< إِشَعْيَاءَ 61 >

رُوحُ ٱلسَّيِّدِ ٱلرَّبِّ عَلَيَّ، لِأَنَّ ٱلرَّبَّ مَسَحَنِي لِأُبَشِّرَ ٱلْمَسَاكِينَ، أَرْسَلَنِي لِأَعْصِبَ مُنْكَسِرِي ٱلْقَلْبِ، لِأُنَادِيَ لِلْمَسْبِيِّينَ بِٱلْعِتْقِ، وَلِلْمَأْسُورِينَ بِٱلْإِطْلَاقِ. ١ 1
प्रभु यहोवा का आत्मा मुझ पर है; क्योंकि यहोवा ने सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया और मुझे इसलिए भेजा है कि खेदित मन के लोगों को शान्ति दूँ; कि बन्दियों के लिये स्वतंत्रता का और कैदियों के लिये छुटकारे का प्रचार करूँ;
لِأُنَادِيَ بِسَنَةٍ مَقْبُولَةٍ لِلرَّبِّ، وَبِيَوْمِ ٱنْتِقَامٍ لِإِلَهِنَا. لِأُعَزِّيَ كُلَّ ٱلنَّائِحِينَ. ٢ 2
कि यहोवा के प्रसन्न रहने के वर्ष का और हमारे परमेश्वर के पलटा लेने के दिन का प्रचार करूँ; कि सब विलाप करनेवालों को शान्ति दूँ।
لِأَجْعَلَ لِنَائِحِي صِهْيَوْنَ، لِأُعْطِيَهُمْ جَمَالًا عِوَضًا عَنِ ٱلرَّمَادِ، وَدُهْنَ فَرَحٍ عِوَضًا عَنِ ٱلنَّوْحِ، وَرِدَاءَ تَسْبِيحٍ عِوَضًا عَنِ ٱلرُّوحِ ٱلْيَائِسَةِ، فَيُدْعَوْنَ أَشْجَارَ ٱلْبِرِّ، غَرْسَ ٱلرَّبِّ لِلتَّمْجِيدِ. ٣ 3
और सिय्योन के विलाप करनेवालों के सिर पर की राख दूर करके सुन्दर पगड़ी बाँध दूँ, कि उनका विलाप दूर करके हर्ष का तेल लगाऊँ और उनकी उदासी हटाकर यश का ओढ़ना ओढ़ाऊँ; जिससे वे धार्मिकता के बांज वृक्ष और यहोवा के लगाए हुए कहलाएँ और जिससे उसकी महिमा प्रगट हो।
وَيَبْنُونَ ٱلْخِرَبَ ٱلْقَدِيمَةَ. يُقِيمُونَ ٱلْمُوحِشَاتِ ٱلْأُوَلَ، وَيُجَدِّدُونَ ٱلْمُدُنَ ٱلْخَرِبَةَ، مُوحِشَاتِ دَوْرٍ فَدَوْرٍ. ٤ 4
तब वे बहुत काल के उजड़े हुए स्थानों को फिर बसाएँगे, पूर्वकाल से पड़े हुए खण्डहरों में वे फिर घर बनाएँगे; उजड़े हुए नगरों को जो पीढ़ी-पीढ़ी से उजड़े हुए हों वे फिर नये सिरे से बसाएँगे।
وَيَقِفُ ٱلْأَجَانِبُ وَيَرْعَوْنَ غَنَمَكُمْ، وَيَكُونُ بَنُو ٱلْغَرِيبِ حَرَّاثِيكُمْ وَكَرَّامِيكُمْ. ٥ 5
परदेशी आ खड़े होंगे और तुम्हारी भेड़-बकरियों को चराएँगे और विदेशी लोग तुम्हारे हल चलानेवाले और दाख की बारी के माली होंगे;
أَمَّا أَنْتُمْ فَتُدْعَوْنَ كَهَنَةَ ٱلرَّبِّ، تُسَمَّوْنَ خُدَّامَ إِلَهِنَا. تَأْكُلُونَ ثَرْوَةَ ٱلْأُمَمِ، وَعَلَى مَجْدِهِمْ تَتَأَمَّرُونَ. ٦ 6
पर तुम यहोवा के याजक कहलाओगे, वे तुम को हमारे परमेश्वर के सेवक कहेंगे; और तुम जाति-जाति की धन-सम्पत्ति को खाओगे, उनके वैभव की वस्तुएँ पाकर तुम बड़ाई करोगे।
عِوَضًا عَنْ خِزْيِكُمْ ضِعْفَانِ، وَعِوَضًا عَنِ ٱلْخَجَلِ يَبْتَهِجُونَ بِنَصِيبِهِمْ. لِذَلِكَ يَرِثُونَ فِي أَرْضِهِمْ ضِعْفَيْنِ. بَهْجَةٌ أَبَدِيَّةٌ تَكُونُ لَهُمْ. ٧ 7
तुम्हारी नामधराई के बदले दूना भाग मिलेगा, अनादर के बदले तुम अपने भाग के कारण जयजयकार करोगे; तुम अपने देश में दूने भाग के अधिकारी होंगे; और सदा आनन्दित बने रहोगे।
«لِأَنِّي أَنَا ٱلرَّبُّ مُحِبُّ ٱلْعَدْلِ، مُبْغِضُ ٱلْمُخْتَلِسِ بِٱلظُّلْمِ. وَأَجْعَلُ أُجْرَتَهُمْ أَمِينَةً، وَأَقْطَعُ لَهُمْ عَهْدًا أَبَدِيًّا. ٨ 8
क्योंकि, मैं यहोवा न्याय से प्रीति रखता हूँ, मैं अन्याय और डकैती से घृणा करता हूँ; इसलिए मैं उनको उनका प्रतिफल सच्चाई से दूँगा, और उनके साथ सदा की वाचा बाँधूँगा।
وَيُعْرَفُ بَيْنَ ٱلْأُمَمِ نَسْلُهُمْ، وَذُرِّيَّتُهُمْ فِي وَسَطِ ٱلشُّعُوبِ. كُلُّ ٱلَّذِينَ يَرَوْنَهُمْ يَعْرِفُونَهُمْ أَنَّهُمْ نَسْلٌ بَارَكَهُ ٱلرَّبُّ». ٩ 9
उनका वंश जाति-जाति में और उनकी सन्तान देश-देश के लोगों के बीच प्रसिद्ध होगी; जितने उनको देखेंगे, पहचान लेंगे कि यह वह वंश है जिसको परमेश्वर ने आशीष दी है।
فَرَحًا أَفْرَحُ بِٱلرَّبِّ. تَبْتَهِجُ نَفْسِي بِإِلَهِي، لِأَنَّهُ قَدْ أَلْبَسَنِي ثِيَابَ ٱلْخَلَاصِ. كَسَانِي رِدَاءَ ٱلْبِرِّ، مِثْلَ عَرِيسٍ يَتَزَيَّنُ بِعِمَامَةٍ، وَمِثْلَ عَرُوسٍ تَتَزَيَّنُ بِحُلِيِّهَا. ١٠ 10
१०मैं यहोवा के कारण अति आनन्दित होऊँगा, मेरा प्राण परमेश्वर के कारण मगन रहेगा; क्योंकि उसने मुझे उद्धार के वस्त्र पहनाए, और धार्मिकता की चद्दर ऐसे ओढ़ा दी है जैसे दूल्हा फूलों की माला से अपने आपको सजाता और दुल्हन अपने गहनों से अपना सिंगार करती है।
لِأَنَّهُ كَمَا أَنَّ ٱلْأَرْضَ تُخْرِجُ نَبَاتَهَا، وَكَمَا أَنَّ ٱلْجَنَّةَ تُنْبِتُ مَزْرُوعَاتِهَا، هَكَذَا ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ يُنْبِتُ بِرًّا وَتَسْبِيحًا أَمَامَ كُلِّ ٱلْأُمَمِ. ١١ 11
११क्योंकि जैसे भूमि अपनी उपज को उगाती, और बारी में जो कुछ बोया जाता है उसको वह उपजाती है, वैसे ही प्रभु यहोवा सब जातियों के सामने धार्मिकता और धन्यवाद को बढ़ाएगा।

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