< اَلْقُضَاة 7 >

فَبَكَّرَ يَرُبَّعْلُ، أَيْ جِدْعُونُ، وَكُلُّ ٱلشَّعْبِ ٱلَّذِي مَعَهُ وَنَزَلُوا عَلَى عَيْنِ حَرُودَ. وَكَانَ جَيْشُ ٱلْمِدْيَانِيِّينَ شِمَالِيَّهُمْ عِنْدَ تَلِّ مُورَةَ فِي ٱلْوَادِي. ١ 1
तब गिदोन जो यरूब्बाल भी कहलाता है और सब लोग जो उसके संग थे सवेरे उठे, और हरोद नामक सोते के पास अपने डेरे खड़े किए; और मिद्यानियों की छावनी उनके उत्तरी ओर मोरे नामक पहाड़ी के पास तराई में पड़ी थी।
وَقَالَ ٱلرَّبُّ لِجِدْعُونَ: «إِنَّ ٱلشَّعْبَ ٱلَّذِي مَعَكَ كَثِيرٌ عَلَيَّ لِأَدْفَعَ ٱلْمِدْيَانِيِّينَ بِيَدِهِمْ، لِئَلَّا يَفْتَخِرَ عَلَيَّ إِسْرَائِيلُ قَائِلًا: يَدِي خَلَّصَتْنِي. ٢ 2
तब यहोवा ने गिदोन से कहा, “जो लोग तेरे संग हैं वे इतने हैं कि मैं मिद्यानियों को उनके हाथ नहीं कर सकता, नहीं तो इस्राएल यह कहकर मेरे विरुद्ध अपनी बड़ाई मारने लगेंगे, कि हम अपने ही भुजबल के द्वारा बचे हैं।
وَٱلْآنَ نَادِ فِي آذَانِ ٱلشَّعْبِ قَائِلًا: مَنْ كَانَ خَائِفًا وَمُرْتَعِدًا فَلْيَرْجِعْ وَيَنْصَرِفْ مِنْ جَبَلِ جِلْعَادَ». فَرَجَعَ مِنَ ٱلشَّعْبِ ٱثْنَانِ وَعِشْرُونَ أَلْفًا. وَبَقِيَ عَشَرَةُ آلَافٍ. ٣ 3
इसलिए तू जाकर लोगों में यह प्रचार करके सुना दे, ‘जो कोई डर के मारे थरथराता हो, वह गिलाद पहाड़ से लौटकर चला जाए।’” तब बाईस हजार लोग लौट गए, और केवल दस हजार रह गए।
وَقَالَ ٱلرَّبُّ لِجِدْعُونَ: «لَمْ يَزَلِ ٱلشَّعْبُ كَثِيرًا. اِنْزِلْ بِهِمْ إِلَى ٱلْمَاءِ فَأُنَقِّيَهُمْ لَكَ هُنَاكَ. وَيَكُونُ أَنَّ ٱلَّذِي أَقُولُ لَكَ عَنْهُ: هَذَا يَذْهَبُ مَعَكَ، فَهُوَ يَذْهَبُ مَعَكَ. وَكُلُّ مَنْ أَقُولُ لَكَ عَنْهُ: هَذَا لَا يَذْهَبُ مَعَكَ فَهُوَ لَا يَذْهَبُ». ٤ 4
फिर यहोवा ने गिदोन से कहा, “अब भी लोग अधिक हैं; उन्हें सोते के पास नीचे ले चल, वहाँ मैं उन्हें तेरे लिये परखूँगा; और जिस जिसके विषय में मैं तुझ से कहूँ, ‘यह तेरे संग चले,’ वह तो तेरे संग चले; और जिस जिसके विषय में मैं कहूँ, ‘यह तेरे संग न जाए,’ वह न जाए।”
فَنَزَلَ بِٱلشَّعْبِ إِلَى ٱلْمَاءِ. وَقَالَ ٱلرَّبُّ لِجِدْعُونَ: «كُلُّ مَنْ يَلَغُ بِلِسَانِهِ مِنَ ٱلْمَاءِ كَمَا يَلَغُ ٱلْكَلْبُ فَأَوْقِفْهُ وَحْدَهُ. وَكَذَا كُلُّ مَنْ جَثَا عَلَى رُكْبَتَيْهِ لِلشُّرْبِ». ٥ 5
तब वह उनको सोते के पास नीचे ले गया; वहाँ यहोवा ने गिदोन से कहा, “जितने कुत्ते की समान जीभ से पानी चपड़-चपड़ करके पीएँ उनको अलग रख; और वैसा ही उन्हें भी जो घुटने टेककर पीएँ।”
وَكَانَ عَدَدُ ٱلَّذِينَ وَلَغُوا بِيَدِهِمْ إِلَى فَمِهِمْ ثَلَاثَ مِئَةِ رَجُلٍ. وَأَمَّا بَاقِي ٱلشَّعْبِ جَمِيعًا فَجَثَوْا عَلَى رُكَبِهِمْ لِشُرْبِ ٱلْمَاءِ. ٦ 6
जिन्होंने मुँह में हाथ लगाकर चपड़-चपड़ करके पानी पिया उनकी तो गिनती तीन सौ ठहरी; और बाकी सब लोगों ने घुटने टेककर पानी पिया।
فَقَالَ ٱلرَّبُّ لِجِدْعُونَ: «بِٱلثَّلَاثِ مِئَةِ ٱلرَّجُلِ ٱلَّذِينَ وَلَغُوا أُخَلِّصُكُمْ وَأَدْفَعُ ٱلْمِدْيَانِيِّينَ لِيَدِكَ. وَأَمَّا سَائِرُ ٱلشَّعْبِ فَلْيَذْهَبُوا كُلُّ وَاحِدٍ إِلَى مَكَانِهِ». ٧ 7
तब यहोवा ने गिदोन से कहा, “इन तीन सौ चपड़-चपड़ करके पीनेवालों के द्वारा मैं तुम को छुड़ाऊँगा, और मिद्यानियों को तेरे हाथ में कर दूँगा; और अन्य लोग अपने-अपने स्थान को लौट जाए।”
فَأَخَذَ ٱلشَّعْبُ زَادًا بِيَدِهِمْ مَعَ أَبْوَاقِهِمْ. وَأَرْسَلَ سَائِرَ رِجَالِ إِسْرَائِيلَ كُلَّ وَاحِدٍ إِلَى خَيْمَتِهِ، وَأَمْسَكَ ٱلثَّلَاثَ مِئَةِ ٱلرَّجُلِ. وَكَانَتْ مَحَلَّةُ ٱلْمِدْيَانِيِّينَ تَحْتَهُ فِي ٱلْوَادِي. ٨ 8
तब उन तीन सौ लोगों ने अपने साथ भोजन सामग्री ली और अपने-अपने नरसिंगे लिए; और उसने इस्राएल के अन्य सब पुरुषों को अपने-अपने डेरे की ओर भेज दिया, परन्तु उन तीन सौ पुरुषों को अपने पास रख छोड़ा; और मिद्यान की छावनी उसके नीचे तराई में पड़ी थी।
وَكَانَ فِي تِلْكَ ٱللَّيْلَةِ أَنَّ ٱلرَّبَّ قَالَ لَهُ: «قُمِ ٱنْزِلْ إِلَى ٱلْمَحَلَّةِ، لِأَنِّي قَدْ دَفَعْتُهَا إِلَى يَدِكَ. ٩ 9
उसी रात को यहोवा ने उससे कहा, “उठ, छावनी पर चढ़ाई कर; क्योंकि मैं उसे तेरे हाथ कर देता हूँ।
وَإِنْ كُنْتَ خَائِفًا مِنَ ٱلنُّزُولِ، فَٱنْزِلْ أَنْتَ وَفُورَةُ غُلَامُكَ إِلَى ٱلْمَحَلَّةِ، ١٠ 10
१०परन्तु यदि तू चढ़ाई करते डरता हो, तो अपने सेवक फूरा को संग लेकर छावनी के पास जाकर सुन,
وَتَسْمَعُ مَا يَتَكَلَّمُونَ بِهِ، وَبَعْدُ تَتَشَدَّدُ يَدَاكَ وَتَنْزِلُ إِلَى ٱلْمَحَلَّةِ». فَنَزَلَ هُوَ وَفُورَةُ غُلَامُهُ إِلَى آخِرِ ٱلْمُتَجَهِّزِينَ ٱلَّذِينَ فِي ٱلْمَحَلَّةِ. ١١ 11
११कि वे क्या कह रहे हैं; उसके बाद तुझे उस छावनी पर चढ़ाई करने का हियाव होगा।” तब वह अपने सेवक फूरा को संग ले उन हथियार-बन्दों के पास जो छावनी के छोर पर थे उतर गया।
وَكَانَ ٱلْمِدْيَانِيُّونَ وَٱلْعَمَالِقَةُ وَكُلُّ بَنِي ٱلْمَشْرِقِ حَالِّينَ فِي ٱلْوَادِي كَٱلْجَرَادِ فِي ٱلْكَثْرَةِ، وَجِمَالُهُمْ لَا عَدَدَ لَهَا كَٱلرَّمْلِ ٱلَّذِي عَلَى شَاطِئِ ٱلْبَحْرِ فِي ٱلْكَثْرَةِ. ١٢ 12
१२मिद्यानी और अमालेकी और सब पूर्वी लोग तो टिड्डियों के समान बहुत से तराई में फैले पड़े थे; और उनके ऊँट समुद्र तट के रेतकणों के समान गिनती से बाहर थे।
وَجَاءَ جِدْعُونُ فَإِذَا رَجُلٌ يُخَبِّرُ صَاحِبَهُ بِحُلْمٍ وَيَقُولُ: «هُوَذَا قَدْ حَلُمْتُ حُلْمًا، وَإِذَا رَغِيفُ خُبْزِ شَعِيرٍ يَتَدَحْرَجُ فِي مَحَلَّةِ ٱلْمِدْيَانِيِّينَ، وَجَاءَ إِلَى ٱلْخَيْمَةِ وَضَرَبَهَا فَسَقَطَتْ، وَقَلَبَهَا إِلَى فَوْقُ فَسَقَطَتِ ٱلْخَيْمَةُ». ١٣ 13
१३जब गिदोन वहाँ आया, तब एक जन अपने किसी संगी को अपना स्वप्न बता रहा था, “सुन, मैंने स्वप्न में क्या देखा है कि जौ की एक रोटी लुढ़कते-लुढ़कते मिद्यान की छावनी में आई, और डेरे को ऐसी टक्कर मारी कि वह गिर गया, और उसको ऐसा उलट दिया, कि डेरा गिरा पड़ा रहा।”
فَأَجَابَ صَاحِبُهُ وَقَالَ: «لَيْسَ ذَلِكَ إِلأَّ سَيْفَ جِدْعُونَ بْنِ يُوآشَ رَجُلِ إِسْرَائِيلَ. قَدْ دَفَعَ ٱللهُ إِلَى يَدِهِ ٱلْمِدْيَانِيِّينَ وَكُلَّ ٱلْجَيْشِ». ١٤ 14
१४उसके संगी ने उत्तर दिया, “यह योआश के पुत्र गिदोन नामक एक इस्राएली पुरुष की तलवार को छोड़ कुछ नहीं है; उसी के हाथ में परमेश्वर ने मिद्यान को सारी छावनी समेत कर दिया है।”
وَكَانَ لَمَّا سَمِعَ جِدْعُونُ خَبَرَ ٱلْحُلْمِ وَتَفْسِيرَهُ، أَنَّهُ سَجَدَ وَرَجَعَ إِلَى مَحَلَّةِ إِسْرَائِيلَ وَقَالَ: «قُومُوا لِأَنَّ ٱلرَّبَّ قَدْ دَفَعَ إِلَى يَدِكُمْ جَيْشَ ٱلْمِدْيَانِيِّينَ». ١٥ 15
१५उस स्वप्न का वर्णन और फल सुनकर गिदोन ने दण्डवत् किया; और इस्राएल की छावनी में लौटकर कहा, “उठो, यहोवा ने मिद्यानी सेना को तुम्हारे वश में कर दिया है।”
وَقَسَمَ ٱلثَّلَاثَ مِئَةِ ٱلرَّجُلِ إِلَى ثَلَاثِ فِرَقٍ، وَجَعَلَ أَبْوَاقًا فِي أَيْدِيهِمْ كُلِّهِمْ، وَجِرَارًا فَارِغَةً وَمَصَابِيحَ فِي وَسَطِ ٱلْجِرَارِ. ١٦ 16
१६तब उसने उन तीन सौ पुरुषों के तीन झुण्ड किए, और एक-एक पुरुष के हाथ में एक नरसिंगा और खाली घड़ा दिया, और घड़ों के भीतर एक मशाल थी।
وَقَالَ لَهُمُ: «ٱنْظُرُوا إِلَيَّ وَٱفْعَلُوا كَذَلِكَ. وَهَا أَنَا آتٍ إِلَى طَرَفِ ٱلْمَحَلَّةِ، فَيَكُونُ كَمَا أَفْعَلُ أَنَّكُمْ هَكَذَا تَفْعَلُونَ. ١٧ 17
१७फिर उसने उनसे कहा, “मुझे देखो, और वैसा ही करो; सुनो, जब मैं उस छावनी की छोर पर पहुँचूँ, तब जैसा मैं करूँ वैसा ही तुम भी करना।
وَمَتَى ضَرَبْتُ بِٱلْبُوقِ أَنَا وَكُلُّ ٱلَّذِينَ مَعِي، فَٱضْرِبُوا أَنْتُمْ أَيْضًا بِٱلْأَبْوَاقِ حَوْلَ كُلِّ ٱلْمَحَلَّةِ، وَقُولُوا: لِلرَّبِّ وَلِجِدْعُونَ». ١٨ 18
१८अर्थात् जब मैं और मेरे सब संगी नरसिंगा फूँकें तब तुम भी छावनी के चारों ओर नरसिंगे फूँकना, और ललकारना, ‘यहोवा की और गिदोन की तलवार।’”
فَجَاءَ جِدْعُونُ وَٱلْمِئَةُ ٱلرَّجُلِ ٱلَّذِينَ مَعَهُ إِلَى طَرَفِ ٱلْمَحَلَّةِ فِي أَوَّلِ ٱلْهَزِيعِ ٱلْأَوْسَطِ، وَكَانُوا إِذْ ذَاكَ قَدْ أَقَامُوا ٱلْحُرَّاسَ، فَضَرَبُوا بِٱلْأَبْوَاقِ وَكَسَّرُوا ٱلْجِرَارَ ٱلَّتِي بِأَيْدِيهِمْ. ١٩ 19
१९बीचवाले पहर के आरम्भ में जैसे ही पहरुओं की बदली हो गई थी वैसे ही गिदोन अपने संग के सौ पुरुषों समेत छावनी के छोर पर गया; और नरसिंगे को फूँक दिया और अपने हाथ के घड़ों को तोड़ डाला।
فَضَرَبَتِ ٱلْفِرَقُ ٱلثَّلَاثُ بِٱلْأَبْوَاقِ وَكَسَّرُوا ٱلْجِرَارَ، وَأَمْسَكُوا ٱلْمَصَابِيحَ بِأَيْدِيهِمِ ٱلْيُسْرَى وَٱلْأَبْوَاقَ بِأَيْدِيهِمِ ٱلْيُمْنَى لِيَضْرِبُوا بِهَا، وَصَرَخُوا: «سَيْفٌ لِلرَّبِّ وَلِجِدْعُونَ». ٢٠ 20
२०तब तीनों झुण्डों ने नरसिंगों को फूँका और घड़ों को तोड़ डाला; और अपने-अपने बाएँ हाथ में मशाल और दाहिने हाथ में फूँकने को नरसिंगा लिए हुए चिल्ला उठे, ‘यहोवा की तलवार और गिदोन की तलवार।’
وَوَقَفُوا كُلُّ وَاحِدٍ فِي مَكَانِهِ حَوْلَ ٱلْمَحَلَّةِ. فَرَكَضَ كُلُّ ٱلْجَيْشِ وَصَرَخُوا وَهَرَبُوا. ٢١ 21
२१तब वे छावनी के चारों ओर अपने-अपने स्थान पर खड़े रहे, और सब सेना के लोग दौड़ने लगे; और उन्होंने चिल्ला चिल्लाकर उन्हें भगा दिया।
وَضَرَبَ ٱلثَّلَاثُ ٱلْمِئِينَ بِٱلْأَبْوَاقِ، وَجَعَلَ ٱلرَّبُّ سَيْفَ كُلِّ وَاحِدٍ بِصَاحِبِهِ وَبِكُلِّ ٱلْجَيْشِ. فَهَرَبَ ٱلْجَيْشُ إِلَى بَيْتِ شِطَّةَ، إِلَى صَرَدَةَ حَتَّى إِلَى حَافَةِ آبَلِ مَحُولَةَ، إِلَى طَبَّاةَ. ٢٢ 22
२२और उन्होंने तीन सौ नरसिंगों को फूँका, और यहोवा ने एक-एक पुरुष की तलवार उसके संगी पर और सब सेना पर चलवाई; तो सेना के लोग सरेरा की ओर बेतशित्ता तक और तब्बात के पास के आबेल-महोला तक भाग गए।
فَٱجْتَمَعَ رِجَالُ إِسْرَائِيلَ مِنْ نَفْتَالِي وَمِنْ أَشِيرَ وَمِنْ كُلِّ مَنَسَّى وَتَبِعُوا ٱلْمِدْيَانِيِّينَ. ٢٣ 23
२३तब इस्राएली पुरुष नप्ताली और आशेर और मनश्शे के सारे देश से इकट्ठे होकर मिद्यानियों के पीछे पड़े।
فَأَرْسَلَ جِدْعُونُ رُسُلًا إِلَى كُلِّ جَبَلِ أَفْرَايِمَ قَائِلًا: «ٱنْزِلُوا لِلِقَاءِ ٱلْمِدْيَانِيِّينَ وَخُذُوا مِنْهُمُ ٱلْمِيَاهَ إِلَى بَيْتِ بَارَةَ وَٱلْأُرْدُنِّ». فَٱجْتَمَعَ كُلُّ رِجَالِ أَفْرَايِمَ وَأَخَذُوا ٱلْمِيَاهَ إِلَى بَيْتِ بَارَةَ وَٱلْأُرْدُنِّ. ٢٤ 24
२४और गिदोन ने एप्रैम के सब पहाड़ी देश में यह कहने को दूत भेज दिए, “मिद्यानियों से मुठभेड़ करने को चले आओ, और यरदन नदी के घाटों को बेतबारा तक उनसे पहले अपने वश में कर लो।” तब सब एप्रैमी पुरुषों ने इकट्ठे होकर यरदन नदी को बेतबारा तक अपने वश में कर लिया।
وَأَمْسَكُوا أَمِيرَيِ ٱلْمِدْيَانِيِّينَ غُرَابًا وَذِئْبًا، وَقَتَلُوا غُرَابًا عَلَى صَخْرَةِ غُرَابٍ، وَأَمَّا ذِئْبٌ فَقَتَلُوهُ فِي مِعْصَرَةِ ذِئْبٍ. وَتَبِعُوا ٱلْمِدْيَانِيِّينَ وَأَتَوْا بِرَأْسَيْ غُرَابٍ وَذِئْبٍ إِلَى جِدْعُونَ مِنْ عَبْرِ ٱلْأُرْدُنِّ. ٢٥ 25
२५और उन्होंने ओरेब और जेब नाम मिद्यान के दो हाकिमों को पकड़ा; और ओरेब को ओरेब नामक चट्टान पर, और जेब को जेब नामक दाखरस के कुण्ड पर घात किया; और वे मिद्यानियों के पीछे पड़े; और ओरेब और जेब के सिर यरदन के पार गिदोन के पास ले गए।

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