ 58 |
अने ईसु तां भरहो नी कर्या करीन जादा काम नी कर्यो।