< اَللَّاوِيِّينَ 20 >

وَكَلَّمَ ٱلرَّبُّ مُوسَى قَائِلًا: ١ 1
फिर ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा,
«وَتَقُولُ لِبَنِي إِسْرَائِيلَ: كُلُّ إِنْسَانٍ مِنْ بَنِي إِسْرَائِيلَ وَمِنَ ٱلْغُرَبَاءِ ٱلنَّازِلِينَ فِي إِسْرَائِيلَ أَعْطَى مِنْ زَرْعِهِ لِمُولَكَ فَإِنَّهُ يُقْتَلُ. يَرْجُمُهُ شَعْبُ ٱلْأَرْضِ بِٱلْحِجَارَةِ. ٢ 2
“तू बनी — इस्राईल से यह भी कह दे कि बनी — इस्राईल में से या उन परदेसियों में से जो इस्राईलियों के बीच क़याम करते हैं, जो कोई शख़्स अपनी औलाद में से किसी की मोलक की नज़्र करे वह ज़रूर जान से मारा जाए; अहल — ए — मुल्क उसे संगसार करें।
وَأَجْعَلُ أَنَا وَجْهِي ضِدَّ ذَلِكَ ٱلْإِنْسَانِ، وَأَقْطَعُهُ مِنْ شَعْبِهِ، لِأَنَّهُ أَعْطَى مِنْ زَرْعِهِ لِمُولَكَ لِكَيْ يُنَجِّسَ مَقْدِسِي، وَيُدَنِّسَ ٱسْمِيَ ٱلْقُدُّوسَ. ٣ 3
और मैं भी उस शख़्स का मुख़ालिफ़ हूँगा और उसे उसके लोगों में से काट डालेंगा, इसलिए कि उस ने अपनी औलाद को मोलक की नज़्र कर के मेरे हैकल और मेरे पाक नाम को नापाक ठहराया।
وَإِنْ غَمَّضَ شَعْبُ ٱلْأَرْضِ أَعْيُنَهُمْ عَنْ ذَلِكَ ٱلْإِنْسَانِ عِنْدَمَا يُعْطِي مِنْ زَرْعِهِ لِمُولَكَ، فَلَمْ يَقْتُلُوهُ، ٤ 4
और अगर उस वक़्त जब वह अपनी औलाद में से किसी की मोलक की नज़्र करे, अहल — ए — मुल्क उस शख़्स की तरफ़ से चश्मपोशी कर के उसे जान से न मारें
فَإِنِّي أَضَعُ وَجْهِي ضِدَّ ذَلِكَ ٱلْإِنْسَانِ، وَضِدَّ عَشِيرَتِهِ، وَأَقْطَعُهُ وَجَمِيعَ ٱلْفَاجِرِينَ وَرَاءَهُ، بِٱلزِّنَى وَرَاءَ مُولَكَ مِنْ شَعْبِهِمْ. ٥ 5
तो मैं ख़ुद उस शख़्स का और उसके घराने का मुख़ालिफ़ हो कर उसको और उन सभों को जो उसकी पैरवी में ज़िनाकार बनें और मोलक के साथ ज़िना करें, उनकी क़ौम में से काट डालूँगा।
وَٱلنَّفْسُ ٱلَّتِي تَلْتَفِتُ إِلَى ٱلْجَانِّ، وَإِلَى ٱلتَّوَابِعِ لِتَزْنِيَ وَرَاءَهُمْ، أَجْعَلُ وَجْهِي ضِدَّ تِلْكَ ٱلنَّفْسِ وَأَقْطَعُهَا مِنْ شَعْبِهَا. ٦ 6
'और जो शख़्स जिन्नात के यारों और जादूगरों के पास जाए कि उनकी पैरवी में ज़िना करे, मैं उसका मुख़ालिफ़ हूँगा और उसे उस की क़ौम में से काट डालूँगा।
فَتَتَقَدَّسُونَ وَتَكُونُونَ قِدِّيسِينَ، لِأَنِّي أَنَا ٱلرَّبُّ إِلَهُكُمْ. ٧ 7
इसलिए तुम अपने आप को पाक करो और पाक रहो, मैं ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़दा हूँ।
وَتَحْفَظُونَ فَرَائِضِي وَتَعْمَلُونَهَا. أَنَا ٱلرَّبُّ مُقَدِّسُكُمْ. ٨ 8
और तुम मेरे क़ानून को मानना और उस पर 'अमल करना। मैं ख़ुदावन्द हूँ जो तुम को पाक करता हूँ।
«كُلُّ إِنْسَانٍ سَبَّ أَبَاهُ أَوْ أُمَّهُ فَإِنَّهُ يُقْتَلُ. قَدْ سَبَّ أَبَاهُ أَوْ أُمَّهُ. دَمُهُ عَلَيْهِ. ٩ 9
और जो कोई अपने बाप या अपनी माँ पर ला'नत करे वह ज़रूर जान से मारा जाए, उसने अपने बाप या माँ पर ला'नत की है, इसलिए उस का ख़ून उसी की गर्दन पर होगा।
وَإِذَا زَنَى رَجُلٌ مَعَ ٱمْرَأَةٍ، فَإِذَا زَنَى مَعَ ٱمْرَأَةِ قَرِيبِهِ، فَإِنَّهُ يُقْتَلُ ٱلزَّانِي وَٱلزَّانِيَةُ. ١٠ 10
'और जो शख़्स दूसरे की बीवी से या'नी अपने पड़ोसी की बीवी से ज़िना करे, वह ज़ानी और ज़ानिया दोनों ज़रूर जान से मार दिए जाएँ।
وَإِذَا ٱضْطَجَعَ رَجُلٌ مَعَ ٱمْرَأَةِ أَبِيهِ، فَقَدْ كَشَفَ عَوْرَةَ أَبِيهِ. إِنَّهُمَا يُقْتَلَانِ كِلَاهُمَا. دَمُهُمَا عَلَيْهِمَا. ١١ 11
और जो शख़्स अपनी सौतेली माँ से सुहबत करे उसने अपने बाप के बदन को बे — पर्दा किया, वह दोनों ज़रूर जान से मारे जाएँ, उन का ख़ून उन ही की गर्दन पर होगा।
وَإِذَا ٱضْطَجَعَ رَجُلٌ مَعَ كَنَّتِهِ، فَإِنَّهُمَا يُقْتَلَانِ كِلَاهُمَا. قَدْ فَعَلَا فَاحِشَةً. دَمُهُمَا عَلَيْهِمَا. ١٢ 12
और अगर कोई शख़्स अपनी बहू से सुहबत करे तो वह दोनों ज़रूर जान से मारे जायें उन्होंने औंधी बात की है उनका ख़ून उन ही की गर्दन पर होगा।
وَإِذَا ٱضْطَجَعَ رَجُلٌ مَعَ ذَكَرٍ ٱضْطِجَاعَ ٱمْرَأَةٍ، فَقَدْ فَعَلَا كِلَاهُمَا رِجْسًا. إِنَّهُمَا يُقْتَلَانِ. دَمُهُمَا عَلَيْهِمَا. ١٣ 13
और अगर कोई मर्द से सुहबत करे जैसे 'औरत से करते हैं तो उन दोनों ने बहुत मकरूह काम किया है, इसलिए वह दोनों ज़रूर जान से मारे जाएँ, उनका ख़ून उनही की गर्दन पर होगा।
وَإِذَا ٱتَّخَذَ رَجُلٌ ٱمْرَأَةً وَأُمَّهَا فَذَلِكَ رَذِيلَةٌ. بِٱلنَّارِ يُحْرِقُونَهُ وَإِيَّاهُمَا، لِكَيْ لَا يَكُونَ رَذِيلَةٌ بَيْنَكُمْ. ١٤ 14
और अगर कोई शख़्स अपनी बीवी और अपनी सास दोनों को रख्खे तो यह बड़ी ख़बासत है, इसलिए वह आदमी और वह 'औरतें तीनों के तीनों जला दिए जाएँ ताकि तुम्हारे बीच ख़बासत न रहे;
وَإِذَا جَعَلَ رَجُلٌ مَضْجَعَهُ مَعَ بَهِيمَةٍ، فَإِنَّهُ يُقْتَلُ، وَٱلْبَهِيمَةُ تُمِيتُونَهَا. ١٥ 15
और अगर कोई मर्द किसी जानवर से जिमा'अ करे तो वह ज़रूर जान से मारा जाए और तुम उस जानवर को भी मार डालना।
وَإِذَا ٱقْتَرَبَتِ ٱمْرَأَةٌ إِلَى بَهِيمَةٍ لِنِزَائِهَا، تُمِيتُ ٱلْمَرْأَةَ وَٱلْبَهِيمَةَ. إِنَّهُمَا يُقْتَلَانِ. دَمُهُمَا عَلَيْهِمَا. ١٦ 16
और अगर कोई 'औरत किसी जानवर के पास जाए और उससे हम सुहबत हो तो उस 'औरत और जानवर दोनों को मार डालना, वह ज़रूर जान से मारे जाएँ; उनका ख़ून उन ही की गर्दन पर होगा।
وَإِذَا أَخَذَ رَجُلٌ أُخْتَهُ بِنْتَ أَبِيهِ أَوْ بِنْتَ أُمِّهِ، وَرَأَى عَوْرَتَهَا وَرَأَتْ هِيَ عَوْرَتَهُ، فَذَلِكَ عَارٌ. يُقْطَعَانِ أَمَامَ أَعْيُنِ بَنِي شَعْبِهِمَا. قَدْ كَشَفَ عَوْرَةَ أُخْتِهِ. يَحْمِلُ ذَنْبَهُ. ١٧ 17
'और अगर कोई मर्द अपनी बहन को जो उसके बाप की या उसकी माँ की बेटी हो, लेकर उसका बदन देखे और उसकी बहन उसका बदन देखे, तो यह शर्म की बात है; वह दोनों अपनी क़ौम के लोगों की आँखों के सामने क़त्ल किए जाएँ, उसने अपनी बहन के बदन को बे — पर्दा किया, उसका गुनाह उसी के सिर लगेगा।
وَإِذَا ٱضْطَجَعَ رَجُلٌ مَعَ ٱمْرَأَةٍ طَامِثٍ وَكَشَفَ عَوْرَتَهَا، عَرَّى يَنْبُوعَهَا وَكَشَفَتْ هِيَ يَنْبُوعَ دَمِهَا، يُقْطَعَانِ كِلَاهُمَا مِنْ شَعِبْهِمَا. ١٨ 18
और अगर मर्द उस 'औरत से जो कपड़ों से हो सुहबत कर के उसके बदन को बे — पर्दा करे, तो उसने उसका चश्मा खोला और उस 'औरत ने अपने ख़ून का चश्मा खुलवाया। इसलिए वह दोनों अपनी क़ौम में से काट डाले जाएँ।
عَوْرَةَ أُخْتِ أُمِّكَ، أَوْ أُخْتِ أَبِيكَ لَا تَكْشِفْ. إِنَّهُ قَدْ عَرَّى قَرِيبَتَهُ. يَحْمِلَانِ ذَنْبَهُمَا. ١٩ 19
और तू अपनी ख़ाला या फूफी के बदन को बे — पर्दा न करना, क्यूँकि जो ऐसा करे उसने अपनी क़रीबी रिश्तेदार को बे — पर्दा किया; इसलिए उन दोनों का गुनाह उन ही के सिर लगेगा।
وَإِذَا ٱضْطَجَعَ رَجُلٌ مَعَ ٱمْرَأَةِ عَمِّهِ فَقَدْ كَشَفَ عَوْرَةَ عَمِّهِ. يَحْمِلَانِ ذَنْبَهُمَا. يَمُوتَانِ عَقِيمَيْنِ. ٢٠ 20
और अगर कोई अपनी चची या ताई से सुहबत करे तो उसने अपने चचा या ताऊ के बदन को बे — पर्दा किया; इसलिए उनका गुनाह उनके सिर लगेगा, वह बे — औलाद मरेंगे।
وَإِذَا أَخَذَ رَجُلٌ ٱمْرَأَةَ أَخِيهِ، فَذَلِكَ نَجَاسَةٌ. قَدْ كَشَفَ عَوْرَةَ أَخِيهِ. يَكُونَانِ عَقِيمَيْنِ. ٢١ 21
अगर कोई शख़्स अपने भाई की बीवी को रख्खें तो यह नजासत है, उसने अपने भाई के बदन को बे — पर्दा किया है; वह बे — औलाद रहेंगे।
«فَتَحْفَظُونَ جَمِيعَ فَرَائِضِي وَجَمِيعَ أَحْكَامِي، وَتَعْمَلُونَهَا لِكَيْ لَا تَقْذِفَكُمُ ٱلْأَرْضُ ٱلَّتِي أَنَا آتٍ بِكُمْ إِلَيْهَا لِتَسْكُنُوا فِيهَا. ٢٢ 22
इसलिए तुम मेरे सब आईन और अहकाम मानना और उन पर 'अमल करना, ताकि वह मुल्क जिसमें मैं तुम को बसाने को लिए जाता हूँ तुम को उगल न दे।
وَلَا تَسْلُكُونَ فِي رُسُومِ ٱلشُّعُوبِ ٱلَّذِينَ أَنَا طَارِدُهُمْ مِنْ أَمَامِكُمْ. لِأَنَّهُمْ قَدْ فَعَلُوا كُلَّ هَذِهِ، فَكَرِهْتُهُمْ. ٢٣ 23
तुम उन क़ौमों के दस्तूरों पर जिनको मैं तुम्हारे आगे से निकालता हूँ मत चलना, क्यूँकि उन्होंने यह सब काम किए इसीलिए मुझे उन से नफ़रत हो गई।
وَقُلْتُ لَكُمْ: تَرِثُونَ أَنْتُمْ أَرْضَهُمْ، وَأَنَا أُعْطِيكُمْ إِيَّاهَا لِتَرِثُوهَا، أَرْضًا تَفِيضُ لَبَنًا وَعَسَلًا. أَنَا ٱلرَّبُّ إِلَهُكُمُ ٱلَّذِي مَيَّزَكُمْ مِنَ ٱلشُّعُوبِ. ٢٤ 24
लेकिन मैंने तुमसे कहा है कि तुम उनके मुल्क के वारिस होगे, और मैं तुम को वह मुल्क जिस में दूध और शहद बहता है तुम्हारी मिल्कियत होने के लिए दूँगा। मैं ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा हूँ, जिसने तुम को और क़ौमों से अलग किया है।
فَتُمَيِّزُونَ بَيْنَ ٱلْبَهَائِمِ ٱلطَّاهِرَةِ وَٱلنَّجِسَةِ، وَبَيْنَ ٱلطُّيُورِ ٱلنَّجِسَةِ وَٱلطَّاهِرَةِ. فَلَا تُدَنِّسُوا نُفُوسَكُمْ بِٱلْبَهَائِمِ وَٱلطُّيُورِ، وَلَا بِكُلِّ مَا يَدِبُّ عَلَى ٱلْأَرْضِ مِمَّا مَيَّزْتُهُ لَكُمْ لِيَكُونَ نَجِسًا. ٢٥ 25
इसलिए तुम पाक और नापाक चौपायों में, और पाक और नापाक परिन्दों में फ़र्क़ करना, और तुम किसी जानवर या परिन्दे या ज़मीन पर के रेंगनेवाले जानदार से, जिनको मैंने तुम्हारे लिए नापाक ठहराकर अलग किया है अपने आप को मकरूह न बना लेना।
وَتَكُونُونَ لِي قِدِّيسِينَ لِأَنِّي قُدُّوسٌ أَنَا ٱلرَّبُّ، وَقَدْ مَيَّزْتُكُمْ مِنَ ٱلشُّعُوبِ لِتَكُونُوا لِي. ٢٦ 26
और तुम मेरे लिए पाक बने रहना, क्यूँकि मैं जो ख़ुदावन्द हूँ पाक हूँ; और मैंने तुम को और क़ौमों से अलग किया है ताकि तुम मेरे ही रहो।
«وَإِذَا كَانَ فِي رَجُلٍ أَوِ ٱمْرَأَةٍ جَانٌّ أَوْ تَابِعَةٌ فَإِنَّهُ يُقْتَلُ. بِٱلْحِجَارَةِ يَرْجُمُونَهُ. دَمُهُ عَلَيْهِ». ٢٧ 27
और वह मर्द या 'औरत जिसमें जिन्न हो या वह जादूगर हो तो वह ज़रूर जान से मारा जाए, ऐसों को लोग संगसार करें; उनका ख़ून उन ही की गर्दन पर होगा।”

< اَللَّاوِيِّينَ 20 >