< يَشُوع 7 >

وَخَانَ بَنُو إِسْرَائِيلَ خِيَانَةً فِي ٱلْحَرَامِ، فَأَخَذَ عَخَانُ بْنُ كَرْمِي بْنِ زَبْدِي بْنِ زَارَحَ مِنْ سِبْطِ يَهُوذَا مِنَ ٱلْحَرَامِ، فَحَمِيَ غَضَبُ ٱلرَّبِّ عَلَى بَنِي إِسْرَائِيلَ. ١ 1
परन्तु इस्राएलियों ने अर्पण की वस्तु के विषय में विश्वासघात किया; अर्थात् यहूदा गोत्र का आकान, जो जेरहवंशी जब्दी का पोता और कर्मी का पुत्र था, उसने अर्पण की वस्तुओं में से कुछ ले लिया; इस कारण यहोवा का कोप इस्राएलियों पर भड़क उठा।
وَأَرْسَلَ يَشُوعُ رِجَالًا مِنْ أَرِيحَا إِلَى عَايَ ٱلَّتِي عِنْدَ بَيْتِ آوِنَ شَرْقِيَّ بَيْتِ إِيلَ، وَكَلَّمَهُمْ قَائِلًا: «ٱصْعَدُوا تَجَسَّسُوا ٱلْأَرْضَ». فَصَعِدَ ٱلرِّجَالُ وَتَجَسَّسُوا عَايَ. ٢ 2
यहोशू ने यरीहो से आई नामक नगर के पास, जो बेतावेन से लगा हुआ बेतेल की पूर्व की ओर है, कुछ पुरुषों को यह कहकर भेजा, “जाकर देश का भेद ले आओ।” और उन पुरुषों ने जाकर आई का भेद लिया।
ثُمَّ رَجَعُوا إِلَى يَشُوعَ وَقَالُوا لَهُ: «لَا يَصْعَدْ كُلُّ ٱلشَّعْبِ، بَلْ يَصْعَدْ نَحْوُ أَلْفَيْ رَجُلٍ أَوْ ثَلَاثَةُ آلَافِ رَجُلٍ وَيَضْرِبُوا عَايَ. لَا تُكَلِّفْ كُلَّ ٱلشَّعْبِ إِلَى هُنَاكَ لِأَنَّهُمْ قَلِيلُونَ». ٣ 3
और उन्होंने यहोशू के पास लौटकर कहा, “सब लोग वहाँ न जाएँ, कोई दो तीन हजार पुरुष जाकर आई को जीत सकते हैं; सब लोगों को वहाँ जाने का कष्ट न दे, क्योंकि वे लोग थोड़े ही हैं।”
فَصَعِدَ مِنَ ٱلشَّعْبِ إِلَى هُنَاكَ نَحْوُ ثَلَاثَةِ آلَافِ رَجُلٍ، وَهَرَبُوا أَمَامَ أَهْلِ عَايَ. ٤ 4
इसलिए कोई तीन हजार पुरुष वहाँ गए; परन्तु आई के रहनेवालों के सामने से भाग आए,
فَضَرَبَ مِنْهُمْ أَهْلُ عَايَ نَحْوَ سِتَّةٍ وَثَلَاثِينَ رَجُلًا، وَلَحِقُوهُمْ مِنْ أَمَامِ ٱلْبَابِ إِلَى شَبَارِيمَ وَضَرَبُوهُمْ فِي ٱلْمُنْحَدَرِ. فَذَابَ قَلْبُ ٱلشَّعْبِ وَصَارَ مِثْلَ ٱلْمَاءِ. ٥ 5
तब आई के रहनेवालों ने उनमें से कोई छत्तीस पुरुष मार डाले, और अपने फाटक से शबारीम तक उनका पीछा करके उतराई में उनको मारते गए। तब लोगों का मन पिघलकर जल सा बन गया।
فَمَزَّقَ يَشُوعُ ثِيَابَهُ وَسَقَطَ عَلَى وَجْهِهِ إِلَى ٱلْأَرْضِ أَمَامَ تَابُوتِ ٱلرَّبِّ إِلَى ٱلْمَسَاءِ، هُوَ وَشُيُوخُ إِسْرَائِيلَ، وَوَضَعُوا تُرَابًا عَلَى رُؤُوسِهِمْ. ٦ 6
तब यहोशू ने अपने वस्त्र फाड़े, और वह और इस्राएली वृद्ध लोग यहोवा के सन्दूक के सामने मुँह के बल गिरकर भूमि पर साँझ तक पड़े रहे; और उन्होंने अपने-अपने सिर पर धूल डाली।
وَقَالَ يَشُوعُ: «آهِ يَا سَيِّدُ ٱلرَّبُّ! لِمَاذَا عَبَّرْتَ هَذَا ٱلشَّعْبَ ٱلْأُرْدُنَّ تَعْبِيرًا لِكَيْ تَدْفَعَنَا إِلَى يَدِ ٱلْأَمُورِيِّينَ لِيُبِيدُونَا؟ لَيْتَنَا ٱرْتَضَيْنَا وَسَكَنَّا فِي عَبْرِ ٱلْأُرْدُنِّ. ٧ 7
और यहोशू ने कहा, “हाय, प्रभु यहोवा, तू अपनी इस प्रजा को यरदन पार क्यों ले आया? क्या हमें एमोरियों के वश में करके नष्ट करने के लिये ले आया है? भला होता कि हम संतोष करके यरदन के उस पार रह जाते!
أَسْأَلُكَ يَا سَيِّدُ: مَاذَا أَقُولُ بَعْدَمَا حَوَّلَ إِسْرَائِيلُ قَفَاهُ أَمَامَ أَعْدَائِهِ؟ ٨ 8
हाय, प्रभु मैं क्या कहूँ, जब इस्राएलियों ने अपने शत्रुओं को पीठ दिखाई है!
فَيَسْمَعُ ٱلْكَنْعَانِيُّونَ وَجَمِيعُ سُكَّانِ ٱلْأَرْضِ وَيُحِيطُونَ بِنَا وَيَقْرِضُونَ ٱسْمَنَا مِنَ ٱلْأَرْضِ. وَمَاذَا تَصْنَعُ لِٱسْمِكَ ٱلْعَظِيمِ؟». ٩ 9
क्योंकि कनानी वरन् इस देश के सब निवासी यह सुनकर हमको घेर लेंगे, और हमारा नाम पृथ्वी पर से मिटा डालेंगे; फिर तू अपने बड़े नाम के लिये क्या करेगा?”
فَقَالَ ٱلرَّبُّ لِيَشُوعَ: «قُمْ! لِمَاذَا أَنْتَ سَاقِطٌ عَلَى وَجْهِكَ؟ ١٠ 10
१०यहोवा ने यहोशू से कहा, “उठ, खड़ा हो जा, तू क्यों इस भाँति मुँह के बल भूमि पर पड़ा है?
قَدْ أَخْطَأَ إِسْرَائِيلُ، بَلْ تَعَدَّوْا عَهْدِي ٱلَّذِي أَمَرْتُهُمْ بِهِ، بَلْ أَخَذُوا مِنَ ٱلْحَرَامِ، بَلْ سَرَقُوا، بَلْ أَنْكَرُوا، بَلْ وَضَعُوا فِي أَمْتِعَتِهِمْ. ١١ 11
११इस्राएलियों ने पाप किया है; और जो वाचा मैंने उनसे अपने साथ बँधाई थी उसको उन्होंने तोड़ दिया है, उन्होंने अर्पण की वस्तुओं में से ले लिया, वरन् चोरी भी की, और छल करके उसको अपने सामान में रख लिया है।
فَلَمْ يَتَمَكَّنْ بَنُو إِسْرَائِيلَ لِلثُّبُوتِ أَمَامَ أَعْدَائِهِمْ. يُدِيرُونَ قَفَاهُمْ أَمَامَ أَعْدَائِهِمْ لِأَنَّهُمْ مَحْرُومُونَ، وَلَا أَعُودُ أَكُونُ مَعَكُمْ إِنْ لَمْ تُبِيدُوا ٱلْحَرَامَ مِنْ وَسَطِكُمْ. ١٢ 12
१२इस कारण इस्राएली अपने शत्रुओं के सामने खड़े नहीं रह सकते; वे अपने शत्रुओं को पीठ दिखाते हैं, इसलिए कि वे आप अर्पण की वस्तु बन गए हैं। और यदि तुम अपने मध्य में से अर्पण की वस्तु सत्यानाश न कर डालोगे, तो मैं आगे को तुम्हारे संग नहीं रहूँगा।
قُمْ قَدِّسِ ٱلشَّعْبَ وَقُلْ: تَقَدَّسُوا لِلْغَدِ. لِأَنَّهُ هَكَذَا قَالَ ٱلرَّبُّ إِلَهُ إِسْرَائِيلَ: فِي وَسَطِكَ حَرَامٌ يَا إِسْرَائِيلُ، فَلَا تَتَمَكَّنُ لِلثُّبُوتِ أَمَامَ أَعْدَائِكَ حَتَّى تَنْزِعُوا ٱلْحَرَامَ مِنْ وَسَطِكُمْ. ١٣ 13
१३उठ, प्रजा के लोगों को पवित्र कर, उनसे कह; ‘सवेरे तक अपने-अपने को पवित्र कर रखो; क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यह कहता है, “हे इस्राएल, तेरे मध्य में अर्पण की वस्तु है; इसलिए जब तक तू अर्पण की वस्तु को अपने मध्य में से दूर न करे तब तक तू अपने शत्रुओं के सामने खड़ा न रह सकेगा।”
فَتَتَقَدَّمُونَ فِي ٱلْغَدِ بِأَسْبَاطِكُمْ، وَيَكُونُ أَنَّ ٱلسِّبْطَ ٱلَّذِي يَأْخُذُهُ ٱلرَّبُّ يَتَقَدَّمُ بِعَشَائِرِهِ، وَٱلْعَشِيرَةُ ٱلَّتِي يَأْخُذُهَا ٱلرَّبُّ تَتَقَدَّمُ بِبُيُوتِهَا، وَٱلْبَيْتُ ٱلَّذِي يَأْخُذُهُ ٱلرَّبُّ يَتَقَدَّمُ بِرِجَالِهِ. ١٤ 14
१४इसलिए सवेरे को तुम गोत्र-गोत्र के अनुसार समीप खड़े किए जाओगे; और जिस गोत्र को यहोवा पकड़े वह एक-एक कुल करके पास आए; और जिस कुल को यहोवा पकड़े वह घराना-घराना करके पास आए; फिर जिस घराने को यहोवा पकड़े वह एक-एक पुरुष करके पास आए।
وَيَكُونُ ٱلْمَأْخُوذُ بِٱلْحَرَامِ يُحْرَقُ بِٱلنَّارِ هُوَ وَكُلُّ مَا لَهُ، لِأَنَّهُ تَعَدَّى عَهْدَ ٱلرَّبِّ، وَلِأَنَّهُ عَمِلَ قَبَاحَةً فِي إِسْرَائِيلَ». ١٥ 15
१५तब जो पुरुष अर्पण की वस्तु रखे हुए पकड़ा जाएगा, वह और जो कुछ उसका हो सब आग में डालकर जला दिया जाए; क्योंकि उसने यहोवा की वाचा को तोड़ा है, और इस्राएल में अनुचित कर्म किया है।’”
فَبَكَّرَ يَشُوعُ فِي ٱلْغَدِ وَقَدَّمَ إِسْرَائِيلَ بِأَسْبَاطِهِ، فَأُخِذَ سِبْطُ يَهُوذَا. ١٦ 16
१६यहोशू सवेरे उठकर इस्राएलियों को गोत्र-गोत्र करके समीप ले गया, और यहूदा का गोत्र पकड़ा गया;
ثُمَّ قَدَّمَ قَبِيلَةَ يَهُوذَا فَأُخِذَتْ عَشِيرَةُ ٱلزَّارَحِيِّينَ. ثُمَّ قَدَّمَ عَشِيرَةَ ٱلزَّارَحِيِّينَ بِرِجَالِهِمْ فَأُخِذَ زَبْدِي. ١٧ 17
१७तब उसने यहूदा के परिवार को समीप किया, और जेरहवंशियों का कुल पकड़ा गया; फिर जेरहवंशियों के घराने के एक-एक पुरुष को समीप लाया, और जब्दी पकड़ा गया;
فَقَدَّمَ بَيْتَهُ بِرِجَالِهِ فَأُخِذَ عَخَانُ بْنُ كَرْمِي بْنِ زَبْدِي بْنِ زَارَحَ مِنْ سِبْطِ يَهُوذَا. ١٨ 18
१८तब उसने उसके घराने के एक-एक पुरुष को समीप खड़ा किया, और यहूदा गोत्र का आकान, जो जेरहवंशी जब्दी का पोता और कर्मी का पुत्र था, पकड़ा गया।
فَقَالَ يَشُوعُ لِعَخَانَ: «يَا ٱبْنِي، أَعْطِ ٱلْآنَ مَجْدًا لِلرَّبِّ إِلَهِ إِسْرَائِيلَ، وَٱعْتَرِفْ لَهُ وَأَخْبِرْنِي ٱلْآنَ مَاذَا عَمِلْتَ. لَا تُخْفِ عَنِّي». ١٩ 19
१९तब यहोशू आकान से कहने लगा, “हे मेरे बेटे, इस्राएल के परमेश्वर यहोवा का आदर कर, और उसके आगे अंगीकार कर; और जो कुछ तूने किया है वह मुझ को बता दे, और मुझसे कुछ मत छिपा।”
فَأَجَابَ عَخَانُ يَشُوعَ وَقَالَ: «حَقًّا إِنِّي قَدْ أَخْطَأْتُ إِلَى ٱلرَّبِّ إِلَهِ إِسْرَائِيلَ وَصَنَعْتُ كَذَا وَكَذَا. ٢٠ 20
२०आकान ने यहोशू को उत्तर दिया, “सचमुच मैंने इस्राएल के परमेश्वर यहोवा के विरुद्ध पाप किया है, और इस प्रकार मैंने किया है,
رَأَيْتُ فِي ٱلْغَنِيمَةِ رِدَاءً شِنْعَارِيًّا نَفِيسًا، وَمِئَتَيْ شَاقِلِ فِضَّةٍ، وَلِسَانَ ذَهَبٍ وَزْنُهُ خَمْسُونَ شَاقِلًا، فَٱشْتَهَيْتُهَا وَأَخَذْتُهَا. وَهَا هِيَ مَطْمُورَةٌ فِي ٱلْأَرْضِ فِي وَسَطِ خَيْمَتِي، وَٱلْفِضَّةُ تَحْتَهَا». ٢١ 21
२१कि जब मुझे लूट में बाबेल देश का एक सुन्दर ओढ़ना, और दो सौ शेकेल चाँदी, और पचास शेकेल सोने की एक ईंट देख पड़ी, तब मैंने उनका लालच करके उन्हें रख लिया; वे मेरे डेरे के भीतर भूमि में गड़े हैं, और सब के नीचे चाँदी है।”
فَأَرْسَلَ يَشُوعُ رُسُلًا فَرَكَضُوا إِلَى ٱلْخَيْمَةِ وَإِذَا هِيَ مَطْمُورَةٌ فِي خَيْمَتِهِ وَٱلْفِضَّةُ تَحْتَهَا. ٢٢ 22
२२तब यहोशू ने दूत भेजे, और वे उस डेरे में दौड़े गए; और क्या देखा, कि वे वस्तुएँ उसके डेरे में गड़ी हैं, और सब के नीचे चाँदी है।
فَأَخَذُوهَا مِنْ وَسَطِ ٱلْخَيْمَةِ وَأَتَوْا بِهَا إِلَى يَشُوعَ وَإِلَى جَمِيعِ بَنِي إِسْرَائِيلَ، وَبَسَطُوهَا أَمَامَ ٱلرَّبِّ. ٢٣ 23
२३उनको उन्होंने डेरे में से निकालकर यहोशू और सब इस्राएलियों के पास लाकर यहोवा के सामने रख दिया।
فَأَخَذَ يَشُوعُ عَخَانَ بْنَ زَارَحَ وَٱلْفِضَّةَ وَٱلرِّدَاءَ وَلِسَانَ ٱلذَّهَبِ وَبَنِيهِ وَبَنَاتِهِ وَبَقَرَهُ وَحَمِيرَهُ وَغَنَمَهُ وَخَيْمَتَهُ وَكُلَّ مَا لَهُ، وَجَمِيعُ إِسْرَائِيلَ مَعَهُ، وَصَعِدُوا بِهِمْ إِلَى وَادِي عَخُورَ. ٢٤ 24
२४तब सब इस्राएलियों समेत यहोशू जेरहवंशी आकान को, और उस चाँदी और ओढ़ने और सोने की ईंट को, और उसके बेटे-बेटियों को, और उसके बैलों, गदहों और भेड़-बकरियों को, और उसके डेरे को, अर्थात् जो कुछ उसका था उन सब को आकोर नामक तराई में ले गया।
فَقَالَ يَشُوعُ: «كَيْفَ كَدَّرْتَنَا؟ يُكَدِّرُكَ ٱلرَّبُّ فِي هَذَا ٱلْيَوْمِ!». فَرَجَمَهُ جَمِيعُ إِسْرَائِيلَ بِٱلْحِجَارَةِ وَأَحْرَقُوهُمْ بِٱلنَّارِ وَرَمَوْهُمْ بِٱلْحِجَارَةِ، ٢٥ 25
२५तब यहोशू ने उससे कहा, “तूने हमें क्यों कष्ट दिया है? आज के दिन यहोवा तुझी को कष्ट देगा।” तब सब इस्राएलियों ने उस पर पथराव किया; और उनको आग में डालकर जलाया, और उनके ऊपर पत्थर डाल दिए।
وَأَقَامُوا فَوْقَهُ رُجْمَةَ حِجَارَةٍ عَظِيمَةً إِلَى هَذَا ٱلْيَوْمِ. فَرَجَعَ ٱلرَّبُّ عَنْ حُمُوِّ غَضَبِهِ. وَلِذَلِكَ دُعِيَ ٱسْمُ ذَلِكَ ٱلْمَكَانِ «وَادِيَ عَخُورَ» إِلَى هَذَا ٱلْيَوْمِ. ٢٦ 26
२६और उन्होंने उसके ऊपर पत्थरों का बड़ा ढेर लगा दिया जो आज तक बना है; तब यहोवा का भड़का हुआ कोप शान्त हो गया। इस कारण उस स्थान का नाम आज तक आकोर तराई पड़ा है।

< يَشُوع 7 >