< اَللَّاوِيِّينَ 8 >

وَكَلَّمَ ٱلرَّبُّ مُوسَى قَائِلًا: ١ 1
और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा,
«خُذْ هَارُونَ وَبَنِيهِ مَعَهُ، وَٱلثِّيَابَ وَدُهْنَ ٱلْمَسْحَةِ وَثَوْرَ ٱلْخَطِيَّةِ وَٱلْكَبْشَيْنِ وَسَلَّ ٱلْفَطِيرِ، ٢ 2
“हारून और उसके साथ उसके बेटों को, और लिबास, को और मसह करने के तेल को, और ख़ता की क़ुर्बानी के बछड़े और दोनों मेंढों और बे — ख़मीरी रोटियों की टोकरी को ले;
وَٱجْمَعْ كُلَّ ٱلْجَمَاعَةِ إِلَى بَابِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ». ٣ 3
और सारी जमा'अत को ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े पर जमा' कर।”
فَفَعَلَ مُوسَى كَمَا أَمَرَهُ ٱلرَّبُّ. فَٱجْتَمَعَتِ ٱلْجَمَاعَةُ إِلَى بَابِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ. ٤ 4
चुनाँचे मूसा ने ख़ुदावन्द के हुक्म के मुताबिक़ 'अमल किया; और सारी जमा'अत ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े पर जमा' हुई।
ثُمَّ قَالَ مُوسَى لِلْجَمَاعَةِ: «هَذَا مَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ أَنْ يُفْعَلَ». ٥ 5
तब मूसा ने जमा'अत से कहा, “यह वह काम है, जिसके करने का हुक्म ख़ुदावन्द ने दिया है।”
فَقَدَّمَ مُوسَى هَارُونَ وَبَنِيهِ وَغَسَّلَهُمْ بِمَاءٍ. ٦ 6
फिर मूसा हारून और उसके बेटों को आगे लाया और उन को पानी से ग़ुस्ल दिलाया।
وَجَعَلَ عَلَيْهِ ٱلْقَمِيصَ وَنَطَّقَهُ بِٱلْمِنْطَقَةِ وَأَلْبَسَهُ ٱلْجُبَّةَ وَجَعَلَ عَلَيْهِ ٱلرِّدَاءَ، وَنَطَّقَهُ بِزُنَّارِ ٱلرِّدَاءِ وَشَدَّهُ بِهِ. ٧ 7
और उसको कुरता पहना कर उस पर कमरबन्द लपेटा, और उसको जुब्बा पहना कर उस पर अफ़ोद लगाया और अफ़ोद के कारीगरी से बुने हुए कमरबन्द को उस पर लपेटा, और उसी से उसको उसके ऊपर कस दिया।
وَوَضَعَ عَلَيْهِ ٱلصُّدْرَةَ وَجَعَلَ فِي ٱلصُّدْرَةِ ٱلْأُورِيمَ وَٱلتُّمِّيمَ. ٨ 8
और सीनाबन्द को उसके ऊपर लगा कर सीनाबन्द में ऊरीम और तुम्मीम लगा दिए।
وَوَضَعَ ٱلْعِمَامَةَ عَلَى رَأْسِهِ، وَوَضَعَ عَلَى ٱلْعِمَامَةِ إِلَى جِهَةِ وَجْهِهِ صَفِيحَةَ ٱلذَّهَبِ، ٱلْإِكْلِيلَ ٱلْمُقَدَّسَ، كَمَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ مُوسَى. ٩ 9
और उसके सिर पर 'अमामा रख्खा और 'अमामे पर सामने सोने के पत्तर या'नी पाक ताज को लगाया, जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया था।
ثُمَّ أَخَذَ مُوسَى دُهْنَ ٱلْمَسْحَةِ وَمَسَحَ ٱلْمَسْكَنَ وَكُلَّ مَا فِيهِ وَقَدَّسَهُ، ١٠ 10
और मूसा ने मसह करने का तेल लिया; और घर को और जो कुछ उसमें था सब को मसह कर के पाक किया।
وَنَضَحَ مِنْهُ عَلَى ٱلْمَذْبَحِ سَبْعَ مَرَّاتٍ، وَمَسَحَ ٱلْمَذْبَحَ وَجَمِيعَ آنِيَتِهِ، وَٱلْمِرْحَضَةَ وَقَاعِدَتَهَا لِتَقْدِيسِهَا. ١١ 11
और उस में से थोड़ा सा लेकर मज़बह पर सात बार छिड़का; और मज़बह और उसके सब बर्तनों को, और हौज़ और उसकी कुर्सी को मसह किया, ताकि उन्हें पाक करे।
وَصَبَّ مِنْ دُهْنِ ٱلْمَسْحَةِ عَلَى رَأْسِ هَارُونَ وَمَسَحَهُ لِتَقْدِيسِهِ. ١٢ 12
और मसह करने के तेल में से थोड़ा सा हारून के सिर पर डाला और उसे मसह किया ताकि वह पाक हो।
ثُمَّ قَدَّمَ مُوسَى بَنِي هَارُونَ وَأَلْبَسَهُمْ أَقْمِصَةً وَنَطَّقَهُمْ بِمَنَاطِقَ وَشَدَّ لَهُمْ قَلَانِسَ، كَمَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ مُوسَى. ١٣ 13
फिर मूसा हारून के बेटों को आगे लाया और उन को कुरते पहनाए, और उन पर कमरबन्द लपेटे, और उनको पगड़ियाँ पहनाई जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया था।
ثُمَّ قَدَّمَ ثَوْرَ ٱلْخَطِيَّةِ، وَوَضَعَ هَارُونُ وَبَنُوهُ أَيْدِيَهُمْ عَلَى رَأْسِ ثَوْرِ ٱلْخَطِيَّةِ. ١٤ 14
और वह ख़ता की क़ुर्बानी के बछड़े को आगे लाया, और हारून और उसके बेटों ने अपने — अपने हाथ ख़ता की क़ुर्बानी के बछड़े के सिर पर रख्खे।
فَذَبَحَهُ، وَأَخَذَ مُوسَى ٱلدَّمَ وَجَعَلَهُ عَلَى قُرُونِ ٱلْمَذْبَحِ مُسْتَدِيرًا بِإِصْبَعِهِ، وَطَهَّرَ ٱلْمَذْبَحَ. ثُمَّ صَبَّ ٱلدَّمَ إِلَى أَسْفَلِ ٱلْمَذْبَحِ وَقَدَّسَهُ تَكْفِيرًا عَنْهُ. ١٥ 15
फिर उसने उसको ज़बह किया, और मूसा ने ख़ून को लेकर मज़बह के चारों तरफ़ उसके सींगों पर अपनी उँगली से लगाया और मज़बह को पाक किया; और बाक़ी ख़ून मज़बह के पाये पर उँडेल कर उसका कफ़्फ़ारा दिया, ताकि वह पाक हो।
وَأَخَذَ كُلَّ ٱلشَّحْمِ ٱلَّذِي عَلَى ٱلْأَحْشَاءِ وَزِيَادَةَ ٱلْكَبِدِ وَٱلْكُلْيَتَيْنِ وَشَحْمَهُمَا، وَأَوْقَدَهُ مُوسَى عَلَى ٱلْمَذْبَحِ. ١٦ 16
और मूसा ने अंतड़ियों के ऊपर की सारी चर्बी, और जिगर पर की झिल्ली, और दोनों गुर्दों और उन की चर्बी को लिया और उन्हें मज़बह पर जलाया;
وَأَمَّا ٱلثَّوْرُ: جِلْدُهُ وَلَحْمُهُ وَفَرْثُهُ، فَأَحْرَقَهُ بِنَارٍ خَارِجَ ٱلْمَحَلَّةِ، كَمَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ مُوسَى. ١٧ 17
लेकिन बछड़े को, उसकी खाल और गोश्त और गोबर के साथ, लश्करगाह के बाहर आग में जलाया, जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया था।
ثُمَّ قَدَّمَ كَبْشَ ٱلْمُحْرَقَةِ، فَوَضَعَ هَارُونُ وَبَنُوهُ أَيْدِيَهُمْ عَلَى رَأْسِ ٱلْكَبْشِ. ١٨ 18
फिर उसने सोख़्तनी क़ुर्बानी के मेंढे को हाज़िर किया, और हारून और उसके बेटों ने अपने — अपने हाथ उस मेंढे के सिर पर रख्खे।
فَذَبَحَهُ، وَرَشَّ مُوسَى ٱلدَّمَ عَلَى ٱلْمَذْبَحِ مُسْتَدِيرًا. ١٩ 19
और उसने उसको ज़बह किया, और मूसा ने ख़ून को मज़बह के ऊपर चारों तरफ़ छिड़का।
وَقَطَّعَ ٱلْكَبْشَ إِلَى قِطَعِهِ. وَأَوْقَدَ مُوسَى ٱلرَّأْسَ وَٱلْقِطَعَ وَٱلشَّحْمَ. ٢٠ 20
फिर उसने मेंढे के 'उज़्व — 'उज़्व को काट कर अलग किया, और मूसा ने सिर और 'आज़ा और चर्बी को जलाया।
وَأَمَّا ٱلْأَحْشَاءُ وَٱلْأَكَارِعُ فَغَسَلَهَا بِمَاءٍ، وَأَوْقَدَ مُوسَى كُلَّ ٱلْكَبْشِ عَلَى ٱلْمَذْبَحِ. إِنَّهُ مُحْرَقَةٌ لِرَائِحَةِ سَرُورٍ. وَقُودٌ هُوَ لِلرَّبِّ، كَمَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ مُوسَى. ٢١ 21
और उसने अंतड़ियों और पायों को पानी से धोया, और मूसा ने पूरे मेंढे को मज़बह पर जलाया। यह सोख़्तनी क़ुर्बानी राहतअंगेज़ ख़ुशबू के लिए थी, यह ख़ुदावन्द की आतिशी क़ुर्बानी थी, जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया था।
ثُمَّ قَدَّمَ ٱلْكَبْشَ ٱلثَّانِي، كَبْشَ ٱلْمَلْءِ، فَوَضَعَ هَارُونُ وَبَنُوهُ أَيْدِيَهُمْ عَلَى رَأْسِ ٱلْكَبْشِ. ٢٢ 22
और उसने दूसरे मेंढे को जो तख़्सीसी मेंढा था हाज़िर किया, और हारून और उसके बेटों ने अपने — अपने हाथ उस मेंढे के सिर पर रख्खे।
فَذَبَحَهُ، وَأَخَذَ مُوسَى مِنْ دَمِهِ وَجَعَلَ عَلَى شَحْمَةِ أُذُنِ هَارُونَ ٱلْيُمْنَى، وَعَلَى إِبْهَامِ يَدِهِ ٱلْيُمْنَى، وَعَلَى إِبْهَامِ رِجْلِهِ ٱلْيُمْنَى. ٢٣ 23
और उसने उस को ज़बह किया, और मूसा ने उसका कुछ ख़ून लेकर उसे हारून के दहने कान की लौ पर, और दहने हाथ के अंगूठे और दहने पाँव के अंगूठे पर लगाया।
ثُمَّ قَدَّمَ مُوسَى بَنِي هَارُونَ وَجَعَلَ مِنَ ٱلدَّمِ عَلَى شَحْمِ آذَانِهِمِ ٱلْيُمْنَى، وَعَلَى أَبَاهِمِ أَيْدِيهِمِ ٱلْيُمْنَى، وَعَلَى أَبَاهِمِ أَرْجُلِهِمِ ٱلْيُمْنَى، ثُمَّ رَشَّ مُوسَى ٱلدَّمَ عَلَى ٱلْمَذْبَحِ مُسْتَدِيرًا. ٢٤ 24
फिर वह हारून के बेटों को आगे लाया, और उसी ख़ून में से कुछ उनके दहने कान की लौ पर और दहने हाथ के अंगूठे और दहने पाँव के अंगूठे पर लगाया; और बाक़ी ख़ून को उसने मज़बह के ऊपर चारों तरफ़ छिड़का।
ثُمَّ أَخَذَ ٱلشَّحْمَ: ٱلْأَلْيَةَ وَكُلَّ ٱلشَّحْمِ ٱلَّذِي عَلَى ٱلْأَحْشَاءِ، وَزِيَادَةَ ٱلْكَبِدِ وَٱلْكُلْيَتَيْنِ وَشَحْمَهُمَا، وَٱلسَّاقَ ٱلْيُمْنَى، ٢٥ 25
और उसने चर्बी और मोटी दुम, और अंतड़ियों के ऊपर की चर्बी, और जिगर पर की झिल्ली, और दोनो गुर्दे और उन की चर्बी, और दहनी रान इन सभों को लिया,
وَمِنْ سَلِّ ٱلْفَطِيرِ ٱلَّذِي أَمَامَ ٱلرَّبِّ، أَخَذَ قُرْصًا وَاحِدًا فَطِيرًا، وَقُرْصًا وَاحِدًا مِنَ ٱلْخُبْزِ بِزَيْتٍ، وَرُقَاقَةً وَاحِدَةً، وَوَضَعَهَا عَلَى ٱلشَّحْمِ وَعَلَى ٱلسَّاقِ ٱلْيُمْنَى، ٢٦ 26
और बे — ख़मीरी रोटियों की टोकरी में से जो ख़ुदावन्द के सामने रहती थी, बे — ख़मीरी रोटी का एक गिर्दा, और तेल चुपड़ी हुई रोटी का एक गिर्दा, और एक चपाती निकाल कर उन्हे चर्बी और दहनी रान पर रख्खा।
وَجَعَلَ ٱلْجَمِيعَ عَلَى كَفَّيْ هَارُونَ وَكُفُوفِ بَنِيهِ، وَرَدَّدَهَا تَرْدِيدًا أَمَامَ ٱلرَّبِّ. ٢٧ 27
और इन सभों को हारून और उसके बेटों के हाथों पर रखकर उन्हें हिलाने की क़ुर्बानी के तौर पर ख़ुदावन्द के सामने हिलाया।
ثُمَّ أَخَذَهَا مُوسَى عَنْ كُفُوفِهِمْ، وَأَوْقَدَهَا عَلَى ٱلْمَذْبَحِ فَوْقَ ٱلْمُحْرَقَةِ. إِنَّهَا قُرْبَانُ مَلْءٍ لِرَائِحَةِ سَرُورٍ. وَقُودٌ هِيَ لِلرَّبِّ. ٢٨ 28
फिर मूसा ने उनको उनके हाथों से ले लिया, और उनको मज़बह पर सोख़्तनी क़ुर्बानी के ऊपर जलाया। यह राहतअंगेज़ ख़ुशबू के लिए तख़्सीसी क़ुर्बानी थी। यह ख़ुदावन्द की आतिशी क़ुर्बानी थी।
ثُمَّ أَخَذَ مُوسَى ٱلصَّدْرَ وَرَدَّدَهُ تَرْدِيدًا أَمَامَ ٱلرَّبِّ مِنْ كَبْشِ ٱلْمَلْءِ. لِمُوسَى كَانَ نَصِيبًا، كَمَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ مُوسَى. ٢٩ 29
फिर मूसा ने सीने को लिया, और उसको हिलाने की क़ुर्बानी के तौर पर ख़ुदावन्द के सामने हिलाया। उस तख़्सीसी मेंढे में से यही मूसा का हिस्सा था, जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया था।
ثُمَّ أَخَذَ مُوسَى مِنْ دُهْنِ ٱلْمَسْحَةِ وَمِنَ ٱلدَّمِ ٱلَّذِي عَلَى ٱلْمَذْبَحِ، وَنَضَحَ عَلَى هَارُونَ وَعَلَى ثِيَابِهِ، وَعَلَى بَنِيهِ وَعَلَى ثِيَابِ بَنِيهِ مَعَهُ. وَقَدَّسَ هَارُونَ وَثِيَابَهُ وَبَنِيهِ وَثِيَابَ بَنِيهِ مَعَهُ. ٣٠ 30
और मूसा ने मसह करने के तेल और मज़बह के ऊपर के ख़ून में से कुछ — कुछ लेकर उसे हारून और उसके लिबास पर, और साथ ही उसके बेटों पर और उनके लिबास पर छिड़का; और हारून और उसके लिबास को, और उसके बेटों को और उनके लिबास को पाक किया।
ثُمَّ قَالَ مُوسَى لِهَارُونَ وَبَنِيهِ: «ٱطْبُخُوا ٱللَّحْمَ لَدَى بَابِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ، وَهُنَاكَ تَأْكُلُونَهُ وَٱلْخُبْزَ ٱلَّذِي فِي سَلِّ قُرْبَانِ ٱلْمَلْءِ، كَمَا أَمَرْتُ قَائِلًا: هَارُونُ وَبَنُوهُ يَأْكُلُونَهُ. ٣١ 31
और मूसा ने हारून और उसके बेटों से कहा कि, ये गोश्त ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े पर पकाओ, और इसको वहीं उस रोटी के साथ जो तख़्सीसी टोकरी में है, खाओ, जैसा मैंने हुक्म किया है कि हारून और उसके बेटे उसे खाएँ।
وَٱلْبَاقِي مِنَ ٱللَّحْمِ وَٱلْخُبْزِ تُحْرِقُونَهُ بِٱلنَّارِ. ٣٢ 32
और इस गोश्त और रोटी में से जो कुछ बच रहे उसे आग में जला देना;
وَمِنْ لَدُنْ بَابِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ، لَا تَخْرُجُونَ سَبْعَةَ أَيَّامٍ إِلَى يَوْمِ كَمَالِ أَيَّامِ مَلْئِكُمْ، لِأَنَّهُ سَبْعَةَ أَيَّامٍ يَمْلَأُ أَيْدِيَكُمْ. ٣٣ 33
और जब तक तुम्हारी तख्सीस के दिन पूरे न हों, तब तक या'नी सात दिन तक, तुम ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े से बाहर न जाना; क्यूँकि सात दिन तक वह तुम्हारी तख्सीस करता रहेगा।
كَمَا فَعَلَ فِي هَذَا ٱلْيَوْمِ، قَدْ أَمَرَ ٱلرَّبُّ أَنْ يُفْعَلَ لِلتَّكْفِيرِ عَنْكُمْ. ٣٤ 34
जैसा आज किया गया है, वैसा ही करने का हुक्म ख़ुदावन्द ने दिया है ताकि तुम्हारे लिए कफ़्फ़ारा हो।
وَلَدَى بَابِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ تُقِيمُونَ نَهَارًا وَلَيْلًا سَبْعَةَ أَيَّامٍ، وَتَحْفَظُونَ شَعَائِرَ ٱلرَّبِّ فَلَا تَمُوتُونَ، لِأَنِّي هَكَذَا أُمِرْتُ». ٣٥ 35
इसलिए तुम ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े पर सात रोज़ तक दिन रात ठहरे रहना, और ख़ुदावन्द के हुक्म को मानना, ताकि तुम मर न जाओ; क्यूँकि ऐसा ही हुक्म मुझको मिला है।
فَعَمِلَ هَارُونُ وَبَنُوهُ كُلَّ مَا أَمَرَ بِهِ ٱلرَّبُّ عَلَى يَدِ مُوسَى. ٣٦ 36
तब हारून और उसके बेटों ने सब काम ख़ुदावन्द के हुक्म के मुताबिक़ किया जो उस ने मूसा के ज़रिए' दिया था।

< اَللَّاوِيِّينَ 8 >