< أَيُّوبَ 1 >

كَانَ رَجُلٌ فِي أَرْضِ عَوْصَ ٱسْمُهُ أَيُّوبُ. وَكَانَ هَذَا ٱلرَّجُلُ كَامِلًا وَمُسْتَقِيمًا، يَتَّقِي ٱللهَ وَيَحِيدُ عَنِ ٱلشَّرِّ. ١ 1
ऊस देश में अय्यूब नामक एक पुरुष था; वह खरा और सीधा था और परमेश्वर का भय मानता और बुराई से परे रहता था।
وَوُلِدَ لَهُ سَبْعَةُ بَنِينَ وَثَلَاثُ بَنَاتٍ. ٢ 2
उसके सात बेटे और तीन बेटियाँ उत्पन्न हुई।
وَكَانَتْ مَوَاشِيهِ سَبْعَةَ آلَافٍ مِنَ ٱلْغَنَمِ، وَثَلَاثَةَ آلَافِ جَمَلٍ، وَخَمْسَ مِئَةِ فَدَّانِ بَقَرٍ، وَخَمْسَ مِئَةِ أَتَانٍ، وَخَدَمُهُ كَثِيرِينَ جِدًّا. فَكَانَ هَذَا ٱلرَّجُلُ أَعْظَمَ كُلِّ بَنِي ٱلْمَشْرِقِ. ٣ 3
फिर उसके सात हजार भेड़-बकरियाँ, तीन हजार ऊँट, पाँच सौ जोड़ी बैल, और पाँच सौ गदहियाँ, और बहुत ही दास-दासियाँ थीं; वरन् उसके इतनी सम्पत्ति थी, कि पूर्वी देशों में वह सबसे बड़ा था।
وَكَانَ بَنُوهُ يَذْهَبُونَ وَيَعْمَلُونَ وَلِيمَةً فِي بَيْتِ كُلِّ وَاحِدٍ مِنْهُمْ فِي يَوْمِهِ، وَيُرْسِلُونَ وَيَسْتَدْعُونَ أَخَوَاتِهِمِ ٱلثَّلَاثَ لِيَأْكُلْنَ وَيَشْرَبْنَ مَعَهُمْ. ٤ 4
उसके बेटे बारी-बारी से एक दूसरे के घर में खाने-पीने को जाया करते थे; और अपनी तीनों बहनों को अपने संग खाने-पीने के लिये बुलवा भेजते थे।
وَكَانَ لَمَّا دَارَتْ أَيَّامُ ٱلْوَلِيمَةِ، أَنَّ أَيُّوبَ أَرْسَلَ فَقَدَّسَهُمْ، وَبَكَّرَ فِي ٱلْغَدِ وَأَصْعَدَ مُحْرَقَاتٍ عَلَى عَدَدِهِمْ كُلِّهِمْ، لِأَنَّ أَيُّوبَ قَالَ: «رُبَّمَا أَخْطَأَ بَنِيَّ وَجَدَّفُوا عَلَى ٱللهِ فِي قُلُوبِهِمْ». هَكَذَا كَانَ أَيُّوب يَفْعَلُ كُلَّ ٱلأَيَّامِ. ٥ 5
और जब जब दावत के दिन पूरे हो जाते, तब-तब अय्यूब उन्हें बुलवाकर पवित्र करता, और बड़ी भोर को उठकर उनकी गिनती के अनुसार होमबलि चढ़ाता था; क्योंकि अय्यूब सोचता था, “कदाचित् मेरे बच्चों ने पाप करके परमेश्वर को छोड़ दिया हो।” इसी रीति अय्यूब सदैव किया करता था।
وَكَانَ ذَاتَ يَوْمٍ أَنَّهُ جَاءَ بَنُو ٱللهِ لِيَمْثُلُوا أَمَامَ ٱلرَّبِّ، وَجَاءَ ٱلشَّيْطَانُ أَيْضًا فِي وَسْطِهِمْ. ٦ 6
एक दिन यहोवा परमेश्वर के पुत्र उसके सामने उपस्थित हुए, और उनके बीच शैतान भी आया।
فَقَالَ ٱلرَّبُّ لِلشَّيْطَانِ: «مِنْ أَيْنَ جِئْتَ؟». فَأَجَابَ ٱلشَّيْطَانُ ٱلرَّبَّ وَقَالَ: «مِنَ ٱلْجَوَلَانِ فِي ٱلْأَرْضِ، وَمِنَ ٱلتَّمَشِّي فِيهَا». ٧ 7
यहोवा ने शैतान से पूछा, “तू कहाँ से आता है?” शैतान ने यहोवा को उत्तर दिया, “पृथ्वी पर इधर-उधर घूमते-फिरते और डोलते-डालते आया हूँ।”
فَقَالَ ٱلرَّبُّ لِلشَّيْطَانِ: «هَلْ جَعَلْتَ قَلْبَكَ عَلَى عَبْدِي أَيُّوبَ؟ لِأَنَّهُ لَيْسَ مِثْلُهُ فِي ٱلْأَرْضِ. رَجُلٌ كَامِلٌ وَمُسْتَقِيمٌ، يَتَّقِي ٱللهَ وَيَحِيدُ عَنِ ٱلشَّرِّ». ٨ 8
यहोवा ने शैतान से पूछा, “क्या तूने मेरे दास अय्यूब पर ध्यान दिया है? क्योंकि उसके तुल्य खरा और सीधा और मेरा भय माननेवाला और बुराई से दूर रहनेवाला मनुष्य और कोई नहीं है।”
فَأَجَابَ ٱلشَّيْطَانُ ٱلرَّبَّ وَقَالَ: «هَلْ مَجَّانًا يَتَّقِي أَيُّوبُ ٱللهَ؟ ٩ 9
शैतान ने यहोवा को उत्तर दिया, “क्या अय्यूब परमेश्वर का भय बिना लाभ के मानता है?
أَلَيْسَ أَنَّكَ سَيَّجْتَ حَوْلَهُ وَحَوْلَ بَيْتِهِ وَحَوْلَ كُلِّ مَا لَهُ مِنْ كُلِّ نَاحِيَةٍ؟ بَارَكْتَ أَعْمَالَ يَدَيْهِ فَٱنْتَشَرَتْ مَوَاشِيهِ فِي ٱلْأَرْضِ. ١٠ 10
१०क्या तूने उसकी, और उसके घर की, और जो कुछ उसका है उसके चारों ओर बाड़ा नहीं बाँधा? तूने तो उसके काम पर आशीष दी है, और उसकी सम्पत्ति देश भर में फैल गई है।
وَلَكِنِ ٱبْسِطْ يَدَكَ ٱلْآنَ وَمَسَّ كُلَّ مَا لَهُ، فَإِنَّهُ فِي وَجْهِكَ يُجَدِّفُ عَلَيْكَ». ١١ 11
११परन्तु अब अपना हाथ बढ़ाकर जो कुछ उसका है, उसे छू; तब वह तेरे मुँह पर तेरी निन्दा करेगा।”
فَقَالَ ٱلرَّبُّ لِلشَّيْطَانِ: «هُوَذَا كُلُّ مَا لَهُ فِي يَدِكَ، وَإِنَّمَا إِلَيهِ لَا تَمُدَّ يَدَكَ». ثمَّ خَرَجَ ٱلشَّيْطَانُ مِنْ أَمَامِ وَجْهِ ٱلرَّبِّ. ١٢ 12
१२यहोवा ने शैतान से कहा, “सुन, जो कुछ उसका है, वह सब तेरे हाथ में है; केवल उसके शरीर पर हाथ न लगाना।” तब शैतान यहोवा के सामने से चला गया।
وَكَانَ ذَاتَ يَوْمٍ وَأَبْنَاؤُهُ وَبَنَاتُهُ يَأْكُلُونَ وَيَشْرَبُونَ خَمْرًا فِي بَيْتِ أَخِيهِمِ ٱلْأَكْبَرِ، ١٣ 13
१३एक दिन अय्यूब के बेटे-बेटियाँ बड़े भाई के घर में खाते और दाखमधु पी रहे थे;
أَنَّ رَسُولًا جَاءَ إِلَى أَيُّوبَ وَقَالَ: «ٱلْبَقَرُ كَانَتْ تَحْرُثُ، وَٱلْأُتُنُ تَرْعَى بِجَانِبِهَا، ١٤ 14
१४तब एक दूत अय्यूब के पास आकर कहने लगा, “हम तो बैलों से हल जोत रहे थे और गदहियाँ उनके पास चर रही थीं
فَسَقَطَ عَلَيْهَا ٱلسَّبَئِيُّونَ وَأَخَذُوهَا، وَضَرَبُوا ٱلْغِلْمَانَ بِحَدِّ ٱلسَّيْفِ، وَنَجَوْتُ أَنَا وَحْدِي لِأُخْبِرَكَ». ١٥ 15
१५कि शेबा के लोग धावा करके उनको ले गए, और तलवार से तेरे सेवकों को मार डाला; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।”
وَبَيْنَمَا هُوَ يَتَكَلَّمُ إِذْ جَاءَ آخَرُ وَقَالَ: «نَارُ ٱللهِ سَقَطَتْ مِنَ ٱلسَّمَاءِ فَأَحْرَقَتِ ٱلْغَنَمَ وَٱلْغِلْمَانَ وَأَكَلَتْهُمْ، وَنَجَوْتُ أَنَا وَحْدِي لِأُخْبِرَكَ». ١٦ 16
१६वह अभी यह कह ही रहा था कि दूसरा भी आकर कहने लगा, “परमेश्वर की आग आकाश से गिरी और उससे भेड़-बकरियाँ और सेवक जलकर भस्म हो गए; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।”
وَبَيْنَمَا هُوَ يَتَكَلَّمُ إِذْ جَاءَ آخَرُ وَقَالَ: «ٱلْكَلْدَانِيُّونَ عَيَّنُوا ثَلَاثَ فِرَقٍ، فَهَجَمُوا عَلَى ٱلْجِمَالِ وَأَخَذُوهَا، وَضَرَبُوا ٱلْغِلْمَانَ بِحَدِّ ٱلسَّيْفِ، وَنَجَوْتُ أَنَا وَحْدِي لِأُخْبِرَكَ». ١٧ 17
१७वह अभी यह कह ही रहा था, कि एक और भी आकर कहने लगा, “कसदी लोग तीन दल बाँधकर ऊँटों पर धावा करके उन्हें ले गए, और तलवार से तेरे सेवकों को मार डाला; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।”
وَبَيْنَمَا هُوَ يَتَكَلَّمُ إِذْ جَاءَ آخَرُ وَقَالَ: «بَنُوكَ وَبَنَاتُكَ كَانُوا يَأْكُلُونَ وَيَشْرَبُونَ خَمْرًا فِي بَيْتِ أَخِيهِمِ ٱلْأَكْبَرِ، ١٨ 18
१८वह अभी यह कह ही रहा था, कि एक और भी आकर कहने लगा, “तेरे बेटे-बेटियाँ बड़े भाई के घर में खाते और दाखमधु पीते थे,
وَإِذَا رِيحٌ شَدِيدَةٌ جَاءَتْ مِنْ عَبْرِ ٱلْقَفْرِ وَصَدَمَتْ زَوَايَا ٱلْبَيْتِ ٱلْأَرْبَعَ، فَسَقَطَ عَلَى ٱلْغِلْمَانِ فَمَاتُوا، وَنَجَوْتُ أَنَا وَحْدِي لِأُخْبِرَكَ». ١٩ 19
१९कि जंगल की ओर से बड़ी प्रचण्ड वायु चली, और घर के चारों कोनों को ऐसा झोंका मारा, कि वह जवानों पर गिर पड़ा और वे मर गए; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।”
فَقَامَ أَيُّوبُ وَمَزَّقَ جُبَّتَهُ، وَجَزَّ شَعْرَ رَأْسِهِ، وَخَرَّ عَلَى ٱلْأَرْضِ وَسَجَدَ، ٢٠ 20
२०तब अय्यूब उठा, और बागा फाड़, सिर मुँड़ाकर भूमि पर गिरा और दण्डवत् करके कहा,
وَقَالَ: «عُرْيَانًا خَرَجْتُ مِنْ بَطْنِ أُمِّي، وَعُرْيَانًا أَعُودُ إِلَى هُنَاكَ. ٱلرَّبُّ أَعْطَى وَٱلرَّبُّ أَخَذَ، فَلْيَكُنِ ٱسْمُ ٱلرَّبِّ مُبَارَكًا». ٢١ 21
२१“मैं अपनी माँ के पेट से नंगा निकला और वहीं नंगा लौट जाऊँगा; यहोवा ने दिया और यहोवा ही ने लिया; यहोवा का नाम धन्य है।”
فِي كُلِّ هَذَا لَمْ يُخْطِئْ أَيُّوبُ وَلَمْ يَنْسِبْ لِلهِ جَهَالَةً. ٢٢ 22
२२इन सब बातों में भी अय्यूब ने न तो पाप किया, और न परमेश्वर पर मूर्खता से दोष लगाया।

< أَيُّوبَ 1 >