< حِزْقِيَال 37 >

كَانَتْ عَلَيَّ يَدُ ٱلرَّبِّ، فَأَخْرَجَني بِرُوحِ ٱلرَّبِّ وَأَنْزَلَنِي فِي وَسْطِ ٱلْبُقْعَةِ وَهِيَ مَلآنَةٌ عِظَامًا، ١ 1
ख़ुदावन्द का हाथ मुझ पर था, और उसने मुझे अपनी रूह में उठा लिया और उस वादी में जो हड्डियों से पुर थी, मुझे उतार दिया।
وَأَمَرَّنِي عَلَيْهَا مِنْ حَوْلِهَا وَإِذَا هِيَ كَثِيرَةٌ جِدًّا عَلَى وَجْهِ ٱلْبُقْعَةِ، وَإِذَا هِيَ يَابِسَةٌ جِدًّا. ٢ 2
और मुझे उनके आसपास चारों तरफ़ फिराया, और देख, वह वादी के मैदान में ब — कसरत और बहुत सूखी थीं।
فَقَالَ لِي: «يَا ٱبْنَ آدَمَ، أَتَحْيَا هَذِهِ ٱلْعِظَامُ؟» فَقُلْتُ: «يَا سَيِّدُ ٱلرَّبُّ أَنْتَ تَعْلَمُ». ٣ 3
और उसने मुझे फ़रमाया, कि 'ऐ आदमज़ाद, क्या यह हड्डियाँ ज़िन्दा हो सकती हैं मेंने जवाब दिया, कि 'ऐ ख़ुदावन्द ख़ुदा, तू ही जानता है।
فَقَالَ لِي: «تَنَبَّأْ عَلَى هَذِهِ ٱلْعِظَامِ وَقُلْ لَهَا: أَيَّتُهَا ٱلْعِظَامُ ٱلْيَابِسَةُ، ٱسْمَعِي كَلِمَةَ ٱلرَّبِّ: ٤ 4
फिर उसने मुझे फ़रमाया, तू इन हड्डियों पर नबुव्वत कर और इनसे कह, ऐ सूखी हड्डियों, ख़ुदावन्द का कलाम सुनो।
هَكذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ لِهَذِهِ ٱلْعِظَامِ: هَأَنَذَا أُدْخِلُ فِيكُمْ رُوحًا فَتَحْيَوْنَ. ٥ 5
ख़ुदावन्द ख़ुदा इन हड्डियों को यूँ फ़रमाता है: कि मैं तुम्हारे अन्दर रूह डालूँगा और तुम ज़िन्दा हो जाओगी।
وَأَضَعُ عَلَيْكُمْ عَصَبًا وأَكْسِيكُمْ لَحْمًا وَأَبْسُطُ عَلَيْكُمْ جِلْدًا وَأَجْعَلُ فِيكُمْ رُوحًا، فَتَحْيَوْنَ وَتَعْلَمُونَ أَنِّي أَنَا ٱلرَّبُّ». ٦ 6
और तुम पर नसें फैलाऊँगा और गोश्त चढ़ाऊँगा, और तुम को चमड़ा पहनाऊँगा और तुम में दम फूकूँगा, और तुम ज़िन्दा होगी और जानोगी कि मैं ख़ुदावन्द हूँ।
فَتَنَبَّأْتُ كمَا أُمِرتُ. وَبَيْنَمَا أَنَا أَتنَبَّأُ كَانَ صَوْتٌ، وَإِذَا رَعْشٌ، فَتَقَارَبَتِ ٱلْعِظَامُ كُلُّ عَظْمٍ إِلَى عَظْمِهِ. ٧ 7
तब मैंने हुक्म के मुताबिक़ नबुव्वत की, और जब मैं नबुव्वत कर रहा था तो एक शोर हुआ, और देख, ज़लज़ला आया और हड्डियाँ आपस में मिल गई, हर एक हड्डी अपनी हड्डी से।
ونَظَرْتُ وَإِذَا بِٱلْعَصَبِ وَٱللَّحْمِ كَسَاهَا، وبُسِطَ ٱلْجِلْدُ علَيْهَا مِنْ فَوْقُ، وَلَيْسَ فِيهَا رُوحٌ. ٨ 8
और मैंने निगाह की तो क्या देखता हूँ कि नसें और गोश्त उन पर चढ़ आए, और उन पर चमड़े की पोशिश हो गई, लेकिन उनमें दम न था।
فَقَالَ لِي: «تَنَبَّأْ لِلرُّوحِ، تَنَبَّأْ يَاٱبْنَ آدَمَ، وَقُلْ لِلرُّوحِ: هَكذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: هَلُمَّ يَارُوحُ مِنَ ٱلرِّيَاحِ ٱلْأَرْبَعِ وَهُبَّ عَلَى هَؤُلَاءِ ٱلْقَتْلَى لِيَحْيَوْا». ٩ 9
तब उसने मुझे फ़रमाया, नबुव्वत कर, तू हवा से नबुव्वत कर ऐ आदमज़ाद, और हवा से कह, ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि ऐ दम, तू चारों तरफ़ से आ और इन मक़्तूलों पर फूँक कि ज़िन्दा हो जाएँ।
فَتَنَبَّأْتُ كَمَا أَمَرَني، فَدَخَلَ فِيهِمِ ٱلرُّوحُ، فَحَيُوا وَقَامُوا عَلَى أَقدَامِهِمْ جَيْشٌ عَظيمٌ جِدًّا جِدًّا. ١٠ 10
इसलिए मैंने हुक्म के मुताबिक़ नबुव्वत की और उनमें दम आया, और वह ज़िन्दा होकर अपने पाँव पर खड़ी हुई; एक बहुत बड़ा लश्कर!
ثُمَّ قَالَ لِي: «يَا ٱبْنَ آدَمَ، هَذِهِ ٱلعِظَامُ هِيَ كُلُّ بَيتِ إِسْرَائِيلَ. هَا هُمْ يَقُولُونَ: يَبِسَتْ عِظَامُنَا وَهَلَكَ رَجَاؤُنَا. قَدِ ٱنْقَطَعْنَا. ١١ 11
तब उसने मुझे फ़रमाया, कि 'ऐ आदमज़ाद, यह हड्डियाँ तमाम बनी — इस्राईल हैं; देख, यह कहते हैं, 'हमारी हड्डियाँ सूख गई और हमारी उम्मीद जाती रही, हम तो बिल्कुल फ़ना हो गए।
لِذَلِكَ تَنَبَّأْ وَقُلْ لَهُمْ: هَكذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: هَأَنَذَا أَفتَحُ قُبُورَكُمْ وأُصْعِدُكُمْ مِنْ قُبُورِكُمْ يَا شَعْبِي، وَآتِي بِكُمْ إِلَى أَرْضِ إِسْرَائِيلَ. ١٢ 12
इसलिए तू नबुव्वत कर और इनसे कह ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है कि ऐ मेरे लोगो, देखो मैं तुम्हारी क़ब्रों को खोलूँगा और तुम को उनसे बाहर निकालूँगा और इस्राईल के मुल्क में लाऊँगा।
فَتَعْلَمُونَ أَنِّي أَنَا ٱلرَّبُّ عِنْدَ فَتْحِي قُبُورَكُمْ وَإِصْعَادِي إِيَّاكُمْ مِنْ قُبُورِكُمْ يَاشَعْبِي. ١٣ 13
और ऐ मेरे लोगों जब मैं तुम्हारी क़ब्रों को खोलूँगा और तुम को उनसे बाहर निकालूँगा, तब तुम जानोगे कि ख़ुदावन्द मैं हूँ।
وأَجْعَلُ رُوحِي فِيكُمْ فتَحْيَوْنَ، وَأَجْعَلُكُمْ فِي أَرْضِكُمْ، فَتَعْلَمُونَ أَنِّي أنَا ٱلرَّبُّ تَكَلَّمْتُ وَأَفْعَلُ، يَقُولُ ٱلرَّبُّ». ١٤ 14
और मैं अपनी रूह तुम में डालूँगा और तुम ज़िन्दा हो जाओगे, और मैं तुम को तुम्हारे मुल्क में बसाऊँगा, तब तुम जानोगे कि मैं ख़ुदावन्द ने फ़रमाया और पूरा किया, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
وَكَانَ إِلَيَّ كَلَامُ ٱلرَّبِّ قَائِلًا: ١٥ 15
फिर ख़ुदा वन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ:
«وَأَنْتَ يَا ٱبْنَ آدَمَ، خُذْ لِنَفْسِكَ عَصًا وَاحِدَةً وَٱكْتُبْ عَلَيْهَا: لِيَهُوذَا وَلِبَنِي إِسْرَائِيلَ رُفَقَائِهِ. وَخُذْ عَصًا أُخْرَى وَٱكْتُبْ عَلَيْهَا: لِيُوسُفَ، عَصَا أَفْرَايِمَ وَكُلِّ بَيْتِ إِسْرَائِيلَ رُفَقَائِهِ. ١٦ 16
कि 'ऐ आदमज़ाद, एक छड़ी ले और उस पर लिख, 'यहूदाह और उसके रफ़ीक़ बनी — इस्राईल के लिए; फिर दूसरी छड़ी ले और उस पर यह लिख, 'इफ़्राईम की छड़ी यूसुफ़ और उसके रफ़ीक़ तमाम बनी इस्राईल के लिए।
وَٱقْرِنْهُمَا ٱلْوَاحِدَةَ بِٱلْأُخْرَى كَعَصًا وَاحِدَةٍ، فَتَصِيرَا وَاحِدَةً فِي يَدِكَ. ١٧ 17
और उन दोनों को जोड़ दे कि एक ही छड़ी तेरे लिए हों, और वह तेरे हाथ में एक होंगी।
فَإِذَا كَلَّمَكَ أَبْنَاءُ شَعْبِكَ قَائِلِينَ: أَمَا تُخْبِرُنَا مَا لَكَ وَهَذَا؟ ١٨ 18
और जब तेरी क़ौम के लोग तुझ से पूछे और कहें, कि “इन कामों से तेरा क्या मतलब है? क्या तू हमें नहीं बताएगा?”
فَقُلْ لَهُمْ: هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: هَأَنَذَا آخُذُ عَصَا يُوسُفَ ٱلَّتِي فِي يَدِ أَفْرَايِمَ وَأَسْبَاطَ إِسْرَائِيلَ رُفَقَاءَهُ، وَأَضُمُّ إِلَيْهَا عَصَا يَهُوذَا، وَأَجْعَلُهُمْ عَصًا وَاحِدَةً فَيَصِيرُونَ وَاحِدَةً فِي يَدِي. ١٩ 19
तो तू उनसे कहना, कि ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि देख, मैं यूसुफ़ की छड़ी को जो इफ़्राईम के हाथ में है, और उसके रफ़ीकों को जो इस्राईल के क़बीले हैं, लूँगा और यहूदाह की छड़ी के साथ जोड़ दूँगा और उनको एक ही छड़ी बना दूँगा और वह मेरे हाथ में एक होंगी।
وَتَكُونُ ٱلْعَصَوَانِ ٱللَّتَانِ كَتَبْتَ عَلَيْهِمَا فِي يَدِكَ أَمَامَ أَعْيُنِهِمْ. ٢٠ 20
और वह छड़ियाँ जिन पर तू लिखता है, उनकी आँखों के सामने तेरे हाथ में होंगी।
وَقُلْ لَهُمْ: هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: هَأَنَذَا آخُذُ بَنِي إِسْرَائِيلَ مِنْ بَيْنِ ٱلْأُمَمِ ٱلَّتِي ذَهَبُوا إِلَيْهَا، وَأَجْمَعُهُمْ مِنْ كُلِّ نَاحِيَةٍ، وَآتِي بِهِمْ إِلَى أَرْضِهِمْ، ٢١ 21
और तू उनसे कहना, कि ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि मैं बनी इस्राईल को क़ौमों के बीच से जहाँ जहाँ वह गए हैं निकाल लाऊँगा और हर तरफ़ से उनको इकठ्ठा करूँगा और उनको उनके मुल्क में लाऊँगा।
وَأُصَيِّرُهُمْ أُمَّةً وَاحِدَةً فِي ٱلْأَرْضِ عَلَى جِبَالِ إِسْرَائِيلَ، وَمَلِكٌ وَاحِدٌ يَكُونُ مَلِكًا عَلَيْهِمْ كُلِّهِمْ، وَلَا يَكُونُونَ بَعْدُ أُمَّتَيْنِ، وَلَا يَنْقَسِمُونَ بَعْدُ إِلَى مَمْلَكَتَيْنِ. ٢٢ 22
और मैं उनको उस मुल्क में इस्राईल के पहाड़ों पर एक ही क़ौम बनाऊँगा, और उन सब पर एक ही बादशाह होगा, और वह आगे को न दो क़ौमें होंगे और न दो मम्लकतों में तक़सीम किए जाएँगे।
وَلَا يَتَنَجَّسُونَ بَعْدُ بِأَصْنَامِهِمْ وَلَا بِرَجَاسَاتِهِمْ وَلَا بِشَيْءٍ مِنْ مَعَاصِيهِمْ، بَلْ أُخَلِّصُهُمْ مِنْ كُلِّ مَسَاكِنِهِمِ ٱلَّتِي فِيهَا أَخْطَأُوا، وَأُطَهِّرُهُمْ فَيَكُونُونَ لِي شَعْبًا وَأَنَا أَكُونُ لَهُمْ إِلَهًا. ٢٣ 23
और वह फिर अपने बुतों से और अपनी नफ़रत अन्गेज़ चीज़ों से और अपनी ख़ताकारी से, अपने आपको नापाक न करेंगे बल्कि मैं उनको उनके तमाम घरों से, जहाँ उन्होंने गुनाह किया है, छुड़ाऊँगा और उनको पाक करूँगा और वह मेरे लोग होंगे और मैं उनका ख़ुदा हूँगा।
وَدَاوُدُ عَبْدِي يَكُونُ مَلِكًا عَلَيْهِمْ، وَيَكُونُ لِجَمِيعِهِمْ رَاعٍ وَاحِدٌ، فَيَسْلُكُونَ فِي أَحْكَامِي وَيَحْفَظُونَ فَرَائِضِي وَيَعْمَلُونَ بِهَا. ٢٤ 24
'और मेरा बन्दा दाऊद उनका बादशाह होगा और उन सबका एक ही चरवाहा होगा, और वह मेरे हुक्मों पर चलेंगे और मेरे क़ानून को मानकर उन पर 'अमल करेंगे।
وَيَسْكُنُونَ فِي ٱلْأَرْضِ ٱلَّتِي أَعْطَيْتُ عَبْدِي يَعْقُوبَ إِيَّاهَا، ٱلَّتِي سَكَنَهَا آبَاؤُكُمْ، وَيَسْكُنُونَ فِيهَا هُمْ وَبَنُوهُمْ وَبَنُو بَنِيهِمْ إِلَى ٱلْأَبَدِ، وَعَبْدِي دَاوُدُ رَئِيسٌ عَلَيْهِمْ إِلَى ٱلْأَبَدِ. ٢٥ 25
और वह उस मुल्क में जो मैंने अपने बन्दा या'क़ूब को दिया जिसमें तुम्हारे बाप दादा बसते थे, बसेंगे और वह और उनकी औलाद और उनकी औलाद की औलाद हमेशा तक उसमें सुकूनत करेंगे और मेरा बन्दा दाऊद हमेशा के लिए उनका फरमारवा होगा।
وَأَقْطَعُ مَعَهُمْ عَهْدَ سَلَامٍ، فَيَكُونُ مَعَهُمْ عَهْدًا مُؤَبَّدًا، وَأُقِرُّهُمْ وَأُكَثِّرُهُمْ وَأَجْعَلُ مَقْدِسِي فِي وَسْطِهِمْ إِلَى ٱلْأَبَدِ. ٢٦ 26
और मैं उनके साथ सलामती का 'अहद बाधूँगा जो उनके साथ हमेशा का 'अहद होगा, और मैं उनको बसाऊँगा और फ़िरावानी बख्शूँगा और उनके बीच अपने हैकल को हमेशा के लिए क़ाईम करूँगा।
وَيَكُونُ مَسْكَنِي فَوْقَهُمْ، وَأَكُونُ لَهُمْ إِلَهًا وَيَكُونُونَ لِي شَعْبًا. ٢٧ 27
मेरा खे़मा भी उनके साथ होगा, मैं उनका ख़ुदा हूँगा और वह मेरे लोग होंगे।
فَتَعْلَمُ ٱلْأُمَمُ أَنِّي أَنَا ٱلرَّبُّ مُقَدِّسُ إِسْرَائِيلَ، إِذْ يَكُونُ مَقْدِسِي فِي وَسْطِهِمْ إِلَى ٱلْأَبَدِ». ٢٨ 28
और जब मेरा हैकल हमेशा के लिए उनके बीच रहेगा तो क़ौमें जानेंगी कि मैं ख़ुदावन्द इस्राईल को पाक करता हूँ।

< حِزْقِيَال 37 >