< اَلتَّكْوِينُ 43 >

وَكَانَ ٱلْجُوعُ شَدِيدًا فِي ٱلْأَرْضِ. ١ 1
देश में अब भी अकाल बहुत भयंकर था.
وَحَدَثَ لَمَّا فَرَغُوا مِنْ أَكْلِ ٱلْقَمْحِ ٱلَّذِي جَاءُوا بِهِ مِنْ مِصْرَ، أَنَّ أَبَاهُمْ قَالَ لَهُمُ: «ٱرْجِعُوا ٱشْتَرُوا لَنَا قَلِيلًا مِنَ ٱلطَّعَامِ». ٢ 2
जब उनके द्वारा मिस्र देश से लाया हुआ अन्‍न खत्म होने लगा, तब उनके पिता ने कहा, “जाओ, थोड़ा और अनाज खरीद कर लाओ.”
فَكَلَّمَهُ يَهُوذَا قَائِلًا: «إِنَّ ٱلرَّجُلَ قَدْ أَشْهَدَ عَلَيْنَا قَائِلًا: لَا تَرَوْنَ وَجْهِي بِدُونِ أَنْ يَكُونَ أَخُوكُمْ مَعَكُمْ. ٣ 3
किंतु यहूदाह ने उनसे कहा, “बड़ी गंभीरता पूर्वक उस प्रशासक ने हमें चेतावनी दी थी, ‘यदि तुम अपने साथ अपने भाई को न लाओ तो मुझे अपना मुख न दिखाना.’
إِنْ كُنْتَ تُرْسِلُ أَخَانَا مَعَنَا، نَنْزِلُ وَنَشْتَرِي لَكَ طَعَامًا، ٤ 4
अन्‍न मोल लेने हम तब ही वहां जायेंगे, जब आप हमारे साथ हमारे भाई को भी भेजेंगे.
وَلَكِنْ إِنْ كُنْتَ لَا تُرْسِلُهُ لَا نَنْزِلُ. لِأَنَّ ٱلرَّجُلَ قَالَ لَنَا: لَا تَرَوْنَ وَجْهِي بِدُونِ أَنْ يَكُونَ أَخُوكُمْ مَعَكُمْ». ٥ 5
यदि आप उसे हमारे साथ नहीं भेजेंगे, तो हम भी नहीं जाएंगे. क्योंकि उस अधिपति ने कहा था, ‘मेरे सामने ही न आना, यदि तुम्हारा भाई तुम्हारे साथ न होगा.’”
فَقَالَ إِسْرَائِيلُ: «لِمَاذَا أَسَأْتُمْ إِلَيَّ حَتَّى أَخْبَرْتُمُ ٱلرَّجُلَ أَنَّ لَكُمْ أَخًا أَيْضًا؟» ٦ 6
इस्राएल ने कहा, “क्यों तुम लोगों ने उसे यह बताकर मेरा अनर्थ कर दिया कि तुम्हारा एक भाई और भी है?”
فَقَالُوا: «إِنَّ ٱلرَّجُلَ قَدْ سَأَلَ عَنَّا وَعَنْ عَشِيرَتِنَا، قَائِلًا: هَلْ أَبُوكُمْ حَيٌّ بَعْدُ؟ هَلْ لَكُمْ أَخٌ؟ فَأَخْبَرْنَاهُ بِحَسَبِ هَذَا ٱلْكَلَامِ. هَلْ كُنَّا نَعْلَمُ أَنَّهُ يَقُولُ: ٱنْزِلُوا بِأَخِيكُمْ؟». ٧ 7
किंतु उन्होंने अपने पिता को यह बताया, “वह व्यक्ति ही हमसे हमारे विषय में तथा हमारे संबंधियों के विषय में पूछ रहा था, ‘क्या तुम्हारा पिता अब भी जीवित है? क्या तुम्हारा कोई अन्य भाई भी है?’ हम केवल उसके प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे. हमें क्या मालूम था कि वह हमसे ऐसा कहेंगे ‘अपने उस भाई को यहां ले आओ?’”
وَقَالَ يَهُوذَا لِإِسْرَائِيلَ أَبِيهِ: «أَرْسِلِ ٱلْغُلَامَ مَعِي لِنَقُومَ وَنَذْهَبَ وَنَحْيَا وَلَا نَمُوتَ، نَحْنُ وَأَنْتَ وَأَوْلَادُنَا جَمِيعًا. ٨ 8
यहूदाह ने अपने पिता इस्राएल से कहा, “इस लड़के को मेरे साथ भेज दीजिए, तब हम यहां से जाएंगे, ताकि अकाल में हमारी मृत्यु न हो जाए और आप, और हमारे बच्‍चे नहीं मरें और सब जीवित रह सकें.
أَنَا أَضْمَنُهُ. مِنْ يَدِي تَطْلُبُهُ. إِنْ لَمْ أَجِئْ بِهِ إِلَيْكَ وَأُوقِفْهُ قُدَّامَكَ، أَصِرْ مُذْنِبًا إِلَيْكَ كُلَّ ٱلْأَيَّامِ. ٩ 9
मैं इस लड़के की जवाबदारी अपने ऊपर लेता हूं; अगर उसे आपके पास लौटा न लाऊं, तो मैं सदा-सर्वदा आपका दोषी बना रहूंगा.
لِأَنَّنَا لَوْ لَمْ نَتَوَانَ لَكُنَّا قَدْ رَجَعْنَا ٱلْآنَ مَرَّتَيْنِ». ١٠ 10
यदि हम देरी न करते तो हम वहां दो बार जाकर आ गए होते.”
فَقَالَ لَهُمْ إِسْرَائِيلُ أَبُوهُمْ: «إِنْ كَانَ هَكَذَا فَٱفْعَلُوا هَذَا: خُذُوا مِنْ أَفْخَرِ جَنَى ٱلْأَرْضِ فِي أَوْعِيَتِكُمْ، وَأَنْزِلُوا لِلرَّجُلِ هَدِيَّةً. قَلِيلًا مِنَ ٱلْبَلَسَانِ، وَقَلِيلًا مِنَ ٱلْعَسَلِ، وَكَثِيرَاءَ وَلَاذَنًا وَفُسْتُقًا وَلَوْزًا. ١١ 11
यह सुन उनके पिता इस्राएल ने उनसे कहा, “अगर यही बात है, तो ठीक है, यही करो. लेकिन आप लोग अपने-अपने बोरों में उस व्यक्ति के लिए उपहार स्वरूप बलसान, मधु, गोंद, गन्धरस, पिस्ता तथा बादाम ले जाओ.
وَخُذُوا فِضَّةً أُخْرَى فِي أَيَادِيكُمْ. وَٱلْفِضَّةَ ٱلْمَرْدُودَةَ فِي أَفْوَاهِ عِدَالِكُمْ رُدُّوهَا فِي أَيَادِيكُمْ، لَعَلَّهُ كَانَ سَهْوًا. ١٢ 12
दो गुणा रुपया भी ले जाओ और जो रुपया तुम्हारे बोरे में वहां से आया था वह भी वापस कर देना, शायद भूल हो गई होगी.
وَخُذُوا أَخَاكُمْ وَقُومُوا ٱرْجِعُوا إِلَى ٱلرَّجُلِ. ١٣ 13
अपने भाई को अपने साथ ले जाओ, देरी न करो.
وَٱللهُ ٱلْقَدِيرُ يُعْطِيكُمْ رَحْمَةً أَمَامَ ٱلرَّجُلِ حَتَّى يُطْلِقَ لَكُمْ أَخَاكُمُ ٱلْآخَرَ وَبَنْيَامِينَ. وَأَنَا إِذَا عَدِمْتُ ٱلْأَوْلَادَ عَدِمْتُهُمْ». ١٤ 14
प्रार्थना है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर उस व्यक्ति के दिल में दया डाले ताकि वह तुम्हारे उस भाई बिन्यामिन को छोड़ दे. अगर बिछड़ना ही है, तो ऐसा ही होने दो.”
فَأَخَذَ ٱلرِّجَالُ هَذِهِ ٱلْهَدِيَّةَ، وَأَخَذُوا ضِعْفَ ٱلْفِضَّةِ فِي أَيَادِيهِمْ، وَبَنْيَامِينَ، وَقَامُوا وَنَزَلُوا إِلَى مِصْرَ وَوَقَفُوا أَمَامَ يُوسُفَ. ١٥ 15
तब उन्होंने उपहार, दो गुणा रुपया तथा अपने साथ बिन्यामिन को लिया और मिस्र के लिए रवाना हुए, और योसेफ़ के पास पहुंचे.
فَلَمَّا رَأَى يُوسُفُ بَنْيَامِينَ مَعَهُمْ، قَالَ لِلَّذِي عَلَى بَيْتِهِ: «أَدْخِلِ ٱلرِّجَالَ إِلَى ٱلْبَيْتِ وَٱذْبَحْ ذَبِيحَةً وَهَيِّئْ، لِأَنَّ ٱلرِّجَالَ يَأْكُلُونَ مَعِي عِنْدَ ٱلظُّهْرِ». ١٦ 16
जब योसेफ़ ने अपने भाइयों के साथ बिन्यामिन को देखा, तब उन्होंने अपने घर के सेवक से कहा, “इन लोगों को मेरे घर ले जाओ, एक पशु का वध कर भोजन तैयार करो. ये सभी दोपहर का भोजन मेरे साथ करेंगे.”
فَفَعَلَ ٱلرَّجُلُ كَمَا قَالَ يُوسُفُ. وَأَدْخَلَ ٱلرَّجُلُ ٱلرِّجَالَ إِلَى بَيْتِ يُوسُفَ. ١٧ 17
सेवक से जैसा कहा गया उसने वैसा ही किया और इन भाइयों को योसेफ़ के घर पर ले गए.
فَخَافَ ٱلرِّجَالُ إِذْ أُدْخِلُوا إِلَى بَيْتِ يُوسُفَ، وَقَالُوا: «لِسَبَبِ ٱلْفِضَّةِ ٱلَّتِي رَجَعَتْ أَوَّلًا فِي عِدَالِنَا نَحْنُ قَدْ أُدْخِلْنَا لِيَهْجِمَ عَلَيْنَا وَيَقَعَ بِنَا وَيَأْخُذَنَا عَبِيدًا وَحَمِيرَنَا». ١٨ 18
योसेफ़ के घर आकर सब डर गए. सबने सोचा, “जो रुपया हम सबके बोरे में था, वे हम लोगों को अपराधी सिद्ध करने लिए उनका उपयोग करेंगे. तब वे हम लोगों के गधों को ले लेंगे और हम लोगों को दास बनाएंगे.”
فَتَقَدَّمُوا إِلَى ٱلرَّجُلِ ٱلَّذِي عَلَى بَيْتِ يُوسُفَ، وَكَلَّمُوهُ فِي بَابِ ٱلْبَيْتِ ١٩ 19
इसलिये घर के पास आकर उन्होंने योसेफ़ के गृह सेवक से कहा,
وَقَالُوا: «ٱسْتَمِعْ يَا سَيِّدِي، إِنَّنَا قَدْ نَزَلْنَا أَوَّلًا لِنَشْتَرِيَ طَعَامًا. ٢٠ 20
“महोदय, विश्वास कीजिए, जब हम पिछले बार भी मात्र अनाज खरीदने ही आये थे
وَكَانَ لَمَّا أَتَيْنَا إِلَى ٱلْمَنْزِلِ أَنَّنَا فَتَحْنَا عِدَالَنَا، وَإِذَا فِضَّةُ كُلِّ وَاحِدٍ فِي فَمِ عِدْلِهِ. فِضَّتُنَا بِوَزْنِهَا. فَقَدْ رَدَدْنَاهَا فِي أَيَادِينَا. ٢١ 21
तब हमने धर्मशाला पहुंचकर अपने-अपने बोरे खोले, तो हमने देखा कि जो रुपया हमने यहां अनाज के लिए दिया था वह वापस हमारे बोरे में रखा गया; तब हम वह रुपया अपने साथ लाए हैं.
وَأَنْزَلْنَا فِضَّةً أُخْرَى فِي أَيَادِينَا لِنَشْتَرِيَ طَعَامًا. لَا نَعْلَمُ مَنْ وَضَعَ فِضَّتَنَا فِي عِدَالِنَا». ٢٢ 22
दुबारा खरीदने के लिए भी रुपया लाए हैं. हमें कुछ भी नहीं पता कि किसने रुपया हमारे बोरों में रखा था.”
فَقَالَ: «سَلَامٌ لَكُمْ، لَا تَخَافُوا. إِلَهُكُمْ وَإِلَهُ أَبِيكُمْ أَعْطَاكُمْ كَنْزًا فِي عِدَالِكُمْ. فِضَّتُكُمْ وَصَلَتْ إِلَيَّ». ثُمَّ أَخْرَجَ إِلَيْهِمْ شِمْعُونَ. ٢٣ 23
उस सेवक ने उनसे कहा, “शांत हो जाइए, डरिये नहीं, आपके परमेश्वर, तुम्हारे पिता के परमेश्वर ने आपके बोरों में रुपया रखा होगा. मुझे तो रुपया मिल चुका है.” यह कहते हुए वह शिमओन को उनके पास बाहर लाए.
وَأَدْخَلَ ٱلرَّجُلُ ٱلرِّجَالَ إِلَى بَيْتِ يُوسُفَ وَأَعْطَاهُمْ مَاءً لِيَغْسِلُوا أَرْجُلَهُمْ، وَأَعْطَى عَلِيقًا لِحَمِيرِهِمْ. ٢٤ 24
जब सेवक उन्हें योसेफ़ के घर के भीतर ले गये, उसने उन्हें पांव धोने के लिए पानी दिया, सबने अपने पांव धोए, सेवक ने उनके गधों को चारा भी दिया.
وَهَيَّأُوا ٱلْهَدِيَّةَ إِلَى أَنْ يَجِيءَ يُوسُفُ عِنْدَ ٱلظُّهْرِ، لِأَنَّهُمْ سَمِعُوا أَنَّهُمْ هُنَاكَ يَأْكُلُونَ طَعَامًا. ٢٥ 25
दोपहर में योसेफ़ के घर पहुंचने से पहले योसेफ़ को देने के लिए जो भेंट वे लाए थे उन्हें तैयार किया क्योंकि योसेफ़ इन सबके साथ खाना खाने आनेवाले थे.
فَلَمَّا جَاءَ يُوسُفُ إِلَى ٱلْبَيْتِ أَحْضَرُوا إِلَيْهِ ٱلْهَدِيَّةَ ٱلَّتِي فِي أَيَادِيهِمْ إِلَى ٱلْبَيْتِ، وَسَجَدُوا لَهُ إِلَى ٱلْأَرْضِ. ٢٦ 26
योसेफ़ के घर पहुंचते ही जो भेंट वे उनके लिए लाए थे उन्हें उनको दिया और प्रणाम किया.
فَسَأَلَ عَنْ سَلَامَتِهِمْ، وَقَالَ: «أَسَالِمٌ أَبُوكُمُ ٱلشَّيْخُ ٱلَّذِي قُلْتُمْ عَنْهُ؟ أَحَيٌّ هُوَ بَعْدُ؟» ٢٧ 27
योसेफ़ ने सबका हाल पूछा और कहा, “क्या तुम्हारे बूढ़े पिता जिनके विषय में तुमने मुझे बताया था वह जीवित हैं?”
فَقَالُوا: «عَبْدُكَ أَبُونَا سَالِمٌ. هُوَ حَيٌّ بَعْدُ». وَخَرُّوا وَسَجَدُوا. ٢٨ 28
उन्होंने कहा, “हमारे पिता ठीक हैं, अभी तक जीवित हैं.” और आदर के साथ सिर झुकाकर प्रणाम किया.
فَرَفَعَ عَيْنَيْهِ وَنَظَرَ بَنْيَامِينَ أَخَاهُ ٱبْنَ أُمِّهِ، وَقَالَ: «أَهَذَا أَخُوكُمُ ٱلصَّغِيرُ ٱلَّذِي قُلْتُمْ لِي عَنْهُ؟» ثُمَّ قَالَ: «ٱللهُ يُنْعِمُ عَلَيْكَ يَا ٱبْنِي». ٢٩ 29
तब योसेफ़ ने बिन्यामिन को देखा, योसेफ़ ने पूछा, “क्या यही तुम्हारा छोटा भाई है, जिसके विषय में तुमने मुझसे बताया था?” योसेफ़ ने कहा, “मेरे पुत्र, तुम पर परमेश्वर की कृपा बनी रहे.”
وَٱسْتَعْجَلَ يُوسُفُ لِأَنَّ أَحْشَاءَهُ حَنَّتْ إِلَى أَخِيهِ وَطَلَبَ مَكَانًا لِيَبْكِيَ، فَدَخَلَ ٱلْمَخْدَعَ وَبَكَى هُنَاكَ. ٣٠ 30
यह कहकर योसेफ़ एकदम उठकर चले गए, क्योंकि अपने भाई को देखकर प्यार से उनकी आंखें भर आईं और एकांत में जाकर रोने लगे.
ثُمَّ غَسَلَ وَجْهَهُ وَخَرَجَ وَتَجَلَّدَ، وَقَالَ: «قَدِّمُوا طَعَامًا». ٣١ 31
वे अपना मुंह धोकर वापस बाहर आये और अपने आपको संभाला और कहा, “खाना परोसो.”
فَقَدَّمُوا لَهُ وَحْدَهُ، وَلَهُمْ وَحْدَهُمْ، وَلِلْمِصْرِيِّينَ ٱلْآكِلِينَ عِنْدَهُ وَحْدَهُمْ، لِأَنَّ ٱلْمِصْرِيِّينَ لَا يَقْدِرُونَ أَنْ يَأْكُلُوا طَعَامًا مَعَ ٱلْعِبْرَانِيِّينَ، لِأَنَّهُ رِجْسٌ عِنْدَ ٱلْمِصْرِيِّينَ. ٣٢ 32
योसेफ़ खाना खाने अलग बैठ गए और भाइयों को दूसरी ओर अलग बिठाया, क्योंकि मिस्री और इब्री एक साथ भोजन नहीं कर सकते.
فَجَلَسُوا قُدَّامَهُ: ٱلْبِكْرُ بِحَسَبِ بَكُورِيَّتِهِ، وَٱلصَّغِيرُ بِحَسَبِ صِغَرِهِ، فَبُهِتَ ٱلرِّجَالُ بَعْضُهُمْ إِلَى بَعْضٍ. ٣٣ 33
योसेफ़ के भाइयों को उनके सामने ही अपनी-अपनी आयु के क्रम से पंक्ति में बैठा गया; सबके पहले सबसे बड़ा, फिर उसका छोटा, फिर उसका छोटा. सभी भाई एक दूसरे को आश्चर्य से देखते रहे.
وَرَفَعَ حِصَصًا مِنْ قُدَّامِهِ إِلَيْهِمْ، فَكَانَتْ حِصَّةُ بَنْيَامِينَ أَكْثَرَ مِنْ حِصَصِ جَمِيعِهِمْ خَمْسَةَ أَضْعَافٍ. وَشَرِبُوا وَرَوُوا مَعَهُ. ٣٤ 34
योसेफ़ ने अपने लिए परोसे गए भोजन में से सबको दिया, लेकिन बिन्यामिन को पांच गुणा ज्यादा दिया गया. सबने योसेफ़ के साथ भरपेट खाया और पिया.

< اَلتَّكْوِينُ 43 >