< اَللَّاوِيِّينَ 10 >

وَأَخَذَ ٱبْنَا هَارُونَ: نَادَابُ وَأَبِيهُو، كُلٌّ مِنْهُمَا مِجْمَرَتَهُ وَجَعَلَا فِيهِمَا نَارًا وَوَضَعَا عَلَيْهَا بَخُورًا، وَقَرَّبَا أَمَامَ ٱلرَّبِّ نَارًا غَرِيبَةً لَمْ يَأْمُرْهُمَا بِهَا. ١ 1
तब नादाब और अबीहू नामक हारून के दो पुत्रों ने अपना-अपना धूपदान लिया, और उनमें आग भरी, और उसमें धूप डालकर उस अनुचित आग को जिसकी आज्ञा यहोवा ने नहीं दी थी यहोवा के सम्मुख अर्पित किया।
فَخَرَجَتْ نَارٌ مِنْ عِنْدِ ٱلرَّبِّ وَأَكَلَتْهُمَا، فَمَاتَا أَمَامَ ٱلرَّبِّ. ٢ 2
तब यहोवा के सम्मुख से आग निकली और उन दोनों को भस्म कर दिया, और वे यहोवा के सामने मर गए।
فَقَالَ مُوسَى لِهَارُونَ: «هَذَا مَا تَكَلَّمَ بِهِ ٱلرَّبُّ قَائِلًا: فِي ٱلْقَرِيبِينَ مِنِّي أَتَقَدَّسُ، وَأَمَامَ جَمِيعِ ٱلشَّعْبِ أَتَمَجَّدُ». فَصَمَتَ هَارُونُ. ٣ 3
तब मूसा ने हारून से कहा, “यह वही बात है जिसे यहोवा ने कहा था, कि जो मेरे समीप आए अवश्य है कि वह मुझे पवित्र जाने, और सारी जनता के सामने मेरी महिमा करे।” और हारून चुप रहा।
فَدَعَا مُوسَى مِيشَائِيلَ وَأَلْصَافَانَ ٱبْنَيْ عُزِّيئِيلَ عَمِّ هَارُونَ، وَقَالَ لَهُمَا: «تَقَدَّمَا ٱرْفَعَا أَخَوَيْكُمَا مِنْ قُدَّامِ ٱلْقُدْسِ إِلَى خَارِجِ ٱلْمَحَلَّةِ». ٤ 4
तब मूसा ने मीशाएल और एलसाफान को जो हारून के चाचा उज्जीएल के पुत्र थे बुलाकर कहा, “निकट आओ, और अपने भतीजों को पवित्रस्थान के आगे से उठाकर छावनी के बाहर ले जाओ।”
فَتَقَدَّمَا وَرَفَعَاهُمَا فِي قَمِيصَيْهِمَا إِلَى خَارِجِ ٱلْمَحَلَّةِ، كَمَا قَالَ مُوسَى. ٥ 5
मूसा की इस आज्ञा के अनुसार वे निकट जाकर उनको अंगरखों सहित उठाकर छावनी के बाहर ले गए।
وَقَالَ مُوسَى لِهَارُونَ وَأَلِعَازَارَ وَإِيثَامَارَ ٱبْنَيْهِ: «لَا تَكْشِفُوا رُؤُوسَكُمْ وَلَا تَشُقُّوا ثِيَابَكُمْ لِئَلَّا تَمُوتُوا، وَيُسْخَطَ عَلَى كُلِّ ٱلْجَمَاعَةِ. وَأَمَّا إِخْوَتُكُمْ كُلُّ بَيْتِ إِسْرَائِيلَ فَيَبْكُونَ عَلَى ٱلْحَرِيقِ ٱلَّذِي أَحْرَقَهُ ٱلرَّبُّ. ٦ 6
तब मूसा ने हारून से और उसके पुत्र एलीआजर और ईतामार से कहा, “तुम लोग अपने सिरों के बाल मत बिखराओ, और न अपने वस्त्रों को फाड़ो, ऐसा न हो कि तुम भी मर जाओ, और सारी मण्डली पर उसका क्रोध भड़क उठे; परन्तु इस्राएल के सारे घराने के लोग जो तुम्हारे भाई-बन्धु हैं वह यहोवा की लगाई हुई आग पर विलाप करें।
وَمِنْ بَابِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ لَا تَخْرُجُوا لِئَلَّا تَمُوتُوا، لِأَنَّ دُهْنَ مَسْحَةِ ٱلرَّبِّ عَلَيْكُمْ». فَفَعَلُوا حَسَبَ كَلَامِ مُوسَى. ٧ 7
और तुम लोग मिलापवाले तम्बू के द्वार के बाहर न जाना, ऐसा न हो कि तुम मर जाओ; क्योंकि यहोवा के अभिषेक का तेल तुम पर लगा हुआ है।” मूसा के इस वचन के अनुसार उन्होंने किया।
وَكَلَّمَ ٱلرَّبُّ هَارُونَ قَائِلًا: ٨ 8
फिर यहोवा ने हारून से कहा,
«خَمْرًا وَمُسْكِرًا لَا تَشْرَبْ أَنْتَ وَبَنُوكَ مَعَكَ عِنْدَ دُخُولِكُمْ إِلَى خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ لِكَيْ لَا تَمُوتُوا. فَرْضًا دَهْرِيًّا فِي أَجْيَالِكُمْ ٩ 9
“जब जब तू या तेरे पुत्र मिलापवाले तम्बू में आएँ तब-तब तुम में से कोई न तो दाखमधु पीए हो न और किसी प्रकार का मद्य, कहीं ऐसा न हो कि तुम मर जाओ; तुम्हारी पीढ़ी-पीढ़ी में यह विधि प्रचलित रहे,
وَلِلتَّمْيِيزِ بَيْنَ ٱلْمُقَدَّسِ وَٱلْمُحَلَّلِ وَبَيْنَ ٱلنَّجِسِ وَٱلطَّاهِرِ، ١٠ 10
१०जिससे तुम पवित्र और अपवित्र में, और शुद्ध और अशुद्ध में अन्तर कर सको;
وَلِتَعْلِيمِ بَنِي إِسْرَائِيلَ جَمِيعَ ٱلْفَرَائِضِ ٱلَّتِي كَلَّمَهُمُ ٱلرَّبُّ بِهَا بِيَدِ مُوسَى». ١١ 11
११और इस्राएलियों को उन सब विधियों को सिखा सको जिसे यहोवा ने मूसा के द्वारा उनको बता दी हैं।”
وَقَالَ مُوسَى لِهَارُونَ وَأَلِعَازَارَ وَإِيثَامَارَ ٱبْنَيْهِ ٱلْبَاقِيَيْنِ: «خُذُوا ٱلتَّقْدِمَةَ ٱلْبَاقِيَةَ مِنْ وَقَائِدِ ٱلرَّبِّ وَكُلُوهَا فَطِيرًا بِجَانِبِ ٱلْمَذْبَحِ لِأَنَّهَا قُدْسُ أَقْدَاسٍ. ١٢ 12
१२फिर मूसा ने हारून से और उसके बचे हुए दोनों पुत्र एलीआजर और ईतामार से भी कहा, “यहोवा के हव्य में से जो अन्नबलि बचा है उसे लेकर वेदी के पास बिना ख़मीर खाओ, क्योंकि वह परमपवित्र है;
كُلُوهَا فِي مَكَانٍ مُقَدَّسٍ لِأَنَّهَا فَرِيضَتُكَ وَفَرِيضَةُ بَنِيكَ مِنْ وَقَائِدِ ٱلرَّبِّ، فَإِنَّنِي هَكَذَا أُمِرْتُ. ١٣ 13
१३और तुम उसे किसी पवित्रस्थान में खाओ, वह यहोवा के हव्य में से तेरा और तेरे पुत्रों का हक़ है; क्योंकि मैंने ऐसी ही आज्ञा पाई है।
وَأَمَّا صَدْرُ ٱلتَّرْدِيدِ وَسَاقُ ٱلرَّفِيعَةِ فَتَأْكُلُونَهُمَا فِي مَكَانٍ طَاهِرٍ أَنْتَ وَبَنُوكَ وَبَنَاتُكَ مَعَكَ، لِأَنَّهُمَا جُعِلَا فَرِيضَتَكَ وَفَرِيضَةَ بَنِيكَ مِنْ ذَبَائِحِ سَلَامَةِ بَنِي إِسْرَائِيلَ. ١٤ 14
१४तब हिलाई हुई भेंट की छाती और उठाई हुई भेंट की जाँघ को तुम लोग, अर्थात् तू और तेरे बेटे-बेटियाँ सब किसी शुद्ध स्थान में खाओ; क्योंकि वे इस्राएलियों के मेलबलियों में से तुझे और तेरे बच्चों का हक़ ठहरा दी गई हैं।
سَاقُ ٱلرَّفِيعَةِ وَصَدْرُ ٱلتَّرْدِيدِ يَأْتُونَ بِهِمَا مَعَ وَقَائِدِ ٱلشَّحْمِ لِيُرَدَّدَا تَرْدِيدًا أَمَامَ ٱلرَّبِّ، فَيَكُونَانِ لَكَ وَلِبَنِيكَ مَعَكَ فَرِيضَةً دَهْرِيَّةً، كَمَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ». ١٥ 15
१५चर्बी के हव्यों समेत जो उठाई हुई जाँघ और हिलाई हुई छाती यहोवा के सामने हिलाने के लिये आया करेंगी, ये भाग यहोवा की आज्ञा के अनुसार सर्वदा की विधि की व्यवस्था से तेरे और तेरे बच्चों के लिये हैं।”
وَأَمَّا تَيْسُ ٱلْخَطِيَّةِ فَإِنَّ مُوسَى طَلَبَهُ فَإِذَا هُوَ قَدِ ٱحْتَرَقَ. فَسَخِطَ عَلَى أَلِعَازَارَ وَإِيثَامَارَ، ٱبْنَيْ هَارُونَ ٱلْبَاقِيَيْنِ، وَقَالَ: ١٦ 16
१६फिर मूसा ने पापबलि के बकरे की खोजबीन की, तो क्या पाया कि वह जलाया गया है, इसलिए एलीआजर और ईतामार जो हारून के पुत्र बचे थे उनसे वह क्रोध में आकर कहने लगा,
«مَا لَكُمَا لَمْ تَأْكُلَا ذَبِيحَةَ ٱلْخَطِيَّةِ فِي ٱلْمَكَانِ ٱلْمُقَدَّسِ؟ لِأَنَّهَا قُدْسُ أَقْدَاسٍ، وَقَدْ أَعْطَاكُمَا إِيَّاهَا لِتَحْمِلَا إِثْمَ ٱلْجَمَاعَةِ تَكْفِيرًا عَنْهُمْ أَمَامَ ٱلرَّبِّ. ١٧ 17
१७“पापबलि जो परमपवित्र है और जिसे यहोवा ने तुम्हें इसलिए दिया है कि तुम मण्डली के अधर्म का भार अपने पर उठाकर उनके लिये यहोवा के सामने प्रायश्चित करो, तुम ने उसका माँस पवित्रस्थान में क्यों नहीं खाया?
إِنَّهُ لَمْ يُؤْتَ بِدَمِهَا إِلَى ٱلْقُدْسِ دَاخِلًا. أَكْلًا تَأْكُلَانِهَا فِي ٱلْقُدْسِ كَمَا أَمَرْتُ». ١٨ 18
१८देखो, उसका लहू पवित्रस्थान के भीतर तो लाया ही नहीं गया, निःसन्देह उचित था कि तुम मेरी आज्ञा के अनुसार उसके माँस को पवित्रस्थान में खाते।”
فَقَالَ هَارُونُ لِمُوسَى: «إِنَّهُمَا ٱلْيَوْمَ قَدْ قَرَّبَا ذَبِيحَةَ خَطِيَّتِهِمَا وَمُحْرَقَتَهُمَا أَمَامَ ٱلرَّبِّ، وَقَدْ أَصَابَنِي مِثْلُ هَذِهِ. فَلَوْ أَكَلْتُ ذَبِيحَةَ ٱلْخَطِيَّةِ ٱلْيَوْمَ، هَلْ كَانَ يَحْسُنُ فِي عَيْنَيِ ٱلرَّبِّ؟». ١٩ 19
१९इसका उत्तर हारून ने मूसा को इस प्रकार दिया, “देख, आज ही उन्होंने अपने पापबलि और होमबलि को यहोवा के सामने चढ़ाया; फिर मुझ पर ऐसी विपत्तियाँ आ पड़ी हैं! इसलिए यदि मैं आज पापबलि का माँस खाता तो क्या यह बात यहोवा के सम्मुख भली होती?”
فَلَمَّا سَمِعَ مُوسَى حَسُنَ فِي عَيْنَيْهِ. ٢٠ 20
२०जब मूसा ने यह सुना तब उसे संतोष हुआ।

< اَللَّاوِيِّينَ 10 >