< إِشَعْيَاءَ 26 >

فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ يُغَنَّى بِهَذِهِ ٱلْأُغْنِيَّةِ فِي أَرْضِ يَهُوذَا: لَنَا مَدِينَةٌ قَوِيَّةٌ. يَجْعَلُ ٱلْخَلَاصَ أَسْوَارًا وَمَتْرَسَةً. ١ 1
उस समय यहूदिया देश में यह गीत गाया जाएगा कि: हमारा एक दृढ़ नगर है; याहवेह ने हमारी रक्षा के लिए चारों ओर शहरपनाह और गढ़ को बनाया है.
اِفْتَحُوا ٱلْأَبْوَابَ لِتَدْخُلَ ٱلْأُمَّةُ ٱلْبَارَّةُ ٱلْحَافِظَةُ ٱلْأَمَانَةَ. ٢ 2
नगर के फाटकों को खोल दो कि वहां सच्चाई से, जीनेवाली एक धर्मी जाति आ सके.
ذُو ٱلرَّأْيِ ٱلْمُمَكَّنِ تَحْفَظُهُ سَالِمًا سَالِمًا، لِأَنَّهُ عَلَيْكَ مُتَوَكِّلٌ. ٣ 3
जो परमेश्वर पर भरोसा रखते हैं उनके मन को पूर्ण शांति मिलती है, और याहवेह उनकी रक्षा करते हैं.
تَوَكَّلُوا عَلَى ٱلرَّبِّ إِلَى ٱلْأَبَدِ، لِأَنَّ فِي يَاهَ ٱلرَّبِّ صَخْرَ ٱلدُّهُورِ. ٤ 4
सदा याहवेह पर भरोसा रखो, क्योंकि याह, याहवेह ही, हमारी सनातन चट्टान हैं.
لِأَنَّهُ يَخْفِضُ سُكَّانَ ٱلْعَلَاءِ، يَضَعُ ٱلْقَرْيَةَ ٱلْمُرْتَفِعَةَ. يَضَعُهَا إِلَى ٱلْأَرْضِ. يُلْصِقُهَا بِٱلتُّرَابِ. ٥ 5
क्योंकि उन्होंने पर्वत पर बसे दृढ़ नगर के निवासियों को गिरा दिया है; उन्होंने इसे गिराकर धूल में मिला दिया है.
تَدُوسُهَا ٱلرِّجْلُ، رِجْلَا ٱلْبَائِسِ، أَقْدَامُ ٱلْمَسَاكِينِ. ٦ 6
दुखियों और दरिद्रों के पांव इन्हें कुचल देंगे.
طَرِيقُ ٱلصِّدِّيقِ ٱسْتِقَامَةٌ. تُمَهِّدُ أَيُّهَا ٱلْمُسْتَقِيمُ سَبِيلَ ٱلصِّدِّيقِ. ٧ 7
धर्मी का मार्ग सीधा होता है; आप धर्मी के मार्ग को समतल बनाते हैं.
فَفِي طَرِيقِ أَحْكَامِكَ يَارَبُّ ٱنْتَظَرْنَاكَ. إِلَى ٱسْمِكَ وَإِلَى ذِكْرِكَ شَهْوَةُ ٱلنَّفْسِ. ٨ 8
हे याहवेह, आपके न्याय के मार्ग पर हम आपकी प्रतीक्षा करते हैं; आपका स्मरण हमारे प्राणों का अभिलाषी है.
بِنَفْسِي ٱشْتَهَيْتُكَ فِي ٱللَّيْلِ. أَيْضًا بِرُوحِي فِي دَاخِلِي إِلَيْكَ أَبْتَكِرُ. لِأَنَّهُ حِينَمَا تَكُونُ أَحْكَامُكَ فِي ٱلْأَرْضِ يَتَعَلَّمُ سُكَّانُ ٱلْمَسْكُونَةِ ٱلْعَدْلَ. ٩ 9
रात के समय मेरा प्राण आपकी लालसा करता है; मेरा मन अंदर ही अंदर आपको खोजता रहता है. क्योंकि जब पृथ्वी पर आपके न्याय का काम होता है, तब लोग धर्म को सीखते हैं.
يُرْحَمُ ٱلْمُنَافِقُ وَلَا يَتَعَلَّمُ ٱلْعَدْلَ. فِي أَرْضِ ٱلِٱسْتِقَامَةِ يَصْنَعُ شَرًّا وَلَا يَرَى جَلَالَ ٱلرَّبِّ. ١٠ 10
यद्यपि दुष्ट पर दया की जाए, फिर भी वह धर्म नहीं सीखता. दुष्ट चाहे भले लोगों के बीच में रहे, लेकिन वह तब भी बुरे कर्म करता रहेगा. वह दुष्ट कभी भी याहवेह की महानता नहीं देख पायेगा
يَارَبُّ، ٱرْتَفَعَتْ يَدُكَ وَلَا يَرَوْنَ. يَرَوْنَ وَيَخْزَوْنَ مِنَ ٱلْغَيْرَةِ عَلَى ٱلشَّعْبِ وَتَأْكُلُهُمْ نَارُ أَعْدَائِكَ. ١١ 11
याहवेह का हाथ उठा हुआ है, फिर भी वे इसे नहीं देखते. अपनी प्रजा के लिए आपके प्यार और लगन को देखकर वे लज्जित हुए हैं; आग आपके शत्रुओं को निगल लेगी.
يَارَبُّ، تَجْعَلُ لَنَا سَلَامًا لِأَنَّكَ كُلَّ أَعْمَالِنَا صَنَعْتَهَا لَنَا. ١٢ 12
याहवेह हमें शांति देंगे; क्योंकि आपने हमारे सब कामों को सफल किया है.
أَيُّهَا ٱلرَّبُّ إِلَهُنَا، قَدِ ٱسْتَوْلَى عَلَيْنَا سَادَةٌ سِوَاكَ. بِكَ وَحْدَكَ نَذْكُرُ ٱسْمَكَ. ١٣ 13
हे याहवेह हमारे परमेश्वर आपके अलावा और स्वामियों ने भी हम पर शासन किया है, किंतु हम तो आपके ही नाम का स्मरण करते हैं.
هُمْ أَمْوَاتٌ لَا يَحْيَوْنَ. أَخْيِلَةٌ لَا تَقُومُ. لِذَلِكَ عَاقَبْتَ وَأَهْلَكْتَهُمْ وَأَبَدْتَ كُلَّ ذِكْرِهِمْ. ١٤ 14
वे मर गये हैं, वे जीवित नहीं होंगे; वे तो छाया-समान हैं, वे नहीं उठेंगे. आपने उन्हें दंड दिया और उनका नाश कर दिया; आपने उनकी याद तक मिटा डाली.
زِدْتَ ٱلْأُمَّةَ يَارَبُّ، زِدْتَ ٱلْأُمَّةَ. تَمَجَّدْتَ. وَسَّعْتَ كُلَّ أَطْرَافِ ٱلْأَرْضِ. ١٥ 15
हे याहवेह, आपने जाति को बढ़ाया; और आप महान हुए. आपने देश की सब सीमाओं को बढ़ाया.
يَارَبُّ فِي ٱلضِّيقِ طَلَبُوكَ. سَكَبُوا مُخَافَتَةً عِنْدَ تَأْدِيبِكَ إِيَّاهُمْ. ١٦ 16
हे याहवेह, कष्ट में उन्होंने आपको पुकारा; जब आपकी ताड़ना उन पर हुई, वे प्रार्थना ही कर सके.
كَمَا أَنَّ ٱلْحُبْلَى ٱلَّتِي تُقَارِبُ ٱلْوِلَادَةَ تَتَلَوَّى وَتَصْرُخُ فِي مَخَاضِهَا، هَكَذَا كُنَّا قُدَّامَكَ يَارَبُّ. ١٧ 17
जिस प्रकार जन्म देने के समय प्रसूता प्रसव पीड़ा में चिल्लाती और छटपटाती है, उसी प्रकार याहवेह आपके सामने हमारी स्थिति भी ऐसी ही है.
حَبِلْنَا تَلَوَّيْنَا كَأَنَّنَا وَلَدْنَا رِيحًا. لَمْ نَصْنَعْ خَلَاصًا فِي ٱلْأَرْضِ، وَلَمْ يَسْقُطْ سُكَّانُ ٱلْمَسْكُونَةِ. ١٨ 18
हम गर्भवती समान थे, हम प्रसव पीड़ा में छटपटा रहे थे, ऐसा प्रतीत होता है मानो हमने वायु प्रसव की. हमने अपने देश के लिए कोई विजय प्राप्‍त न की, और न ही संसार के निवासियों का पतन हुआ.
تَحْيَا أَمْوَاتُكَ، تَقُومُ ٱلْجُثَثُ. ٱسْتَيْقِظُوا، تَرَنَّمُوا يَا سُكَّانَ ٱلتُّرَابِ. لِأَنَّ طَلَّكَ طَلُّ أَعْشَابٍ، وَٱلْأَرْضُ تُسْقِطُ ٱلْأَخْيِلَةَ. ١٩ 19
इस्राएली जो मरे हैं वे जीवित हो जाएंगे; और उनके शव उठ खड़े होंगे, तुम जो धूल में लेटे हुए हो जागो और आनंदित हो. क्योंकि तुम्हारी ओस भोर की ओस के समान है; और मरे हुए पृथ्वी से जीवित हो जाएंगे.
هَلُمَّ يَا شَعْبِي ٱدْخُلْ مَخَادِعَكَ، وَأَغْلِقْ أَبْوَابَكَ خَلْفَكَ. ٱخْتَبِئْ نَحْوَ لُحَيْظَةٍ حَتَّى يَعْبُرَ ٱلْغَضَبُ. ٢٠ 20
मेरी प्रजा, आओ और अपनी कोठरी में जाकर द्वार बंद कर लो; थोड़ी देर के लिए अपने आपको छिपा लो जब तक क्रोध शांत न हो जाए.
لِأَنَّهُ هُوَذَا ٱلرَّبُّ يَخْرُجُ مِنْ مَكَانِهِ لِيُعَاقِبَ إِثْمَ سُكَّانِ ٱلْأَرْضِ فِيهِمْ، فَتَكْشِفُ ٱلْأَرْضُ دِمَاءَهَا وَلَا تُغَطِّي قَتْلَاهَا فِي مَا بَعْدُ. ٢١ 21
देखो, याहवेह अपने निवास स्थान से पृथ्वी के लोगों को उनके अपराधों के लिए दंड देने पर हैं. पृथ्वी अपना खून प्रकट कर देगी; और हत्या किए हुओं को अब और ज्यादा छिपा न सकेगी.

< إِشَعْيَاءَ 26 >