< يوحنَّا 16 >

«قَدْ كَلَّمْتُكُمْ بِهَذَا لِكَيْ لَا تَعْثُرُوا. ١ 1
“मैं ने तुम को यह इस लिए बताया है ताकि तुम गुमराह न हो जाओ।
سَيُخْرِجُونَكُمْ مِنَ ٱلْمَجَامِعِ، بَلْ تَأْتِي سَاعَةٌ فِيهَا يَظُنُّ كُلُّ مَنْ يَقْتُلُكُمْ أَنَّهُ يُقَدِّمُ خِدْمَةً لِلهِ. ٢ 2
वह तुम को यहूदी जमाअतों से निकाल देंगे, बल्कि वह वक़्त भी आने वाला है कि जो भी तुम को मार डालेगा वह समझेगा, मैंने ख़ुदा की ख़िदमत की है।
وَسَيَفْعَلُونَ هَذَا بِكُمْ لِأَنَّهُمْ لَمْ يَعْرِفُوا ٱلْآبَ وَلَا عَرَفُونِي. ٣ 3
वह इस क़िस्म की हरकतें इस लिए करेंगे कि उन्हों ने न बाप को जाना है, न मुझे।
لَكِنِّي قَدْ كَلَّمْتُكُمْ بِهَذَا حَتَّى إِذَا جَاءَتِ ٱلسَّاعَةُ تَذْكُرُونَ أَنِّي أَنَا قُلْتُهُ لَكُمْ. وَلَمْ أَقُلْ لَكُمْ مِنَ ٱلْبِدَايَةِ لِأَنِّي كُنْتُ مَعَكُمْ. ٤ 4
(जिस ने यह देखा है उस ने गवाही दी है और उस की गवाही सच्ची है। वह जानता है कि वह हक़ीक़त बयान कर रहा है और उस की गवाही का मक़्सद यह है कि आप भी ईमान लाएँ)”
«وَأَمَّا ٱلْآنَ فَأَنَا مَاضٍ إِلَى ٱلَّذِي أَرْسَلَنِي، وَلَيْسَ أَحَدٌ مِنْكُمْ يَسْأَلُنِي: أَيْنَ تَمْضِي؟ ٥ 5
“लेकिन अब मैं उस के पास जा रहा हूँ जिस ने मुझे भेजा है। तो भी तुम में से कोई मुझ से नहीं पूछता, ‘आप कहाँ जा रहे हैं?’
لَكِنْ لِأَنِّي قُلْتُ لَكُمْ هَذَا قَدْ مَلَأَ ٱلْحُزْنُ قُلُوبَكُمْ. ٦ 6
इस के बजाए तुम्हारे दिल उदास हैं कि मैं ने तुम को ऐसी बातें बताई हैं।
لَكِنِّي أَقُولُ لَكُمُ ٱلْحَقَّ: إِنَّهُ خَيْرٌ لَكُمْ أَنْ أَنْطَلِقَ، لِأَنَّهُ إِنْ لَمْ أَنْطَلِقْ لَا يَأْتِيكُمُ ٱلْمُعَزِّي، وَلَكِنْ إِنْ ذَهَبْتُ أُرْسِلُهُ إِلَيْكُمْ. ٧ 7
लेकिन मैं तुम को सच बताता हूँ कि तुम्हारे लिए फ़ाइदामन्द है कि मैं जा रहा हूँ। अगर मैं न जाऊँ तो मददगार तुम्हारे पास नहीं आएगा। लेकिन अगर मैं जाऊँ तो मैं उसे तुम्हारे पास भेज दूँगा।
وَمَتَى جَاءَ ذَاكَ يُبَكِّتُ ٱلْعَالَمَ عَلَى خَطِيَّةٍ وَعَلَى بِرٍّ وَعَلَى دَيْنُونَةٍ: ٨ 8
और जब वह आएगा तो गुनाह, रास्तबाज़ी और अदालत के बारे में दुनियाँ की ग़लती को बेनिक़ाब करके यह ज़ाहिर करेगा:
أَمَّا عَلَى خَطِيَّةٍ فَلِأَنَّهُمْ لَا يُؤْمِنُونَ بِي، ٩ 9
गुनाह के बारे में यह कि लोग मुझ पर ईमान नहीं रखते,
وَأَمَّا عَلَى بِرٍّ فَلِأَنِّي ذَاهِبٌ إِلَى أَبِي وَلَا تَرَوْنَنِي أَيْضًا، ١٠ 10
रास्तबाज़ी के बारे में यह कि मैं बाप के पास जा रहा हूँ और तुम मुझे अब से नहीं देखोगे,
وَأَمَّا عَلَى دَيْنُونَةٍ فَلِأَنَّ رَئِيسَ هَذَا ٱلْعَالَمِ قَدْ دِينَ. ١١ 11
और अदालत के बारे में यह कि इस दुनियाँ के हाकिम की अदालत हो चुकी है।”
«إِنَّ لِي أُمُورًا كَثِيرَةً أَيْضًا لِأَقُولَ لَكُمْ، وَلَكِنْ لَا تَسْتَطِيعُونَ أَنْ تَحْتَمِلُوا ٱلْآنَ. ١٢ 12
“मुझे तुम को बहुत कुछ बताना है, लेकिन इस वक़्त तुम उसे बर्दाश्त नहीं कर सकते।
وَأَمَّا مَتَى جَاءَ ذَاكَ، رُوحُ ٱلْحَقِّ، فَهُوَ يُرْشِدُكُمْ إِلَى جَمِيعِ ٱلْحَقِّ، لِأَنَّهُ لَا يَتَكَلَّمُ مِنْ نَفْسِهِ، بَلْ كُلُّ مَا يَسْمَعُ يَتَكَلَّمُ بِهِ، وَيُخْبِرُكُمْ بِأُمُورٍ آتِيَةٍ. ١٣ 13
जब सच्चाई का रूह आएगा तो वह पूरी सच्चाई की तरफ़ तुम्हारी राहनुमाई करेगा। वह अपनी मर्ज़ी से बात नहीं करेगा बल्कि सिर्फ़ वही कुछ कहेगा जो वह ख़ुद सुनेगा। वही तुम को भी। मुस्तक़बिल के बारे में बताएगा
ذَاكَ يُمَجِّدُنِي، لِأَنَّهُ يَأْخُذُ مِمَّا لِي وَيُخْبِرُكُمْ. ١٤ 14
और वह इस में मुझे जलाल देगा कि वह तुम को वही कुछ सुनाएगा जो उसे मुझ से मिला होगा।
كُلُّ مَا لِلْآبِ هُوَ لِي. لِهَذَا قُلْتُ: إِنَّهُ يَأْخُذُ مِمَّا لِي وَيُخْبِرُكُمْ. ١٥ 15
जो कुछ भी बाप का है वह मेरा है। इस लिए मैं ने कहा, रूह तुम को वही कुछ सुनाएगा जो उसे मुझ से मिला होगा।”
بَعْدَ قَلِيلٍ لَا تُبْصِرُونَنِي، ثُمَّ بَعْدَ قَلِيلٍ أَيْضًا تَرَوْنَنِي، لِأَنِّي ذَاهِبٌ إِلَى ٱلْآبِ». ١٦ 16
“थोड़ी देर के बाद तुम मुझे नहीं देखोगे। फिर थोड़ी देर के बाद तुम मुझे दुबारा देख लोगे।”
فَقَالَ قَوْمٌ مِنْ تَلَامِيذِهِ، بَعْضُهُمْ لِبَعْضٍ: «مَا هُوَ هَذَا ٱلَّذِي يَقُولُهُ لَنَا: بَعْدَ قَلِيلٍ لَا تُبْصِرُونَنِي، ثُمَّ بَعْدَ قَلِيلٍ أَيْضًا تَرَوْنَنِي، وَلِأَنِّي ذَاهِبٌ إِلَى ٱلْآبِ؟». ١٧ 17
उस के कुछ शागिर्द आपस में बात करने लगे, ईसा के यह कहने से क्या मुराद है कि “थोड़ी देर के बाद तुम मुझे नहीं देखोगे, फिर थोड़ी देर के बाद मुझे दुबारा देख लोगे? और इस का क्या मतलब है, मैं बाप के पास जा रहा हूँ?”
فَقَالُوا: «مَا هُوَ هَذَا ٱلْقَلِيلُ ٱلَّذِي يَقُولُ عَنْهُ؟ لَسْنَا نَعْلَمُ بِمَاذَا يَتَكَلَّمُ!». ١٨ 18
और वह सोचते रहे, “यह किस क़िस्म की‘थोड़ी देर’ है जिस का ज़िक्र वह कर रहे हैं? हम उन की बात नहीं समझते।”
فَعَلِمَ يَسُوعُ أَنَّهُمْ كَانُوا يُرِيدُونَ أَنْ يَسْأَلُوهُ، فَقَالَ لَهُمْ: «أَعَنْ هَذَا تَتَسَاءَلُونَ فِيمَا بَيْنَكُمْ، لِأَنِّي قُلْتُ: بَعْدَ قَلِيلٍ لَا تُبْصِرُونَنِي، ثُمَّ بَعْدَ قَلِيلٍ أَيْضًا تَرَوْنَنِي ١٩ 19
ईसा ने जान लिया कि वह मुझ से इस के बारे में सवाल करना चाहते हैं। इस लिए उस ने कहा, “क्या तुम एक दूसरे से पूछ रहे हो कि मेरी इस बात का क्या मतलब है कि ‘थोड़ी देर के बाद तुम मुझे नहीं देखोगे, फिर थोड़ी देर के बाद मुझे दुबारा देख लोगे?’
اَلْحَقَّ ٱلْحَقَّ أَقُولُ لَكُمْ: إِنَّكُمْ سَتَبْكُونَ وَتَنُوحُونَ وَٱلْعَالَمُ يَفْرَحُ. أَنْتُمْ سَتَحْزَنُونَ، وَلَكِنَّ حُزْنَكُمْ يَتَحَوَّلُ إِلَى فَرَحٍ. ٢٠ 20
मैं तुम को सच बताता हूँ कि तुम रो रो कर मातम करोगे जबकि दुनियाँ ख़ुश होगी। तुम ग़म करोगे, लेकिन तुम्हारा ग़म ख़ुशी में बदल जाएगा।
اَلْمَرْأَةُ وَهِيَ تَلِدُ تَحْزَنُ لِأَنَّ سَاعَتَهَا قَدْ جَاءَتْ، وَلَكِنْ مَتَى وَلَدَتِ ٱلطِّفْلَ لَا تَعُودُ تَذْكُرُ ٱلشِّدَّةَ لِسَبَبِ ٱلْفَرَحِ، لِأَنَّهُ قَدْ وُلِدَ إِنْسَانٌ فِي ٱلْعَالَمِ. ٢١ 21
जब किसी औरत के बच्चा पैदा होने वाला होता है तो उसे ग़म और तकलीफ़ होती है क्यूँकि उस का वक़्त आ गया है। लेकिन जूँ ही बच्चा पैदा हो जाता है तो माँ ख़ुशी के मारे कि एक इंसान दुनियाँ में आ गया है अपनी तमाम मुसीबत भूल जाती है।
فَأَنْتُمْ كَذَلِكَ، عِنْدَكُمُ ٱلْآنَ حُزْنٌ. وَلَكِنِّي سَأَرَاكُمْ أَيْضًا فَتَفْرَحُ قُلُوبُكُمْ، وَلَا يَنْزِعُ أَحَدٌ فَرَحَكُمْ مِنْكُمْ ٢٢ 22
यही तुम्हारी हालत है। क्यूँकी अब तुम उदास हो, लेकिन मैं तुम से दुबारा मिलूँगा। उस वक़्त तुम को ख़ुशी होगी, ऐसी ख़ुशी जो तुम से कोई छीन न लेगा।
وَفِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ لَا تَسْأَلُونَنِي شَيْئًا. اَلْحَقَّ ٱلْحَقَّ أَقُولُ لَكُمْ: إِنَّ كُلَّ مَا طَلَبْتُمْ مِنَ ٱلْآبِ بِٱسْمِي يُعْطِيكُمْ. ٢٣ 23
उस दिन तुम मुझ से कुछ नहीं पूछोगे। मैं तुम को सच बताता हूँ कि जो कुछ तुम मेरे नाम में बाप से माँगोगे वह तुम को देगा।
إِلَى ٱلْآنَ لَمْ تَطْلُبُوا شَيْئًا بِٱسْمِي. اُطْلُبُوا تَأْخُذُوا، لِيَكُونَ فَرَحُكُمْ كَامِلًا. ٢٤ 24
अब तक तुम ने मेरे नाम में कुछ नहीं माँगा। माँगो तो तुम को मिलेगा। फिर तुम्हारी ख़ुशी पूरी हो जाएगी।”
«قَدْ كَلَّمْتُكُمْ بِهَذَا بِأَمْثَالٍ، وَلَكِنْ تَأْتِي سَاعَةٌ حِينَ لَا أُكَلِّمُكُمْ أَيْضًا بِأَمْثَالٍ، بَلْ أُخْبِرُكُمْ عَنِ ٱلْآبِ عَلَانِيَةً. ٢٥ 25
“मैं ने तुम को यह मिसालों में बताया है। लेकिन एक दिन आएगा जब मैं ऐसा नहीं करूँगा। उस वक़्त मैं मिसालों में बात नहीं करूँगा बल्कि तुम को बाप के बारे में साफ़ साफ़ बता दूँगा।
فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ تَطْلُبُونَ بِٱسْمِي. وَلَسْتُ أَقُولُ لَكُمْ إِنِّي أَنَا أَسْأَلُ ٱلْآبَ مِنْ أَجْلِكُمْ، ٢٦ 26
उस दिन तुम मेरा नाम ले कर माँगोगे। मेरे कहने का मतलब यह नहीं कि मैं ही तुम्हारी ख़ातिर बाप से दरख़्वास्त करूँगा।
لِأَنَّ ٱلْآبَ نَفْسَهُ يُحِبُّكُمْ، لِأَنَّكُمْ قَدْ أَحْبَبْتُمُونِي، وَآمَنْتُمْ أَنِّي مِنْ عِنْدِ ٱللهِ خَرَجْتُ. ٢٧ 27
क्यूँकी बाप ख़ुद तुम को प्यार करता है, इस लिए कि तुम ने मुझे प्यार किया है और ईमान लाए हो कि मैं ख़ुदा में से निकल आया हूँ।
خَرَجْتُ مِنْ عِنْدِ ٱلْآبِ، وَقَدْ أَتَيْتُ إِلَى ٱلْعَالَمِ، وَأَيْضًا أَتْرُكُ ٱلْعَالَمَ وَأَذْهَبُ إِلَى ٱلْآبِ». ٢٨ 28
मैं बाप में से निकल कर दुनियाँ में आया हूँ, और अब मैं दुनियाँ को छोड़ कर बाप के पास वापस जाता हूँ।”
قَالَ لَهُ تَلَامِيذُهُ: «هُوَذَا ٱلْآنَ تَتَكَلَّمُ عَلَانِيَةً وَلَسْتَ تَقُولُ مَثَلًا وَاحِدًا. ٢٩ 29
इस पर उस के शागिर्दों ने कहा, “अब आप मिसालों में नहीं बल्कि साफ़ साफ़ बात कर रहे हैं।
اَلْآنَ نَعْلَمُ أَنَّكَ عَالِمٌ بِكُلِّ شَيْءٍ، وَلَسْتَ تَحْتَاجُ أَنْ يَسْأَلَكَ أَحَدٌ. لِهَذَا نُؤْمِنُ أَنَّكَ مِنَ ٱللهِ خَرَجْتَ». ٣٠ 30
अब हमें समझ आई है कि आप सब कुछ जानते हैं और कि इस की ज़रूरत नहीं कि कोई आप की पूछ — ताछ करे। इस लिए हम ईमान रखते हैं कि आप ख़ुदा में से निकल कर आए हैं।”
أَجَابَهُمْ يَسُوعُ: «أَلآنَ تُؤْمِنُونَ؟ ٣١ 31
ईसा ने जवाब दिया, “अब तुम ईमान रखते हो?
هُوَذَا تَأْتِي سَاعَةٌ، وَقَدْ أَتَتِ ٱلْآنَ، تَتَفَرَّقُونَ فِيهَا كُلُّ وَاحِدٍ إِلَى خَاصَّتِهِ، وَتَتْرُكُونَنِي وَحْدِي. وَأَنَا لَسْتُ وَحْدِي لِأَنَّ ٱلْآبَ مَعِي. ٣٢ 32
देखो, वह वक़्त आ रहा है बल्कि आ चुका है जब तुम तितर — बितर हो जाओगे। मुझे अकेला छोड़ कर हर एक अपने घर चला जाएगा। तो भी मैं अकेला नहीं हूँगा क्यूँकि बाप मेरे साथ है।
قَدْ كَلَّمْتُكُمْ بِهَذَا لِيَكُونَ لَكُمْ فِيَّ سَلَامٌ. فِي ٱلْعَالَمِ سَيَكُونُ لَكُمْ ضِيقٌ، وَلَكِنْ ثِقُوا: أَنَا قَدْ غَلَبْتُ ٱلْعَالَمَ». ٣٣ 33
मैं ने तुम को इस लिए यह बात बताई ताकि तुम मुझ में सलामती पाओ। दुनियाँ में तुम मुसीबत में फँसे रहते हो। लेकिन हौसला रखो, मैं दुनियाँ पर ग़ालिब आया हूँ।”

< يوحنَّا 16 >