< مَتَّى 11 >

وَلَمَّا أَكْمَلَ يَسُوعُ أَمْرَهُ لِتَلَامِيذِهِ ٱلِٱثْنَيْ عَشَرَ، ٱنْصَرَفَ مِنْ هُنَاكَ لِيُعَلِّمَ وَيَكْرِزَ فِي مُدُنِهِمْ. ١ 1
जब ईसा अपने बारह शागिर्दों को हुक्म दे चुका, तो ऐसा हुआ कि वहाँ से चला गया ताकि उनके शहरों में ता'लीम दे और एलान करे।
أَمَّا يُوحَنَّا فَلَمَّا سَمِعَ فِي ٱلسِّجْنِ بِأَعْمَالِ ٱلْمَسِيحِ، أَرْسَلَ ٱثْنَيْنِ مِنْ تَلَامِيذِهِ، ٢ 2
यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले ने क़ैदख़ाने में मसीह के कामों का हाल सुनकर अपने शागिर्दों के ज़रिए उससे पुछवा भेजा।
وَقَالَ لَهُ: «أَنْتَ هُوَ ٱلْآتِي أَمْ نَنْتَظِرُ آخَرَ؟». ٣ 3
“आने वाला तू ही है या हम दूसरे की राह देखें?”
فَأَجَابَ يَسُوعُ وَقَالَ لَهُمَا: «ٱذْهَبَا وَأَخْبِرَا يُوحَنَّا بِمَا تَسْمَعَانِ وَتَنْظُرَانِ: ٤ 4
ईसा ने जवाब में उनसे कहा, “जो कुछ तुम सुनते हो और देखते हो जाकर यूहन्ना से बयान कर दो।
اَلْعُمْيُ يُبْصِرُونَ، وَٱلْعُرْجُ يَمْشُونَ، وَٱلْبُرْصُ يُطَهَّرُونَ، وَٱلصُّمُّ يَسْمَعُونَ، وَٱلْمَوْتَى يَقُومُونَ، وَٱلْمَسَاكِينُ يُبَشَّرُونَ. ٥ 5
कि अन्धे देखते और लंगड़े चलते फिरते हैं; कौढ़ी पाक साफ़ किए जाते हैं और बहरे सुनते हैं और मुर्दे ज़िन्दा किए जाते हैं और ग़रीबों को ख़ुशख़बरी सुनाई जाती है।
وَطُوبَى لِمَنْ لَا يَعْثُرُ فِيَّ». ٦ 6
और मुबारिक़ वो है जो मेरी वजह से ठोकर न खाए।”
وَبَيْنَمَا ذَهَبَ هَذَانِ ٱبْتَدَأَ يَسُوعُ يَقُولُ لِلْجُمُوعِ عَنْ يُوحَنَّا: «مَاذَا خَرَجْتُمْ إِلَى ٱلْبَرِّيَّةِ لِتَنْظُرُوا؟ أَقَصَبَةً تُحَرِّكُهَا ٱلرِّيحُ؟ ٧ 7
जब वो रवाना हो लिए तो ईसा ने यूहन्ना के बारे में लोगों से कहना शुरू किया कि “तुम वीराने में क्या देखने गए थे? क्या हवा से हिलते हुए सरकंडे को?
لَكِنْ مَاذَا خَرَجْتُمْ لِتَنْظُرُوا؟ أَإِنْسَانًا لَابِسًا ثِيَابًا نَاعِمَةً؟ هُوَذَا ٱلَّذِينَ يَلْبَسُونَ ٱلثِّيَابَ ٱلنَّاعِمَةَ هُمْ فِي بُيُوتِ ٱلْمُلُوكِ. ٨ 8
तो फिर क्या देखने गए थे क्या महीन कपड़े पहने हुए शख़्स को? देखो जो महीन कपड़े पहनते हैं वो बादशाहों के घरों में होते हैं।
لَكِنْ مَاذَا خَرَجْتُمْ لِتَنْظُرُوا؟ أَنَبِيًّا؟ نَعَمْ، أَقُولُ لَكُمْ، وَأَفْضَلَ مِنْ نَبِيٍّ. ٩ 9
तो फिर क्यूँ गए थे? क्या एक नबी को देखने? हाँ मैं तुम से कहता हूँ बल्कि नबी से बड़े को।
فَإِنَّ هَذَا هُوَ ٱلَّذِي كُتِبَ عَنْهُ: هَا أَنَا أُرْسِلُ أَمَامَ وَجْهِكَ مَلَاكِي ٱلَّذِي يُهَيِّئُ طَرِيقَكَ قُدَّامَكَ. ١٠ 10
ये वही है जिसके बारे में लिखा है कि देख मैं अपना पैग़म्बर तेरे आगे भेजता हूँ जो तेरा रास्ता तेरे आगे तैयार करेगा”
اَلْحَقَّ أَقُولُ لَكُمْ: لَمْ يَقُمْ بَيْنَ ٱلْمَوْلُودِينَ مِنَ ٱلنِّسَاءِ أَعْظَمُ مِنْ يُوحَنَّا ٱلْمَعْمَدَانِ، وَلَكِنَّ ٱلْأَصْغَرَ فِي مَلَكُوتِ ٱلسَّمَاوَاتِ أَعْظَمُ مِنْهُ. ١١ 11
“मैं तुम से सच कहता हूँ; जो औरतों से पैदा हुए हैं, उन में यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले से बड़ा कोई नहीं हुआ, लेकिन जो आसमान की बादशाही में छोटा है वो उस से बड़ा है।
وَمِنْ أَيَّامِ يُوحَنَّا ٱلْمَعْمَدَانِ إِلَى ٱلْآنَ مَلَكُوتُ ٱلسَّمَاوَاتِ يُغْصَبُ، وَٱلْغَاصِبُونَ يَخْتَطِفُونَهُ. ١٢ 12
और यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के दिनों से अब तक आसमान की बादशाही पर ज़ोर होता रहा है; और ताक़तवर उसे छीन लेते हैं।
لِأَنَّ جَمِيعَ ٱلْأَنْبِيَاءِ وَٱلنَّامُوسَ إِلَى يُوحَنَّا تَنَبَّأُوا. ١٣ 13
क्यूँकि सब नबियों और तौरेत ने यूहन्ना तक नबुव्वत की।
وَإِنْ أَرَدْتُمْ أَنْ تَقْبَلُوا، فَهَذَا هُوَ إِيلِيَّا ٱلْمُزْمِعُ أَنْ يَأْتِيَ. ١٤ 14
और चाहो तो मानो; एलियाह जो आनेवाला था; यही है।
مَنْ لَهُ أُذُنَانِ لِلسَّمْعِ فَلْيَسْمَعْ. ١٥ 15
जिसके सुनने के कान हों वो सुन ले!”
«وَبِمَنْ أُشَبِّهُ هَذَا ٱلْجِيلَ؟ يُشْبِهُ أَوْلَادًا جَالِسِينَ فِي ٱلْأَسْوَاقِ يُنَادُونَ إِلَى أَصْحَابِهِمْ ١٦ 16
“पस इस ज़माने के लोगों को मैं किस की मिसाल दूँ? वो उन लड़कों की तरह हैं, जो बाज़ारों में बैठे हुए अपने साथियों को पुकार कर कहते हैं।
وَيَقُولُونَ: زَمَّرْنَا لَكُمْ فَلَمْ تَرْقُصُوا! نُحْنَا لَكُمْ فَلَمْ تَلْطِمُوا! ١٧ 17
हम ने तुम्हारे लिए बाँसुरी बजाईऔर तुम न नाचे। हम ने मातम किया और तुम ने छाती न पीटी।
لِأَنَّهُ جَاءَ يُوحَنَّا لَا يَأْكُلُ وَلَا يَشْرَبُ، فَيَقُولُونَ: فِيهِ شَيْطَانٌ. ١٨ 18
क्यूँकि यूहन्ना न खाता आया न पीता और वो कहते हैं उस में बदरूह है।
جَاءَ ٱبْنُ ٱلْإِنْسَانِ يَأْكُلُ وَيَشْرَبُ، فَيَقُولُونَ: هُوَذَا إِنْسَانٌ أَكُولٌ وَشِرِّيبُ خَمْرٍ، مُحِبٌّ لِلْعَشَّارِينَ وَٱلْخُطَاةِ. وَٱلْحِكْمَةُ تَبَرَّرَتْ مِنْ بَنِيهَا». ١٩ 19
इब्न — ए — आदम खाता पीता आया। और वो कहते हैं, देखो खाऊ और शराबी आदमी महसूल लेने वालों और गुनाहगारों का यार। मगर हिक्मत अपने कामों से रास्त साबित हुई है।”
حِينَئِذٍ ٱبْتَدَأَ يُوَبِّخُ ٱلْمُدُنَ ٱلَّتِي صُنِعَتْ فِيهَا أَكْثَرُ قُوَّاتِهِ لِأَنَّهَا لَمْ تَتُبْ: ٢٠ 20
वो उस वक़्त उन शहरों को मलामत करने लगा जिनमें उसके अकसर मोजिज़े ज़ाहिर हुए थे; क्यूँकि उन्होंने तौबा न की थी।
«وَيْلٌ لَكِ يا كُورَزِينُ! وَيْلٌ لَكِ يا بَيْتَ صَيْدَا! لِأَنَّهُ لَوْ صُنِعَتْ فِي صُورَ وَصَيْدَاءَ ٱلْقُوَّاتُ ٱلْمَصْنُوعَةُ فِيكُمَا، لَتَابَتَا قَدِيمًا فِي ٱلْمُسُوحِ وَٱلرَّمَادِ. ٢١ 21
“ऐ ख़ुराज़ीन, तुझ पर अफ़्सोस! ऐ बैत — सैदा, तुझ पर अफ़्सोस! क्यूँकि जो मोजिज़े तुम में हुए अगर सूर और सैदा में होते तो वो टाट ओढ़ कर और ख़ाक में बैठ कर कब के तौबा कर लेते।
وَلَكِنْ أَقُولُ لَكُمْ: إِنَّ صُورَ وَصَيْدَاءَ تَكُونُ لَهُمَا حَالَةٌ أَكْثَرُ ٱحْتِمَالًا يَوْمَ ٱلدِّينِ مِمَّا لَكُمَا. ٢٢ 22
मैं तुम से सच कहता हूँ; कि 'अदालत के दिन सूर और सैदा का हाल तुम्हारे हाल से ज़्यादा बर्दाश्त के लायक़ होगा।
وَأَنْتِ ياكَفْرَنَاحُومَ ٱلْمُرْتَفِعَةَ إِلَى ٱلسَّمَاءِ! سَتُهْبَطِينَ إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ. لِأَنَّهُ لَوْ صُنِعَتْ فِي سَدُومَ ٱلْقُوَّاتُ ٱلْمَصْنُوعَةُ فِيكِ لَبَقِيَتْ إِلَى ٱلْيَوْمِ. (Hadēs g86) ٢٣ 23
और ऐ कफ़रनहूम, क्या तू आस्मान तक बुलन्द किया जाएगा? तू तो आलम — ए अर्वाह में उतरेगा क्यूँकि जो मोजिज़े तुम में ज़ाहिर हुए अगर सदूम में होते तो आज तक क़ाईम रहता। (Hadēs g86)
وَلَكِنْ أَقُولُ لَكُمْ: إِنَّ أَرْضَ سَدُومَ تَكُونُ لَهَا حَالَةٌ أَكْثَرُ ٱحْتِمَالًا يَوْمَ ٱلدِّينِ مِمَّا لَكِ». ٢٤ 24
मगर मैं तुम से कहता हूँ कि 'अदालत के दिन सदूम के इलाक़े का हाल तेरे हाल से ज़्यादा बर्दाश्त के लायक़ होगा।”
فِي ذَلِكَ ٱلْوَقْتِ أَجَابَ يَسُوعُ وَقَالَ: «أَحْمَدُكَ أَيُّهَا ٱلْآبُ رَبُّ ٱلسَّمَاءِ وَٱلْأَرْضِ، لِأَنَّكَ أَخْفَيْتَ هَذِهِ عَنِ ٱلْحُكَمَاءِ وَٱلْفُهَمَاءِ وَأَعْلَنْتَهَا لِلْأَطْفَالِ. ٢٥ 25
उस वक़्त ईसा ने कहा, “ऐ बाप, आस्मान — ओ — ज़मीन के ख़ुदावन्द मैं तेरी हम्द करता हूँ कि तू ने यह बातें समझदारों और अक़लमन्दों से छिपाईं और बच्चों पर ज़ाहिर कीं।
نَعَمْ أَيُّهَا ٱلْآبُ، لِأَنْ هَكَذَا صَارَتِ ٱلْمَسَرَّةُ أَمَامَكَ. ٢٦ 26
हाँ ऐ बाप!, क्यूँकि ऐसा ही तुझे पसन्द आया।”
كُلُّ شَيْءٍ قَدْ دُفِعَ إِلَيَّ مِنْ أَبِي، وَلَيْسَ أَحَدٌ يَعْرِفُ ٱلِٱبْنَ إِلَّا ٱلْآبُ، وَلَا أَحَدٌ يَعْرِفُ ٱلْآبَ إِلَّا ٱلِٱبْنُ وَمَنْ أَرَادَ ٱلِٱبْنُ أَنْ يُعْلِنَ لَهُ. ٢٧ 27
“मेरे बाप की तरफ़ से सब कुछ मुझे सौंपा गया और कोई बेटे को नहीं जानता सिवा बाप के और कोई बाप को नहीं जानता सिवा बेटे के और उसके जिस पर बेटा उसे ज़ाहिर करना चाहे।”
تَعَالَوْا إِلَيَّ يا جَمِيعَ ٱلْمُتْعَبِينَ وَٱلثَّقِيلِي ٱلْأَحْمَالِ، وَأَنَا أُرِيحُكُمْ. ٢٨ 28
“ऐ मेहनत उठाने वालो और बोझ से दबे हुए लोगो, सब मेरे पास आओ! मैं तुम को आराम दूँगा।
اِحْمِلُوا نِيرِي عَلَيْكُمْ وَتَعَلَّمُوا مِنِّي، لِأَنِّي وَدِيعٌ وَمُتَوَاضِعُ ٱلْقَلْبِ، فَتَجِدُوا رَاحَةً لِنُفُوسِكُمْ. ٢٩ 29
मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो और मुझ से सीखो, क्यूँकि मैं हलीम हूँ और दिल का फ़िरोतन तो तुम्हारी जानें आराम पाएँगी,
لِأَنَّ نِيرِي هَيِّنٌ وَحِمْلِي خَفِيفٌ». ٣٠ 30
क्यूँकि मेरा जूआ मुलायम है और मेरा बोझ हल्का।”

< مَتَّى 11 >