< هُوشَع 9 >

لَا تَفْرَحْ يَا إِسْرَائِيلُ طَرَبًا كَٱلشُّعُوبِ، لِأَنَّكَ قَدْ زَنَيْتَ عَنْ إِلَهِكَ. أَحْبَبْتَ ٱلْأُجْرَةَ عَلَى جَمِيعِ بَيَادِرِ ٱلْحِنْطَةِ. ١ 1
ऐ इस्राईल, दूसरी क़ौमों की तरह ख़ुशी — ओ — शादमानी न कर, क्यूँकि तू ने अपने ख़ुदा से बेवफ़ाई की है। तूने हर एक खलीहान में इश्क से उजरत तलाश की है।
لَا يُطْعِمُهُمُ ٱلْبَيْدَرُ وَٱلْمِعْصَرَةُ، وَيَكْذِبُ عَلَيْهِمِ ٱلْمِسْطَارُ. ٢ 2
खलीहान और मय के हौज़ उनकी परवरिश के लिए काफ़ी न होंगे और नई मय किफ़ायत न करेगी।
لَا يَسْكُنُونَ فِي أَرْضِ ٱلرَّبِّ، بَلْ يَرْجِعُ أَفْرَايِمُ إِلَى مِصْرَ، وَيَأْكُلُونَ ٱلنَّجِسَ فِي أَشُّورَ. ٣ 3
वह ख़ुदावन्द के मुल्क में न बसेंगे, बल्कि इफ़्राईम मिस्र को वापस जाएगा और वह असूर में नापाक चीज़ें खाएँगे।
لَا يَسْكُبُونَ لِلرَّبِّ خَمْرًا وَلَا تَسُرُّهُ ذَبَائِحُهُمْ. إِنَّهَا لَهُمْ كَخُبْزِ ٱلْحُزْنِ. كُلُّ مَنْ أَكَلَهُ يَتَنَجَّسُ. إِنَّ خُبْزَهُمْ لِنَفْسِهِمْ. لَا يَدْخُلُ بَيْتَ ٱلرَّبِّ. ٤ 4
वह मय को ख़ुदावन्द के लिए न तपाएँगे और वह उसके मक़बूल न होंगे, उनकी क़ुर्बानियाँ उनके लिए नौहागरों की रोटी की तरह होंगी। उनको खाने वाले नापाक होंगे, क्यूँकि उनकी रोटियाँ उन ही की भूक के लिए होंगी और ख़ुदावन्द के घर में दाख़िल न होंगी।
مَاذَا تَصْنَعُونَ فِي يَوْمِ ٱلْمَوْسِمِ، وَفِي يَوْمِ عِيدِ ٱلرَّبِّ؟ ٥ 5
मजमा' — ए — मुक़द्दस के दिन और ख़ुदावन्द की 'ईद के दिन क्या करोगे?
إِنَّهُمْ قَدْ ذَهَبُوا مِنَ ٱلْخَرَابِ. تَجْمَعُهُمْ مِصْرُ. تَدْفِنُهُمْ مُوفُ. يَرِثُ ٱلْقَرِيصُ نَفَائِسَ فِضَّتِهِمْ. يَكُونُ ٱلْعَوْسَجُ فِي مَنَازِلِهِمْ. ٦ 6
क्यूँकि वो तबाही के ख़ौफ़ से चले गए, लेकिन मिस्र उनको समेटेगा। मोफ़ उनको दफ़न करेगा। उनकी चाँदी के अच्छे ख़ज़ानों पर बिच्छू बूटी क़ाबिज़ होगी। उनके खे़मों में काँटे उगेंगे।
جَاءَتْ أَيَّامُ ٱلْعِقَابِ. جَاءَتْ أَيَّامُ ٱلْجَزَاءِ. سَيَعْرِفُ إِسْرَائِيلُ. اَلنَّبِيُّ أَحْمَقُ. إِنْسَانُ ٱلرُّوحِ مَجْنُونٌ مِنْ كَثْرَةِ إِثْمِكَ وَكَثْرَةِ ٱلْحِقْدِ. ٧ 7
सज़ा के दिन आ गए, बदले का वक़्त आ पहुँचा। इस्राईल को मा'लूम हो जाएगा कि उसकी बदकिरदारी की कसरत और 'अदावत की ज़्यादती के ज़रिए' नबी बेवक़ूफ़ है। रूहानी आदमी दीवाना है।
أَفْرَايِمُ مُنْتَظَرٌ عِنْدَ إِلَهِي. اَلنَّبِيُّ فَخُّ صَيَّادٍ عَلَى جَمِيعِ طُرُقِهِ. حِقْدٌ فِي بَيْتِ إِلَهِهِ. ٨ 8
इफ़्राईम मेरे ख़ुदा की तरफ़ से निगहबान है। नबी अपनी तमाम राहों में चिड़ीमार का जाल है। वह अपने ख़ुदा के घर में 'अदावत है।
قَدْ تَوَغَّلُوا، فَسَدُوا كَأَيَّامِ جِبْعَةَ. سَيَذْكُرُ إِثْمَهُمْ. سَيُعَاقِبُ خَطَايَاهُمْ. ٩ 9
उन्होंने अपने आप को निहायत ख़राब किया जैसा जिब'आ के दिनों में हुआ था। वह उनकी बदकिरदारी को याद करेगा और उनके गुनाहों की सज़ा देगा।
«وَجَدْتُ إِسْرَائِيلَ كَعِنَبٍ فِي ٱلْبَرِّيَّةِ. رَأَيْتُ آبَاءَكُمْ كَبَاكُورَةٍ عَلَى تِينَةٍ فِي أَوَّلِهَا. أَمَّا هُمْ فَجَاءُوا إِلَى بَعْلِ فَغُورَ، وَنَذَرُوا أَنْفُسَهُمْ لِلْخِزْيِ، وَصَارُوا رِجْسًا كَمَا أَحَبُّوا. ١٠ 10
मैंने इस्राईल को बियाबानी अंगूरों की तरह पाया। तुम्हारे बाप — दादा को अंजीर के पहले पक्के फल की तरह देखा जो दरख़्त के पहले मौसम में लगा हो, लेकिन वह बा'ल फ़गूर के पास गए और अपने आप को उस ज़रिए' रुस्वाई के लिए मख़्सूस किया और अपने उस महबूब की तरह मकरूह हुए।
أَفْرَايِمُ تَطِيرُ كَرَامَتُهُمْ كَطَائِرٍ مِنَ ٱلْوِلَادَةِ وَمِنَ ٱلْبَطْنِ وَمِنَ ٱلْحَبَلِ. ١١ 11
अहल — ए — इफ़्राईम की शौकत परिन्दे की तरह उड़ जाएगी, विलादत — ओ — हामिला का बुजूद उनमें न होगा और क़रार — ए — हमल ख़त्म हो जाएगा।
وَإِنْ رَبَّوْا أَوْلَادَهُمْ أُثْكِلُهُمْ إِيَّاهُمْ حَتَّى لَا يَكُونَ إِنْسَانٌ. وَيْلٌ لَهُمْ أَيْضًا مَتَى ٱنْصَرَفْتُ عَنْهُمْ! ١٢ 12
अगरचे वह अपने बच्चों को पालें, तोभी मैं उनको छीन लूँगा, ताकि कोई आदमी बाकी न रहे। क्यूँकि जब मैं भी उनसे दूर हो जाऊँ, तो उनकी हालत क़ाबिल — ए — अफ़सोस होगी।
أَفْرَايِمُ كَمَا أَرَى كَصُورٍ مَغْرُوسٍ فِي مَرْعًى، وَلَكِنَّ أَفْرَايِمَ سَيُخْرِجُ بَنِيهِ إِلَى ٱلْقَاتِلِ». ١٣ 13
इफ़्राईम को मैं देखता हूँ कि वो सूर की तरह उम्दा जगह में लगाया गया, लेकिन इफ़्राईमअपने बच्चों को क़ातिल के सामने ले जाएगा।
أَعْطِهِمْ يَارَبُّ. مَاذَا تُعْطِي؟ أَعْطِهِمْ رَحِمًا مُسْقِطًا وَثَدْيَيْنِ يَبِسَيْنِ. ١٤ 14
ऐ ख़ुदावन्द, उनको दे; तू उनको क्या देगा? उनको इस्क़ात — ए — हमल और ख़ुश्क पिस्तान दे।
«كُلُّ شَرِّهِمْ فِي ٱلْجِلْجَالِ. إِنِّي هُنَاكَ أَبْغَضْتُهُمْ. مِنْ أَجْلِ سُوءِ أَفْعَالِهِمْ أَطْرُدُهُمْ مِنْ بَيْتِي. لَا أَعُودُ أُحِبُّهُمْ. جَمِيعُ رُؤَسَائِهِمْ مُتَمَرِّدُونَ. ١٥ 15
उनकी सारी शरारत जिल्जाल में है। हाँ, वहाँ मैंने उनसे नफ़रत की। उनकी बदआ'माली की वजह से मैं उनको अपने घर से निकाल दूँगा और फिर उनसे मुहब्बत न रख्खूँगा। उनके सब उमरा बाग़ी हैं।
أَفْرَايِمُ مَضْرُوبٌ. أَصْلُهُمْ قَدْ جَفَّ. لَا يَصْنَعُونَ ثَمَرًا. وَإِنْ وَلَدُوا أُمِيتُ مُشْتَهَيَاتِ بُطُونِهِمْ». ١٦ 16
बनी इफ़्राईम तबाह हो गए। उनकी जड़ सूख गई। उनके यहाँ औलाद न होगी और अगर औलाद हो भी तो मैं उनके प्यारे बच्चों को हलाक करूँगा।
يَرْفُضُهُمْ إِلَهِي لِأَنَّهُمْ لَمْ يَسْمَعُوا لَهُ، فَيَكُونُونَ تَائِهِينَ بَيْنَ ٱلْأُمَمِ. ١٧ 17
मेरा ख़ुदा उनको छोड़ देगा, क्यूँकि वो उसके सुनने वाले नहीं हुए और वह अक़वाम — ए — 'आलम में आवारा फिरेंगे।

< هُوشَع 9 >