< إِشَعْيَاءَ 27 >

فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ يُعَاقِبُ ٱلرَّبُّ بِسَيْفِهِ ٱلْقَاسِي ٱلْعَظِيمِ ٱلشَّدِيدِ لَوِيَاثَانَ، ٱلْحَيَّةَ ٱلْهَارِبَةَ. لَوِيَاثَانَ ٱلْحَيَّةَ ٱلْمُتَحَوِّيَةَ، وَيَقْتُلُ ٱلتِّنِّينَ ٱلَّذِي فِي ٱلْبَحْرِ. ١ 1
उस दिन, याहवेह अपनी बड़ी और भयानक तलवार से, टेढ़े चलनेवाले सांप लिवयाथान को दंड दिया करेंगे, टेढ़े चलनेवाले सांप लिवयाथान; वह उसको मार देंगे जो समुद्र में रहता है.
فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ غَنُّوا لِلْكَرْمَةِ ٱلْمُشَتَهَاةِ: ٢ 2
उस दिन— “आप दाख की बारी के विषय में एक गीत गाओगे:
«أَنَا ٱلرَّبُّ حَارِسُهَا. أَسْقِيهَا كُلَّ لَحْظَةٍ. لِئَلَّا يُوقَعَ بِهَا أَحْرُسُهَا لَيْلًا وَنَهَارًا. ٣ 3
मैं, याहवेह इसका रक्षक हूं; हर क्षण मैं इसकी सिंचाई करता हूं. मैं दिन-रात इसका पहरा देता हूं कि कोई इसको नुकसान न पहुंचाएं.
لَيْسَ لِي غَيْظٌ. لَيْتَ عَلَيَّ ٱلشَّوْكَ وَٱلْحَسَكَ فِي ٱلْقِتَالِ فَأَهْجُمَ عَلَيْهَا وَأَحْرِقَهَا مَعًا. ٤ 4
मैं कठोर नहीं हूं. किंतु यदि कंटीले झाड़ मेरे विरुद्ध खड़े होंगे! तो मैं उन्हें पूर्णतः भस्म कर दूंगा.
أَوْ يَتَمَسَّكُ بِحِصْنِي فَيَصْنَعُ صُلْحًا مَعِي. صُلْحًا يَصْنَعُ مَعِي». ٥ 5
या मेरे साथ मिलकर मेरी शरण में आना चाहे तो वे मेरे पास आए.”
فِي ٱلْمُسْتَقْبِلِ يَتَأَصَّلُ يَعْقُوبُ. يُزْهِرُ وَيُفْرِعُ إِسْرَائِيلُ، وَيَمْلَأُونَ وَجْهَ ٱلْمَسْكُونَةِ ثِمَارًا. ٦ 6
उस दिन याकोब अपनी जड़ मजबूत करेगा, इस्राएल और पूरा संसार इसके फल से भर जाएगा.
هَلْ ضَرَبَهُ كَضَرْبَةِ ضَارِبِيهِ، أَوْ قُتِلَ كَقَتْلِ قَتْلَاهُ؟ ٧ 7
क्या याहवेह ने उन पर वैसा ही आक्रमण किया है, जैसा उनके मारने वालों पर आक्रमण करता है? या उनका वध उस प्रकार कर दिया गया, जिस प्रकार उनके हत्यारों का वध किया गया था?
بِزَجْرٍ إِذْ طَلَّقْتَهَا خَاصَمْتَهَا. أَزَالَهَا بِرِيحِهِ ٱلْعَاصِفَةِ فِي يَوْمِ ٱلشَّرْقِيَّةِ. ٨ 8
जब तूने उसे निकाला तब सोच समझकर उसे दुःख दिया, पूर्वी हवा के समय उसको आंधी से उड़ा दिया.
لِذَلِكَ بِهَذَا يُكَفَّرُ إِثْمُ يَعْقُوبَ. وَهَذَا كُلُّ ٱلثَّمَرِ نَزْعُ خَطِيَّتِهِ: فِي جَعْلِهِ كُلَّ حِجَارَةِ ٱلْمَذْبَحِ كَحِجَارَةِ كِلْسٍ مُكَسَّرَةٍ. لَا تَقُومُ ٱلسَّوَارِي وَلَا ٱلشَّمْسَاتُ. ٩ 9
जब याकोब वेदियों के पत्थरों को चूर-चूर कर देगा, फिर न कोई अशेराह और न कोई धूप वेदी खड़ी रहेगी: तब इसके द्वारा याकोब का अपराध क्षमा किया जाएगा; यह उसके पापों का प्रायश्चित होगा.
لِأَنَّ ٱلْمَدِينَةَ ٱلْحَصِينَةَ مُتَوَحِّدَةٌ. ٱلْمَسْكَنُ مَهْجُورٌ وَمَتْرُوكٌ كَٱلْقَفْرِ. هُنَاكَ يَرْعَى ٱلْعِجْلُ، وَهُنَاكَ يَرْبِضُ وَيُتْلِفُ أَغْصَانَهَا. ١٠ 10
क्योंकि नगर निर्जन हो गया है, घर मरुभूमि, छोड़ी हुई और बंजर भूमि समान कर दिया गया है; वहां बछड़े चरेंगे, और आराम करेंगे; और इसकी शाखाओं से भोजन करेंगे.
حِينَمَا تَيْبَسُ أَغْصَانُهَا تَتَكَسَّرُ، فَتَأْتِي نِسَاءٌ وَتُوقِدُهَا. لِأَنَّهُ لَيْسَ شَعْبًا ذَا فَهْمٍ، لِذَلِكَ لَا يَرْحَمُهُ صَانِعُهُ وَلَا يَتَرَأَّفُ عَلَيْهِ جَابِلُهُ. ١١ 11
जब इसकी शाखाएं सूख जाएंगी, तब महिलाएं आकर इन्हें आग जलाने के लिए काम में लेंगी. क्योंकि ये निर्बुद्धि लोग हैं; इसलिये उनका सृष्टि करनेवाला उन पर अनुग्रह नहीं करेगा, जिन्होंने उन्हें सृजा, वे उन पर दया नहीं करेंगे.
وَيَكُونُ فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ أَنَّ ٱلرَّبَّ يَجْنِي مِنْ مَجْرَى ٱلنَّهْرِ إِلَى وَادِي مِصْرَ، وَأَنْتُمْ تُلْقَطُونَ وَاحِدًا وَاحِدًا يَا بَنِي إِسْرَائِيلَ. ١٢ 12
उस दिन याहवेह फरात नदी से मिस्र की घाटी तक अपने अनाज को झाड़ेंगे और इस्राएल, तुम्हें एक-एक करके एकत्र किया जाएगा.
وَيَكُونُ فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ أَنَّهُ يُضْرَبُ بِبُوقٍ عَظِيمٍ، فَيَأْتِي ٱلتَّائِهُونَ فِي أَرْضِ أَشُّورَ، وَٱلْمَنْفِيُّونَ فِي أَرْضِ مِصْرَ، وَيَسْجُدُونَ لِلرَّبِّ فِي ٱلْجَبَلِ ٱلْمُقَدَّسِ فِي أُورُشَلِيمَ. ١٣ 13
उस दिन नरसिंगा फूंका जाएगा. वे जो अश्शूर देश में नष्ट किए गए थे और वे जो मिस्र देश में तितर-बितर कर दिए गए थे, वे सब आएंगे और येरूशलेम में पवित्र पर्वत पर याहवेह की आराधना करेंगे.

< إِشَعْيَاءَ 27 >