< اَلتَّكْوِينُ 46 >

فَٱرْتَحَلَ إِسْرَائِيلُ وَكُلُّ مَا كَانَ لَهُ وَأَتَى إِلَى بِئْرِ سَبْعٍ، وَذَبَحَ ذَبَائِحَ لإِلَهِ أَبِيهِ إِسْحَاقَ. ١ 1
और इस्राईल अपना सब कुछ लेकर चला और बैरसबा' में आकर अपने बाप इस्हाक़ के ख़ुदा के लिए क़ुर्बानियाँ पेश कीं।
فَكَلَّمَ ٱللهُ إِسْرَائِيلَ فِي رُؤَى ٱللَّيْلِ وَقَالَ: «يَعْقُوبُ، يَعْقُوبُ!». فَقَالَ: «هَأَنَذَا». ٢ 2
और ख़ुदा ने रात को ख़्वाब में इस्राईल से बातें कीं और कहा, ऐ या'क़ूब, ऐ या'कूब! “उसने जवाब दिया, मैं हाज़िर हूँ।”
فَقَالَ: «أَنَا ٱللهُ، إِلَهُ أَبِيكَ. لَا تَخَفْ مِنَ ٱلنُّزُولِ إِلَى مِصْرَ، لِأَنِّي أَجْعَلُكَ أُمَّةً عَظِيمَةً هُنَاكَ. ٣ 3
उसने कहा, “मैं ख़ुदा, तेरे बाप का ख़ुदा हूँ! मिस्र में जाने से न डर, क्यूँकि मैं वहाँ तुझ से एक बड़ी क़ौम पैदा करूँगा।
أَنَا أَنْزِلُ مَعَكَ إِلَى مِصْرَ، وَأَنَا أُصْعِدُكَ أَيْضًا. وَيَضَعُ يُوسُفُ يَدَهُ عَلَى عَيْنَيْكَ». ٤ 4
मैं तेरे साथ मिस्र को जाऊँगा और फिर तुझे ज़रूर लौटा भी लाऊँगा, और यूसुफ़ अपना हाथ तेरी आँखों पर लगाएगा।”
فَقَامَ يَعْقُوبُ مِنْ بِئْرِ سَبْعٍ، وَحَمَلَ بَنُو إِسْرَائِيلَ يَعْقُوبَ أَبَاهُمْ وَأَوْلَادَهُمْ وَنِسَاءَهُمْ فِي ٱلْعَجَلَاتِ ٱلَّتِي أَرْسَلَ فِرْعَوْنُ لِحَمْلِهِ. ٥ 5
तब या'क़ूब बैरसबा' से रवाना हुआ, और इस्राईल के बेटे अपने बाप या'क़ूब को और अपने बाल बच्चों और अपनी बीवियों को उन गाड़ियों पर ले गए जो फ़िर'औन ने उनके लाने को भेजीं थीं।
وَأَخَذُوا مَوَاشِيَهُمْ وَمُقْتَنَاهُمُ ٱلَّذِي ٱقْتَنَوْا فِي أَرْضِ كَنْعَانَ، وَجَاءُوا إِلَى مِصْرَ. يَعْقُوبُ وَكُلُّ نَسْلِهِ مَعَهُ. ٦ 6
और वह अपने चौपायों और सारे माल — ओ — अस्बाब को जो उन्होंने मुल्क — ए — कना'न में जमा' किया था लेकर मिस्र में आए, और या'क़ूब के साथ उसकी सारी औलाद थी।
بَنُوهُ وَبَنُو بَنِيهِ مَعَهُ، وَبَنَاتُهُ وَبَنَاتُ بَنِيهِ وَكُلُّ نَسْلِهِ، جَاءَ بِهِمْ مَعَهُ إِلَى مِصْرَ. ٧ 7
वह अपने बेटों और बेटियों और पोतों और पोतियों, और अपनी कुल नसल को अपने साथ मिस्र में ले आया।
وَهَذِهِ أَسْمَاءُ بَنِي إِسْرَائِيلَ ٱلَّذِينَ جَاءُوا إِلَى مِصْرَ: يَعْقُوبُ وَبَنُوهُ. بِكْرُ يَعْقُوبَ رَأُوبَيْنُ. ٨ 8
और या'क़ूब के साथ जो इस्राईली या'नी उसके बेटे वग़ैरा मिस्र में आए उनके नाम यह हैं: रूबिन, या'क़ूब का पहलौठा।
وَبَنُو رَأُوبَيْنَ: حَنُوكُ وَفَلُّو وَحَصْرُونُ وَكَرْمِي. ٩ 9
और बनी रूबिन यह हैं: हनूक और फ़ल्लू और हसरोन और करमी।
وَبَنُو شِمْعُونَ: يَمُوئِيلُ وَيَامِينُ وَأُوهَدُ وَيَاكِينُ وَصُوحَرُ وَشَأُولُ ٱبْنُ ٱلْكَنْعَانِيَّةِ. ١٠ 10
और बनी शमौन यह हैं: यमूएल और यमीन और उहद और यकीन और सुहर और साऊल, जो एक कना'नी 'औरत से पैदा हुआ था।
وَبَنُو لَاوِي: جِرْشُونُ وَقَهَاتُ وَمَرَارِي. ١١ 11
और बनी लावी यह हैं: जैरसोन और किहात और मिरारी।
وَبَنُو يَهُوذَا: عِيرٌ وَأُونَانُ وَشِيلَةُ وَفَارَصُ وَزَارَحُ. وَأَمَّا عِيرٌ وَأُونَانُ فَمَاتَا فِي أَرْضِ كَنْعَانَ. وَكَانَ ٱبْنَا فَارَصَ: حَصْرُونَ وَحَامُولَ. ١٢ 12
और बनी यहूदाह यह हैं: 'एर और ओनान और सीला, और फ़ारस और ज़ारह — इनमें से 'एर और ओनान मुल्क — ए — कना'न में मर चुके थे। और फ़ारस के बेटे यह हैं: हसरोन और हमूल।
وَبَنُو يَسَّاكَرَ: تُولَاعُ وَفَوَّةُ وَيُوبُ وَشِمْرُونُ. ١٣ 13
और बनी इश्कार यह हैं: तोला' और फूवा और योब और सिमरोन।
وَبَنُو زَبُولُونَ: سَارَدُ وَإِيلُونُ وَيَاحَلْئِيلُ. ١٤ 14
और बनी ज़बूलून यह हैं: सरद और एलोन और यहलीएल।
هَؤُلَاءِ بَنُو لَيْئَةَ ٱلَّذِينَ وَلَدَتْهُمْ لِيَعْقُوبَ فِي فَدَّانَ أَرَامَ مَعَ دِينَةَ ٱبْنَتِهِ. جَمِيعُ نُفُوسِ بَنِيهِ وَبَنَاتِهِ ثَلَاثٌ وَثَلَاثُونَ. ١٥ 15
यह सब या'क़ूब के उन बेटों की औलाद हैं जो फ़द्दान अराम में लियाह से पैदा हुए, इसी के बत्न से उसकी बेटी दीना थी। यहाँ तक तो उसके सब बेटे बेटियों का शुमार तैंतीस हुआ।
وَبَنُو جَادَ: صِفْيُونُ وَحَجِّي وَشُونِي وَأَصْبُونُ وَعِيرِي وَأَرُودِي وَأَرْئِيلِي. ١٦ 16
बनी जद्द यह हैं: सफ़ियान और हज्जी और सूनी और असबान और 'एरी और अरूदी और अरेली।
وَبَنُو أَشِيرَ: يِمْنَةُ وَيِشْوَةُ وَيِشْوِي وَبَرِيعَةُ، وَسَارَحُ هِيَ أُخْتُهُمْ. وَٱبْنَا بَرِيعَةَ: حَابِرُ وَمَلْكِيئِيلُ. ١٧ 17
और बनी आशर यह हैं: यिमना और इसवाह और इसवी और बरि'आह और सिर्राह उनकी बहन और बनी बरी'आह यह हैं: हिब्र और मलकीएल।
هَؤُلَاءِ بَنُو زِلْفَةَ ٱلَّتِي أَعْطَاهَا لَابَانُ لِلَيْئَةَ ٱبْنَتِهِ، فَوَلَدَتْ هَؤُلَاءِ لِيَعْقُوبَ، سِتَّ عَشَرَةَ نَفْسًا. ١٨ 18
यह सब या'क़ूब के उन बेटों की औलाद हैं जो ज़िल्फ़ा लौंडी से पैदा हुए, जिसे लाबन ने अपनी बेटी लियाह को दिया था। उनका शुमार सोलह था।
اِبْنَا رَاحِيلَ ٱمْرَأَةِ يَعْقُوبَ: يُوسُفُ وَبَنْيَامِينُ. ١٩ 19
और या'क़ूब के बेटे यूसुफ़ और बिनयमीन राख़िल से पैदा हुए थे।
وَوُلِدَ لِيُوسُفَ فِي أَرْضِ مِصْرَ: مَنَسَّى وَأَفْرَايِمُ، ٱللَّذَانِ وَلَدَتْهُمَا لَهُ أَسْنَاتُ بِنْتُ فُوطِي فَارَعَ كَاهِنِ أُونٍ. ٢٠ 20
और यूसुफ़ से मुल्क — ए — मिस्र में ओन के पुजारी फ़ोतीफ़िरा' की बेटी आसिनाथ के मनस्सी और इफ़्राईम पैदा हुए।
وَبَنُو بَنْيَامِينَ: بَالَعُ وَبَاكَرُ وَأَشْبِيلُ وَجِيرَا وَنَعْمَانُ وَإِيحِي وَرُوشُ وَمُفِّيمُ وَحُفِّيمُ وَأَرْدُ. ٢١ 21
और बनी बिनयमीन यह हैं: बाला' और बक्र और अशबेल और जीरा और ना'मान, अख़ी और रोस, मुफ़्फ़ीम और हुफ़्फ़ीम और अरद।
هَؤُلَاءِ بَنُو رَاحِيلَ ٱلَّذِينَ وُلِدُوا لِيَعْقُوبَ. جَمِيعُ ٱلنُّفُوسِ أَرْبَعَ عَشَرَةَ. ٢٢ 22
यह सब या'क़ूब के उन बेटों की औलाद हैं जो राख़िल से पैदा हुए। यह सब शुमार में चौदह थे।
وَٱبْنُ دَانَ: حُوشِيمُ. ٢٣ 23
और दान के बेटे का नाम हशीम था।
وَبَنُو نَفْتَالِي: يَاحَصْئِيلُ وَجُونِي وَيِصْرُ وَشِلِّيمُ. ٢٤ 24
और बनी नफ़्ताली यह हैं: यहसीएल और जूनी और यिस्र और सलीम।
هَؤُلَاءِ بَنُو بِلْهَةَ ٱلَّتِي أَعْطَاهَا لَابَانُ لِرَاحِيلَ ٱبْنَتِهِ. فَوَلَدَتْ هَؤُلَاءِ لِيَعْقُوبَ. جَمِيعُ ٱلْأَنْفُسِ سَبْعٌ. ٢٥ 25
यह सब या'क़ूब के उन बेटों की औलाद हैं जो बिल्हाह लौंडी से पैदा हुए, जिसे लाबन ने अपनी बेटी राख़िल को दिया था। इनका शुमार सात था।
جَمِيعُ ٱلنُّفُوسِ لِيَعْقُوبَ ٱلَّتِي أَتَتْ إِلَى مِصْرَ، ٱلْخَارِجَةِ مِنْ صُلْبِهِ، مَا عَدَا نِسَاءَ بَنِي يَعْقُوبَ، جَمِيعُ ٱلنُّفُوسِ سِتٌّ وَسِتُّونَ نَفْسًا. ٢٦ 26
या'क़ूब के सुल्ब से जो लोग पैदा हुए और उसके साथ मिस्र में आए वह उसकी बहुओं को छोड़ कर शुमार में छियासठ थे।
وَٱبْنَا يُوسُفَ ٱللَّذَانِ وُلِدَا لَهُ فِي مِصْرَ نَفْسَانِ. جَمِيعُ نُفُوسِ بَيْتِ يَعْقُوبَ ٱلَّتِي جَاءَتْ إِلَى مِصْرَ سَبْعُونَ. ٢٧ 27
और यूसुफ़ के दो बेटे थे जो मिस्र में पैदा हुए, इसलिए या'क़ूब के घराने के जो लोग मिस्र में आए वह सब मिल कर सत्तर हुए।
فَأَرْسَلَ يَهُوذَا أَمَامَهُ إِلَى يُوسُفَ لِيُرِيَ ٱلطَّرِيقَ أَمَامَهُ إِلَى جَاسَانَ، ثُمَّ جَاءُوا إِلَى أَرْضِ جَاسَانَ. ٢٨ 28
और उसने यहूदाह को अपने से आगे यूसुफ़ के पास भेजा ताकि वह उसे जशन का रास्ता दिखाए, और वह जशन के 'इलाक़े में आए।
فَشَدَّ يُوسُفُ مَرْكَبَتَهُ وَصَعِدَ لِٱسْتِقْبَالِ إِسْرَائِيلَ أَبِيهِ إِلَى جَاسَانَ. وَلَمَّا ظَهَرَ لَهُ وَقَعَ عَلَى عُنُقِهِ وَبَكَى عَلَى عُنُقِهِ زَمَانًا. ٢٩ 29
और यूसुफ़ अपना रथ तैयार करवा के अपने बाप इस्राईल के इस्तक़बाल के लिए जशन को गया, और उसके पास जाकर उसके गले से लिपट गया और वहीं लिपटा हुआ देर तक रोता रहा।
فَقَالَ إِسْرَائِيلُ لِيُوسُفَ: «أَمُوتُ ٱلْآنَ بَعْدَ مَا رَأَيْتُ وَجْهَكَ أَنَّكَ حَيٌّ بَعْدُ». ٣٠ 30
तब इस्राईल ने यूसुफ़ से कहा, “अब चाहे मैं मर जाऊँ; क्यूँकि तेरा मुँह देख चुका कि तू अभी ज़िन्दा है।”
ثُمَّ قَالَ يُوسُفُ لِإِخْوَتِهِ وَلِبَيْتِ أَبِيهِ: «أَصْعَدُ وَأُخْبِرُ فِرْعَوْنَ وَأَقُولُ لَهُ: إِخْوَتِي وَبَيْتُ أَبِي ٱلَّذِينَ فِي أَرْضِ كَنْعَانَ جَاءُوا إِلَيَّ. ٣١ 31
और यूसुफ़ ने अपने भाइयों से और अपने बाप के घराने से कहा, मैं अभी जाकर फ़िर'औन को ख़बर कर दूँगा और उससे कह दूँगा कि मेरे भाई और मेरे बाप के घराने के लोग, जो मुल्क — ए — कना'न में थे मेरे पास आ गए हैं।
وَٱلرِّجَالُ رُعَاةُ غَنَمٍ، فَإِنَّهُمْ كَانُوا أَهْلَ مَوَاشٍ، وَقَدْ جَاءُوا بِغَنَمِهِمْ وَبَقَرِهِمْ وَكُلِّ مَا لَهُمْ. ٣٢ 32
और वह चौपान हैं; क्यूँकि बराबर चौपायों को पालते आए हैं, और वह अपनी भेड़ बकरियाँ और गाय — बैल और जो कुछ उनका है सब ले आए हैं।
فَيَكُونُ إِذَا دَعَاكُمْ فِرْعَوْنُ وَقَالَ: مَا صِنَاعَتُكُمْ؟ ٣٣ 33
तब जब फ़िर'औन तुम को बुला कर पूछे कि तुम्हारा पेशा क्या है?
أَنْ تَقُولُوا: عَبِيدُكَ أَهْلُ مَوَاشٍ مُنْذُ صِبَانَا إِلَى ٱلْآنَ، نَحْنُ وَآبَاؤُنَا جَمِيعًا. لِكَيْ تَسْكُنُوا فِي أَرْضِ جَاسَانَ. لِأَنَّ كُلَّ رَاعِي غَنَمٍ رِجْسٌ لِلْمِصْرِيِّينَ». ٣٤ 34
तो तुम यह कहना कि तेरे ख़ादिम, हम भी और हमारे बाप दादा भी, लड़कपन से लेकर आज तक चौपाये पालते आए हैं। तब तुम जशन के इलाक़े में रह सकोगे, इसलिए कि मिस्रियों को चौपानों से नफ़रत है।

< اَلتَّكْوِينُ 46 >