< اَلتَّكْوِينُ 38 >

وَحَدَثَ فِي ذَلِكَ ٱلزَّمَانِ أَنَّ يَهُوذَا نَزَلَ مِنْ عِنْدِ إِخْوَتِهِ، وَمَالَ إِلَى رَجُلٍ عَدُّلَامِيٍّ ٱسْمُهُ حِيرَةُ. ١ 1
जब उन्हीं दिनों यहूदाह अपने भाइयों के बीच से निकलकर हीराह नामक अदुल्लामवासी व्यक्ति के साथ रहने चले गये.
وَنَظَرَ يَهُوذَا هُنَاكَ ٱبْنَةَ رَجُلٍ كَنْعَانِيٍّ ٱسْمُهُ شُوعٌ، فَأَخَذَهَا وَدَخَلَ عَلَيْهَا، ٢ 2
तब शुआ नामक एक कनानी व्यक्ति की पुत्री से मिले और उन्होंने उससे विवाह कर लिया और उससे प्रेम किया;
فَحَبِلَتْ وَوَلَدَتِ ٱبْنًا وَدَعَا ٱسْمَهُ «عِيرًا». ٣ 3
और उसने एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका एर नाम रखा.
ثُمَّ حَبِلَتْ أَيْضًا وَوَلَدَتِ ٱبْنًا وَدَعَتِ ٱسْمَهُ «أُونَانَ». ٤ 4
उसने एक और पुत्र को जन्म दिया और उसका नाम ओनान रखा.
ثُمَّ عَادَتْ فَوَلَدَتْ أَيْضًا ٱبْنًا وَدَعَتِ ٱسْمَهُ «شِيلَةَ». وَكَانَ فِي كَزِيبَ حِينَ وَلَدَتْهُ. ٥ 5
उसने एक और पुत्र को जन्म दिया, जिसका शेलाह नाम रखा. तब यहूदाह केज़ीब में रहते थे.
وَأَخَذَ يَهُوذَا زَوْجَةً لِعِيرٍ بِكْرِهِ ٱسْمُهَا ثَامَارُ. ٦ 6
यहूदाह ने एर, का विवाह तामार नामक स्त्री से किया.
وَكَانَ عِيرٌ بِكْرُ يَهُوذَا شِرِّيرًا فِي عَيْنَيِ ٱلرَّبِّ، فَأَمَاتَهُ ٱلرَّبُّ. ٧ 7
यहूदाह का बड़ा बेटा याहवेह के दृष्टि में दुष्ट था; इसलिये याहवेह ने उसे मार डाला.
فَقَالَ يَهُوذَا لِأُونَانَ: «ٱدْخُلْ عَلَى ٱمْرَأَةِ أَخِيكَ وَتَزَوَّجْ بِهَا، وَأَقِمْ نَسْلًا لِأَخِيكَ». ٨ 8
यहूदाह ने ओनान से कहा, “अपने भाई की पत्नी के साथ देवर का कर्तव्य पूरा करके अपने भाई के लिए संतान पैदा करो.”
فَعَلِمَ أُونَانُ أَنَّ ٱلنَّسْلَ لَا يَكُونُ لَهُ، فَكَانَ إِذْ دَخَلَ عَلَى ٱمْرَأَةِ أَخِيهِ أَنَّهُ أَفْسَدَ عَلَى ٱلْأَرْضِ، لِكَيْ لَا يُعْطِيَ نَسْلًا لِأَخِيهِ. ٩ 9
ओनान ने कहा, ये संतान मेरी नहीं होगी; इसलिये जब कभी वह समागम करता, अपना वीर्य भूमि पर गिरा देता था कि उससे उसके भाई के लिए कोई संतान पैदा न हो सके.
فَقَبُحَ فِي عَيْنَيِ ٱلرَّبِّ مَا فَعَلَهُ، فَأَمَاتَهُ أَيْضًا. ١٠ 10
उसका यह काम याहवेह को अच्छा नहीं लगा, इसलिये याहवेह ने उसके प्राण ले लिए.
فَقَالَ يَهُوذَا لِثَامَارَ كَنَّتِهِ: «ٱقْعُدِي أَرْمَلَةً فِي بَيْتِ أَبِيكِ حَتَّى يَكْبُرَ شِيلَةُ ٱبْنِي». لِأَنَّهُ قَالَ: «لَعَلَّهُ يَمُوتُ هُوَ أَيْضًا كَأَخَوَيْهِ». فَمَضَتْ ثَامَارُ وَقَعَدَتْ فِي بَيْتِ أَبِيهَا. ١١ 11
यह देख यहूदाह ने अपनी बहू तामार से कहा, “जब तक मेरा पुत्र शेलाह, विवाह के योग्य न हो जाए, अपने पिता के घर विधवा बनकर रहना.” यहूदाह को डर था कि इस पुत्र की भी मृत्यु उसके भाइयों के समान हो जाए. इसलिये तामार अपने पिता के घर चली गई.
وَلَمَّا طَالَ ٱلزَّمَانُ مَاتَتِ ٱبْنَةُ شُوعٍ ٱمْرَأَةُ يَهُوذَا. ثُمَّ تَعَزَّى يَهُوذَا فَصَعِدَ إِلَى جُزَّازِ غَنَمِهِ إِلَى تِمْنَةَ، هُوَ وَحِيرَةُ صَاحِبُهُ ٱلْعَدُّلَامِيُّ. ١٢ 12
बहुत समय बाद शुआ की पुत्री अर्थात् यहूदाह की पत्नी की मृत्यु हो गई. यहूदाह अपने शोक के समय के बाद अपनी भेड़ों के ऊन कतरने वालों के पास तिमनाह को गया. उसके साथ उसका मित्र अदुल्लामी हीराह भी था.
فَأُخْبِرَتْ ثَامَارُ وَقِيلَ لَهَا: «هُوَذَا حَمُوكِ صَاعِدٌ إِلَى تِمْنَةَ لِيَجُزَّ غَنَمَهُ». ١٣ 13
जब तामार को यह बताया गया, “तुम्हारे ससुर तिमनाह जा रहे हैं,”
فَخَلَعَتْ عَنْهَا ثِيَابَ تَرَمُّلِهَا، وَتَغَطَّتْ بِبُرْقُعٍ وَتَلَفَّفَتْ، وَجَلَسَتْ فِي مَدْخَلِ عَيْنَايِمَ ٱلَّتِي عَلَى طَرِيقِ تِمْنَةَ، لِأَنَّهَا رَأَتْ أَنَّ شِيلَةَ قَدْ كَبُرَ وَهِيَ لَمْ تُعْطَ لَهُ زَوْجَةً. ١٤ 14
तब तामार ने अपने विधवा के वस्त्र उतार दिए, और अपना मुंह घूंघट से छिपाकर एक चादर लपेट ली तथा तिमनाह के मार्ग पर एनाइम के प्रवेश द्वार पर बैठ गई. यह इसलिये किया क्योंकि उसका देवर शेलाह जवान हो चुका था तथा उससे उसका विवाह नहीं किया गया था.
فَنَظَرَهَا يَهُوذَا وَحَسِبَهَا زَانِيَةً، لِأَنَّهَا كَانَتْ قَدْ غَطَّتْ وَجْهَهَا. ١٥ 15
वहां से निकलते हुए उसे देख यहूदाह ने उसे वेश्या समझा, क्योंकि उसने मुंह ढक रखा था.
فَمَالَ إِلَيْهَا عَلَى ٱلطَّرِيقِ وَقَالَ: «هَاتِي أَدْخُلْ عَلَيْكِ». لِأَنَّهُ لَمْ يَعْلَمْ أَنَّهَا كَنَّتُهُ. فَقَالَتْ: «مَاذَا تُعْطِينِي لِكَيْ تَدْخُلَ عَلَيَّ؟» ١٦ 16
इसलिये यहूदाह उसके पास गया और उससे कहा, “मुझे तुम्हारे साथ संभोग करना है.” यहूदाह को यह मालूम नहीं था कि वह उसकी ही बहू थी. उसने पूछा, “क्या मजदूरी दोगे?”
فَقَالَ: «إِنِّي أُرْسِلُ جَدْيَ مِعْزَى مِنَ ٱلْغَنَمِ». فَقَالَتْ: «هَلْ تُعْطِينِي رَهْنًا حَتَّى تُرْسِلَهُ؟». ١٧ 17
यहूदाह ने उत्तर दिया, “मैं तुम्हें अपने झुंड में से एक बकरी भिजवा दूंगा.” तब तामार ने कहा, “उसे भिजवाने तक उसके बदले में क्या दोगे?”
فَقَالَ: «مَا ٱلرَّهْنُ ٱلَّذِي أُعْطِيكِ؟» فَقَالَتْ: «خَاتِمُكَ وَعِصَابَتُكَ وَعَصَاكَ ٱلَّتِي فِي يَدِكَ». فَأَعْطَاهَا وَدَخَلَ عَلَيْهَا، فَحَبِلَتْ مِنْهُ. ١٨ 18
यहूदाह ने पूछा, “क्या चाहती हो?” उसने उत्तर दिया, “तुम्हारी मुद्रामोहर, तुम्हारा बाजूबन्द तथा तुम्हारे हाथ की लाठी.” तब यहूदाह ने उसे ये देकर उससे संभोग किया और चला गया. तामार यहूदाह से गर्भवती हो गई.
ثُمَّ قَامَتْ وَمَضَتْ وَخَلَعَتْ عَنْهَا بُرْقُعَهَا وَلَبِسَتْ ثِيَابَ تَرَمُّلِهَا. ١٩ 19
तामार ने घर जाकर अपना विधवा वस्त्र वापस पहन लिया.
فَأَرْسَلَ يَهُوذَا جَدْيَ ٱلْمِعْزَى بِيَدِ صَاحِبِهِ ٱلْعَدُّلَامِيِّ لِيَأْخُذَ ٱلرَّهْنَ مِنْ يَدِ ٱلْمَرْأَةِ، فَلَمْ يَجِدْهَا. ٢٠ 20
जब यहूदाह ने अपने अदुल्लामी मित्र के हाथ वह शावक बकरी उस स्त्री के लिए भेजी, तो वहां उसे वह स्त्री नहीं मिली.
فَسَأَلَ أَهْلَ مَكَانِهَا قَائِلًا: «أَيْنَ ٱلزَّانِيَةُ ٱلَّتِي كَانَتْ فِي عَيْنَايِمَ عَلَى ٱلطَّرِيقِ؟» فَقَالُوا: «لَمْ تَكُنْ هَهُنَا زَانِيَةٌ». ٢١ 21
उसने आस-पास लोगों से पूछा, “वह वेश्या कहां है, जो एनाइम मार्ग पर बैठा करती है?” उन्होंने कहा, “यहां कोई वेश्या कभी थी ही नहीं.”
فَرَجَعَ إِلَى يَهُوذَا وَقَالَ: «لَمْ أَجِدْهَا. وَأَهْلُ ٱلْمَكَانِ أَيْضًا قَالُوا: لَمْ تَكُنْ هَهُنَا زَانِيَةٌ». ٢٢ 22
इसलिये वह यहूदाह के पास लौट गया और उसे बताया, “वह मुझे नहीं मिली. इतना ही नहीं, वहां लोगों ने बताया कि वहां तो कभी कोई वेश्या थी ही नहीं.”
فَقَالَ يَهُوذَا: «لِتَأْخُذْ لِنَفْسِهَا، لِئَلَّا نَصِيرَ إِهَانَةً. إِنِّي قَدْ أَرْسَلْتُ هَذَا ٱلْجَدْيَ وَأَنْتَ لَمْ تَجِدْهَا». ٢٣ 23
यह सुन यहूदाह ने उससे कहा, “तब तो उसे वे चीज़ें रख लेने दो अन्यथा तुच्छ हम ही बन जाएंगे. मैंने तो उसके लिए बकरी भिजवा दी थी, किंतु हम उसका पता नहीं लगा सके.”
وَلَمَّا كَانَ نَحْوُ ثَلَاثَةِ أَشْهُرٍ، أُخْبِرَ يَهُوذَا وَقِيلَ لَهُ: «قَدْ زَنَتْ ثَامَارُ كَنَّتُكَ، وَهَا هِيَ حُبْلَى أَيْضًا مِنَ ٱلزِّنَا». فَقَالَ يَهُوذَا: «أَخْرِجُوهَا فَتُحْرَقَ». ٢٤ 24
लगभग तीन माह बाद यहूदाह को बताया गया, “तुम्हारी बहू ने व्यभिचार किया है और वह गर्भवती है.” यहूदाह ने कहा, “उसे बाहर लाओ ताकि उसे जला दें!”
أَمَّا هِيَ فَلَمَّا أُخْرِجَتْ أَرْسَلَتْ إِلَى حَمِيهَا قَائِلَةً: «مِنَ ٱلرَّجُلِ ٱلَّذِي هَذِهِ لَهُ أَنَا حُبْلَى!» وَقَالَتْ: «حَقِّقْ لِمَنِ ٱلْخَاتِمُ وَٱلْعِصَابَةُ وَٱلْعَصَا هَذِهِ». ٢٥ 25
जब उसे बाहर ला रहे थे, तो उसने अपने ससुर को यह संदेश भेजा, “मैं उस व्यक्ति से गर्भवती हूं जिसकी ये वस्तुएं हैं.” तामार ने कहा, “देखो, कि यह मुद्रामोहर, बाजूबन्द तथा लाठी किसकी है?”
فَتَحَقَّقَهَا يَهُوذَا وَقَالَ: «هِيَ أَبَرُّ مِنِّي، لِأَنِّي لَمْ أُعْطِهَا لِشِيلَةَ ٱبْنِي». فَلَمْ يَعُدْ يَعْرِفُهَا أَيْضًا. ٢٦ 26
यहूदाह ने ये वस्तुएं देखते ही पहचान लीं और कहा, “वह तो मुझसे कम दोषी है, क्योंकि मैंने ही उसे शेलाह की पत्नी होने से रोका था.” यहूदाह ने उससे पुनः संभोग नहीं किया.
وَفِي وَقْتِ وِلَادَتِهَا إِذَا فِي بَطْنِهَا تَوْأَمَانِ. ٢٧ 27
जब प्रसव का समय आया तब पता चला कि उसके गर्भ में जुड़वां बच्‍चे हैं.
وَكَانَ فِي وِلَادَتِهَا أَنَّ أَحَدَهُمَا أَخْرَجَ يَدًا فَأَخَذَتِ ٱلْقَابِلَةُ وَرَبَطَتْ عَلَى يَدِهِ قِرْمِزًا، قَائِلَةً: «هَذَا خَرَجَ أَوَّلًا». ٢٨ 28
जब प्रसव पीड़ा हो रही थी एक ने हाथ बाहर निकाला तो धाय ने उसके हाथ में यह कहते हुए लाल डोरी बांध दी, “कि यह पहले जन्मा है.”
وَلَكِنْ حِينَ رَدَّ يَدَهُ، إِذَا أَخُوهُ قَدْ خَرَجَ. فَقَالَتْ: «لِمَاذَا ٱقْتَحَمْتَ؟ عَلَيْكَ ٱقْتِحَامٌ!». فَدُعِيَ ٱسْمُهُ «فَارِصَ». ٢٩ 29
लेकिन उसने अपना हाथ अंदर खींच लिया और उसके भाई का जन्म उससे पहले हुआ. तब धाय ने कहा, “तुम ही पहले बाहर निकलने में समर्थ हुए!” इसलिये उसका नाम पेरेज़ रखा.
وَبَعْدَ ذَلِكَ خَرَجَ أَخُوهُ ٱلَّذِي عَلَى يَدِهِ ٱلْقِرْمِزُ. فَدُعِيَ ٱسْمُهُ «زَارَحَ». ٣٠ 30
फिर उसके भाई का जन्म हुआ, जिसके हाथ पर वह लाल डोर बांधी गई थी. उसका नाम ज़ेराह रखा.

< اَلتَّكْوِينُ 38 >