< إِرْمِيَا 33 >

ثُمَّ صَارَتْ كَلِمَةُ ٱلرَّبِّ إِلَى إِرْمِيَا ثَانِيَةً وَهُوَ مَحْبُوسٌ بَعْدُ فِي دَارِ ٱلسِّجْنِ قَائِلَةً: ١ 1
जिस समय यिर्मयाह पहरे के आँगन में बन्द था, उस समय यहोवा का वचन दूसरी बार उसके पास पहुँचा,
«هَكَذَا قَالَ ٱلرَّبُّ صَانِعُهَا، ٱلرَّبُّ مُصَوِّرُهَا لِيُثَبِّتَهَا، يَهْوَهُ ٱسْمُهُ: ٢ 2
“यहोवा जो पृथ्वी का रचनेवाला है, जो उसको स्थिर करता है, उसका नाम यहोवा है; वह यह कहता है,
اُدْعُنِي فَأُجِيبَكَ وَأُخْبِرَكَ بِعَظَائِمَ وَعَوَائِصَ لَمْ تَعْرِفْهَا. ٣ 3
मुझसे प्रार्थना कर और मैं तेरी सुनकर तुझे बड़ी-बड़ी और कठिन बातें बताऊँगा जिन्हें तू अभी नहीं समझता।
لِأَنَّهُ هَكَذَا قَالَ ٱلرَّبُّ إِلَهُ إِسْرَائِيلَ عَنْ بُيُوتِ هَذِهِ ٱلْمَدِينَةِ وَعَنْ بُيُوتِ مُلُوكِ يَهُوذَا ٱلَّتِي هُدِمَتْ لِلْمَتَارِيسِ وَٱلْمَجَانِيقِ: ٤ 4
क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा इस नगर के घरों और यहूदा के राजाओं के भवनों के विषय में, जो इसलिए गिराए जाते हैं कि दमदमों और तलवार के साथ सुभीते से लड़ सके, यह कहता है,
يَأْتُونَ لِيُحَارِبُوا ٱلْكَلْدَانِيِّينَ وَيَمْلَأُوهَا مِنْ جِيَفِ ٱلنَّاسِ ٱلَّذِينَ ضَرَبْتُهُمْ بِغَضَبِي وَغَيْظِي، وَٱلَّذِينَ سَتَرْتُ وَجْهِي عَنْ هَذِهِ ٱلْمَدِينَةِ لِأَجْلِ كُلِّ شَرِّهِمْ. ٥ 5
कसदियों से युद्ध करने को वे लोग आते तो हैं, परन्तु मैं क्रोध और जलजलाहट में आकर उनको मरवाऊँगा और उनकी लोथें उसी स्थान में भर दूँगा; क्योंकि उनकी दुष्टता के कारण मैंने इस नगर से मुख फेर लिया है।
هَأَنَذَا أَضَعُ عَلَيْهَا رِفَادَةً وَعِلَاجًا، وَأَشْفِيهِمْ وَأُعْلِنُ لَهُمْ كَثْرَةَ ٱلسَّلَامِ وَٱلْأَمَانَةِ. ٦ 6
देख, मैं इस नगर का इलाज करके इसके निवासियों को चंगा करूँगा; और उन पर पूरी शान्ति और सच्चाई प्रगट करूँगा।
وَأَرُدُّ سَبْيَ يَهُوذَا وَسَبْيَ إِسْرَائِيلَ وَأَبْنِيهِمْ كَٱلْأَوَّلِ. ٧ 7
मैं यहूदा और इस्राएल के बन्दियों को लौटा ले आऊँगा, और उन्हें पहले के समान बसाऊँगा।
وَأُطَهِّرُهُمْ مِنْ كُلِّ إِثْمِهِمِ ٱلَّذِي أَخْطَأُوا بِهِ إِلَيَّ، وَأَغْفِرُ كُلَّ ذُنُوبِهِمِ ٱلَّتِي أَخْطَأُوا بِهَا إِلَيَّ، وَٱلَّتِي عَصَوْا بِهَا عَلَيَّ. ٨ 8
मैं उनको उनके सारे अधर्म और पाप के काम से शुद्ध करूँगा जो उन्होंने मेरे विरुद्ध किए हैं; और उन्होंने जितने अधर्म और अपराध के काम मेरे विरुद्ध किए हैं, उन सब को मैं क्षमा करूँगा।
فَتَكُونُ لِيَ ٱسْمَ فَرَحٍ لِلتَّسْبِيحِ وَلِلزِّينَةِ لَدَى كُلِّ أُمَمِ ٱلْأَرْضِ، ٱلَّذِينَ يَسْمَعُونَ بِكُلِّ ٱلْخَيْرِ ٱلَّذِي أَصْنَعُهُ مَعَهُمْ، فَيَخَافُونَ وَيَرْتَعِدُونَ مِنْ أَجْلِ كُلِّ ٱلْخَيْرِ وَمِنْ أَجْلِ كُلِّ ٱلسَّلَامِ ٱلَّذِي أَصْنَعُهُ لَهَا. ٩ 9
क्योंकि वे वह सब भलाई के काम सुनेंगे जो मैं उनके लिये करूँगा और वे सब कल्याण और शान्ति की चर्चा सुनकर जो मैं उनसे करूँगा, डरेंगे और थरथराएँगे; वे पृथ्वी की उन जातियों की दृष्टि में मेरे लिये हर्ष और स्तुति और शोभा का कारण हो जाएँगे।
هَكَذَا قَالَ ٱلرَّبُّ: سَيُسْمَعُ بَعْدُ فِي هَذَا ٱلْمَوْضِعِ ٱلَّذِي تَقُولُونَ إِنَّهُ خَرِبٌ بِلَا إِنْسَانٍ وَبِلَا حَيَوَانٍ، فِي مُدُنِ يَهُوذَا، وَفِي شَوَارِعِ أُورُشَلِيمَ ٱلْخَرِبَةِ بِلَا إِنْسَانٍ وَلَا سَاكِنٍ وَلَا بَهِيمَةٍ، ١٠ 10
१०“यहोवा यह कहता है, यह स्थान जिसके विषय तुम लोग कहते हो ‘यह तो उजाड़ हो गया है, इसमें न तो मनुष्य रह गया है और न पशु,’ अर्थात् यहूदा देश के नगर और यरूशलेम की सड़कें जो ऐसी सुनसान पड़ी हैं कि उनमें न तो कोई मनुष्य रहता है और न कोई पशु,
صَوْتُ ٱلطَّرَبِ وَصَوْتُ ٱلْفَرَحِ، صَوْتُ ٱلْعَرِيسِ وَصَوْتُ ٱلْعَرُوسِ، صَوْتُ ٱلْقَائِلِينَ: ٱحْمَدُوا رَبَّ ٱلْجُنُودِ لِأَنَّ ٱلرَّبَّ صَالِحٌ، لِأَنَّ إِلَى ٱلْأَبَدِ رَحْمَتَهُ. صَوْتُ ٱلَّذِينَ يَأْتُونَ بِذَبِيحَةِ ٱلشُّكْرِ إِلَى بَيْتِ ٱلرَّبِّ، لِأَنِّي أَرُدُّ سَبْيَ ٱلْأَرْضِ كَٱلْأَوَّلِ، يَقُولُ ٱلرَّبُّ. ١١ 11
११इन्हीं में हर्ष और आनन्द का शब्द, दुल्हे-दुल्हन का शब्द, और इस बात के कहनेवालों का शब्द फिर सुनाई पड़ेगा: ‘सेनाओं के यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि यहोवा भला है, और उसकी करुणा सदा की है!’ और यहोवा के भवन में धन्यवाद-बलि लानेवालों का भी शब्द सुनाई देगा; क्योंकि मैं इस देश की दशा पहले के समान ज्यों की त्यों कर दूँगा, यहोवा का यही वचन है।
هَكَذَا قَالَ رَبُّ ٱلْجُنُودِ: سَيَكُونُ بَعْدُ فِي هَذَا ٱلْمَوْضِعِ ٱلْخَرِبِ بِلَا إِنْسَانٍ وَلَا بَهِيمَةٍ وَفِي كُلِّ مُدُنِهِ، مَسْكَنُ ٱلرُّعَاةِ ٱلْمُرْبِضِينَ ٱلْغَنَمَ. ١٢ 12
१२“सेनाओं का यहोवा कहता है: सब गाँवों समेत यह स्थान जो ऐसा उजाड़ है कि इसमें न तो मनुष्य रह गया है और न पशु, इसी में भेड़-बकरियाँ बैठानेवाले चरवाहे फिर बसेंगे।
فِي مُدُنِ ٱلْجَبَلِ وَمُدُنِ ٱلسَّهْلِ وَمُدُنِ ٱلْجَنُوبِ، وَفِي أَرْضِ بِنْيَامِينَ وَحَوَالَيْ أُورُشَلِيمَ، وَفِي مُدُنِ يَهُوذَا، تَمُرُّ أَيْضًا ٱلْغَنَمُ تَحْتَ يَدَيِ ٱلْمُحْصِي، يَقُولُ ٱلرَّبُّ. ١٣ 13
१३पहाड़ी देश में और नीचे के देश में, दक्षिण देश के नगरों में, बिन्यामीन क्षेत्र में, और यरूशलेम के आस-पास, अर्थात् यहूदा देश के सब नगरों में भेड़-बकरियाँ फिर गिन-गिनकर चराई जाएँगी, यहोवा का यही वचन है।
«هَا أَيَّامٌ تَأْتِي، يَقُولُ ٱلرَّبُّ، وَأُقِيمُ ٱلْكَلِمَةَ ٱلصَّالِحَةَ ٱلَّتِي تَكَلَّمْتُ بِهَا إِلَى بَيْتِ إِسْرَائِيلَ وَإِلَى بَيْتِ يَهُوذَا. ١٤ 14
१४“यहोवा की यह भी वाणी है, देख, ऐसे दिन आनेवाले हैं कि कल्याण का जो वचन मैंने इस्राएल और यहूदा के घरानों के विषय में कहा है, उसे पूरा करूँगा।
فِي تِلْكَ ٱلْأَيَّامِ وَفِي ذَلِكَ ٱلزَّمَانِ أُنْبِتُ لِدَاوُدَ غُصْنَ ٱلْبِرِّ، فَيُجْرِي عَدْلًا وَبِرًّا فِي ٱلْأَرْضِ. ١٥ 15
१५उन दिनों में और उन समयों में, मैं दाऊद के वंश में धार्मिकता की एक डाल लगाऊँगा; और वह इस देश में न्याय और धार्मिकता के काम करेगा।
فِي تِلْكَ ٱلْأَيَّامِ يَخْلُصُ يَهُوذَا، وَتَسْكُنُ أُورُشَلِيمُ آمِنَةً، وَهَذَا مَا تَتَسَمَّى بِهِ: ٱلرَّبُّ بِرُّنَا. ١٦ 16
१६उन दिनों में यहूदा बचा रहेगा और यरूशलेम निडर बसा रहेगा; और उसका नाम यह रखा जाएगा अर्थात् ‘यहोवा हमारी धार्मिकता।’
لِأَنَّهُ هَكَذَا قَالَ ٱلرَّبُّ: لَا يَنْقَطِعُ لِدَاوُدَ إِنْسَانٌ يَجْلِسُ عَلَى كُرْسِيِّ بَيْتِ إِسْرَائِيلَ، ١٧ 17
१७“यहोवा यह कहता है, दाऊद के कुल में इस्राएल के घराने की गद्दी पर विराजनेवाले सदैव बने रहेंगे,
وَلَا يَنْقَطِعُ لِلْكَهَنَةِ ٱللَّاوِيِّينَ إِنْسَانٌ مِنْ أَمَامِي يُصْعِدُ مُحْرَقَةً، وَيُحْرِقُ تَقْدِمَةً، وَيُهَيِّيءُ ذَبِيحَةً كُلَّ ٱلْأَيَّامِ». ١٨ 18
१८और लेवीय याजकों के कुलों में प्रतिदिन मेरे लिये होमबलि चढ़ानेवाले और अन्नबलि जलानेवाले और मेलबलि चढ़ानेवाले सदैव बने रहेंगे।”
ثُمَّ صَارَتْ كَلِمَةُ ٱلرَّبِّ إِلَى إِرْمِيَا قَائِلَةً: ١٩ 19
१९फिर यहोवा का यह वचन यिर्मयाह के पास पहुँचा
«هَكَذَا قَالَ ٱلرَّبُّ: إِنْ نَقَضْتُمْ عَهْدِي مَعَ ٱلنَّهَارِ، وَعَهْدِي مَعَ ٱللَّيْلِ حَتَّى لَا يَكُونَ نَهَارٌ وَلَا لَيْلٌ فِي وَقْتِهِمَا، ٢٠ 20
२०“यहोवा यह कहता है: मैंने दिन और रात के विषय में जो वाचा बाँधी है, जब तुम उसको ऐसा तोड़ सको कि दिन और रात अपने-अपने समय में न हों,
فَإِنَّ عَهْدِي أَيْضًا مَعَ دَاوُدَ عَبْدِي يُنْقَضُ، فَلَا يَكُونُ لَهُ ٱبْنٌ مَالِكًا عَلَى كُرْسِيِّهِ، وَمَعَ ٱللَّاوِيِّينَ ٱلْكَهَنَةِ خَادِمِيَّ. ٢١ 21
२१तब ही जो वाचा मैंने अपने दास दाऊद के संग बाँधी है टूट सकेगी, कि तेरे वंश की गद्दी पर विराजनेवाले सदैव बने रहेंगे, और मेरी वाचा मेरी सेवा टहल करनेवाले लेवीय याजकों के संग बँधी रहेगी।
كَمَا أَنَّ جُنْدَ ٱلسَّمَاوَاتِ لَا يُعَدُّ، وَرَمْلَ ٱلْبَحْرِ لَا يُحْصَى، هَكَذَا أُكَثِّرُ نَسْلَ دَاوُدَ عَبْدِي وَٱللَّاوِيِّينَ خَادِمِيَّ». ٢٢ 22
२२जैसा आकाश की सेना की गिनती और समुद्र के रेतकणों का परिमाण नहीं हो सकता है उसी प्रकार मैं अपने दास दाऊद के वंश और अपने सेवक लेवियों को बढ़ाकर अनगिनत कर दूँगा।”
ثُمَّ صَارَتْ كَلِمَةُ ٱلرَّبِّ إِلَى إِرْمِيَا قَائِلَةً: ٢٣ 23
२३यहोवा का यह वचन यिर्मयाह के पास पहुँचा
«أَمَا تَرَى مَا تَكَلَّمَ بِهِ هَذَا ٱلشَّعْبُ قَائِلًا: إِنَّ ٱلْعَشِيرَتَيْنِ ٱللَّتَيْنِ ٱخْتَارَهُمَا ٱلرَّبُّ قَدْ رَفَضَهُمَا. فَقَدِ ٱحْتَقَرُوا شَعْبِي حَتَّى لَا يَكُونُوا بَعْدُ أُمَّةً أَمَامَهُمْ. ٢٤ 24
२४“क्या तूने नहीं देखा कि ये लोग क्या कहते हैं, ‘जो दो कुल यहोवा ने चुन लिए थे उन दोनों से उसने अब हाथ उठाया है’? यह कहकर कि ये मेरी प्रजा को तुच्छ जानते हैं और कि यह जाति उनकी दृष्टि में गिर गई है।
هَكَذَا قَالَ ٱلرَّبُّ: إِنْ كُنْتُ لَمْ أَجْعَلْ عَهْدِي مَعَ ٱلنَّهَارِ وَٱللَّيْلِ، فَرَائِضَ ٱلسَّمَاوَاتِ وَٱلْأَرْضِ، ٢٥ 25
२५यहोवा यह कहता है, यदि दिन और रात के विषय मेरी वाचा अटल न रहे, और यदि आकाश और पृथ्वी के नियम मेरे ठहराए हुए न रह जाएँ,
فَإِنِّي أَيْضًا أَرْفُضُ نَسْلَ يَعْقُوبَ وَدَاوُدَ عَبْدِي، فَلَا آخُذُ مِنْ نَسْلِهِ حُكَّامًا لِنَسْلِ إِبْرَاهِيمَ وَإِسْحَاقَ وَيَعْقُوبَ، لِأَنِّي أَرُدُّ سَبْيَهُمْ وَأَرْحَمُهُمْ». ٢٦ 26
२६तब ही मैं याकूब के वंश से हाथ उठाऊँगा। और अब्राहम, इसहाक और याकूब के वंश पर प्रभुता करने के लिये अपने दास दाऊद के वंश में से किसी को फिर न ठहराऊँगा। परन्तु इसके विपरीत मैं उन पर दया करके उनको बँधुआई से लौटा लाऊँगा।”

< إِرْمِيَا 33 >