< يَشُوع 1 >

وَكَانَ بَعْدَ مَوْتِ مُوسَى عَبْدِ ٱلرَّبِّ أَنَّ ٱلرَّبَّ كَلَّمَ يَشُوعَ بْنَ نُونٍ خَادِمَ مُوسَى قَائِلًا: ١ 1
याहवेह के सेवक मोशेह के मरने के बाद याहवेह ने नून के पुत्र यहोशू से कहा,
«مُوسَى عَبْدِي قَدْ مَاتَ. فَٱلْآنَ قُمْ ٱعْبُرْ هَذَا ٱلْأُرْدُنَّ أَنْتَ وَكُلُّ هَذَا ٱلشَّعْبِ إِلَى ٱلْأَرْضِ ٱلَّتِي أَنَا مُعْطِيهَا لَهُمْ أَيْ لِبَنِي إِسْرَائِيلَ. ٢ 2
“मोशेह, मेरे सेवक की मृत्यु हो चुकी है; अब तुम उठो और इन सभी लोगों के साथ यरदन नदी के उस पार जाओ, जिसे मैं इस्राएलियों को दे रहा हूं.
كُلَّ مَوْضِعٍ تَدُوسُهُ بُطُونُ أَقْدَامِكُمْ لَكُمْ أَعْطَيْتُهُ، كَمَا كَلَّمْتُ مُوسَى. ٣ 3
और, जहां-जहां तुम पांव रखोगे, वह जगह मैं तुम्हें दूंगा, ठीक जैसा मैंने मोशेह से कहा था.
مِنَ ٱلْبَرِّيَّةِ وَلُبْنَانَ هَذَا إِلَى ٱلنَّهْرِ ٱلْكَبِيرِ نَهْرِ ٱلْفُرَاتِ، جَمِيعِ أَرْضِ ٱلْحِثِّيِّينَ، وَإِلَى ٱلْبَحْرِ ٱلْكَبِيرِ نَحْوَ مَغْرِبِ ٱلشَّمْسِ يَكُونُ تُخْمُكُمْ. ٤ 4
लबानोन के निर्जन प्रदेश से महानद फरात तक, और हित्तियों के देश से लेकर महासागर तक, सब देश तुम्हारा होगा. और
لَا يَقِفُ إِنْسَانٌ فِي وَجْهِكَ كُلَّ أَيَّامِ حَيَاتِكَ. كَمَا كُنْتُ مَعَ مُوسَى أَكُونُ مَعَكَ. لَا أُهْمِلُكَ وَلَا أَتْرُكُكَ. ٥ 5
कभी भी कोई तुम्हारा विरोध न कर सकेगा. ठीक जिस प्रकार मैं मोशेह के साथ रहा हूं, उसी प्रकार तुम्हारे साथ भी रहूंगा. मैं न तो तुम्हें छोडूंगा और न त्‍यागूंगा.
تَشَدَّدْ وَتَشَجَّعْ، لِأَنَّكَ أَنْتَ تَقْسِمُ لِهَذَا ٱلشَّعْبِ ٱلْأَرْضَ ٱلَّتِي حَلَفْتُ لِآبَائِهِمْ أَنْ أُعْطِيَهُمْ. ٦ 6
इसलिये दृढ़ हो जाओ, क्योंकि तुम ही इन लोगों को उस देश पर अधिकारी ठहराओगे, जिसको देने का वादा मैंने पहले किया था.
إِنَّمَا كُنْ مُتَشَدِّدًا، وَتَشَجَّعْ جِدًّا لِكَيْ تَتَحَفَّظَ لِلْعَمَلِ حَسَبَ كُلِّ ٱلشَّرِيعَةِ ٱلَّتِي أَمَرَكَ بِهَا مُوسَى عَبْدِي. لَا تَمِلْ عَنْهَا يَمِينًا وَلَا شِمَالًا لِكَيْ تُفْلِحَ حَيْثُمَا تَذْهَبُ. ٧ 7
“तुम केवल हिम्मत और संकल्प के साथ बढ़ते जाओ और मेरे सेवक मोशेह द्वारा दिए गये नियम सावधानी से मानना; उससे न तो दाईं ओर मुड़ना न बाईं ओर, ताकि तुम हमेशा सफल रहो.
لَا يَبْرَحْ سِفْرُ هَذِهِ ٱلشَّرِيعَةِ مِنْ فَمِكَ، بَلْ تَلْهَجُ فِيهِ نَهَارًا وَلَيْلًا، لِكَيْ تَتَحَفَّظَ لِلْعَمَلِ حَسَبَ كُلِّ مَا هُوَ مَكْتُوبٌ فِيهِ. لِأَنَّكَ حِينَئِذٍ تُصْلِحُ طَرِيقَكَ وَحِينَئِذٍ تُفْلِحُ. ٨ 8
तुम्हारे मन से व्यवस्था की ये बातें कभी दूर न होने पाए, लेकिन दिन-रात इसका ध्यान करते रहना, कि तुम उन बातों का पालन कर सको, जो इसमें लिखी गयी है; तब तुम्हारे सब काम अच्छे और सफल होंगे.
أَمَا أَمَرْتُكَ؟ تَشَدَّدْ وَتَشَجَّعْ! لَا تَرْهَبْ وَلَا تَرْتَعِبْ لِأَنَّ ٱلرَّبَّ إِلَهَكَ مَعَكَ حَيْثُمَا تَذْهَبُ». ٩ 9
मेरी बात याद रखो: दृढ़ होकर हिम्मत के साथ आगे बढ़ो; न घबराना, न उदास होना. क्योंकि याहवेह, तुम्हारा परमेश्वर तुम्हारे साथ हैं; चाहे तुम कहीं भी जाओ, याहवेह तुम्हारे साथ हैं.”
فَأَمَرَ يَشُوعُ عُرَفَاءَ ٱلشَّعْبِ قَائِلًا: ١٠ 10
फिर यहोशू ने अधिकारियों को यह आदेश दिया:
«جُوزُوا فِي وَسَطِ ٱلْمَحَلَّةِ وَأْمُرُوا ٱلشَّعْبَ قَائِلِينَ: هَيِّئُوا لِأَنْفُسِكُمْ زَادًا، لِأَنَّكُمْ بَعْدَ ثَلَاثَةِ أَيَّامٍ تَعْبُرُونَ ٱلْأُرْدُنَّ هَذَا لِكَيْ تَدْخُلُوا فَتَمْتَلِكُوا ٱلْأَرْضَ ٱلَّتِي يُعْطِيكُمُ ٱلرَّبُّ إِلَهُكُمْ لِتَمْتَلِكُوهَا». ١١ 11
“छावनी में जाकर लोगों को यह आज्ञा दो, ‘तीन दिन के भीतर तुम्हें यरदन नदी को पार करके उस देश में जाना है, जो याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें देनेवाले हैं, तब अपने लिए भोजन वस्तुएं तैयार कर रखो.’”
ثُمَّ كَلَّمَ يَشُوعُ ٱلرَّأُوبَيْنِيِّينَ وَٱلْجَادِيِّينَ وَنِصْفَ سِبْطِ مَنَسَّى قَائِلًا: ١٢ 12
यहोशू ने रियूबेन, गाद तथा मनश्शेह के आधे गोत्र से कहा,
«ٱذْكُرُوا ٱلْكَلَامَ ٱلَّذِي أَمَرَكُمْ بِهِ مُوسَى عَبْدُ ٱلرَّبِّ قَائِلًا: ٱلرَّبُّ إِلَهُكُمْ قَدْ أَرَاحَكُمْ وَأَعْطَاكُمْ هَذِهِ ٱلْأَرْضَ. ١٣ 13
“याहवेह के सेवक मोशेह के आदेश को मत भूलना, जो उन्होंने कहा था, ‘याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें आराम के लिए एक स्थान देंगे.’
نِسَاؤُكُمْ وَأَطْفَالُكُمْ وَمَوَاشِيكُمْ تَلْبَثُ فِي ٱلْأَرْضِ ٱلَّتِي أَعْطَاكُمْ مُوسَى فِي عَبْرِ ٱلْأُرْدُنِّ، وَأَنْتُمْ تَعْبُرُونَ مُتَجَهِّزِينَ أَمَامَ إِخْوَتِكُمْ، كُلُّ ٱلْأَبْطَالِ ذَوِي ٱلْبَأْسِ، وَتُعِينُونَهُمْ ١٤ 14
तुम्हारी पत्नियां, तुम्हारे बालक तथा तुम्हारे पशु उस भूमि पर रहेंगे, जो मोशेह द्वारा यरदन के उस पार दी गई है, किंतु तुम्हारे सब योद्धाओं को अपने भाई-बंधुओं के आगे जाना होगा, ताकि वे उनकी सहायता कर सकें.
حَتَّى يُرِيحَ ٱلرَّبُّ إِخْوَتَكُمْ مِثْلَكُمْ، وَيَمْتَلِكُوا هُمْ أَيْضًا ٱلْأَرْضَ ٱلَّتِي يُعْطِيهِمُ ٱلرَّبُّ إِلَهُكُمْ. ثُمَّ تَرْجِعُونَ إِلَى أَرْضِ مِيرَاثِكُمْ وَتَمْتَلِكُونَهَا، ٱلَّتِي أَعْطَاكُمْ مُوسَى عَبْدُ ٱلرَّبِّ فِي عَبْرِ ٱلْأُرْدُنِّ نَحْوَ شُرُوقِ ٱلشَّمْسِ». ١٥ 15
जब तक याहवेह तुम्हारे भाई-बंधुओं को आराम न दें, तथा वे भी उस भूमि को अपने अधिकार में न कर लें, जो याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर उन्हें देंगे. फिर तुम अपने देश को लौट सकोगे और उस भूमि पर अधिकार कर सकोगे, जो याहवेह के सेवक मोशेह ने तुम्हें यरदन के उस पार दी है.”
فَأَجَابُوا يَشُوعَ قَائِلِينَ: «كُلَّ مَا أَمَرْتَنَا بِهِ نَعْمَلُهُ، وَحَيْثُمَا تُرْسِلْنَا نَذْهَبْ. ١٦ 16
उन्होंने यहोशू को उत्तर दिया, “आपने जो कहा है, हम उसको मानेंगे, आप हमें जहां भेजेंगे, हम वहां जाएंगे.
حَسَبَ كُلِّ مَا سَمِعْنَا لِمُوسَى نَسْمَعُ لَكَ. إِنَّمَا ٱلرَّبُّ إِلَهُكَ يَكُونُ مَعَكَ كَمَا كَانَ مَعَ مُوسَى. ١٧ 17
जिस प्रकार हम मोशेह की सब बातों को मानते थे, उसी प्रकार आपकी भी सब बातो को मानेंगे. बस इतना हो, कि याहवेह, परमेश्वर आपके साथ वैसे ही बने रहें, जैसे वह मोशेह के साथ थे.
كُلُّ إِنْسَانٍ يَعْصَى قَوْلَكَ وَلَا يَسْمَعُ كَلَامَكَ فِي كُلِّ مَا تَأْمُرُهُ بِهِ يُقْتَلُ. إِنَّمَا كُنْ مُتَشَدِّدًا وَتَشَجَّعْ». ١٨ 18
यदि कोई भी, आपकी बातों का विरोध करेगा या, आपके द्वारा दिए गए समस्त आदेशों का पालन न करेगा, उसको मार दिया जाएगा!”

< يَشُوع 1 >