< يَشُوع 4 >

وَكَانَ لَمَّا ٱنْتَهَى جَمِيعُ ٱلشَّعْبِ مِنْ عُبُورِ ٱلْأُرْدُنِّ أَنَّ ٱلرَّبَّ كَلَّمَ يَشُوعَ قَائِلًا: ١ 1
और जब सारी क़ौम यरदन के पार हो गई तो ख़ुदावन्द ने यशू'अ से कहा कि।
«ٱنْتَخِبُوا مِنَ ٱلشَّعْبِ ٱثْنَيْ عَشَرَ رَجُلًا، رَجُلًا وَاحِدًا مِنْ كُلِّ سِبْطٍ، ٢ 2
क़बीला पीछे एक आदमी के हिसाब से बारह आदमी लोगों में से चुन लो।
وَأْمُرُوهُمْ قَائِلِينَ: ٱحْمِلُوا مِنْ هُنَا مِنْ وَسَطِ ٱلْأُرْدُنِّ، مِنْ مَوْقِفِ أَرْجُلِ ٱلْكَهَنَةِ رَاسِخَةً، ٱثْنَيْ عَشَرَ حَجَرًا، وَعَبِّرُوهَا مَعَكُمْ وَضَعُوهَا فِي ٱلْمَبِيتِ ٱلَّذِي تَبِيتُونَ فِيهِ ٱللَّيْلَةَ». ٣ 3
और उन को हुक्म दो कि तुम यरदन के बीच में से जहाँ काहिनों के पाँव जमे हुए थे बारह पत्थर लो और उनको अपने साथ ले जा कर उस मंज़िल पर जहाँ तुम आज की रात टिकोगे रख देना।
فَدَعَا يَشُوعُ ٱلِٱثْنَيْ عَشَرَ رَجُلًا ٱلَّذِينَ عَيَّنَهُمْ مِنْ بَنِي إِسْرَائِيلَ، رَجُلًا وَاحِدًا مِنْ كُلِّ سِبْطٍ. ٤ 4
तब यशू'अ ने उन बारह आदमियों को जिनको उस ने बनी इस्राईल में से क़बीला पीछे एक आदमी के हिसाब से तैयार कर रखा था बुलाया।
وَقَالَ لَهُمْ يَشُوعُ: «ٱعْبُرُوا أَمَامَ تَابُوتِ ٱلرَّبِّ إِلَهِكُمْ إِلَى وَسَطِ ٱلْأُرْدُنِّ، وَٱرْفَعُوا كُلُّ رَجُلٍ حَجَرًا وَاحِدًا عَلَى كَتِفِهِ حَسَبَ عَدَدِ أَسْبَاطِ بَنِي إِسْرَائِيلَ، ٥ 5
और यशू'अ ने उन से कहा, “तुम ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के 'अहद के सन्दूक़ के आगे आगे यरदन के बीच में जाओ, और तुम में से हर शख़्स बनी इस्राईल के क़बीलों के शुमार के मुताबिक़ एक एक पत्थर अपने कन्धे पर उठा ले।
لِكَيْ تَكُونَ هَذِهِ عَلَامَةً فِي وَسَطِكُمْ. إِذَا سَأَلَ غَدًا بَنُوكُمْ قَائِلِينَ: مَا لَكُمْ وَهَذِهِ ٱلْحِجَارَةَ؟ ٦ 6
ताकि यह तुम्हारे बीच एक निशान हो, और जब तुम्हारी औलाद आइन्दा ज़माने में तुम से पूछे, कि इन पत्थरों से तुम्हारा क्या मतलब है?
تَقُولُونَ لَهُمْ: إِنَّ مِيَاهَ ٱلْأُرْدُنِّ قَدِ ٱنْفَلَقَتْ أَمَامَ تَابُوتِ عَهْدِ ٱلرَّبِّ. عِنْدَ عُبُورِهِ ٱلْأُرْدُنَّ ٱنْفَلَقَتْ مِيَاهُ ٱلْأُرْدُنِّ. فَتَكُونُ هَذِهِ ٱلْحِجَارَةُ تَذْكَارًا لِبَنِي إِسْرَائِيلَ إِلَى ٱلدَّهْرِ». ٧ 7
तो तुम उन को जवाब देना कि यरदन का पानी ख़ुदावन्द के 'अहद के सन्दूक़ के आगे दो हिस्से हो गया था; क्यूँकि जब वह यरदन पार आ रहा था तब यरदन का पानी दो हिस्से होगया। यूँ यह पत्थर हमेशा के लिए बनी इस्राईल के वास्ते यादगार ठहरेंगे।”
فَفَعَلَ بَنُو إِسْرَائِيلَ هَكَذاَ كَمَا أَمَرَ يَشُوعُ، وَحَمَلُوا ٱثْنَيْ عَشَرَ حَجَرًا مِنْ وَسَطِ ٱلْأُرْدُنِّ، كَمَا قَالَ ٱلرَّبُّ لِيَشُوعَ، حَسَبَ عَدَدِ أَسْبَاطِ بَنِي إِسْرَائِيلَ، وَعَبَّرُوهَا مَعَهُمْ إِلَى ٱلْمَبِيتِ وَوَضَعُوهَا هُنَاكَ. ٨ 8
चुनाँचे बनी इस्राईल ने यशू'अ के हुक्म के मुताबिक़ किया, और जैसा ख़ुदावन्द ने यशू'अ से कहा था उन्होंने बनी इस्राईल के क़बीलों के शुमार के मुताबिक़ यरदन के बीच में से बारह पत्थर उठा लिए; और उन को उठा कर अपने साथ उस जगह ले गये जहाँ वह टिके और वहीं उनको रख दिया।
وَنَصَبَ يَشُوعُ ٱثْنَيْ عَشَرَ حَجَرًا فِي وَسَطِ ٱلْأُرْدُنِّ تَحْتَ مَوْقِفِ أَرْجُلِ ٱلْكَهَنَةِ حَامِلِي تَابُوتِ ٱلْعَهْدِ. وَهِيَ هُنَاكَ إِلَى هَذَا ٱلْيَوْمِ. ٩ 9
और यशू'अ ने यरदन के बीच में उस जगह जहाँ 'अहद के सन्दूक़ के उठाने वाले काहिनों ने पाँव जमाये थे बारह पत्थर खड़े किये; चुनाँचे वह आज के दिन तक वहीं हैं।
وَٱلْكَهَنَةُ حَامِلُو ٱلتَّابُوتِ وَقَفُوا فِي وَسَطِ ٱلْأُرْدُنِّ حَتَّى ٱنْتَهَى كُلُّ شَيْءٍ أَمَرَ ٱلرَّبُّ يَشُوعَ أَنْ يُكَلِّمَ بِهِ ٱلشَّعْبَ، حَسَبَ كُلِّ مَا أَمَرَ بِهِ مُوسَى يَشُوعَ. وَأَسْرَعَ ٱلشَّعْبُ فَعَبَرُوا. ١٠ 10
क्यूँकि वह काहिन जो सन्दूक़ को उठाये हुए थे यरदन के बीच ही में खड़े रहे, जब तक उन सब बातों के मुताबिक़ जिनका हुक्म मूसा ने यशू'अ को दिया था हर एक बात पूरी न हो चुकी, जिसे लोगों को बताने का हुक्म ख़ुदावन्द ने यशू'अ को किया था; और लोगों ने जल्दी की और पार उतरे।
وَكَانَ لَمَّا ٱنْتَهَى كُلُّ ٱلشَّعْبِ مِنَ ٱلْعُبُورِ، أَنَّهُ عَبَرَ تَابُوتُ ٱلرَّبِّ وَٱلْكَهَنَةُ فِي حَضْرَةِ ٱلشَّعْبِ. ١١ 11
और ऐसा हुआ कि जब सब लोग साफ़ पार हो गये, तो ख़ुदावन्द का सन्दूक़ और काहिन भी लोगों के रूबरू पार हुए।
وَعَبَرَ بَنُو رَأُوبَيْنَ وَبَنُو جَادٍ وَنِصْفُ سِبْطِ مَنَسَّى مُتَجَهِّزِينَ أَمَامَ بَنِي إِسْرَائِيلَ، كَمَا كَلَّمَهُمْ مُوسَى. ١٢ 12
और बनी रूबिन और बनी जद्द और मनस्सी के आधे क़बीले के लोग मूसा के कहने के मुताबिक़ हथियार बांधे हुए बनी इस्राईल के आगे पार गये;
نَحْوَ أَرْبَعِينَ أَلْفًا مُتَجَرِّدِينَ لِلْجُنْدِ عَبَرُوا أَمَامَ ٱلرَّبِّ لِلْحَرْبِ إِلَى عَرَبَاتِ أَرِيحَا. ١٣ 13
या'नी क़रीब चालीस हज़ार आदमी लड़ाई के लिए तैयार और हथियार बांधे हुए ख़ुदावन्द के सामने पार होकर यरीहू के मैदान में पहुँचे ताकि जंग करें।
فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ عَظَّمَ ٱلرَّبُّ يَشُوعَ فِي أَعْيُنِ جَمِيعِ إِسْرَائِيلَ، فَهَابُوهُ كَمَا هَابُوا مُوسَى كُلَّ أَيَّامِ حَيَاتِهِ. ١٤ 14
उस दिन ख़ुदावन्द ने सब इस्राईलियों के सामने यशू'अ को सरफ़राज़ किया; और जैसा वह मूसा से डरते थे, वैसे ही उससे उसकी ज़िन्दगी भर डरते रहे।
وَكَلَّمَ ٱلرَّبُّ يَشُوعَ قَائِلًا: ١٥ 15
और ख़ुदावन्द ने यशू'अ से कहा कि।
«مُرِ ٱلْكَهَنَةَ حَامِلِي تَابُوتِ ٱلشَّهَادَةِ أَنْ يَصْعَدُوا مِنَ ٱلْأُرْدُنِّ». ١٦ 16
इन काहिनो को जो 'अहद का सन्दूक़ उठाये हुए हैं, हुक्म कर कि वह यरदन में से निकल आयें।
فَأَمَرَ يَشُوعُ ٱلْكَهَنَةَ قَائِلًا: «ٱصْعَدُوا مِنَ ٱلْأُرْدُنِّ». ١٧ 17
चुनाँचे यशू'अ ने काहिनो को हुक्म दिया कि यरदन में से निकल आओ।
فَكَانَ لَمَّا صَعِدَ ٱلْكَهَنَةُ حَامِلُو تَابُوتِ عَهْدِ ٱلرَّبِّ مِنْ وَسَطِ ٱلْأُرْدُنِّ، وَٱجْتُذِبَتْ بُطُونُ أَقْدَامِ ٱلْكَهَنَةِ إِلَى ٱلْيَابِسَةِ، أَنَّ مِيَاهَ ٱلْأُرْدُنِّ رَجَعَتْ إِلَى مَكَانِهَا وَجَرَتْ كَمَا مِنْ قَبْلُ إِلَى كُلِّ شُطُوطِهِ. ١٨ 18
और जब वह काहिन जो ख़ुदावन्द के 'अहद का सन्दूक़ उठाये हुए थे यरदन के बीच में से निकल आए, और उनके पाँव के तलवे ख़ुश्की पर आ टिके तो यरदन का पानी फिर अपनी जगह पर आ गया और पहले की तरह अपने सब किनारों पर बहने लगा।
وَصَعِدَ ٱلشَّعْبُ مِنَ ٱلْأُرْدُنِّ فِي ٱلْيَوْمِ ٱلْعَاشِرِ مِنَ ٱلشَّهْرِ ٱلْأَوَّلِ، وَحَلُّوا فِي ٱلْجِلْجَالِ فِي تُخُمِ أَرِيحَا ٱلشَّرْقِيِّ. ١٩ 19
और लोग पहले महीने की दसवीं तारीख़ को यरदन में से निकल कर यरीहू की पूरबी सरहद पर जिल्जाल में ख़ेमाज़न हुए।
وَٱلِٱثْنَا عَشَرَ حَجَرًا ٱلَّتِي أَخَذُوهَا مِنَ ٱلْأُرْدُنِّ نَصَبَهَا يَشُوعُ فِي ٱلْجِلْجَالِ. ٢٠ 20
और यशू'अ ने उन बारह पत्थरों को जिनको उन्होंने यरदन में से लिया था जिल्जाल में खड़ा किया।
وَكَلَّمَ بَنِي إِسْرَائِيلَ قَائِلًا: «إِذَا سَأَلَ بَنُوكُمْ غَدًا آبَاءَهُمْ قَائِلِينَ: مَا هَذِهِ ٱلْحِجَارَةُ؟ ٢١ 21
और उस ने बनी इस्राईल से कहा कि जब तुम्हारे लड़के आइन्दा ज़माने में अपने अपने बाप दादा से पूछें, कि इन पत्थरों का मतलब क्या है?
تُعْلِمُونَ بَنِيكُمْ قَائِلِينَ: عَلَى ٱلْيَابِسَةِ عَبَرَ إِسْرَائِيلُ هَذَا ٱلْأُرْدُنَّ. ٢٢ 22
तो तुम अपने लड़कों को यही बताना कि इस्राईली ख़ुश्की ख़ुश्की हो कर इस यरदन के पार आए थे।
لِأَنَّ ٱلرَّبَّ إِلَهَكُمْ قَدْ يَبَّسَ مِيَاهَ ٱلْأُرْدُنِّ مِنْ أَمَامِكُمْ حَتَّى عَبَرْتُمْ، كَمَا فَعَلَ ٱلرَّبُّ إِلَهُكُمْ بِبَحْرِ سُوفٍ ٱلَّذِي يَبَّسَهُ مِنْ أَمَامِنَا حَتَّى عَبَرْنَا، ٢٣ 23
क्यूँकि ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने जब तक तुम पार न हो गये, यरदन के पानी को तुम्हारे सामने से हटा कर सुखा दिया; जैसा ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने बहर — ए — कु़लजु़म से किया, कि उसे हमारे सामने से हटा कर सुखा दिया जब तक हम पार न हो गये।
لِكَيْ تَعْلَمَ جَمِيعُ شُعُوبِ ٱلْأَرْضِ يَدَ ٱلرَّبِّ أَنَّهَا قَوِيَّةٌ، لِكَيْ تَخَافُوا ٱلرَّبَّ إِلَهَكُمْ كُلَّ ٱلْأَيَّامِ». ٢٤ 24
ताकि ज़मीन की सब क़ौमें जान लें कि ख़ुदावन्द का हाथ ताक़तवर है। और ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा से हमेशा डरती रहें।

< يَشُوع 4 >