< لُوقا 1 >
إِذْ كَانَ كَثِيرُونَ قَدْ أَخَذُوا بِتَأْلِيفِ قِصَّةٍ فِي ٱلْأُمُورِ ٱلْمُتَيَقَّنَةِ عِنْدَنَا، | ١ 1 |
अनेक व्यक्तियों ने उन घटनाओं को लिखकर इकट्ठा करने का कार्य किया है, जो हमारे बीच में घटी.
كَمَا سَلَّمَهَا إِلَيْنَا ٱلَّذِينَ كَانُوا مُنْذُ ٱلْبَدْءِ مُعَايِنِينَ وَخُدَّامًا لِلْكَلِمَةِ، | ٢ 2 |
ये सबूत हमें उनसे प्राप्त हुए हैं, जो प्रारंभ ही से इनके प्रत्यक्षदर्शी और परमेश्वर के वचन के सेवक रहे.
رَأَيْتُ أَنَا أَيْضًا إِذْ قَدْ تَتَبَّعْتُ كُلَّ شَيْءٍ مِنَ ٱلْأَوَّلِ بِتَدْقِيقٍ، أَنْ أَكْتُبَ عَلَى ٱلتَّوَالِي إِلَيْكَ أَيُّهَا ٱلْعَزِيزُ ثَاوُفِيلُسُ، | ٣ 3 |
मैंने स्वयं हर एक घटनाओं की शुरुआत से सावधानीपूर्वक जांच की है. इसलिये परम सम्मान्य थियोफ़िलॉस महोदय, मुझे भी यह उचित लगा कि आपके लिए मैं यह सब क्रम के अनुसार लिखूं
لِتَعْرِفَ صِحَّةَ ٱلْكَلَامِ ٱلَّذِي عُلِّمْتَ بِهِ. | ٤ 4 |
कि जो शिक्षाएं आपको दी गई हैं, आप उनकी विश्वसनीयता को जान लें.
كَانَ فِي أَيَّامِ هِيرُودُسَ مَلِكِ ٱلْيَهُودِيَّةِ كَاهِنٌ ٱسْمُهُ زَكَرِيَّا مِنْ فِرْقَةِ أَبِيَّا، وَٱمْرَأَتُهُ مِنْ بَنَاتِ هارُونَ وَٱسْمُهَا أَلِيصَابَاتُ. | ٥ 5 |
यहूदिया प्रदेश के राजा हेरोदेस के शासनकाल में अबीयाह दल के एक पुरोहित थे, जिनका नाम ज़करयाह था. उनकी पत्नी का नाम एलिज़ाबेथ था, जो हारोन की वंशज थी.
وَكَانَا كِلَاهُمَا بَارَّيْنِ أَمَامَ ٱللهِ، سَالِكَيْنِ فِي جَمِيعِ وَصَايَا ٱلرَّبِّ وَأَحْكَامِهِ بِلَا لَوْمٍ. | ٦ 6 |
वे दोनों ही परमेश्वर की दृष्टि में धर्मी तथा प्रभु के सभी आदेशों और नियमों के पालन में दोषहीन थे.
وَلَمْ يَكُنْ لَهُمَا وَلَدٌ، إِذْ كَانَتْ أَلِيصَابَاتُ عَاقِرًا. وَكَانَا كِلَاهُمَا مُتَقَدِّمَيْنِ فِي أَيَّامِهِمَا. | ٧ 7 |
उनकी कोई संतान न थी क्योंकि एलिज़ाबेथ बांझ थी और वे दोनों ही अब बूढ़े हो चुके थे.
فَبَيْنَمَا هُوَ يَكْهَنُ فِي نَوْبَةِ فِرْقَتِهِ أَمَامَ ٱللهِ، | ٨ 8 |
अपने दल की बारी के अनुसार जब ज़करयाह एक दिन परमेश्वर के सामने अपनी पुरोहित सेवा भेंट कर रहे थे,
حَسَبَ عَادَةِ ٱلْكَهَنُوتِ، أَصَابَتْهُ ٱلْقُرْعَةُ أَنْ يَدْخُلَ إِلَى هَيْكَلِ ٱلرَّبِّ وَيُبَخِّرَ. | ٩ 9 |
उन्हें पुरोहितों की रीति के अनुसार पर्ची द्वारा चुनाव कर प्रभु के मंदिर में प्रवेश करने और धूप जलाने का काम सौंपा गया था.
وَكَانَ كُلُّ جُمْهُورِ ٱلشَّعْبِ يُصَلُّونَ خَارِجًا وَقْتَ ٱلْبَخُورِ. | ١٠ 10 |
धूप जलाने के समय बाहर सभी लोगों का विशाल समूह प्रार्थना कर रहा था.
فَظَهَرَ لَهُ مَلَاكُ ٱلرَّبِّ وَاقِفًا عَنْ يَمِينِ مَذْبَحِ ٱلْبَخُورِ. | ١١ 11 |
तभी ज़करयाह के सामने प्रभु का एक दूत प्रकट हुआ, जो धूप वेदी की दायीं ओर खड़ा था.
فَلَمَّا رَآهُ زَكَرِيَّا ٱضْطَرَبَ وَوَقَعَ عَلَيْهِ خَوْفٌ. | ١٢ 12 |
स्वर्गदूत को देख ज़करयाह चौंक पड़े और भयभीत हो गए
فَقَالَ لَهُ ٱلْمَلَاكُ: «لَا تَخَفْ يَا زَكَرِيَّا، لِأَنَّ طِلْبَتَكَ قَدْ سُمِعَتْ، وَٱمْرَأَتُكَ أَلِيصَابَاتُ سَتَلِدُ لَكَ ٱبْنًا وَتُسَمِّيهِ يُوحَنَّا. | ١٣ 13 |
किंतु उस स्वर्गदूत ने उनसे कहा, “मत डरो, ज़करयाह! तुम्हारी प्रार्थना सुन ली गई है. तुम्हारी पत्नी एलिज़ाबेथ एक पुत्र जनेगी. तुम उसका नाम योहन रखना.
وَيَكُونُ لَكَ فَرَحٌ وَٱبْتِهَاجٌ، وَكَثِيرُونَ سَيَفْرَحُونَ بِوِلَادَتِهِ، | ١٤ 14 |
तुम आनंदित और प्रसन्न होंगे तथा अनेक उसके जन्म के कारण आनंद मनाएंगे.
لِأَنَّهُ يَكُونُ عَظِيمًا أَمَامَ ٱلرَّبِّ، وَخَمْرًا وَمُسْكِرًا لَا يَشْرَبُ، وَمِنْ بَطْنِ أُمِّهِ يَمْتَلِئُ مِنَ ٱلرُّوحِ ٱلْقُدُسِ. | ١٥ 15 |
यह बालक प्रभु की दृष्टि में महान होगा. वह दाखरस और मदिरा का सेवन कभी न करेगा तथा माता के गर्भ से ही पवित्र आत्मा से भरा हुआ होगा.
وَيَرُدُّ كَثِيرِينَ مِنْ بَنِي إِسْرَائِيلَ إِلَى ٱلرَّبِّ إِلَهِهِمْ. | ١٦ 16 |
वह इस्राएल के वंशजों में से अनेकों को प्रभु—उनके परमेश्वर—की ओर लौटा ले आएगा.
وَيَتَقَدَّمُ أَمَامَهُ بِرُوحِ إِيلِيَّا وَقُوَّتِهِ، لِيَرُدَّ قُلُوبَ ٱلْآبَاءِ إِلَى ٱلْأَبْنَاءِ، وَٱلْعُصَاةَ إِلَى فِكْرِ ٱلْأَبْرَارِ، لِكَيْ يُهَيِّئَ لِلرَّبِّ شَعْبًا مُسْتَعِدًّا». | ١٧ 17 |
वह एलियाह की आत्मा और सामर्थ्य में प्रभु के आगे चलनेवाला बनकर पिताओं के हृदय संतानों की ओर तथा अनाज्ञाकारियों को धर्मी के ज्ञान की ओर फेरेगा कि एक राष्ट्र को प्रभु के लिए तैयार करें.”
فَقَالَ زَكَرِيَّا لِلْمَلَاكِ: «كَيْفَ أَعْلَمُ هَذَا، لِأَنِّي أَنَا شَيْخٌ وَٱمْرَأَتِي مُتَقَدِّمَةٌ فِي أَيَّامِهَا؟». | ١٨ 18 |
ज़करयाह ने स्वर्गदूत से प्रश्न किया, “मैं कैसे विश्वास करूं—क्योंकि मैं ठहरा एक बूढ़ा व्यक्ति और मेरी पत्नी की आयु भी ढल चुकी है?”
فَأَجَابَ ٱلْمَلَاكُ وَقَالَ لَهُ: «أَنَا جِبْرَائِيلُ ٱلْوَاقِفُ قُدَّامَ ٱللهِ، وَأُرْسِلْتُ لِأُكَلِّمَكَ وَأُبَشِّرَكَ بِهَذَا. | ١٩ 19 |
स्वर्गदूत ने उन्हें उत्तर दिया, “मैं गब्रिएल हूं. मैं नित परमेश्वर की उपस्थिति में रहता हूं. मुझे तुम्हें यह बताने और इस शुभ समाचार की घोषणा करने के लिए ही भेजा गया है.
وَهَا أَنْتَ تَكُونُ صَامِتًا وَلَا تَقْدِرُ أَنْ تَتَكَلَّمَ، إِلَى ٱلْيَوْمِ ٱلَّذِي يَكُونُ فِيهِ هَذَا، لِأَنَّكَ لَمْ تُصَدِّقْ كَلَامِي ٱلَّذِي سَيَتِمُّ فِي وَقْتِهِ». | ٢٠ 20 |
और सुनो! जब तक मेरी ये बातें पूरी न हो जाए, तब तक के लिए तुम गूंगे हो जाओगे, बोलने में असमर्थ, क्योंकि तुमने मेरे वचनों पर विश्वास नहीं किया, जिसका नियत समय पर पूरा होना निश्चित है.”
وَكَانَ ٱلشَّعْبُ مُنْتَظِرِينَ زَكَرِيَّا وَمُتَعّجِّبِينَ مِنْ إِبْطَائِهِ فِي ٱلْهَيْكَلِ. | ٢١ 21 |
बाहर ज़करयाह का इंतजार कर रहे लोग असमंजस में पड़ गए कि उन्हें मंदिर में इतनी देर क्यों हो रही है.
فَلَمَّا خَرَجَ لَمْ يَسْتَطِعْ أَنْ يُكَلِّمَهُمْ، فَفَهِمُوا أَنَّهُ قَدْ رَأَى رُؤْيَا فِي ٱلْهَيْكَلِ. فَكَانَ يُومِئُ إِلَيْهِمْ وَبَقِيَ صَامِتًا. | ٢٢ 22 |
जब ज़करयाह बाहर आए, वह उनसे बातें करने में असमर्थ रहे. इसलिये वे समझ गए कि ज़करयाह को मंदिर में कोई दर्शन प्राप्त हुआ है. वह उनसे संकेतों द्वारा बातचीत करते रहे और मौन बने रहे.
وَلَمَّا كَمِلَتْ أَيَّامُ خِدْمَتِهِ مَضَى إِلَى بَيْتِهِ. | ٢٣ 23 |
अपने पुरोहित सेवाकाल की समाप्ति पर ज़करयाह घर लौट गए.
وَبَعْدَ تِلْكَ ٱلْأَيَّامِ حَبِلَتْ أَلِيصَابَاتُ ٱمْرَأَتُهُ، وَأَخْفَتْ نَفْسَهَا خَمْسَةَ أَشْهُرٍ قَائِلَةً: | ٢٤ 24 |
उनकी पत्नी एलिज़ाबेथ ने गर्भधारण किया और यह कहते हुए पांच माह तक अकेले में रहीं,
«هَكَذَا قَدْ فَعَلَ بِيَ ٱلرَّبُّ فِي ٱلْأَيَّامِ ٱلَّتِي فِيهَا نَظَرَ إِلَيَّ، لِيَنْزِعَ عَارِي بَيْنَ ٱلنَّاسِ». | ٢٥ 25 |
“प्रभु ने मुझ पर यह कृपादृष्टि की है और समूह में मेरी लज्जित स्थिति से मुझे उबार लिया है.”
وَفِي ٱلشَّهْرِ ٱلسَّادِسِ أُرْسِلَ جِبْرَائِيلُ ٱلْمَلَاكُ مِنَ ٱللهِ إِلَى مَدِينَةٍ مِنَ ٱلْجَلِيلِ ٱسْمُهَا نَاصِرَةُ، | ٢٦ 26 |
छठे माह में स्वर्गदूत गब्रिएल को परमेश्वर द्वारा गलील प्रदेश के नाज़रेथ नामक नगर में
إِلَى عَذْرَاءَ مَخْطُوبَةٍ لِرَجُلٍ مِنْ بَيْتِ دَاوُدَ ٱسْمُهُ يُوسُفُ. وَٱسْمُ ٱلْعَذْرَاءِ مَرْيَمُ. | ٢٧ 27 |
एक कुंवारी कन्या के पास भेजा गया, जिसका विवाह योसेफ़ नामक एक पुरुष से होना निश्चित हुआ था. योसेफ़, राजा दावीद के वंशज थे. कन्या का नाम था मरियम.
فَدَخَلَ إِلَيْهَا ٱلْمَلَاكُ وَقَالَ: «سَلَامٌ لَكِ أَيَّتُهَا ٱلْمُنْعَمُ عَلَيْهَا! اَلرَّبُّ مَعَكِ. مُبَارَكَةٌ أَنْتِ فِي ٱلنِّسَاءِ». | ٢٨ 28 |
मरियम को संबोधित करते हुए स्वर्गदूत ने कहा, “प्रभु की कृपापात्री, नमस्कार! प्रभु आपके साथ हैं.”
فَلَمَّا رَأَتْهُ ٱضْطَرَبَتْ مِنْ كَلَامِهِ، وَفَكَّرَتْ: «مَا عَسَى أَنْ تَكُونَ هَذِهِ ٱلتَّحِيَّةُ!». | ٢٩ 29 |
इस कथन को सुन वह बहुत ही घबरा गईं कि इस प्रकार के नमस्कार का क्या अर्थ हो सकता है.
فَقَالَ لَهَا ٱلْمَلَاكُ: «لَا تَخَافِي يَا مَرْيَمُ، لِأَنَّكِ قَدْ وَجَدْتِ نِعْمَةً عِنْدَ ٱللهِ. | ٣٠ 30 |
स्वर्गदूत ने उनसे कहा, “मत डरिए, मरियम! क्योंकि आप परमेश्वर की कृपा की पात्र हैं.
وَهَا أَنْتِ سَتَحْبَلِينَ وَتَلِدِينَ ٱبْنًا وَتُسَمِّينَهُ يَسُوعَ. | ٣١ 31 |
सुनिए! आप गर्भधारण कर एक पुत्र को जन्म देंगी. आप उनका नाम येशु रखें.
هَذَا يَكُونُ عَظِيمًا، وَٱبْنَ ٱلْعَلِيِّ يُدْعَى، وَيُعْطِيهِ ٱلرَّبُّ ٱلْإِلَهُ كُرْسِيَّ دَاوُدَ أَبِيهِ، | ٣٢ 32 |
वह महान होंगे. परम प्रधान के पुत्र कहलाएंगे और प्रभु परमेश्वर उन्हें उनके पूर्वज दावीद का सिंहासन सौंपेंगे,
وَيَمْلِكُ عَلَى بَيْتِ يَعْقُوبَ إِلَى ٱلْأَبَدِ، وَلَا يَكُونُ لِمُلْكِهِ نِهَايَةٌ». (aiōn ) | ٣٣ 33 |
वह याकोब के वंश पर हमेशा के लिए राज्य करेंगे तथा उनके राज्य का अंत कभी न होगा.” (aiōn )
فَقَالَتْ مَرْيَمُ لِلْمَلَاكِ: «كَيْفَ يَكُونُ هَذَا وَأَنَا لَسْتُ أَعْرِفُ رَجُلًا؟». | ٣٤ 34 |
मरियम ने स्वर्गदूत से प्रश्न किया, “यह कैसे संभव होगा क्योंकि मैं तो कुंवारी हूं?”
فَأَجَابَ ٱلْمَلَاكُ وَقَالَ لَها: «اَلرُّوحُ ٱلْقُدُسُ يَحِلُّ عَلَيْكِ، وَقُوَّةُ ٱلْعَلِيِّ تُظَلِّلُكِ، فَلِذَلِكَ أَيْضًا ٱلْقُدُّوسُ ٱلْمَوْلُودُ مِنْكِ يُدْعَى ٱبْنَ ٱللهِ. | ٣٥ 35 |
स्वर्गदूत ने उत्तर दिया, “पवित्र आत्मा आप पर उतरेंगे तथा परम प्रधान का सामर्थ्य आप पर छाया करेगा. इसलिये जो जन्म लेंगे, वह पवित्र और परमेश्वर-पुत्र कहलाएंगे.
وَهُوَذَا أَلِيصَابَاتُ نَسِيبَتُكِ هِيَ أَيْضًا حُبْلَى بِٱبْنٍ فِي شَيْخُوخَتِهَا، وَهَذَا هُوَ ٱلشَّهْرُ ٱلسَّادِسُ لِتِلْكَ ٱلْمَدْعُوَّةِ عَاقِرًا، | ٣٦ 36 |
और यह भी सुनिए आपकी परिजन एलिज़ाबेथ ने अपनी वृद्धावस्था में एक पुत्र गर्भधारण किया है. वह, जो बांझ कहलाती थी, उन्हें छः माह का गर्भ है.
لِأَنَّهُ لَيْسَ شَيْءٌ غَيْرَ مُمْكِنٍ لَدَى ٱللهِ». | ٣٧ 37 |
परमेश्वर के लिए असंभव कुछ भी नहीं.”
فَقَالَتْ مَرْيَمُ: «هُوَذَا أَنَا أَمَةُ ٱلرَّبِّ. لِيَكُنْ لِي كَقَوْلِكَ». فَمَضَى مِنْ عِنْدِهَا ٱلْمَلَاكُ. | ٣٨ 38 |
मरियम ने कहा, “देखिए, मैं प्रभु की दासी हूं. मेरे लिए वही सब हो, जैसा आपने कहा है.” तब वह स्वर्गदूत उनके पास से चला गया.
فَقَامَتْ مَرْيَمُ فِي تِلْكَ ٱلْأَيَّامِ وَذَهَبَتْ بِسُرْعَةٍ إِلَى ٱلْجِبَالِ إِلَى مَدِينَةِ يَهُوذَا، | ٣٩ 39 |
मरियम तुरंत यहूदिया प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र के एक नगर को चली गईं.
وَدَخَلَتْ بَيْتَ زَكَرِيَّا وَسَلَّمَتْ عَلَى أَلِيصَابَاتَ. | ٤٠ 40 |
वहां उन्होंने ज़करयाह के घर पर जाकर एलिज़ाबेथ को नमस्कार किया.
فَلَمَّا سَمِعَتْ أَلِيصَابَاتُ سَلَامَ مَرْيَمَ ٱرْتَكَضَ ٱلْجَنِينُ فِي بَطْنِهَا، وَٱمْتَلَأَتْ أَلِيصَابَاتُ مِنَ ٱلرُّوحِ ٱلْقُدُسِ، | ٤١ 41 |
जैसे ही एलिज़ाबेथ ने मरियम का नमस्कार सुना, उनके गर्भ में शिशु उछल पड़ा और एलिज़ाबेथ पवित्र आत्मा से भर गईं.
وَصَرَخَتْ بِصَوْتٍ عَظِيمٍ وَقَالَتْ: «مُبَارَكَةٌ أَنْتِ فِي ٱلنِّسَاءِ وَمُبَارَكَةٌ هِيَ ثَمَرَةُ بَطْنِكِ! | ٤٢ 42 |
वह उल्लसित शब्द में बोल उठी, “तुम सभी नारियों में धन्य हो और धन्य है तुम्हारे गर्भ का फल!
فَمِنْ أَيْنَ لِي هَذَا أَنْ تَأْتِيَ أُمُّ رَبِّي إِلَيَّ؟ | ٤٣ 43 |
मुझ पर यह कैसी कृपादृष्टि हुई है, जो मेरे प्रभु की माता मुझसे भेंट करने आई हैं!
فَهُوَذَا حِينَ صَارَ صَوْتُ سَلَامِكِ فِي أُذُنَيَّ ٱرْتَكَضَ ٱلْجَنِينُ بِٱبْتِهَاجٍ فِي بَطْنِي. | ٤٤ 44 |
देखो तो, जैसे ही तुम्हारा नमस्कार मेरे कानों में पड़ा, हर्षोल्लास से मेरे गर्भ में शिशु उछल पड़ा.
فَطُوبَى لِلَّتِي آمَنَتْ أَنْ يَتِمَّ مَا قِيلَ لَهَا مِنْ قِبَلِ ٱلرَّبِّ». | ٤٥ 45 |
धन्य है वह, जिसने प्रभु द्वारा कही हुई बातों के पूरा होने का विश्वास किया है!”
فَقَالَتْ مَرْيَمُ: «تُعَظِّمُ نَفْسِي ٱلرَّبَّ، | ٤٦ 46 |
इस पर मरियम के वचन ये थे: “मेरा प्राण प्रभु की प्रशंसा करता है
وَتَبْتَهِجُ رُوحِي بِٱللهِ مُخَلِّصِي، | ٤٧ 47 |
और मेरी अंतरात्मा परमेश्वर, मेरे उद्धारकर्ता में आनंदित हुई है,
لِأَنَّهُ نَظَرَ إِلَى ٱتِّضَاعِ أَمَتِهِ. فَهُوَذَا مُنْذُ ٱلْآنَ جَمِيعُ ٱلْأَجْيَالِ تُطَوِّبُنِي، | ٤٨ 48 |
क्योंकि उन्होंने अपनी दासी की दीनता की ओर दृष्टि की है. अब से सभी पीढ़ियां मुझे धन्य कहेंगी,
لِأَنَّ ٱلْقَدِيرَ صَنَعَ بِي عَظَائِمَ، وَٱسْمُهُ قُدُّوسٌ، | ٤٩ 49 |
क्योंकि सामर्थ्यी ने मेरे लिए बड़े-बड़े काम किए हैं. पवित्र है उनका नाम.
وَرَحْمَتُهُ إِلَى جِيلِ ٱلْأَجْيَالِ لِلَّذِينَ يَتَّقُونَهُ. | ٥٠ 50 |
उनकी दया उनके श्रद्धालुओं पर पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है.
صَنَعَ قُوَّةً بِذِرَاعِهِ. شَتَّتَ ٱلْمُسْتَكْبِرِينَ بِفِكْرِ قُلُوبِهِمْ. | ٥١ 51 |
अपने भुजबल से उन्होंने प्रतापी काम किए हैं और अभिमानियों को बिखरा दिया है.
أَنْزَلَ ٱلْأَعِزَّاءَ عَنِ ٱلْكَرَاسِيِّ وَرَفَعَ ٱلْمُتَّضِعِينَ. | ٥٢ 52 |
परमेश्वर ने राजाओं को उनके सिंहासनों से नीचे उतार दिया तथा विनम्रों को उठाया है.
أَشْبَعَ ٱلْجِيَاعَ خَيْرَاتٍ وَصَرَفَ ٱلْأَغْنِيَاءَ فَارِغِينَ. | ٥٣ 53 |
उन्होंने भूखों को उत्तम पदार्थों से तृप्त किया तथा सम्पन्नों को खाली लौटा दिया.
عَضَدَ إِسْرَائِيلَ فَتَاهُ لِيَذْكُرَ رَحْمَةً، | ٥٤ 54 |
उन्होंने अपने सेवक इस्राएल की सहायता अपनी उस करुणा के स्मरण में की,
كَمَا كَلَّمَ آبَاءَنَا. لِإِبْراهِيمَ وَنَسْلِهِ إِلَى ٱلْأَبَدِ». (aiōn ) | ٥٥ 55 |
जिसकी प्रतिज्ञा उसने हमारे बाप-दादों से करी थी और जो अब्राहाम तथा उनके वंशजों पर सदा-सर्वदा रहेगी.” (aiōn )
فَمَكَثَتْ مَرْيَمُ عِنْدَهَا نَحْوَ ثَلَاثَةِ أَشْهُرٍ، ثُمَّ رَجَعَتْ إِلَى بَيْتِهَا. | ٥٦ 56 |
लगभग तीन माह एलिज़ाबेथ के साथ रहकर मरियम अपने घर लौट गईं.
وَأَمَّا أَلِيصَابَاتُ فَتَمَّ زَمَانُهَا لِتَلِدَ، فَوَلَدَتِ ٱبْنًا. | ٥٧ 57 |
एलिज़ाबेथ का प्रसवकाल पूरा हुआ और उन्होंने एक पुत्र को जन्म दिया.
وَسَمِعَ جِيرَانُهَا وَأَقْرِبَاؤُهَا أَنَّ ٱلرَّبَّ عَظَّمَ رَحْمَتَهُ لَهَا، فَفَرِحُوا مَعَهَا. | ٥٨ 58 |
जब पड़ोसियों और परिजनों ने यह सुना कि एलिज़ाबेथ पर यह अनुग्रह हुआ है, तो वे भी उनके इस आनंद में सम्मिलित हो गए.
وَفِي ٱلْيَوْمِ ٱلثَّامِنِ جَاءُوا لِيَخْتِنُوا ٱلصَّبِيَّ، وَسَمَّوْهُ بِٱسْمِ أَبِيهِ زَكَرِيَّا. | ٥٩ 59 |
आठवें दिन वे शिशु के ख़तना के लिए इकट्ठा हुए. वे शिशु को उसके पिता के नाम पर ज़करयाह पुकारने लगे.
فَأَجَابَتْ أمُّهُ وَقَالَتْ: «لَا! بَلْ يُسَمَّى يُوحَنَّا». | ٦٠ 60 |
किंतु शिशु की माता ने उत्तर दिया; “नहीं! इसका नाम योहन होगा!”
فَقَالُوا لَهَا: «لَيْسَ أَحَدٌ فِي عَشِيرَتِكِ تَسَمَّى بِهَذَا ٱلِٱسْمِ». | ٦١ 61 |
इस पर उन्होंने एलिज़ाबेथ से कहा, “आपके परिजनों में तो इस नाम का कोई भी व्यक्ति नहीं है!”
ثُمَّ أَوْمَأُوا إِلَى أَبِيهِ، مَاذَا يُرِيدُ أَنْ يُسَمَّى. | ٦٢ 62 |
तब उन्होंने शिशु के पिता से संकेत में प्रश्न किया कि वह शिशु का नाम क्या रखना चाहते हैं?
فَطَلَبَ لَوْحًا وَكَتَبَ قَائِلًا: «ٱسْمُهُ يُوحَنَّا». فَتَعَجَّبَ ٱلْجَمِيعُ. | ٦٣ 63 |
ज़करयाह ने एक लेखन पट्ट मंगा कर उस पर लिख दिया, “इसका नाम योहन है.” यह देख सभी चकित रह गए.
وَفِي ٱلْحَالِ ٱنْفَتَحَ فَمُهُ وَلِسَانُهُ وَتَكَلَّمَ وَبَارَكَ ٱللهَ. | ٦٤ 64 |
उसी क्षण उनकी आवाज लौट आई. उनकी जीभ के बंधन खुल गए और वह परमेश्वर की स्तुति करने लगे.
فَوَقَعَ خَوْفٌ عَلَى كُلِّ جِيرَانِهِمْ. وَتُحُدِّثَ بِهَذِهِ ٱلْأُمُورِ جَمِيعِهَا فِي كُلِّ جِبَالِ ٱلْيَهُودِيَّةِ، | ٦٥ 65 |
सभी पड़ोसियों में परमेश्वर के प्रति श्रद्धा भाव आ गया और यहूदिया प्रदेश के सभी पर्वतीय क्षेत्र में इसकी चर्चा होने लगी.
فَأَوْدَعَهَا جَمِيعُ ٱلسَّامِعِينَ فِي قُلُوبِهِمْ قَائِلِينَ: «أَتَرَى مَاذَا يَكُونُ هَذَا ٱلصَّبِيُّ؟». وَكَانَتْ يَدُ ٱلرَّبِّ مَعَهُ. | ٦٦ 66 |
निःसंदेह प्रभु का हाथ उस बालक पर था. जिन्होंने यह सुना, उन्होंने इसे याद रखा और यह विचार करते रहे: “क्या होगा यह बालक!”
وَٱمْتَلَأَ زَكَرِيَّا أَبُوهُ مِنَ ٱلرُّوحِ ٱلْقُدُسِ، وَتَنَبَّأَ قَائِلًا: | ٦٧ 67 |
पवित्र आत्मा से भरकर उनके पिता ज़करयाह इस प्रकार भविष्यवाणियों का वर्णानुभाषण करना शुरू किया:
«مُبَارَكٌ ٱلرَّبُّ إِلَهُ إِسْرَائِيلَ لِأَنَّهُ ٱفْتَقَدَ وَصَنَعَ فِدَاءً لِشَعْبِهِ، | ٦٨ 68 |
“धन्य हैं प्रभु, इस्राएल के परमेश्वर, क्योंकि उन्होंने अपनी प्रजा की सुधि ली और उसका उद्धार किया.
وَأَقَامَ لَنَا قَرْنَ خَلَاصٍ فِي بَيْتِ دَاوُدَ فَتَاهُ. | ٦٩ 69 |
उन्होंने हमारे लिए अपने सेवक दावीद के वंश में एक उद्धारकर्ता पैदा किया है,
كَمَا تَكَلَّمَ بِفَمِ أَنْبِيَائِهِ ٱلْقِدِّيسِينَ ٱلَّذِينَ هُمْ مُنْذُ ٱلدَّهْرِ، (aiōn ) | ٧٠ 70 |
(जैसा उन्होंने प्राचीन काल के अपने पवित्र भविष्यद्वक्ताओं के माध्यम से प्रकट किया) (aiōn )
خَلَاصٍ مِنْ أَعْدَائِنَا وَمِنْ أَيْدِي جَمِيعِ مُبْغِضِينَا. | ٧١ 71 |
शत्रुओं तथा उन सबसे, जो हमसे घृणा करते हैं, बचाए रखा
لِيَصْنَعَ رَحْمَةً مَعَ آبَائِنَا وَيَذْكُرَ عَهْدَهُ ٱلْمُقَدَّسَ، | ٧٢ 72 |
कि वह हमारे पूर्वजों पर अपनी कृपादृष्टि प्रदर्शित करें तथा अपनी पवित्र वाचा को पूरा करें;
ٱلْقَسَمَ ٱلَّذِي حَلَفَ لِإِبْرَاهِيمَ أَبِينَا: | ٧٣ 73 |
वही वाचा, जो उन्होंने हमारे पूर्वज अब्राहाम से स्थापित की थी:
أَنْ يُعْطِيَنَا إِنَّنَا بِلَا خَوْفٍ، مُنْقَذِينَ مِنْ أَيْدِي أَعْدَائِنَا، نَعْبُدُهُ | ٧٤ 74 |
वह हमें हमारे शत्रुओं के हाथ से छुड़ाएंगे,
بِقَدَاسَةٍ وَبِرٍّ قُدَّامَهُ جَمِيعَ أَيَّامِ حَيَاتِنَا. | ٧٥ 75 |
कि हम पवित्रता और धार्मिकता में निर्भय हो जीवन भर उनकी सेवा कर सकें.
وَأَنْتَ أَيُّهَا ٱلصَّبِيُّ نَبِيَّ ٱلْعَلِيِّ تُدْعَى، لِأَنَّكَ تَتَقَدَّمُ أَمَامَ وَجْهِ ٱلرَّبِّ لِتُعِدَّ طُرُقَهُ. | ٧٦ 76 |
“और बालक तुम, मेरे पुत्र, परम प्रधान परमेश्वर के भविष्यवक्ता कहलाओगे; क्योंकि तुम उनका मार्ग तैयार करने के लिए प्रभु के आगे-आगे चलोगे,
لِتُعْطِيَ شَعْبَهُ مَعْرِفَةَ ٱلْخَلَاصِ بِمَغْفِرَةِ خَطَايَاهُمْ، | ٧٧ 77 |
तुम परमेश्वर की प्रजा को उसके पापों की क्षमा के द्वारा उद्धार का ज्ञान प्रदान करोगे.
بِأَحْشَاءِ رَحْمَةِ إِلَهِنَا ٱلَّتِي بِهَا ٱفْتَقَدَنَا ٱلْمُشْرَقُ مِنَ ٱلْعَلَاءِ. | ٧٨ 78 |
हमारे परमेश्वर की अत्यधिक कृपा के कारण, स्वर्ग से हम पर प्रकाश का उदय होगा,
لِيُضِيءَ عَلَى ٱلْجَالِسِينَ فِي ٱلظُّلْمَةِ وَظِلَالِ ٱلْمَوْتِ، لِكَيْ يَهْدِيَ أَقْدَامَنَا فِي طَرِيقِ ٱلسَّلَامِ». | ٧٩ 79 |
उन पर, जो अंधकार और मृत्यु की छाया में हैं; कि इसके द्वारा हमारा मार्गदर्शन शांति के मार्ग पर हो.”
أَمَّا ٱلصَّبِيُّ فَكَانَ يَنْمُو وَيَتَقَوَّى بِٱلرُّوحِ، وَكَانَ فِي ٱلْبَرَارِي إِلَى يَوْمِ ظُهُورِهِ لِإِسْرَائِيلَ. | ٨٠ 80 |
बालक योहन का विकास होता गया तथा वह आत्मिक रूप से भी बलवंत होते गए. इस्राएल के सामने सार्वजनिक रूप से प्रकट होने के पहले वह बंजर भूमि में निवास करते रहे.