< حِزْقِيَال 45 >

«وَإِذَا قَسَمْتُمُ ٱلْأَرْضَ مِلْكًا، تُقَدِّمُونَ تَقْدِمَةً لِلرَّبِّ قُدْسًا مِنَ ٱلْأَرْضِ طُولُهُ خَمْسَةٌ وَعِشْرُونَ أَلْفًا طُولًا، وَٱلْعَرْضُ عَشَرَةُ آلَافٍ. هَذَا قُدْسٌ بِكُلِّ تُخُومِهِ حَوَالَيْهِ. ١ 1
और जब तुम ज़मीन को पर्ची डाल कर मीरास के लिए तक़सीम करो तो उसका एक पाक हिस्सा ख़ुदावन्द के सामने हदिया देना उसकी लम्बाई पच्चीस हज़ार और चौड़ाई दस हज़ार होगी वह अपने चारों तरफ़ की तमाम हदों में पाक होगा।
يَكُونُ لِلْقُدْسِ مِنْ هَذَا خَمْسُ مِئَةٍ فِي خَمْسِ مِئَةٍ، مُرَبَّعَةٍ حَوَالَيْهِ، وَخَمْسُونَ ذِرَاعًا مَسْرَحًا لَهُ حَوَالَيْهِ. ٢ 2
उसमें से एक कित'आ जिसकी लम्बाई पाँच सौ और चौड़ाई पाँच सौ, जो चारों तरफ़ बराबर है हैकल के लिए होगा, और उसके अहाते के लिए चारों तरफ़ पचास पचास हाथ की चौड़ाई होगी।
مِنْ هَذَا ٱلْقِيَاسِ تَقِيسُ طُولَ خَمْسَةٍ وَعِشْرِينَ أَلْفًا، وَعَرْضَ عَشَرَةِ آلَافٍ، وَفِيهِ يَكُونُ ٱلْمَقْدِسُ، قُدْسُ ٱلْأَقْدَاسِ. ٣ 3
और तू इस पैमाइश की पच्चीस हज़ार की लम्बाई और दस हज़ार की चौड़ाई नापेगा और उसमें हैकल होगा जो बहुत पाक है।
قُدْسٌ مِنَ ٱلْأَرْضِ هُوَ. يَكُونُ لِلْكَهَنَةِ خُدَّامِ ٱلْمَقْدِسِ ٱلْمُقْتَرِبِينَ لِخِدْمَةِ ٱلرَّبِّ، وَيَكُونُ لَهُمْ مَوْضِعًا لِلْبُيُوتِ وَمُقَدَّسًا لِلْمَقْدِسِ. ٤ 4
ज़मीन का यह पाक हिस्सा उन काहिनों के लिए होगा जो हैकल के ख़ादिम हैं, और जो ख़ुदावन्द के सामने ख़िदमत करने को आते हैं; और यह मक़ाम उनके घरों के लिए होगा, और हैकल के लिए पाक जगह होगी।
وَخَمْسَةٌ وَعِشْرُونَ أَلْفًا فِي ٱلطُّولِ وَعَشَرَةُ آلَافٍ فِي ٱلْعَرْضِ تَكُونُ لِلَّاوِيِّينَ خُدَّامِ ٱلْبَيْتِ لَهُمْ مِلْكًا. عِشْرُونَ مِخْدَعًا. ٥ 5
और पच्चीस हज़ार लम्बा और दस हज़ार चौड़ा, बनी लावी हैकल के ख़ादिमों के लिए होगा, ताकि बीस बस्तियों की जगह उनकी मिल्यक़ित हो।
وَتَجْعَلُونَ مِلْكَ ٱلْمَدِينَةِ خَمْسَةَ آلَافٍ عَرْضًا وَخَمْسَةً وَعِشْرِينَ أَلْفًا طُولًا، مُوازِيًا تَقْدِمَةَ ٱلْقُدْسِ، فَيَكُونُ لِكُلِّ بَيْتِ إِسْرَائِيلَ. ٦ 6
और तुम शहर का हिस्सा पाँच हज़ार चौड़ा और पच्चीस हज़ार लम्बा हैकल के हदिये वाले हिस्से के पास मुक़र्रर करना, यह तमाम बनी इस्राईल के लिए होगा।
«وَلِلرَّئِيسِ مِنْ هُنَا وَمِنْ هُنَاكَ مِنْ تَقْدِمَةِ ٱلْقُدْسِ، وَمِنْ مِلْكِ ٱلْمَدِينَةِ قُدَّامَ تَقْدِمَةِ ٱلْقُدْسِ وَقُدَّامَ مِلْكِ ٱلْمَدِينَةِ مِنْ جِهَةِ ٱلْغَرْبِ غَرْبًا، وَمِنْ جِهَةِ ٱلشَّرْقِ شَرْقًا، وَٱلطُّولُ مُوَازٍ أَحَدَ ٱلْقِسْمَيْنِ مِنْ تُخْمِ ٱلْغَرْبِ إِلَى تُخْمِ ٱلشَّرْقٍ. ٧ 7
और पाक हदिये वाले हिस्से की तरफ़ शहर के हिस्से की दोनों तरफ़, पाक हदिये वाले हिस्से के सामने और शहर के हिस्से के सामने दक्खिनी गोशे मग़रिब की तरफ़ और पूरबी गोशे पूरब की तरफ़ फ़रमरवाँ के लिए होगा; और लम्बाई में पच्छिमी सरहद से पूरबी सरहद तक उन हिस्सों में से एक के सामने होगा।
تَكُونُ لَهُ أَرْضًا مِلْكًا فِي إِسْرَائِيلَ، وَلَا تَعُودُ رُؤَسَائِي يَظْلِمُونَ شَعْبِي، وَٱلْأَرْضُ يُعْطُونَهَا لِبَيْتِ إِسْرَائِيلَ لِأَسْبَاطِهِمْ. ٨ 8
इस्राईल के बीच ज़मीन में से उसका यही हिस्सा होगा, और मेरे हाकिम फिर मेरे लोगों पर सितम न करेंगे; और ज़मीन को बनी — इस्राईल में उनके क़बीले के मुताबिक़ तक़सीम करेंगे।
«هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: يَكْفِيكُمْ يَا رُؤَسَاءَ إِسْرَائِيلَ. أَزِيلُوا ٱلْجَوْرَ وَٱلِٱغْتِصَابَ، وَأَجْرُوا ٱلْحَقَّ وَٱلْعَدْلَ. ٱرْفَعُوا ٱلظُّلْمَ عَنْ شَعْبِي، يَقُولُ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ. ٩ 9
ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि ऐ इस्राईल के हाकिमों, तुम्हारे लिए यही काफ़ी है; ज़ुल्म और लूट मार को दूर करो, 'अदालत — ओ — सदाक़त को 'अमल में लाओ, और मेरे लोगों पर से अपनी ज़ियादिती को ख़त्म करो; ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।
مَوَازِينُ حَقٍّ، وَإِيفَةُ حَقٍّ، وَبَثُّ حَقٍّ تَكُونُ لَكُمْ. ١٠ 10
और तुम पूरी तराज़ू और पूरा एफ़ा और पूरा बत रख्खा करो।
تَكُونُ ٱلْإِيفَةُ وَٱلْبَثُّ مِقْدَارًا وَاحِدًا، لِكَيْ يَسَعَ ٱلْبَثُّ عُشْرَ ٱلْحُومَرِ، وَٱلْإِيفَةُ عُشْرُ ٱلْحُومَرِ. عَلَى ٱلْحُومَرِ يَكُونُ مِقْدَارُهُمَا. ١١ 11
एफ़ा और बत एक ही वज़न का हो, ताकि बत में ख़ोमर का दसवाँ हिस्सा हो; और एफ़ा भी ख़ोमर का दसवाँ हिस्सा हो, उसका अन्दाज़ा ख़ोमर के मुताबिक़ हो।
وَٱلشَّاقِلُ عِشْرُونَ جِيرَةً. عِشْرُونَ شَاقِلًا وَخَمْسَةٌ وَعِشْرُونَ شَاقِلًا وَخَمْسَةَ عَشَرَ شَاقِلًا تَكُونُ مَنَّكُمْ. ١٢ 12
और मिस्क़ाल बीस जीरा हो; और बीस मिस्क़ाल, पच्चीस मिस्क़ाल, पन्द्रह मिस्क़ाल का तुम्हारा माना होगा।
«هَذِهِ هِيَ ٱلتَّقْدِمَةُ ٱلَّتِي تُقَدِّمُونَهَا: سُدْسَ ٱلْإِيفَةِ مِنْ حُومَرِ ٱلْحِنْطَةِ، وَتُعْطُونَ سُدْسَ ٱلْإِيفَةِ مِنْ حُومَرِ ٱلشَّعِيرِ. ١٣ 13
'और हदिया जो तुम पेश करोगे फ़िर यह है: गेहूँ के ख़ोमर से एफ़ा का छटा हिस्सा, और जौ के ख़ोमर से एफ़ा का छटा हिस्सा देना।
وَفَرِيضَةُ ٱلزَّيْتِ بَثٌّ مِنْ زَيْتٍ. اَلْبَثُّ عُشْرٌ مِنَ ٱلْكُرِّ، مِنْ عَشَرَةِ أَبْثَاثٍ لِلْحُومَرِ، لِأَنَّ عَشَرَةَ أَبْثَاثٍ حُومَرٌ. ١٤ 14
और तेल या'नी तेल के बत के बारे में यह हुक्म है कि तुम कुर में से, जो दस बत का ख़ोमर है, एक बत का दसवाँ हिस्सा देना क्यूँकि खोमर में दस बत हैं।
وَشَاةٌ وَاحِدَةٌ مِنَ ٱلضَّأْنِ مِنَ ٱلْمِئَتَيْنِ مِنْ سَقْيِ إِسْرَائِيلَ تَقْدِمَةً وَمُحْرَقَةً وَذَبَائِحَ سَلَامَةٍ، لِلْكَفَّارَةِ عَنْهُمْ، يَقُولُ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ. ١٥ 15
और गल्ला में से हर दोसो पीछे इस्राईल की सेराब चरागाह का एक बर्रा नज़र की क़ुर्बानी के लिए और सलामती की क़ुर्बानी के लिए ताकि उनके लिए कफ़्फ़ारा हो ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
وَهَذِهِ ٱلتَّقْدِمَةُ لِلرَّئِيسِ فِي إِسْرَائِيلَ تَكُونُ عَلَى كُلِّ شَعْبِ ٱلْأَرْضِ. ١٦ 16
मुल्क के सब लोग उस फ़रमारवाँ के लिए जो इस्राईल में है यही हदिया देंगे।
وَعَلَى ٱلرَّئِيسِ تَكُونُ ٱلْمُحْرَقَاتُ وَٱلتَّقْدِمَةُ وَٱلسَّكِيبُ فِي ٱلْأَعْيَادِ وَفِي ٱلشُّهُورِ وَفِي ٱلسُّبُوتِ وَفِي كُلِّ مَوَاسِمِ بَيْتِ إِسْرَائِيلَ. وَهُوَ يَعْمَلُ ذَبِيحَةَ ٱلْخَطِيَّةِ وَٱلتَّقْدِمَةَ وَٱلْمُحْرَقَةَ وَذَبَائِحَ ٱلسَّلَامَةِ، لِلْكَفَّارَةِ عَنْ بَيْتِ إِسْرَائِيلَ. ١٧ 17
और फ़रमारवाँ सोख़्तनी क़ुर्बानियाँ और नज़र की क़ुर्बानियाँ और तपावन 'अहदों और नए चाँद के वक़्तों और सबतों और बनी इस्राईल की तमाम मुक़र्रा 'ईदों में देगा वह ख़ता की क़ुर्बानी और नज़र की क़ुर्बानी और सोख़्तनी क़ुर्बानी और सलामती की क़ुर्बानियाँ बनी इस्राईल के कफ़्फ़ाराके लिए तैयार होगा।
«هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: فِي ٱلشَّهْرِ ٱلْأَوَّلِ، فِي أَوَّلِ ٱلشَّهْرِ، تَأْخُذُ ثَوْرًا مِنَ ٱلْبَقَرِ صَحِيحًا وَتُطَهِّرُ ٱلْمَقْدِسَ. ١٨ 18
ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है कि पहले महीने की पहली तारीख़ को तू एक बे 'ऐब बछड़ा लेना और हैकल को पाक करना
وَيَأْخُذُ ٱلْكَاهِنُ مِنْ دَمِ ذَبِيحَةِ ٱلْخَطِيَّةِ وَيَضَعُهُ عَلَى قَوَائِمِ ٱلْبَيْتِ، وَعَلَى زَوَايَا خُصْمِ ٱلْمَذْبَحِ ٱلْأَرْبَعِ، وَعَلَى قَوَائِمِ بَابِ ٱلدَّارِ ٱلدَّاخِلِيَّةِ. ١٩ 19
और काहिन ख़ता की क़ुर्बानी के बछड़े का ख़ून लेगा और उसमें से कुछ घर के सुतूनों पर और मज़बह की कुर्सी के चारों कोनों पर और अंदरूनी सहन के दरवाज़े की चौखटों पर लगाएगा।
وَهَكَذَا تَفْعَلُ فِي سَابِعِ ٱلشَّهْرِ عَنِ ٱلرَّجُلِ ٱلسَّاهِي أَوِ ٱلْغَوِيِّ، فَتُكَفِّرُونَ عَنِ ٱلْبَيْتِ. ٢٠ 20
और तू महीने की सातवीं तारीख़ को हर एक के लिए जो ख़ता करे और उसके लिए भी जो नादान है ऐसा ही करेगा इसी तरह तुम घर का कफ़्फ़ारा दिया करोगे।
فِي ٱلشَّهْرِ ٱلْأَوَّلِ، فِي ٱلْيَوْمِ ٱلرَّابِعِ عَشَرَ مِنَ ٱلشَّهْرِ، يَكُونُ لَكُمُ ٱلْفِصْحُ عِيدًا. سَبْعَةَ أَيَّامٍ يُؤْكَلُ ٱلْفَطِيرُ. ٢١ 21
तुम पहले महीने की चौदवीं तारीख़ को 'ईद फ़सह मनाना जो सात दिन की 'ईद है और उसमें बेख़मीरी रोटी खाई जाएगी।
وَيَعْمَلُ ٱلرَّئِيسُ فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ عَنْ نَفْسِهِ وَعَنْ كُلِّ شَعْبِ ٱلْأَرْضِ ثَوْرًا ذَبِيحَةَ خَطِيَّةٍ. ٢٢ 22
और उसी दिन फ़रमारवाँ अपने लिए और तमाम अहल — ए — मम्लुकत के लिए ख़ता की क़ुर्बानी के वास्ते एक बछड़ा तैयार कर रख्खेगा।
وَفِي سَبْعَةِ أَيَّامِ ٱلْعِيدِ يَعْمَلُ مُحْرَقَةً لِلرَّبِّ: سَبْعَةَ ثِيرَانٍ وَسَبْعَةَ كِبَاشٍ صَحِيحَةٍ، كُلَّ يَوْمٍ مِنَ ٱلسَّبْعَةِ ٱلْأَيَّامِ. وَكُلَّ يَوْمٍ تَيْسًا مِنَ ٱلْمَعْزِ ذَبِيحَةَ خَطِيَّةٍ. ٢٣ 23
और 'ईद के सातों दिन में वह हर रोज़ या'नी सात दिन तक सात बे'ऐब बछड़े और सात मेंढे मुहय्या करेगा ताकि ख़ुदावन्द के सामने सोख़्तनी क़ुर्बानी हों और हर रोज़ ख़ता की क़ुर्बानी के लिए एक बकरा।
وَيَعْمَلُ ٱلتَّقْدِمَةَ إِيفَةً لِلثَّوْرِ، وَإِيفَةً لِلْكَبْشِ، وَهِينًا مِن زَيْتٍ لِلْإِيفَةِ. ٢٤ 24
और हर एक बछड़े के लिए एक एफ़ा भर नज़र की क़ुर्बानी और हर मेंढे के लिए एक एफ़ा और फ़ी एफ़ा एक हींन तेल तैयार करेगा।
في ٱلشَّهْرِ ٱلسَّابِعِ، في ٱلْيَوْمِ ٱلْخَامِسِ عَشَرَ مِنَ ٱلشَّهْرِ، فِي ٱلْعِيدِ يَعْمَلُ مِثْلَ ذَلِكَ سَبْعَةَ أَيَّامٍ كَذَبِيحَةِ ٱلْخَطِيَّةِ وَكَٱلْمُحْرَقَةِ وَكَٱلتَّقْدِمَةِ وَكَٱلزَّيْتِ. ٢٥ 25
सातवें महीने की पन्दर्वीं तारीख़ को भी वह 'ईद के लिए जिस तरह से उसने इन सात दिनों में किया था तैयारी करेगा ख़ता की क़ुर्बानी और सोख़्तनी क़ुर्बानी और नज़र की क़ुर्बानी और तेल के मुताबिक़।

< حِزْقِيَال 45 >