< اَلتَّكْوِينُ 17 >

وَلَمَّا كَانَ أَبْرَامُ ٱبْنَ تِسْعٍ وَتِسْعِينَ سَنَةً ظَهَرَ ٱلرَّبُّ لِأَبْرَامَ وَقَالَ لَهُ: «أَنَا ٱللهُ ٱلْقَدِيرُ. سِرْ أَمَامِي وَكُنْ كَامِلًا، ١ 1
जब इब्रहाम निनानवे साल का हुआ तब ख़ुदावन्द इब्रहाम को नज़र आया और उससे कहा कि मैं ख़ुदा — ए — क़ादिर हूँ; तू मेरे सामने में चल और कामिल हो।
فَأَجْعَلَ عَهْدِي بَيْنِي وَبَيْنَكَ، وَأُكَثِّرَكَ كَثِيرًا جِدًّا». ٢ 2
और मैं अपने और तेरे बीच 'अहद बाँधूंगा और तुझे बहुत ज़्यादा बढ़ाऊँगा।
فَسَقَطَ أَبْرَامُ عَلَى وَجْهِهِ. وَتَكَلَّمَ ٱللهُ مَعَهُ قَائِلًا: ٣ 3
तब इब्रहाम सिज्दे में हो गया और ख़ुदा ने उससे हम — कलाम होकर फ़रमाया।
«أَمَّا أَنَا فَهُوَذَا عَهْدِي مَعَكَ، وَتَكُونُ أَبًا لِجُمْهُورٍ مِنَ ٱلْأُمَمِ، ٤ 4
कि देख मेरा 'अहद तेरे साथ है और तू बहुत क़ौमों का बाप होगा।
فَلَا يُدْعَى ٱسْمُكَ بَعْدُ أَبْرَامَ بَلْ يَكُونُ ٱسْمُكَ إِبْرَاهِيمَ، لِأَنِّي أَجْعَلُكَ أَبًا لِجُمْهُورٍ مِنَ ٱلْأُمَمِ. ٥ 5
और तेरा नाम फिर इब्रहाम नहीं कहलाएगा बल्कि तेरा नाम अब्रहाम होगा, क्यूँकि मैंने तुझे बहुत क़ौमों का बाप ठहरा दिया है।
وَأُثْمِرُكَ كَثِيرًا جِدًّا، وَأَجْعَلُكَ أُمَمًا، وَمُلُوكٌ مِنْكَ يَخْرُجُونَ. ٦ 6
और मैं तुझे बहुत कामयाब करूँगा और क़ौमें तेरी नसल से होंगी और बादशाह तेरी औलाद में से निकलेंगे।
وَأُقِيمُ عَهْدِي بَيْنِي وَبَيْنَكَ، وَبَيْنَ نَسْلِكَ مِنْ بَعْدِكَ فِي أَجْيَالِهِمْ، عَهْدًا أَبَدِيًّا، لِأَكُونَ إِلَهًا لَكَ وَلِنَسْلِكَ مِنْ بَعْدِكَ. ٧ 7
और मैं अपने और तेरे बीच, और तेरे बाद तेरी नसल के बीच उनकी सब नसलो के लिए अपना 'अहद जो अबदी 'अहद होगा, बांधूंगा ताकि मैं तेरा और तेरे बाद तेरी नसल का ख़ुदा रहूँ।
وَأُعْطِي لَكَ وَلِنَسْلِكَ مِنْ بَعْدِكَ أَرْضَ غُرْبَتِكَ، كُلَّ أَرْضِ كَنْعَانَ مُلْكًا أَبَدِيًّا. وَأَكُونُ إِلَهَهُمْ». ٨ 8
और मैं तुझ को और तेरे बाद तेरी नसल को, कनान का तमाम मुल्क जिसमें तू परदेसी है ऐसा दूँगा, कि वह हमेशा की मिल्कियत हो जाए; और मैं उनका ख़ुदा हूँगा।
وَقَالَ ٱللهُ لِإِبْرَاهِيمَ: «وَأَمَّا أَنْتَ فَتَحْفَظُ عَهْدِي، أَنْتَ وَنَسْلُكَ مِنْ بَعْدِكَ فِي أَجْيَالِهِمْ. ٩ 9
फिर ख़ुदा ने अब्रहाम से कहा कि तू मेरे 'अहद को मानना और तेरे बाद तेरी नसल पुश्त दर पुश्त उसे माने।
هَذَا هُوَ عَهْدِي ٱلَّذِي تَحْفَظُونَهُ بَيْنِي وَبَيْنَكُمْ، وَبَيْنَ نَسْلِكَ مِنْ بَعْدِكَ: يُخْتَنُ مِنْكُمْ كُلُّ ذَكَرٍ، ١٠ 10
और मेरा 'अहद जो मेरे और तेरे बीच और तेरे बाद तेरी नसल के बीच है, और जिसे तुम मानोगे वह यह है: कि तुम में से हर एक फ़र्ज़न्द — ए — नरीना का ख़तना किया जाए।
فَتُخْتَنُونَ فِي لَحْمِ غُرْلَتِكُمْ، فَيَكُونُ عَلَامَةَ عَهْدٍ بَيْنِي وَبَيْنَكُمْ. ١١ 11
और तुम अपने बदन की खलड़ी का ख़तना किया करना, और यह उस 'अहद का निशान होगा जो मेरे और तुम्हारे बीच है।
اِبْنَ ثَمَانِيَةِ أَيَّامٍ يُخْتَنُ مِنْكُمْ كُلُّ ذَكَرٍ فِي أَجْيَالِكُمْ: وَلِيدُ ٱلْبَيْتِ، وَٱلْمُبْتَاعُ بِفِضَّةٍ مِنْ كُلِّ ٱبْنِ غَرِيبٍ لَيْسَ مِنْ نَسْلِكَ. ١٢ 12
तुम्हारे यहाँ नसल — दर — नसल हर लड़के का ख़तना, जब वह आठ रोज़ का हो, किया जाए; चाहे वह घर में पैदा हो चाहे उसे किसी परदेसी से ख़रीदा हो जो तेरी नसल से नहीं।
يُخْتَنُ خِتَانًا وَلِيدُ بَيْتِكَ وَٱلْمُبْتَاعُ بِفِضَّتِكَ، فَيَكُونُ عَهْدِي فِي لَحْمِكُمْ عَهْدًا أَبَدِيًّا. ١٣ 13
लाज़िम है कि तेरे ख़ानाज़ाद और तेरे ग़ुलाम का ख़तना किया जाए, और मेरा 'अहद तुम्हारे जिस्म में अबदी 'अहद होगा।
وَأَمَّا ٱلذَّكَرُ ٱلْأَغْلَفُ ٱلَّذِي لَا يُخْتَنُ فِي لَحْمِ غُرْلَتِهِ فَتُقْطَعُ تِلْكَ ٱلنَّفْسُ مِنْ شَعْبِهَا. إِنَّهُ قَدْ نَكَثَ عَهْدِي». ١٤ 14
और वह फ़र्ज़न्द — ए — नरीना जिसका ख़तना न हुआ हो, अपने लोगों में से काट डाला जाए क्यूँकि उसने मेरा 'अहद तोड़ा।
وَقَالَ ٱللهُ لِإِبْرَاهِيمَ: «سَارَايُ ٱمْرَأَتُكَ لَا تَدْعُو ٱسْمَهَا سَارَايَ، بَلِ ٱسْمُهَا سَارَةُ. ١٥ 15
और ख़ुदा ने अब्रहाम से कहा, कि सारय जो तेरी बीवी है इसलिए उसको सारय न पुकारना, उसका नाम सारा होगा।
وَأُبَارِكُهَا وَأُعْطِيكَ أَيْضًا مِنْهَا ٱبْنًا. أُبَارِكُهَا فَتَكُونُ أُمَمًا، وَمُلُوكُ شُعُوبٍ مِنْهَا يَكُونُونَ». ١٦ 16
और मैं उसे बरकत दूँगा और उससे भी तुझे एक बेटा बख्शूँगा; यक़ीनन मैं उसे बरकत दूँगा कि क़ौमें उसकी नसल से होंगी और 'आलम के बादशाह उससे पैदा होंगे।
فَسَقَطَ إِبْرَاهِيمُ عَلَى وَجْهِهِ وَضَحِكَ، وَقَالَ فِي قَلْبِهِ: «هَلْ يُولَدُ لِٱبْنِ مِئَةِ سَنَةٍ؟ وَهَلْ تَلِدُ سَارَةُ وَهِيَ بِنْتُ تِسْعِينَ سَنَةً؟». ١٧ 17
तब अब्रहाम सिज्दे में हुआ और हँस कर दिल में कहने लगा कि क्या सौ साल के बूढ़े से कोई बच्चा होगा, और क्या सारा के जो नव्वे साल की है औलाद होगी?
وَقَالَ إِبْرَاهِيمُ لِلهِ: «لَيْتَ إِسْمَاعِيلَ يَعِيشُ أَمَامَكَ!». ١٨ 18
और अब्रहाम ने ख़ुदा से कहा कि काश इस्मा'ईल ही तेरे सामने ज़िन्दा रहे,
فَقَالَ ٱللهُ: «بَلْ سَارَةُ ٱمْرَأَتُكَ تَلِدُ لَكَ ٱبْنًا وَتَدْعُو ٱسْمَهُ إِسْحَاقَ. وَأُقِيمُ عَهْدِي مَعَهُ عَهْدًا أَبَدِيًّا لِنَسْلِهِ مِنْ بَعْدِهِ. ١٩ 19
तब ख़ुदा ने फ़रमाया, कि बेशक तेरी बीवी सारा के तुझ से बेटा होगा, तू उसका नाम इस्हाक़ रखना; और मैं उससे और फिर उसकी औलाद से अपना 'अहद जो अबदी 'अहद है बाँधूगा।
وَأَمَّا إِسْمَاعِيلُ فَقَدْ سَمِعْتُ لَكَ فِيهِ. هَا أَنَا أُبَارِكُهُ وَأُثْمِرُهُ وَأُكَثِّرُهُ كَثِيرًا جِدًّا. اِثْنَيْ عَشَرَ رَئِيسًا يَلِدُ، وَأَجْعَلُهُ أُمَّةً كَبِيرَةً. ٢٠ 20
और इस्मा'ईल के हक़ में भी मैंने तेरी दुआ सुनी; देख मैं उसे बरकत दूँगा और उसे कामयाब करूँगा और उसे बहुत बढ़ाऊँगा; और उससे बारह सरदार पैदा होंगे और मैं उसे बड़ी क़ौम बनाऊँगा।
وَلَكِنْ عَهْدِي أُقِيمُهُ مَعَ إِسْحَاقَ ٱلَّذِي تَلِدُهُ لَكَ سَارَةُ فِي هَذَا ٱلْوَقْتِ فِي ٱلسَّنَةِ ٱلْآتِيَةِ». ٢١ 21
लेकिन मैं अपना 'अहद इस्हाक़ से बाँधूगा जो अगले साल इसी वक़्त — ए — मुक़र्रर पर सारा से पैदा होगा।
فَلَمَّا فَرَغَ مِنَ ٱلْكَلَامِ مَعَهُ صَعِدَ ٱللهُ عَنْ إِبْرَاهِيمَ. ٢٢ 22
और जब ख़ुदा अब्रहाम से बातें कर चुका तो उसके पास से ऊपर चला गया।
فَأَخَذَ إِبْرَاهِيمُ إِسْمَاعِيلَ ٱبْنَهُ، وَجَمِيعَ وِلْدَانِ بَيْتِهِ، وَجَمِيعَ ٱلْمُبْتَاعِينَ بِفِضَّتِهِ، كُلَّ ذَكَرٍ مِنْ أَهْلِ بَيْتِ إِبْرَاهِيمَ، وَخَتَنَ لَحْمَ غُرْلَتِهِمْ فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ عَيْنِهِ كَمَا كَلَّمَهُ ٱللهُ. ٢٣ 23
तब अब्रहाम ने अपने बेटे इस्मा'ईल की और सब ख़ानाज़ादों और अपने सब ग़ुलामों को या'नी अपने घर के सब आदमियों को लिया और उसी दिन ख़ुदा के हुक्म के मुताबिक़ उन का ख़तना किया।
وَكَانَ إِبْرَاهِيمُ ٱبْنَ تِسْعٍ وَتِسْعِينَ سَنَةً حِينَ خُتِنَ فِي لَحْمِ غُرْلَتِهِ، ٢٤ 24
अब्रहाम निनानवे साल का था जब उसका ख़तना हुआ।
وَكَانَ إِسْمَاعِيلُ ٱبْنُهُ ٱبْنَ ثَلَاثَ عَشَرَةَ سَنَةً حِينَ خُتِنَ فِي لَحْمِ غُرْلَتِهِ. ٢٥ 25
और जब उसके बेटे इस्मा'ईल का ख़तना हुआ तो वह तेरह साल का था।
فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ عَيْنِهِ خُتِنَ إِبْرَاهِيمُ وَإِسْمَاعِيلُ ٱبْنُهُ. ٢٦ 26
अब्रहाम और उसके बेटे इस्मा'ईल का ख़तना एक ही दिन हुआ।
وَكُلُّ رِجَالِ بَيْتِهِ وِلْدَانِ ٱلْبَيْتِ وَٱلْمُبْتَاعِينَ بِٱلْفِضَّةِ مِنِ ٱبْنِ ٱلْغَرِيبِ خُتِنُوا مَعَهُ. ٢٧ 27
और उसके घर के सब आदमियों का ख़तना, ख़ानाज़ादों और उनका भी जो परदेसियों से ख़रीदे गए थे, उसके साथ हुआ।

< اَلتَّكْوِينُ 17 >