< يوحنَّا 5 >

وَبَعْدَ هَذَا كَانَ عِيدٌ لِلْيَهُودِ، فَصَعِدَ يَسُوعُ إِلَى أُورُشَلِيمَ. ١ 1
इन बातों को बाद यहूदियों को एक त्यौहार भयो, अऊर यीशु यरूशलेम ख गयो।
وَفِي أُورُشَلِيمَ عِنْدَ بَابِ ٱلضَّأْنِ بِرْكَةٌ يُقَالُ لَهَا بِٱلْعِبْرَانِيَّةِ «بَيْتُ حِسْدَا» لَهَا خَمْسَةُ أَرْوِقَةٍ. ٢ 2
यरूशलेम म मेंढा की फाटक को जवर एक कुण्ड हय जो इब्रानी बोली म बैतसैदा कहलावय हय; ओको पाच छप्परियां हंय।
فِي هَذِهِ كَانَ مُضْطَجِعًا جُمْهُورٌ كَثِيرٌ مِنْ مَرْضَى وَعُمْيٍ وَعُرْجٍ وَعُسْمٍ، يَتَوَقَّعُونَ تَحْرِيكَ ٱلْمَاءِ. ٣ 3
इन म बहुत सो बीमार, अन्धा, लंगड़ा अऊर सूख्यो शरीर वालो पानी को हिलन की आशा म पड़्यो रहत होतो।
لِأَنَّ مَلَاكًا كَانَ يَنْزِلُ أَحْيَانًا فِي ٱلْبِرْكَةِ وَيُحَرِّكُ ٱلْمَاءَ. فَمَنْ نَزَلَ أَوَّلًا بَعْدَ تَحْرِيكِ ٱلْمَاءِ كَانَ يَبْرَأُ مِنْ أَيِّ مَرَضٍ ٱعْتَرَاهُ. ٤ 4
कहालीकि ठहरायो समय पर परमेश्वर को स्वर्गदूत कुण्ड म उतर क पानी ख हिलावत होतो। पानी हलतोच जो कोयी पहिले उतरन वालो चंगो होय जात होतो चाहे ओकी कोयी भी बीमारी हो।
وَكَانَ هُنَاكَ إِنْسَانٌ بِهِ مَرَضٌ مُنْذُ ثَمَانٍ وَثَلَاثِينَ سَنَةً. ٥ 5
उत एक आदमी होतो, जो अड़तीस साल सी बीमारी म पड़्यो होतो।
هَذَا رَآهُ يَسُوعُ مُضْطَجِعًا، وَعَلِمَ أَنَّ لَهُ زَمَانًا كَثِيرًا، فَقَالَ لَهُ: «أَتُرِيدُ أَنْ تَبْرَأَ؟». ٦ 6
यीशु न ओख पड़्यो हुयो देख क अऊर यो जान क कि ऊ बहुत दिनो सी यो दशा म पड़्यो हय, ओको सी पुच्छ्यो, “का तय चंगो होनो चाहवय हय?”
أَجَابَهُ ٱلْمَرِيضُ: «يَا سَيِّدُ، لَيْسَ لِي إِنْسَانٌ يُلْقِينِي فِي ٱلْبِرْكَةِ مَتَى تَحَرَّكَ ٱلْمَاءُ. بَلْ بَيْنَمَا أَنَا آتٍ، يَنْزِلُ قُدَّامِي آخَرُ». ٧ 7
ऊ बीमार आदमी न ओख उत्तर दियो, “हे प्रभु, मोरो जवर कोयी आदमी नहाय कि जब पानी हिलायो जाये, त मोख कुण्ड म उतारे; पर मोरो पहुंचतो दूसरों मोरो सी पहिले उतर जावय हय।”
قَالَ لَهُ يَسُوعُ: «قُمِ. ٱحْمِلْ سَرِيرَكَ وَٱمْشِ». ٨ 8
यीशु न ओको सी कह्यो, “उठ, अपनी खटिया उठाव, अऊर चल फिर।”
فَحَالًا بَرِئَ ٱلْإِنْسَانُ وَحَمَلَ سَرِيرَهُ وَمَشَى. وَكَانَ فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ سَبْتٌ. ٩ 9
ऊ आदमी तुरतच चंगो भय गयो, अऊर अपनी खटिया उठाय क चलन फिरन लग्यो।
فَقَالَ ٱلْيَهُودُ لِلَّذِي شُفِيَ: «إِنَّهُ سَبْتٌ! لَا يَحِلُّ لَكَ أَنْ تَحْمِلَ سَرِيرَكَ». ١٠ 10
ऊ आराम को दिन होतो। येकोलायी यहूदी ओको सी जो चंगो भयो होतो, कहन लग्यो, “अज त आराम को दिन हय, तोख खटिया उठावनो उचित नहाय।”
أَجَابَهُمْ: «إِنَّ ٱلَّذِي أَبْرَأَنِي هُوَ قَالَ لِي: ٱحْمِلْ سَرِيرَكَ وَٱمْشِ». ١١ 11
ओन उन्ख उत्तर दियो, “जेन मोख चंगो करयो, ओनच मोरो सी कह्यो, ‘अपनी खटिया उठाव, अऊर चल फिर।’”
فَسَأَلُوهُ: «مَنْ هُوَ ٱلْإِنْسَانُ ٱلَّذِي قَالَ لَكَ: ٱحْمِلْ سَرِيرَكَ وَٱمْشِ؟». ١٢ 12
उन्न ओको सी पुच्छ्यो, “ऊ कौन आदमी आय जेन तोरो सी कह्यो, ‘खटिया उठाव, अऊर चल फिर?’”
أَمَّا ٱلَّذِي شُفِيَ فَلَمْ يَكُنْ يَعْلَمُ مَنْ هُوَ، لِأَنَّ يَسُوعَ ٱعْتَزَلَ، إِذْ كَانَ فِي ٱلْمَوْضِعِ جَمْعٌ. ١٣ 13
पर जो चंगो भय गयो होतो ऊ नहीं जानत होतो कि ऊ कौन आय, कहालीकि ऊ जागा म भीड़ होन को वजह यीशु उत सी हट गयो होतो।
بَعْدَ ذَلِكَ وَجَدَهُ يَسُوعُ فِي ٱلْهَيْكَلِ وَقَالَ لَهُ: «هَا أَنْتَ قَدْ بَرِئْتَ، فَلَا تُخْطِئْ أَيْضًا، لِئَلَّا يَكُونَ لَكَ أَشَرُّ». ١٤ 14
इन बातों को बाद ऊ यीशु ख मन्दिर म मिल्यो। यीशु न ओको सी कह्यो, “देख, तय चंगो भय गयो हय: फिर सी पाप मत करजो, असो नहीं होय कि येको सी कोयी भारी दु: ख तोरो पर आय पड़े।”
فَمَضَى ٱلْإِنْسَانُ وَأَخْبَرَ ٱلْيَهُودَ أَنَّ يَسُوعَ هُوَ ٱلَّذِي أَبْرَأَهُ. ١٥ 15
ऊ आदमी न जाय क यहूदियों सी कह्य दियो कि जेन मोख चंगो करयो ऊ यीशु आय।
وَلِهَذَا كَانَ ٱلْيَهُودُ يَطْرُدُونَ يَسُوعَ، وَيَطْلُبُونَ أَنْ يَقْتُلُوهُ، لِأَنَّهُ عَمِلَ هَذَا فِي سَبْتٍ. ١٦ 16
यो वजह यहूदी यीशु ख सतावन लग्यो, कहालीकि ऊ असो काम आराम दिन ख करत होतो।
فَأَجَابَهُمْ يَسُوعُ: «أَبِي يَعْمَلُ حَتَّى ٱلْآنَ وَأَنَا أَعْمَلُ». ١٧ 17
येको पर यीशु न उन्को सी कह्यो, “मोरो बाप अब तक काम करय हय, अऊर मय भी काम करू हय।”
فَمِنْ أَجْلِ هَذَا كَانَ ٱلْيَهُودُ يَطْلُبُونَ أَكْثَرَ أَنْ يَقْتُلُوهُ، لِأَنَّهُ لَمْ يَنْقُضِ ٱلسَّبْتَ فَقَطْ، بَلْ قَالَ أَيْضًا إِنَّ ٱللهَ أَبُوهُ، مُعَادِلًا نَفْسَهُ بِٱللهِ. ١٨ 18
यो वजह यहूदी अऊर भी जादा ओख मार डालन को कोशिश करन लग्यो, कहालीकि ऊ नहीं केवल आराम दिन की विधि ख तोड़तो, पर परमेश्वर ख अपनो बाप कह्य क अपनो आप ख परमेश्वर को समान भी ठहरावत होतो।
فَأَجَابَ يَسُوعُ وَقَالَ لَهُمُ: «ٱلْحَقَّ ٱلْحَقَّ أَقُولُ لَكُمْ: لَا يَقْدِرُ ٱلِٱبْنُ أَنْ يَعْمَلَ مِنْ نَفْسِهِ شَيْئًا إِلَّا مَا يَنْظُرُ ٱلْآبَ يَعْمَلُ. لِأَنْ مَهْمَا عَمِلَ ذَاكَ فَهَذَا يَعْمَلُهُ ٱلِٱبْنُ كَذَلِكَ. ١٩ 19
येको पर यीशु न ओको सी कह्यो, “मय तुम सी सच सच कहू हंय, बेटा खुद सी कुछ नहीं कर सकय, केवल ऊ जो बाप ख करतो देखय हय; कहालीकि जो जो कामों ख ऊ करय हय उन्ख बेटा भी उच रीति सी करय हय।
لِأَنَّ ٱلْآبَ يُحِبُّ ٱلِٱبْنَ وَيُرِيهِ جَمِيعَ مَا هُوَ يَعْمَلُهُ، وَسَيُرِيهِ أَعْمَالًا أَعْظَمَ مِنْ هَذِهِ لِتَتَعَجَّبُوا أَنْتُمْ. ٢٠ 20
कहालीकि बाप बेटा सी प्रेम रखय हय अऊर जो जो काम ऊ खुद करय हय, ऊ सब ओख दिखावय हय; अऊर ऊ इन्को सी भी बड़ो काम ओख दिखायेंन, ताकि तुम अचम्भा करो।
لِأَنَّهُ كَمَا أَنَّ ٱلْآبَ يُقِيمُ ٱلْأَمْوَاتَ وَيُحْيِي، كَذَلِكَ ٱلِٱبْنُ أَيْضًا يُحْيِي مَنْ يَشَاءُ. ٢١ 21
जसो बाप मरयो हुयो ख उठावय अऊर जीन्दो करय हय, वसोच बेटा भी जिन्ख चाहवय हय उन्ख जीन्दो करय हय।
لِأَنَّ ٱلْآبَ لَا يَدِينُ أَحَدًا، بَلْ قَدْ أَعْطَى كُلَّ ٱلدَّيْنُونَةِ لِلِٱبْنِ، ٢٢ 22
बाप कोयी को न्याय नहीं करय, पर न्याय करन को सब काम बेटा ख सौंप दियो हय,
لِكَيْ يُكْرِمَ ٱلْجَمِيعُ ٱلِٱبْنَ كَمَا يُكْرِمُونَ ٱلْآبَ. مَنْ لَا يُكْرِمُ ٱلِٱبْنَ لَا يُكْرِمُ ٱلْآبَ ٱلَّذِي أَرْسَلَهُ. ٢٣ 23
कि सब लोग बाप को आदर करय हंय वसोच बेटा को भी आदर करे। जो बेटा को आदर नहीं करय, ऊ बाप को जेन ओख भेज्यो हय, ओको आदर नहीं करय।”
«اَلْحَقَّ ٱلْحَقَّ أَقُولُ لَكُمْ: إِنَّ مَنْ يَسْمَعُ كَلَامِي وَيُؤْمِنُ بِالَّذِي أَرْسَلَنِي فَلَهُ حَيَاةٌ أَبَدِيَّةٌ، وَلَا يَأْتِي إِلَى دَيْنُونَةٍ، بَلْ قَدِ ٱنْتَقَلَ مِنَ ٱلْمَوْتِ إِلَى ٱلْحَيَاةِ. (aiōnios g166) ٢٤ 24
मय तुम सी सच सच कहू हय जो मोरो वचन सुन क मोरो भेजन वालो पर विश्वास करय हय, अनन्त जीवन ओको आय; अऊर ओको पर सजा की आज्ञा नहीं होवय पर ऊ मरनो सी पार होय क जीवन म सिर चुक्यो हय। (aiōnios g166)
اَلْحَقَّ ٱلْحَقَّ أَقُولُ لَكُمْ: إِنَّهُ تَأْتِي سَاعَةٌ وَهِيَ ٱلْآنَ، حِينَ يَسْمَعُ ٱلْأَمْوَاتُ صَوْتَ ٱبْنِ ٱللهِ، وَٱلسَّامِعُونَ يَحْيَوْنَ. ٢٥ 25
“मय तुम सी सच सच कहू हय ऊ समय आवय हय, अऊर अब हय, जेको म मृतक परमेश्वर को बेटा को आवाज सुनेंन, अऊर जो सुनेंन हि जीवन जीयेंन।
لِأَنَّهُ كَمَا أَنَّ ٱلْآبَ لَهُ حَيَاةٌ فِي ذَاتِهِ، كَذَلِكَ أَعْطَى ٱلِٱبْنَ أَيْضًا أَنْ تَكُونَ لَهُ حَيَاةٌ فِي ذَاتِهِ، ٢٦ 26
कहालीकि जो रीति सी बाप अपनो आप म जीवन रखय हय, उच रीति सी ओन बेटा ख भी यो अधिकार दियो हय कि अपनो आप म जीवन रखे;
وَأَعْطَاهُ سُلْطَانًا أَنْ يَدِينَ أَيْضًا، لِأَنَّهُ ٱبْنُ ٱلْإِنْسَانِ. ٢٧ 27
बल्की ओख न्याय करन को भी अधिकार दियो हय, येकोलायी कि ऊ आदमी को बेटा आय।
لَا تَتَعَجَّبُوا مِنْ هَذَا، فَإِنَّهُ تَأْتِي سَاعَةٌ فِيهَا يَسْمَعُ جَمِيعُ ٱلَّذِينَ فِي ٱلْقُبُورِ صَوْتَهُ، ٢٨ 28
येको सी अचम्भा मत करो; कहालीकि ऊ समय आवय हय कि जितनो कब्र म हंय हि ओको आवाज सुन क निकल आयेंन।
فَيَخْرُجُ ٱلَّذِينَ فَعَلُوا ٱلصَّالِحَاتِ إِلَى قِيَامَةِ ٱلْحَيَاةِ، وَٱلَّذِينَ عَمِلُوا ٱلسَّيِّئَاتِ إِلَى قِيَامَةِ ٱلدَّيْنُونَةِ. ٢٩ 29
जिन्न भलायी करी हय हि जीवन को पुनरुत्थान लायी जीन्दो होयेंन अऊर जिन्न बुरायी करी हय हि सजा को पुनरुत्थान लायी जीन्दो होयेंन।”
أَنَا لَا أَقْدِرُ أَنْ أَفْعَلَ مِنْ نَفْسِي شَيْئًا. كَمَا أَسْمَعُ أَدِينُ، وَدَيْنُونَتِي عَادِلَةٌ، لِأَنِّي لَا أَطْلُبُ مَشِيئَتِي بَلْ مَشِيئَةَ ٱلْآبِ ٱلَّذِي أَرْسَلَنِي. ٣٠ 30
“मय अपनो आप सी कुछ नहीं कर सकू; जसो सुनू हय, वसो न्याय करू हय; अऊर मोरो न्याय सच्चो हय, कहालीकि मय अपनी इच्छा नहीं पर अपनो भेजन वालो की इच्छा चाहऊ हय।”
«إِنْ كُنْتُ أَشْهَدُ لِنَفْسِي فَشَهَادَتِي لَيْسَتْ حَقًّا. ٣١ 31
यदि मय खुदच अपनी गवाही देऊ, त मोरी गवाही सच्ची नहाय।
ٱلَّذِي يَشْهَدُ لِي هُوَ آخَرُ، وَأَنَا أَعْلَمُ أَنَّ شَهَادَتَهُ ٱلَّتِي يَشْهَدُهَا لِي هِيَ حَقٌّ. ٣٢ 32
एक अऊर हय जो मोरी गवाही देवय हय, अऊर मय जानु हय कि मोरी जो गवाही ऊ देवय हय, ऊ सच्ची आय।
أَنْتُمْ أَرْسَلْتُمْ إِلَى يُوحَنَّا فَشَهِدَ لِلْحَقِّ. ٣٣ 33
तुम न यूहन्ना सी पुछवायो अऊर ओन सच्चायी की गवाही दियो हय।
وَأَنَا لَا أَقْبَلُ شَهَادَةً مِنْ إِنْسَانٍ، وَلَكِنِّي أَقُولُ هَذَا لِتَخْلُصُوا أَنْتُمْ. ٣٤ 34
पर मय अपनो बारे म आदमी की गवाही नहीं चाहऊ; तब भी मय या बाते येकोलायी कहू हय कि तुम्ख उद्धार मिले।
كَانَ هُوَ ٱلسِّرَاجَ ٱلْمُوقَدَ ٱلْمُنِيرَ، وَأَنْتُمْ أَرَدْتُمْ أَنْ تَبْتَهِجُوا بِنُورِهِ سَاعَةً. ٣٥ 35
ऊ त जलतो अऊर चमकतो हुयो दीया होतो, अऊर तुम्ख कुछ समय तक ओकी ज्योति म मगन होनो अच्छो लग्यो।
وَأَمَّا أَنَا فَلِي شَهَادَةٌ أَعْظَمُ مِنْ يُوحَنَّا، لِأَنَّ ٱلْأَعْمَالَ ٱلَّتِي أَعْطَانِي ٱلْآبُ لِأُكَمِّلَهَا، هَذِهِ ٱلْأَعْمَالُ بِعَيْنِهَا ٱلَّتِي أَنَا أَعْمَلُهَا هِيَ تَشْهَدُ لِي أَنَّ ٱلْآبَ قَدْ أَرْسَلَنِي. ٣٦ 36
पर मोरो जवर जो गवाही हय ऊ यूहन्ना की गवाही सी बड़ी हय; कहालीकि जो काम बाप न मोख पूरो करन ख सौंप्यो हय मतलब योच काम जो मय करू हय, हि मोरो गवाह हंय कि परमेश्वर पिता न मोख भेज्यो हय।
وَٱلْآبُ نَفْسُهُ ٱلَّذِي أَرْسَلَنِي يَشْهَدُ لِي. لَمْ تَسْمَعُوا صَوْتَهُ قَطُّ، وَلَا أَبْصَرْتُمْ هَيْئَتَهُ، ٣٧ 37
अऊर बाप जेन मोख भेज्यो हय, ओनच मोरी गवाही दियो हय। तुम न नहीं कभी ओको आवाज सुन्यो, अऊर नहीं ओको चेहरा देख्यो हय;
وَلَيْسَتْ لَكُمْ كَلِمَتُهُ ثَابِتَةً فِيكُمْ، لِأَنَّ ٱلَّذِي أَرْسَلَهُ هُوَ لَسْتُمْ أَنْتُمْ تُؤْمِنُونَ بِهِ. ٣٨ 38
अऊर ओको वचन ख मन म स्थिर नहीं रखय, कहालीकि जेक ओन भेज्यो तुम ओको विश्वास नहीं करय।
فَتِّشُوا ٱلْكُتُبَ لِأَنَّكُمْ تَظُنُّونَ أَنَّ لَكُمْ فِيهَا حَيَاةً أَبَدِيَّةً. وَهِيَ ٱلَّتِي تَشْهَدُ لِي. (aiōnios g166) ٣٩ 39
तुम शास्त्र म ढूंढय हय, कहालीकि समझय हय कि ओको म अनन्त जीवन तुम्ख मिलय हय; अऊर यो उच आय जो मोरी गवाही देवय हय; (aiōnios g166)
وَلَا تُرِيدُونَ أَنْ تَأْتُوا إِلَيَّ لِتَكُونَ لَكُمْ حَيَاةٌ. ٤٠ 40
तब भी तुम जीवन पावन लायी मोरो जवर आवनो नहीं चाहवय।
«مَجْدًا مِنَ ٱلنَّاسِ لَسْتُ أَقْبَلُ، ٤١ 41
“मय आदमियों सी आदर नहीं चाहऊ।
وَلَكِنِّي قَدْ عَرَفْتُكُمْ أَنْ لَيْسَتْ لَكُمْ مَحَبَّةُ ٱللهِ فِي أَنْفُسِكُمْ. ٤٢ 42
पर मय तुम्ख जानु हय कि तुम म परमेश्वर को प्रेम नहाय।
أَنَا قَدْ أَتَيْتُ بِٱسْمِ أَبِي وَلَسْتُمْ تَقْبَلُونَنِي. إِنْ أَتَى آخَرُ بِٱسْمِ نَفْسِهِ فَذَلِكَ تَقْبَلُونَهُ. ٤٣ 43
मय अपनो बाप को नाम सी आयो हय, अऊर तुम मोख स्वीकार नहीं करय; यदि दूसरों कोयी अपनोच नाम सी आयेंन, त ओख स्वीकार कर लेवो।
كَيْفَ تَقْدِرُونَ أَنْ تُؤْمِنُوا وَأَنْتُمْ تَقْبَلُونَ مَجْدًا بَعْضُكُمْ مِنْ بَعْضٍ، وَٱلْمَجْدُ ٱلَّذِي مِنَ ٱلْإِلَهِ ٱلْوَاحِدِ لَسْتُمْ تَطْلُبُونَهُ؟ ٤٤ 44
तुम जो एक दूसरों सी आदर चाहवय हय अऊर ऊ आदर जो परमेश्वरच को तरफ सी हय, नहीं चाहवय, कसो तरह विश्वास कर सकय हय?
«لَا تَظُنُّوا أَنِّي أَشْكُوكُمْ إِلَى ٱلْآبِ. يُوجَدُ ٱلَّذِي يَشْكُوكُمْ وَهُوَ مُوسَى، ٱلَّذِي عَلَيْهِ رَجَاؤُكُمْ. ٤٥ 45
यो मत समझो कि मय बाप को आगु तुम पर दोष लगाऊं; तुम पर दोष लगावन वालो त मूसा आय, जेको पर तुम न भरोसा रख्यो हय।
لِأَنَّكُمْ لَوْ كُنْتُمْ تُصَدِّقُونَ مُوسَى لَكُنْتُمْ تُصَدِّقُونَنِي، لِأَنَّهُ هُوَ كَتَبَ عَنِّي. ٤٦ 46
कहालीकि यदि तुम मूसा को विश्वास करतो, त मोरो भी विश्वास करतो, येकोलायी कि ओन मोरो बारे म लिख्यो हय।
فَإِنْ كُنْتُمْ لَسْتُمْ تُصَدِّقُونَ كُتُبَ ذَاكَ، فَكَيْفَ تُصَدِّقُونَ كَلَامِي؟». ٤٧ 47
पर यदि तुम ओकी लिखी हुयी बातों पर विश्वास नहीं करय, त मोरी बातों पर कसो विश्वास करो?”

< يوحنَّا 5 >