< اَلْقُضَاة 4 >

وَعَادَ بَنُو إِسْرَائِيلَ يَعْمَلُونَ ٱلشَّرَّ فِي عَيْنَيِ ٱلرَّبِّ بَعْدَ مَوْتِ إِهُودَ، ١ 1
और अहूद की वफ़ात के बाद बनी इस्राईल ने फिर ख़ुदावन्द के सामने बुराई की।
فَبَاعَهُمُ ٱلرَّبُّ بِيَدِ يَابِينَ مَلِكِ كَنْعَانَ ٱلَّذِي مَلَكَ فِي حَاصُورَ. وَرَئِيسُ جَيْشِهِ سِيسَرَا، وَهُوَ سَاكِنٌ فِي حَرُوشَةِ ٱلْأُمَمِ. ٢ 2
इसलिए ख़ुदावन्द ने उनको कन'आन के बादशाह याबीन के हाथ जो हसूर में सल्तनत करता था बेचा, और उसके लश्कर के सरदार का नाम सीसरा था; वह दीगर अक़वाम के शहर हरूसत में रहता था।
فَصَرَخَ بَنُو إِسْرَائِيلَ إِلَى ٱلرَّبِّ، لِأَنَّهُ كَانَ لَهُ تِسْعُ مِئَةِ مَرْكَبَةٍ مِنْ حَدِيدٍ، وَهُوَ ضَايَقَ بَنِي إِسْرَائِيلَ بِشِدَّةٍ، عِشْرِينَ سَنَةً. ٣ 3
तब बनी — इस्राईल ने ख़ुदावन्द से फ़रियाद की; क्यूँकि उसके पास लोहे के नौ सौ रथ थे, और उसने बीस बरस तक बनी — इस्राईल को शिद्दत से सताया।
وَدَبُورَةُ ٱمْرَأَةٌ نَبِيَّةٌ زَوْجَةُ لَفِيدُوتَ، هِيَ قَاضِيَةُ إِسْرَائِيلَ فِي ذَلِكَ ٱلْوَقْتِ. ٤ 4
उस वक़्त लफ़ीदोत की बीवी दबोरा नबिया, बनी — इस्राईल का इन्साफ़ किया करती थी।
وَهِيَ جَالِسَةٌ تَحْتَ نَخْلَةِ دَبُورَةَ بَيْنَ ٱلرَّامَةِ وَبَيْتِ إِيلَ فِي جَبَلِ أَفْرَايِمَ. وَكَانَ بَنُو إِسْرَائِيلَ يَصْعَدُونَ إِلَيْهَا لِلْقَضَاءِ. ٥ 5
और वह इफ़्राईम के पहाड़ी मुल्क में रामा और बैतएल के बीच दबोरा के खजूर के दरख़्त के नीचे रहती थी, और बनी इस्राईल उसके पास इन्साफ़ के लिए आते थे।
فَأَرْسَلَتْ وَدَعَتْ بَارَاقَ بْنَ أَبِينُوعَمَ مِنْ قَادَشِ نَفْتَالِي، وَقَالَتْ لَهُ: «أَلَمْ يَأْمُرِ ٱلرَّبُّ إِلَهُ إِسْرَائِيلَ: اِذْهَبْ وَٱزْحَفْ إِلَى جَبَلِ تَابُورَ، وَخُذْ مَعَكَ عَشْرَةَ آلَافِ رَجُلٍ مِنْ بَنِي نَفْتَالِي وَمِنْ بَنِي زَبُولُونَ، ٦ 6
और उसने क़ादिस नफ़्ताली से अबीनू'अम के बेटे बरक़ को बुला भेजा और उससे कहा, “क्या ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा ने हुक्म नहीं किया, कि तू तबूर के पहाड़ पर चढ़ जा, और बनी नफ़्ताली और बनी ज़बूलून में से दस हज़ार आदमी अपने साथ ले ले?
فَأَجْذُبَ إِلَيْكَ، إِلَى نَهْرِ قِيشُونَ سِيسَرَا رَئِيسَ جَيْشِ يَابِينَ بِمَرْكَبَاتِهِ وَجُمْهُورِهِ وَأَدْفَعَهُ لِيَدِكَ؟» ٧ 7
और मैं नहर — ए — क़ीसोन पर याबीन के लश्कर के सरदार सीसरा को और उसके रथों और फ़ौज को तेरे पास खींच लाऊँगा, और उसे तेरे हाथ में कर दूँगा।”
فَقَالَ لَهَا بَارَاقُ: «إِنْ ذَهَبْتِ مَعِي أَذْهَبْ، وَإِنْ لَمْ تَذْهَبِي مَعِي فَلَا أَذْهَبُ». ٨ 8
और बरक़ ने उससे कहा, “अगर तू मेरे साथ चलेगी तो मैं जाऊँगा, लेकिन अगर तू मेरे साथ नहीं चलेगी तो मैं नहीं जाऊँगा।”
فَقَالَتْ: «إِنِّي أَذْهَبُ مَعَكَ، غَيْرَ أَنَّهُ لَا يَكُونُ لَكَ فَخْرٌ فِي ٱلطَّرِيقِ ٱلَّتِي أَنْتَ سَائِرٌ فِيهَا. لِأَنَّ ٱلرَّبَّ يَبِيعُ سِيسَرَا بِيَدِ ٱمْرَأَةٍ». فَقَامَتْ دَبُورَةُ وَذَهَبَتْ مَعَ بَارَاقَ إِلَى قَادَشَ. ٩ 9
उसने कहा, “मैं ज़रूर तेरे साथ चलूँगीं; लेकिन इस सफ़र से जो तू करता है तुझे कुछ इज़्ज़त हासिल न होगी, क्यूँकि ख़ुदावन्द सीसरा को एक 'औरत के हाथ बेच डालेगा।” और दबोरा उठ कर बरक़ के साथ क़ादिस को गई।
وَدَعَا بَارَاقُ زَبُولُونَ وَنَفْتَالِيَ إِلَى قَادَشَ، وَصَعِدَ وَمَعَهُ عَشَرَةُ آلَافِ رَجُلٍ. وَصَعِدَتْ دَبُورَةُ مَعَهُ. ١٠ 10
और बरक़ ने ज़बूलून और नफ़्ताली को क़ादिस में बुलाया; और दस हज़ार आदमी अपने साथ लेकर चढ़ा, और दबोरा भी उसके साथ चढ़ी।
وَحَابِرُ ٱلْقَيْنِيُّ ٱنْفَرَدَ مِنْ قَايِنَ، مِنْ بَنِي حُوبَابَ حَمِي مُوسَى، وَخَيَّمَ حَتَّى إِلَى بَلُّوطَةٍ فِي صَعَنَايِمَ ٱلَّتِي عِنْدَ قَادَشَ. ١١ 11
और हिब्र क़ीनी ने जो मूसा के साले हुबाब की नसल से था, क़ीनियों से अलग होकर क़ादिस के क़रीब ज़ाननीम में बलूत के दरख़्त के पास अपना डेरा डाल लिया था।
وَأَخْبَرُوا سِيسَرَا بِأَنَّهُ قَدْ صَعِدَ بَارَاقُ بْنُ أَبِينُوعَمَ إِلَى جَبَلِ تَابُورَ. ١٢ 12
तब उन्होंने सीसरा को ख़बर पहुँचाई कि बरक़ बिन अबीनू'अम कोह — ए — तबूर पर चढ़ गया है।
فَدَعَا سِيسَرَا جَمِيعَ مَرْكَبَاتِهِ، تِسْعَ مِئَةِ مَرْكَبَةٍ مِنْ حَدِيدٍ، وَجَمِيعَ ٱلشَّعْبِ ٱلَّذِي مَعَهُ مِنْ حَرُوشَةِ ٱلْأُمَمِ إِلَى نَهْرِ قِيشُونَ. ١٣ 13
और सीसरा ने अपने सब रथों को, या'नी लोहे के नौ सौ रथों और अपने साथ के सब लोगों को दीगर अक़वाम के शहर हरूसत से क़ीसोन की नदी पर जमा' किया।
فَقَالَتْ دَبُورَةُ لِبَارَاقَ: «قُمْ، لِأَنَّ هَذَا هُوَ ٱلْيَوْمُ ٱلَّذِي دَفَعَ فِيهِ ٱلرَّبُّ سِيسَرَا لِيَدِكَ. أَلَمْ يَخْرُجِ ٱلرَّبُّ قُدَّامَكَ؟» فَنَزَلَ بَارَاقُ مِنْ جَبَلِ تَابُورَ وَوَرَاءَهُ عَشْرَةُ آلَافِ رَجُلٍ. ١٤ 14
तब दबोरा ने बरक़ से कहा कि उठ! क्यूँकि यही वह दिन है, जिसमें ख़ुदावन्द ने सीसरा को तेरे क़ब्ज़े में कर दिया है। क्या ख़ुदावन्द तेरे आगे नहीं गया है? तब बरक़ और वह दस हज़ार आदमी उसके पीछे पीछे कोह — ए — तबूर से उतरे।
فَأَزْعَجَ ٱلرَّبُّ سِيسَرَا وَكُلَّ ٱلْمَرْكَبَاتِ وَكُلَّ ٱلْجَيْشِ بِحَدِّ ٱلسَّيْفِ أَمَامَ بَارَاقَ. فَنَزَلَ سِيسَرَا عَنِ ٱلْمَرْكَبَةِ وَهَرَبَ عَلَى رِجْلَيْهِ. ١٥ 15
और ख़ुदावन्द ने सीसरा को और उसके सब रथों और सब लश्कर को, तलवार की धार से बरक़ के सामने शिकस्त दी; और सीसरा रथ पर से उतर कर पैदल भागा।
وَتَبِعَ بَارَاقُ ٱلْمَرْكَبَاتِ وَٱلْجَيْشَ إِلَى حَرُوشَةِ ٱلْأُمَمِ. وَسَقَطَ كُلُّ جَيْشِ سِيسَرَا بِحَدِّ ٱلسَّيْفِ. لَمْ يَبْقَ وَلَا وَاحِدٌ. ١٦ 16
और बरक़ रथों और लश्कर को दीगर अक़वाम के हरूसत शहर तक दौड़ाता गया; चुनाँचे सीसरा का सारा लश्कर तलवार से मिटा, और एक भी न बचा।
وَأَمَّا سِيسَرَا فَهَرَبَ عَلَى رِجْلَيْهِ إِلَى خَيْمَةِ يَاعِيلَ ٱمْرَأَةِ حَابِرَ ٱلْقَيْنِيِّ، لِأَنَّهُ كَانَ صُلْحٌ بَيْنَ يَابِينَ مَلِكِ حَاصُورَ وَبَيْتِ حَابِرَ ٱلْقَيْنِيِّ. ١٧ 17
लेकिन सीसरा हिब्र क़ीनी की बीवी या'एल के डेरे को पैदल भाग गया, इसलिए कि हसूर के बादशाह याबीन और हिब्र क़ीनी के घराने में सुलह थी।
فَخَرَجَتْ يَاعِيلُ لِٱسْتِقْبَالِ سِيسَرَا وَقَالَتْ لَهُ: «مِلْ يَا سَيِّدِي، مِلْ إِلَيَّ. لَا تَخَفْ». فَمَالَ إِلَيْهَا إِلَى ٱلْخَيْمَةِ وَغَطَّتْهُ بِٱللِّحَافِ. ١٨ 18
तब या'एल सीसरा से मिलने को निकली, और उससे कहने लगी, “ऐ मेरे ख़ुदावन्द, आ मेरे पास आ, और परेशान न हो।” इसलिए वह उसके पास डेरे में चला गया, और उसने उसको कम्बल उढ़ा दिया।
فَقَالَ لَهَا: «ٱسْقِينِي قَلِيلَ مَاءٍ لِأَنِّي قَدْ عَطِشْتُ». فَفَتَحَتْ وَطَبَ ٱللَّبَنِ وَأَسْقَتْهُ ثُمَّ غَطَّتْهُ. ١٩ 19
तब सीसरा ने उससे कहा कि ज़रा मुझे थोड़ा सा पानी पीने को दे, क्यूँकि मैं प्यासा हूँ। तब उसने दूध का मश्कीज़ा खोलकर उसे पिलाया, और फिर उसे उढ़ा दिया।
فَقَالَ لَهَا: «قِفِي بِبَابِ ٱلْخَيْمَةِ، وَيَكُونُ إِذَا جَاءَ أَحَدٌ وَسَأَلَكِ: أَهُنَا رَجُلٌ؟ أَنَّكِ تَقُولِينَ لَا». ٢٠ 20
तब उसने उससे कहा कि तू डेरे के दरवाज़े पर खड़ी रहना, और अगर कोई शख़्स आकर तुझ से पूछे कि यहाँ कोई आदमी है? तो कह देना कि नहीं।
فَأَخَذَتْ يَاعِيلُ ٱمْرَأَةُ حَابِرَ وَتَدَ ٱلْخَيْمَةِ وَجَعَلَتِ ٱلْمِيتَدَةَ فِي يَدِهَا، وَقَارَتْ إِلَيْهِ وَضَرَبَتِ ٱلْوَتَدَ فِي صُدْغِهِ فَنَفَذَ إِلَى ٱلْأَرْضِ، وَهُوَ مُتَثَقِّلٌ فِي ٱلنَّوْمِ وَمُتْعَبٌ، فَمَاتَ. ٢١ 21
तब हिब्र की बीवी या'एल डेरे की एक मेख और एक मेख़चू को हाथ में ले, दबे पाँव उसके पास गई और मेख़ उसकी कनपट्टियों पर रख कर ऐसी ठोंकी कि वह पार होकर ज़मीन में जा धँसी, क्यूँकि वह गहरी नींद में था, पस वह बेहोश होकर मर गया।
وَإِذَا بِبَارَاقَ يُطَارِدُ سِيسَرَا، فَخَرَجَتْ يَاعِيلُ لِٱسْتِقْبَالِهِ وَقَالَتْ لَهُ: «تَعَالَ فَأُرِيَكَ ٱلرَّجُلَ ٱلَّذِي أَنْتَ طَالِبُهُ». فَجَاءَ إِلَيْهَا وَإِذَا سِيسَرَا سَاقِطٌ مَيْتًا وَٱلْوَتَدُ فِي صُدْغِهِ. ٢٢ 22
और जब बरक़ सीसरा को दौड़ाता आया तो या'एल उससे मिलने को निकली और उससे कहा, “आ जा, और मैं तुझे वही शख़्स जिसे तू ढूँडता है दिखा दूँगी।” पस उसने उसके पास आकर देखा कि सीसरा मरा पड़ा है, और मेख़ उसकी कनपट्टियों में है।
فَأَذَلَّ ٱللهُ فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ يَابِينَ مَلِكَ كَنْعَانَ أَمَامَ بَنِي إِسْرَائِيلَ. ٢٣ 23
इसलिए ख़ुदा ने उस दिन कन'आन के बादशाह याबीन को बनी — इस्राईल के सामने नीचा दिखाया।
وَأَخَذَتْ يَدُ بَنِي إِسْرَائِيلَ تَتَزَايَدُ وَتَقْسُو عَلَى يَابِينَ مَلِكِ كَنْعَانَ حَتَّى قَرَضُوا يَابِينَ مَلِكَ كَنْعَانَ. ٢٤ 24
और बनी — इस्राईल का हाथ कन'आन के बादशाह याबीन पर ज़्यादा ग़ालिब ही होता गया, यहाँ तक कि उन्होंने शाह — ए — कन'आन याबीन को बर्बाद कर डाला।

< اَلْقُضَاة 4 >