< إِرْمِيَا 29 >

هَذَا كَلَامُ ٱلرِّسَالَةِ ٱلَّتِي أَرْسَلَهَا إِرْمِيَا ٱلنَّبِيُّ مِنْ أُورُشَلِيمَ إِلَى بَقِيَّةِ شُيُوخِ ٱلسَّبْيِ، وَإِلَى ٱلْكَهَنَةِ وَٱلْأَنْبِيَاءِ، وَإِلَى كُلِّ ٱلشَّعْبِ ٱلَّذِينَ سَبَاهُمْ نَبُوخَذْنَاصَّرُ مِنْ أُورُشَلِيمَ إِلَى بَابِلَ، ١ 1
उसी वर्ष यिर्मयाह नबी ने इस आशय की पत्री, उन पुरनियों और भविष्यद्वक्ताओं और साधारण लोगों के पास भेजी जो बन्दियों में से बचे थे, जिनको नबूकदनेस्सर यरूशलेम से बाबेल को ले गया था।
بَعْدَ خُرُوجِ يَكُنْيَا ٱلْمَلِكِ وَٱلْمَلِكَةِ وَٱلْخِصْيَانِ وَرُؤَسَاءِ يَهُوذَا وَأُورُشَلِيمَ وَٱلنَّجَّارِينَ وَٱلْحَدَّادِينَ مِنْ أُورُشَلِيمَ، ٢ 2
यह पत्री उस समय भेजी गई, जब यकोन्याह राजा और राजमाता, खोजे, यहूदा और यरूशलेम के हाकिम, लोहार और अन्य कारीगर यरूशलेम से चले गए थे।
بِيَدِ أَلْعَاسَةَ بْنِ شَافَانَ، وَجَمَرْيَا بْنِ حِلْقِيَّا، ٱللَّذَيْنِ أَرْسَلَهُمَا صِدْقِيَّا مَلِكُ يَهُوذَا إِلَى نَبُوخَذْنَاصَّرَ مَلِكِ بَابِلَ إِلَى بَابِلَ قَائِلًا: ٣ 3
यह पत्री शापान के पुत्र एलासा और हिल्किय्याह के पुत्र गमर्याह के हाथ भेजी गई, जिन्हें यहूदा के राजा सिदकिय्याह ने बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर के पास बाबेल को भेजा।
«هَكَذَا قَالَ رَبُّ ٱلْجُنُودِ إِلَهُ إِسْرَائِيلَ لِكُلِّ ٱلسَّبْيِ ٱلَّذِي سَبَيْتُهُ مِنْ أُورُشَلِيمَ إِلَى بَابِلَ: ٤ 4
उसमें लिखा था: “जितने लोगों को मैंने यरूशलेम से बन्दी करके बाबेल में पहुँचवा दिया है, उन सभी से इस्राएल का परमेश्वर सेनाओं का यहोवा यह कहता है।
اِبْنُوا بُيُوتًا وَٱسْكُنُوا، وَٱغْرِسُوا جَنَّاتٍ وَكُلُوا ثَمَرَهَا. ٥ 5
घर बनाकर उनमें बस जाओ; बारियाँ लगाकर उनके फल खाओ।
خُذُوا نِسَاءً وَلِدُوا بَنِينَ وَبَنَاتٍ وَخُذُوا لِبَنِيكُمْ نِسَاءً وَأَعْطُوا بَنَاتِكُمْ لِرِجَالٍ فَيَلِدْنَ بَنِينَ وَبَنَاتٍ، وَٱكْثُرُوا هُنَاكَ وَلَا تَقِلُّوا. ٦ 6
ब्याह करके बेटे-बेटियाँ जन्माओ; और अपने बेटों के लिये स्त्रियाँ ब्याह लो और अपनी बेटियाँ पुरुषों को ब्याह दो, कि वे भी बेटे-बेटियाँ जन्माएँ; और वहाँ घटो नहीं वरन् बढ़ते जाओ।
وَٱطْلُبُوا سَلَامَ ٱلْمَدِينَةِ ٱلَّتِي سَبَيْتُكُمْ إِلَيْهَا، وَصَلُّوا لِأَجْلِهَا إِلَى ٱلرَّبِّ، لِأَنَّهُ بِسَلَامِهَا يَكُونُ لَكُمْ سَلَامٌ. ٧ 7
परन्तु जिस नगर में मैंने तुम को बन्दी कराके भेज दिया है, उसके कुशल का यत्न किया करो, और उसके हित के लिये यहोवा से प्रार्थना किया करो। क्योंकि उसके कुशल से तुम भी कुशल के साथ रहोगे।
لِأَنَّهُ هَكَذَا قَالَ رَبُّ ٱلْجُنُودِ إِلَهُ إِسْرَائِيلَ: لَا تَغُشَّكُمْ أَنْبِيَاؤُكُمُ ٱلَّذِينَ فِي وَسَطِكُمْ وَعَرَّافُوكُمْ، وَلَا تَسْمَعُوا لِأَحْلَامِكُمُ ٱلَّتِي تَتَحَلَّمُونَهَا. ٨ 8
क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर, सेनाओं का यहोवा तुम से यह कहता है कि तुम्हारे जो भविष्यद्वक्ता और भावी कहनेवाले तुम्हारे बीच में हैं, वे तुम को बहकाने न पाएँ, और जो स्वप्न वे तुम्हारे निमित्त देखते हैं उनकी ओर कान मत लगाओ,
لِأَنَّهُمْ إِنَّمَا يَتَنَبَّأُونَ لَكُمْ بِٱسْمِي بِٱلْكَذِبِ. أَنَا لَمْ أُرْسِلْهُمْ، يَقُولُ ٱلرَّبُّ. ٩ 9
क्योंकि वे मेरे नाम से तुम को झूठी भविष्यद्वाणी सुनाते हैं; मैंने उन्हें नहीं भेजा, मुझ यहोवा की यह वाणी है।
«لِأَنَّهُ هَكَذَا قَالَ ٱلرَّبُّ: إِنِّي عِنْدَ تَمَامِ سَبْعِينَ سَنَةً لِبَابِلَ، أَتَعَهَّدُكُمْ وَأُقِيمُ لَكُمْ كَلَامِي ٱلصَّالِحَ، بِرَدِّكُمْ إِلَى هَذَا ٱلْمَوْضِعِ. ١٠ 10
१०“यहोवा यह कहता है कि बाबेल के सत्तर वर्ष पूरे होने पर मैं तुम्हारी सुधि लूँगा, और अपना यह मनभावना वचन कि मैं तुम्हें इस स्थान में लौटा ले आऊँगा, पूरा करूँगा।
لِأَنِّي عَرَفْتُ ٱلْأَفْكَارَ ٱلَّتِي أَنَا مُفْتَكِرٌ بِهَا عَنْكُمْ، يَقُولُ ٱلرَّبُّ، أَفْكَارَ سَلَامٍ لَا شَرٍّ، لِأُعْطِيَكُمْ آخِرَةً وَرَجَاءً. ١١ 11
११क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि जो कल्पनाएँ मैं तुम्हारे विषय करता हूँ उन्हें मैं जानता हूँ, वे हानि की नहीं, वरन् कुशल ही की हैं, और अन्त में तुम्हारी आशा पूरी करूँगा।
فَتَدْعُونَنِي وَتَذْهَبُونَ وَتُصَلُّونَ إِلَيَّ فَأَسْمَعُ لَكُمْ. ١٢ 12
१२तब उस समय तुम मुझ को पुकारोगे और आकर मुझसे प्रार्थना करोगे और मैं तुम्हारी सुनूँगा।
وَتَطْلُبُونَنِي فَتَجِدُونَنِي إِذْ تَطْلُبُونَنِي بِكُلِّ قَلْبِكُمْ. ١٣ 13
१३तुम मुझे ढूँढ़ोगे और पाओगे भी; क्योंकि तुम अपने सम्पूर्ण मन से मेरे पास आओगे।
فَأُوجَدُ لَكُمْ، يَقُولُ ٱلرَّبُّ، وَأَرُدُّ سَبْيَكُمْ وَأَجْمَعُكُمْ مِنْ كُلِّ ٱلْأُمَمِ وَمِنْ كُلِّ ٱلْمَوَاضِعِ ٱلَّتِي طَرَدْتُكُمْ إِلَيْهَا، يَقُولُ ٱلرَّبُّ، وَأَرُدُّكُمْ إِلَى ٱلْمَوْضِعِ ٱلَّذِي سَبَيْتُكُمْ مِنْهُ. ١٤ 14
१४मैं तुम्हें मिलूँगा, यहोवा की यह वाणी है, और बँधुआई से लौटा ले आऊँगा; और तुम को उन सब जातियों और स्थानों में से जिनमें मैंने तुम को जबरन निकाल दिया है, और तुम्हें इकट्ठा करके इस स्थान में लौटा ले आऊँगा जहाँ से मैंने तुम्हें बँधुआ करवाकर निकाल दिया था, यहोवा की यही वाणी है।
«لِأَنَّكُمْ قُلْتُمْ: قَدْ أَقَامَ لَنَا ٱلرَّبُّ نَبِيِّينَ فِي بَابِلَ، ١٥ 15
१५“तुम कहते तो हो कि यहोवा ने हमारे लिये बाबेल में भविष्यद्वक्ता प्रगट किए हैं।
فَهَكَذَا قَالَ ٱلرَّبُّ لِلْمَلِكِ ٱلْجَالِسِ عَلَى كُرْسِيِّ دَاوُدَ، وَلِكُلِّ ٱلشَّعْبِ ٱلْجَالِسِ فِي هَذِهِ ٱلْمَدِينَةِ، إِخْوَتِكُمُ ٱلَّذِينَ لَمْ يَخْرُجُوا مَعَكُمْ فِي ٱلسَّبْيِ: ١٦ 16
१६परन्तु जो राजा दाऊद की गद्दी पर विराजमान है, और जो प्रजा इस नगर में रहती है, अर्थात् तुम्हारे जो भाई तुम्हारे संग बँधुआई में नहीं गए, उन सभी के विषय सेनाओं का यहोवा यह कहता है,
هَكَذَا قَالَ رَبُّ ٱلْجُنُودِ: هَأَنَذَا أُرْسِلُ عَلَيْهِمِ ٱلسَّيْفَ وَٱلْجُوعَ وَٱلْوَبَأَ، وَأَجْعَلُهُمْ كَتِينٍ رَدِيءٍ لَا يُؤْكَلُ مِنَ ٱلرَّدَاءَةِ. ١٧ 17
१७सुनो, मैं उनके बीच तलवार चलाऊँगा, अकाल, और मरी फैलाऊँगा; और उन्हें ऐसे घिनौने अंजीरों के समान करूँगा जो निकम्मे होने के कारण खाए नहीं जाते।
وَأُلْحِقُهُمْ بِٱلسَّيْفِ وَٱلْجُوعِ وَٱلْوَبَإِ، وَأَجْعَلُهُمْ قَلَقًا لِكُلِّ مَمَالِكِ ٱلْأَرْضِ، حِلْفًا وَدَهَشًا وَصَفِيرًا وَعَارًا فِي جَمِيعِ ٱلْأُمَمِ ٱلَّذِينَ طَرَدْتُهُمْ إِلَيْهِمْ، ١٨ 18
१८मैं तलवार, अकाल और मरी लिए हुए उनका पीछा करूँगा, और ऐसा करूँगा कि वे पृथ्वी के राज्य-राज्य में मारे-मारे फिरेंगे, और उन सब जातियों में जिनके बीच मैं उन्हें जबरन कर दूँगा, उनकी ऐसी दशा करूँगा कि लोग उन्हें देखकर चकित होंगे और ताली बजाएँगे और उनका अपमान करेंगे, और उनकी उपमा देकर श्राप दिया करेंगे।
مِنْ أَجْلِ أَنَّهُمْ لَمْ يَسْمَعُوا لِكَلَامِي، يَقُولُ ٱلرَّبُّ، إِذْ أَرْسَلْتُ إِلَيْهِمْ عَبِيدِي ٱلْأَنْبِيَاءَ مُبَكِّرًا وَمُرْسِلًا وَلَمْ تَسْمَعُوا، يَقُولُ ٱلرَّبُّ. ١٩ 19
१९क्योंकि जो वचन मैंने अपने दास भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा उनके पास बड़ा यत्न करके कहला भेजे हैं, उनको उन्होंने नहीं सुना, यहोवा की यही वाणी है।
«وَأَنْتُمْ فَٱسْمَعُوا كَلِمَةَ ٱلرَّبِّ يَا جَمِيعَ ٱلسَّبْيِ ٱلَّذِينَ أَرْسَلْتُهُمْ مِنْ أُورُشَلِيمَ إِلَى بَابِلَ. ٢٠ 20
२०“इसलिए हे सारे बन्दियों, जिन्हें मैंने यरूशलेम से बाबेल को भेजा है, तुम उसका यह वचन सुनो
هَكَذَا قَالَ رَبُّ ٱلْجُنُودِ إِلَهُ إِسْرَائِيلَ عَنْ أَخْآبَ بْنِ قُولَايَا، وَعَنْ صِدْقِيَّا بْنِ مَعْسِيَّا، ٱللَّذَيْنِ يَتَنَبَّآنِ لَكُمْ بِٱسْمِي بِٱلْكَذِبِ: هَأَنَذَا أَدْفَعُهُمَا لِيَدِ نَبُوخَذْرَاصَّرَ مَلِكِ بَابِلَ فَيَقْتُلُهُمَا أَمَامَ عُيُونِكُمْ. ٢١ 21
२१‘कोलायाह का पुत्र अहाब और मासेयाह का पुत्र सिदकिय्याह जो मेरे नाम से तुम को झूठी भविष्यद्वाणी सुनाते हैं, उनके विषय इस्राएल का परमेश्वर सेनाओं का यहोवा यह कहता है कि सुनो, मैं उनको बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर के हाथ में कर दूँगा, और वह उनको तुम्हारे सामने मार डालेगा।
وَتُؤْخَذُ مِنْهُمَا لَعْنَةٌ لِكُلِّ سَبْيِ يَهُوذَا ٱلَّذِينَ فِي بَابِلَ، فَيُقَالُ: يَجْعَلُكَ ٱلرَّبُّ مِثْلَ صِدْقِيَّا وَمِثْلَ أَخْآبَ ٱللَّذَيْنِ قَلَاهُمَا مَلِكُ بَابِلَ بِٱلنَّارِ. ٢٢ 22
२२सब यहूदी बन्दी जो बाबेल में रहते हैं, उनकी उपमा देकर यह श्राप दिया करेंगे: यहोवा तुझे सिदकिय्याह और अहाब के समान करे, जिन्हें बाबेल के राजा ने आग में भून डाला,
مِنْ أَجْلِ أَنَّهُمَا عَمِلَا قَبِيحًا فِي إِسْرَائِيلَ، وَزَنَيَا بِنِسَاءِ أَصْحَابِهِمَا، وَتَكَلَّمَا بِٱسْمِي كَلَامًا كَاذِبًا لَمْ أُوصِهِمَا بِهِ، وَأَنَا ٱلْعَارِفُ وَٱلشَّاهِدُ، يَقُولُ ٱلرَّبُّ. ٢٣ 23
२३क्योंकि उन्होंने इस्राएलियों में मूर्खता के काम किए, अर्थात् अपने पड़ोसियों की स्त्रियों के साथ व्यभिचार किया, और बिना मेरी आज्ञा पाए मेरे नाम से झूठे वचन कहे। इसका जाननेवाला और गवाह मैं आप ही हूँ, यहोवा की यही वाणी है।’”
«وَكَلِّمْ شِمْعِيَا ٱلنِّحْلَامِيِّ قَائِلًا: ٢٤ 24
२४नेहेलामी शमायाह से तू यह कह, “इस्राएल के परमेश्वर यहोवा ने यह कहा है:
هَكَذَا تَكَلَّمَ رَبُّ ٱلْجُنُودِ إِلَهُ إِسْرَائِيلَ قَائِلًا: مِنْ أَجْلِ أَنَّكَ أَرْسَلْتَ رَسَائِلَ بِٱسْمِكَ إِلَى كُلِّ ٱلشَّعْبِ ٱلَّذِي فِي أُورُشَلِيمَ، وَإِلَى صَفَنْيَا بْنِ مَعْسِيَّا ٱلْكَاهِنِ، وَإِلَى كُلِّ ٱلْكَهَنَةِ قَائِلًا: ٢٥ 25
२५इसलिए कि तूने यरूशलेम के सब रहनेवालों और सब याजकों को और मासेयाह के पुत्र सपन्याह याजक को अपने ही नाम की इस आशय की पत्री भेजी,
قَدْ جَعَلَكَ ٱلرَّبُّ كَاهِنًا عِوَضًا عَنْ يَهُويَادَاعَ ٱلْكَاهِنِ، لِتَكُونُوا وُكَلَاءَ فِي بَيْتِ ٱلرَّبِّ لِكُلِّ رَجُلٍ مَجْنُونٍ وَمُتَنَبِّئٍ، فَتَدْفَعُهُ إِلَى ٱلْمِقْطَرَةِ وَٱلْقُيُودِ. ٢٦ 26
२६कि, ‘यहोवा ने यहोयादा याजक के स्थान पर तुझे याजक ठहरा दिया ताकि तू यहोवा के भवन में रखवाला होकर जितने वहाँ पागलपन करते और भविष्यद्वक्ता बन बैठे हैं उन्हें काठ में ठोंके और उनके गले में लोहे के पट्टे डाले।
وَٱلْآنَ لِمَاذَا لَمْ تَزْجُرْ إِرْمِيَا ٱلْعَنَاثُوثِيَّ ٱلْمُتَنَبِّئَ لَكُمْ. ٢٧ 27
२७इसलिए यिर्मयाह अनातोती जो तुम्हारा भविष्यद्वक्ता बन बैठा है, उसको तूने क्यों नहीं घुड़का?
لِأَنَّهُ لِذَلِكَ أَرْسَلَ إِلَيْنَا إِلَى بَابِلَ قَائِلًا: إِنَّهَا مُسْتَطِيلَةٌ. ٱبْنُوا بُيُوتًا وَٱسْكُنُوا، وَٱغْرِسُوا جَنَّاتٍ وَكُلُوا ثَمَرَهَا». ٢٨ 28
२८उसने तो हम लोगों के पास बाबेल में यह कहला भेजा है कि बँधुआई तो बहुत काल तक रहेगी, इसलिए घर बनाकर उनमें रहो, और बारियाँ लगाकर उनके फल खाओ।’”
فَقَرَأَ صَفَنْيَا ٱلْكَاهِنُ هَذِهِ ٱلرِّسَالَةَ فِي أُذُنَيْ إِرْمِيَا ٱلنَّبِيِّ. ٢٩ 29
२९यह पत्री सपन्याह याजक ने यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता को पढ़ सुनाई।
ثُمَّ صَارَ كَلَامُ ٱلرَّبِّ إِلَى إِرْمِيَا قَائِلًا: ٣٠ 30
३०तब यहोवा का यह वचन यिर्मयाह के पास पहुँचा “सब बंधुओं के पास यह कहला भेज,
«أَرْسِلْ إِلَى كُلِّ ٱلسَّبْيِ قَائِلًا: هَكَذَا قَالَ ٱلرَّبُّ لِشِمْعِيَا ٱلنِّحْلَامِيِّ: مِنْ أَجْلِ أَنَّ شِمْعِيَا قَدْ تَنَبَّأَ لَكُمْ وَأَنَا لَمْ أُرْسِلْهُ، وَجَعَلَكُمْ تَتَّكِلُونَ عَلَى ٱلْكَذِبِ. ٣١ 31
३१यहोवा नेहेलामी शमायाह के विषय यह कहता है: ‘शमायाह ने मेरे बिना भेजे तुम से जो भविष्यद्वाणी की और तुम को झूठ पर भरोसा दिलाया है,
لِذَلِكَ هَكَذَا قَالَ ٱلرَّبُّ: هَأَنَذَا أُعَاقِبُ شِمْعِيَا ٱلنِّحْلَامِيَّ وَنَسْلَهُ. لَا يَكُونُ لَهُ إِنْسَانٌ يَجْلِسُ فِي وَسْطِ هَذَا ٱلشَّعْبِ، وَلَا يَرَى ٱلْخَيْرَ ٱلَّذِي سَأَصْنَعُهُ لِشَعْبِي، يَقُولُ ٱلرَّبُّ، لِأَنَّهُ تَكَلَّمَ بِعِصْيَانٍ عَلَى ٱلرَّبِّ». ٣٢ 32
३२इसलिए यहोवा यह कहता है: सुनो, मैं उस नेहेलामी शमायाह और उसके वंश को दण्ड देना चाहता हूँ; उसके घर में से कोई इन प्रजाओं में न रह जाएगा। और जो भलाई मैं अपनी प्रजा की करनेवाला हूँ, उसको वह देखने न पाएगा, क्योंकि उसने यहोवा से फिर जाने की बातें कही हैं, यहोवा की यही वाणी है।’”

< إِرْمِيَا 29 >