< إِشَعْيَاءَ 15 >

وَحْيٌ مِنْ جِهَةِ مُوآبَ: إِنَّهُ فِي لَيْلَةٍ خَرِبَتْ عَارُ مُوآبَ وَهَلَكَتْ. إِنَّهُ فِي لَيْلَةٍ خَرِبَتْ قِيرُ مُوآبَ وَهَلَكَتْ. ١ 1
मुआब के बारे में नबुव्वत: एक ही रात में 'आर — ए — मोआब ख़राब और हलाक हो गया; एक ही रात में क़ीर — ए — मोआब ख़राब और हलाक हो गया।
إِلَى ٱلْبَيْتِ وَدِيبُونَ يَصْعَدُونَ إِلَى ٱلْمُرْتَفَعَاتِ لِلْبُكَاءِ. تُوَلْوِلُ مُوآبُ عَلَى نَبُو وَعَلَى مَيْدَبَا. فِي كُلِّ رَأْسٍ مِنْهَا قَرْعَةٌ. كُلُّ لِحْيَةٍ مَجْزُوزَةٌ. ٢ 2
बैत और दीबोन ऊँचे मक़ामों पर रोने के लिए चढ़ गए हैं; नबू और मीदबा पर अहल — ए — मोआब वावैला करते हैं; उन सब के सिर मुण्डाए गए और हर एक की दाढ़ी काटी गई।
فِي أَزِقَّتِهَا يَأْتَزِرُونَ بِمِسْحٍ. عَلَى سُطُوحِهَا وَفِي سَاحَاتِهَا يُوَلْوِلُ كُلُّ وَاحِدٍ مِنْهَا سَيَّالًا بِٱلْبُكَاءِ. ٣ 3
वह अपनी राहों में टाट का कमरबन्द बाँधते हैं, और अपने घरों की छतों पर और बाज़ारों में नौहा करते हुए सब के सब ज़ार ज़ार रोते हैं।
وَتَصْرُخُ حَشْبُونُ وَأَلْعَالَةُ. يُسْمَعُ صَوْتُهُمَا إِلَى يَاهَصَ. لِذَلِكَ يَصْرُخُ مُتَسَلِّحُو مُوآبَ. نَفْسُهَا تَرْتَعِدُ فِيهَا. ٤ 4
हस्बोन और इली'आली वावैला करते हैं उनकी आवाज़ यहज़ तक सुनाई देती है; इस पर मोआब के मुसल्लह सिपाही चिल्ला चिल्ला कर रोते हैं उसकी जान उसमें थरथराती है।
يَصْرُخُ قَلْبِي مِنْ أَجْلِ مُوآبَ. ٱلْهَارِبِينَ مِنْهَا إِلَى صُوغَرَ كَعِجْلَةٍ ثُلَاثِيَّةٍ، لِأَنَّهُمْ يَصْعَدُونَ فِي عَقَبَةِ ٱللُّوحِيثِ بِٱلْبُكَاءِ، لِأَنَّهُمْ فِي طَرِيقِ حُورُونَايِمَ يَرْفَعُونَ صُرَاخَ ٱلِٱنْكِسَارِ. ٥ 5
मेरा दिल मोआब के लिए फ़रियाद करता उसके भागने वाले ज़ुग़र तक 'अजलत शलेशियाह तक पहुँचे हाँ वह लूहीत की चढ़ाई पर रोते हुए चढ़ जाते, और होरोनायम की राह में हलाकत पर वावैला करते हैं।
لِأَنَّ مِيَاهَ نِمْرِيمَ تَصِيرُ خَرِبَةً، لِأَنَّ ٱلْعُشْبَ يَبِسَ. ٱلْكَلَأُ فَنِيَ. ٱلْخُضْرَةُ لَا تُوجَدُ. ٦ 6
क्यूँकि निमरियम की नहरें ख़राब हो गईं क्यूँकि घास कुम्ला गई और सब्ज़ा मुरझा गया और रोयदगी का नाम न रहा।
لِذَلِكَ ٱلثَّرْوَةُ ٱلَّتِي ٱكْتَسَبُوهَا وَذَخَائِرُهُمْ يَحْمِلُونَهَا إِلَى عَبْرِ وَادِي ٱلصَّفْصَافِ. ٧ 7
इसलिए वह फ़िरावान माल जो उन्होंने हासिल किया था, और ज़ख़ीरा जो उन्होंने रख छोड़ा था, बेद की नदी के पार ले जाएँगे।
لِأَنَّ ٱلصُّرَاخَ قَدْ أَحَاطَ بِتُخُومِ مُوآبَ. إِلَى أَجْلَايِمَ وَلْوَلَتُهَا. وَإِلَى بِئْرِ إِيلِيمَ وَلْوَلَتُهَا، ٨ 8
क्यूँकि फ़रियाद मोआब की सरहदों तक और उनका नौहा इजलाइम तक और उनका मातम बैर एलीम तक पहुँच गया है।
لِأَنَّ مِيَاهَ دِيمُونَ تَمْتَلِئُ دَمًا، لِأَنِّي أَجْعَلُ عَلَى دِيمُونَ زَوَائِدَ. عَلَى ٱلنَّاجِينَ مِنْ مُوآبَ أَسَدًا وَعَلَى بَقِيَّةِ ٱلْأَرْضِ. ٩ 9
क्यूँकि दीमोन की नदियाँ ख़ून से भरी हैं मैं दीमोन पर ज़्यादा मुसीबत लाऊँगा क्यूँकि उस पर जो मोआब में से बचकर भागेगा और उस मुल्क के बाक़ी लोगों पर एक शेर — ए — बबर भेजूँगा।

< إِشَعْيَاءَ 15 >