< يُونَان 3 >

ثُمَّ صَارَ قَوْلُ ٱلرَّبِّ إِلَى يُونَانَ ثَانِيَةً قَائِلًا: ١ 1
और ख़ुदावन्द का कलाम दूसरी बार यूनाह पर नाज़िल हुआ।
«قُمِ ٱذْهَبْ إِلَى نِينَوَى ٱلْمَدِينَةِ ٱلْعَظِيمَةِ، وَنَادِ لَهَا ٱلْمُنَادَاةَ ٱلَّتِي أَنَا مُكَلِّمُكَ بِهَا». ٢ 2
कि उठ उस बड़े शहर निनवा को जा और वहाँ उस बात का 'ऐलान कर जिसका मैं तुझे हुक्म देता हूँ।
فَقَامَ يُونَانُ وَذَهَبَ إِلَى نِينَوَى بِحَسَبِ قَوْلِ ٱلرَّبِّ. أَمَّا نِينَوَى فَكَانَتْ مَدِينَةً عَظِيمَةً لِلهِ مَسِيرَةَ ثَلَاثَةِ أَيَّامٍ. ٣ 3
तब यूनाह ख़ुदावन्द के कलाम के मुताबिक़ उठ कर निनवा को गया, और निनवा बहुत बड़ा शहर था। उसकी दूरी तीन दिन की राह थी
فَٱبْتَدَأَ يُونَانُ يَدْخُلُ ٱلْمَدِينَةَ مَسِيرَةَ يَوْمٍ وَاحِدٍ، وَنَادَى وَقَالَ: «بَعْدَ أَرْبَعِينَ يَوْمًا تَنْقَلِبُ نِينَوَى». ٤ 4
और यूनाह शहर में दाख़िल हुआ और एक दिन की राह चला। उस ने 'ऐलान किया और कहा, “चालीस रोज़ के बाद निनवा बर्बाद किया जायेगा।”
فَآمَنَ أَهْلُ نِينَوَى بِٱللهِ وَنَادَوْا بِصَوْمٍ وَلَبِسُوا مُسُوحًا مِنْ كَبِيرِهِمْ إِلَى صَغِيرِهِمْ. ٥ 5
तब निनवा के बाशिंदों ने ख़ुदा पर ईमान लाकर रोज़ा का 'ऐलान किया और छोटे और बड़े सब ने टाट ओढा।
وَبَلَغَ ٱلْأَمْرُ مَلِكَ نِينَوَى، فَقَامَ عَنْ كُرْسِيِّهِ وَخَلَعَ رِدَاءَهُ عَنْهُ، وَتَغَطَّى بِمِسْحٍ وَجَلَسَ عَلَى ٱلرَّمَادِ. ٦ 6
और यह ख़बर निनवा के बादशाह को पहुँची; और वह अपने तख़्त पर से उठा और बादशाही लिबास को उतार डाला और टाट ओढ़ कर राख पर बैठ गया।
وَنُودِيَ وَقِيلَ فِي نِينَوَى عَنْ أَمْرِ ٱلْمَلِكِ وَعُظَمَائِهِ قَائِلًا: «لَا تَذُقِ ٱلنَّاسُ وَلَا ٱلْبَهَائِمُ وَلَا ٱلْبَقَرُ وَلَا ٱلْغَنَمُ شَيْئًا. لَا تَرْعَ وَلَا تَشْرَبْ مَاءً. ٧ 7
और बादशाह और उसके अर्कान — ए — दौलत के फ़रमान से निनवा में यह 'ऐलान किया गया और इस बात का 'ऐलान हुआ कि कोइ इंसान या हैवान ग़ल्ला या शराब कुछ न चखें और न खाए पिए।
وَلْيَتَغَطَّ بِمُسُوحٍ ٱلنَّاسُ وَٱلْبَهَائِمُ، وَيَصْرُخُوا إِلَى ٱللهِ بِشِدَّةٍ، وَيَرْجِعُوا كُلُّ وَاحِدٍ عَنْ طَرِيقِهِ ٱلرَّدِيئَةِ وَعَنِ ٱلظُّلْمِ ٱلَّذِي فِي أَيْدِيهِمْ، ٨ 8
लेकिन इंसान और हैवान टाट से मुलब्बस हों और ख़ुदा के सामने रोना पीटना करें बल्कि हर शख़्स अपनी बुरे चाल चलन और अपने हाथ के ज़ुल्म से बाज़ आए।
لَعَلَّ ٱللهَ يَعُودُ وَيَنْدَمُ وَيَرْجِعُ عَنْ حُمُوِّ غَضَبِهِ فَلَا نَهْلِكَ». ٩ 9
शायद ख़ुदा रहम करे और अपना इरादा बदले, और अपने क़हर शदीद से बाज़ आए और हम हलाक न हों।
فَلَمَّا رَأَى ٱللهُ أَعْمَالَهُمْ أَنَّهُمْ رَجَعُوا عَنْ طَرِيقِهِمِ ٱلرَّدِيئَةِ، نَدِمَ ٱللهُ عَلَى ٱلشَّرِّ ٱلَّذِي تَكَلَّمَ أَنْ يَصْنَعَهُ بِهِمْ، فَلَمْ يَصْنَعْهُ. ١٠ 10
जब ख़ुदा ने उनकी ये हालत देखी कि वह अपने अपने बुरे चाल चलन से बाज़ आए, तो वह उस 'अज़ाब से जो उसने उन पर नाज़िल करने को कहा था, बाज़ आया और उसे नाज़िल न किया।

< يُونَان 3 >