< إِشَعْيَاءَ 31 >

وَيْلٌ لِلَّذِينَ يَنْزِلُونَ إِلَى مِصْرَ لِلْمَعُونَةِ، وَيَسْتَنِدُونَ عَلَى ٱلْخَيْلِ وَيَتَوَكَّلُونَ عَلَى ٱلْمَرْكَبَاتِ لِأَنَّهَا كَثِيرَةٌ، وَعَلَى ٱلْفُرْسَانِ لِأَنَّهُمْ أَقْوِيَاءُ جِدًّا، وَلَا يَنْظُرُونَ إِلَى قُدُّوسِ إِسْرَائِيلَ وَلَا يَطْلُبُونَ ٱلرَّبَّ. ١ 1
हाय उन पर जो मिस्र देश में सहायता के लिए जाते हैं, और जो घोड़ों पर आश्रित होते हैं, उनका भरोसा रथों पर है क्योंकि वे बहुत हैं, और सवारों पर क्योंकि वे बलवान है, किंतु वे इस्राएल के पवित्र परमेश्वर की ओर सहायता के लिए नहीं देखते, और न ही वे याहवेह को खोजते हैं.
وَهُوَ أَيْضًا حَكِيمٌ وَيَأْتِي بِٱلشَّرِّ وَلَا يَرْجِعُ بِكَلَامِهِ، وَيَقُومُ عَلَى بَيْتِ فَاعِلِي ٱلشَّرِّ وَعَلَى مَعُونَةِ فَاعِلِي ٱلْإِثْمِ. ٢ 2
परंतु वह भी बुद्धिमान हैं याहवेह और दुःख देंगे; याहवेह अपने वायदे को नहीं बदलेंगे. वह अनर्थकारियों के विरुद्ध लड़ेंगे, और उनके खिलाफ़ भी, जो अपराधियों की सहायता करते हैं.
وَأَمَّا ٱلْمِصْرِيُّونَ فَهُمْ أُنَاسٌ لَا آلِهَةٌ، وَخَيْلُهُمْ جَسَدٌ لَا رُوحٌ. وَٱلرَّبُّ يَمُدُّ يَدَهُ فَيَعْثُرُ ٱلْمُعِينُ، وَيَسْقُطُ ٱلْمُعَانُ وَيَفْنَيَانِ كِلَاهُمَا مَعًا. ٣ 3
मिस्र के लोग मनुष्य हैं, ईश्वर नहीं; और उनके घोड़े हैं, और उनके घोड़े आत्मा नहीं बल्कि मांस हैं. याहवेह अपना हाथ उठाएंगे और जो सहायता करते हैं, वे लड़खड़ाएंगे और जिनकी सहायता की जाती है; वे गिरेंगे और उन सबका अंत हो जाएगा.
لِأَنَّهُ هَكَذَا قَالَ لِيَ ٱلرَّبُّ: «كَمَا يَهِرُّ فَوْقَ فَرِيسَتِهِ ٱلْأَسَدُ وَٱلشِّبْلُ ٱلَّذِي يُدْعَى عَلَيْهِ جَمَاعَةٌ مِنَ ٱلرُّعَاةِ وَهُوَ لَا يَرْتَاعُ مِنْ صَوْتِهِمْ وَلَا يَتَذَلَّلُ لِجُمْهُورِهِمْ، هَكَذَا يَنْزِلُ رَبُّ ٱلْجُنُودِ لِلْمُحَارَبَةِ عَنْ جَبَلِ صِهْيَوْنَ وَعَنْ أَكَمَتِهَا. ٤ 4
क्योंकि याहवेह ने मुझसे कहा: “जिस प्रकार एक सिंह अथवा, जवान सिंह अपने शिकार पर गुर्राता है— और सब चरवाहे मिलकर सिंह का सामना करने की कोशिश करते हैं, परंतु सिंह न तो उनकी ललकार से डरता है और न ही उनके डराने से भागता है— उसी प्रकार सर्वशक्तिमान याहवेह ज़ियोन पर्वत पर उनके विरुद्ध युद्ध करने के लिए तैयार हो जाएंगे.
كَطُيُورٍ مُرِفَّةٍ هَكَذَا يُحَامِي رَبُّ ٱلْجُنُودِ عَنْ أُورُشَلِيمَ. يُحَامِي فَيُنْقِذُ. يَعْفُو فَيُنَجِّي». ٥ 5
पंख फैलाए हुए पक्षी के समान सर्वशक्तिमान याहवेह येरूशलेम की रक्षा करेंगे; और उन्हें छुड़ाएंगे.”
اِرْجِعُوا إِلَى ٱلَّذِي ٱرْتَدَّ بَنُو إِسْرَائِيلَ عَنْهُ مُتَعَمِّقِينَ. ٦ 6
हे इस्राएल तुमने जिसका विरोध किया है, उसी की ओर मुड़ जाओ.
لِأَنْ فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ يَرْفُضُونَ كُلُّ وَاحِدٍ أَوْثَانَ فِضَّتِهِ وَأَوْثَانَ ذَهَبِهِ ٱلَّتِي صَنَعَتْهَا لَكُمْ أَيْدِيكُمْ خَطِيئَةً. ٧ 7
उस समय हर व्यक्ति अपनी सोने और चांदी की मूर्तियों को फेंक देगा, जो तुमने बनाकर पाप किया था.
وَيَسْقُطُ أَشُّورُ بِسَيْفِ غَيْرِ رَجُلٍ، وَسَيْفُ غَيْرِ إِنْسَانٍ يَأْكُلُهُ، فَيَهْرُبُ مِنْ أَمَامِ ٱلسَّيْفِ، وَيَكُونُ مُخْتَارُوهُ تَحْتَ ٱلْجِزْيَةِ. ٨ 8
“अश्शूरी के लोग तलवार से मार दिये जाएंगे, वह मनुष्य की तलवार से नहीं; एक तलवार उन्हें मार डालेगी, किंतु वह तलवार मनुष्य की नहीं है. इसलिये वह उस तलवार से बच नहीं पाएगा और उसके जवान पुरुष पकड़े जाएंगे.
وَصَخْرُهُ مِنَ ٱلْخَوْفِ يَزُولُ، وَمِنَ ٱلرَّايَةِ يَرْتَعِبُ رُؤَسَاؤُهُ، يَقُولُ ٱلرَّبُّ ٱلَّذِي لَهُ نَارٌ فِي صِهْيَوْنَ، وَلَهُ تَنُّورٌ فِي أُورُشَلِيمَ. ٩ 9
डर से उसका गढ़ गिर जाएगा; और उसके अधिकारी डर के अपना झंडा छोड़कर भाग जाएंगे,” याहवेह की यह वाणी है कि, जिनकी अग्नि ज़ियोन में, और जिनका अग्निकुण्ड येरूशलेम की पहाड़ी पर युद्ध करने को उतरेंगे.

< إِشَعْيَاءَ 31 >