< حِزْقِيَال 36 >

«وَأَنْتَ يَا ٱبْنَ آدَمَ، فَتَنَبَّأْ لِجِبَالِ إِسْرَائِيلَ وَقُلْ: يَا جِبَالَ إِسْرَائِيلَ ٱسْمَعِي كَلِمَةَ ٱلرَّبِّ: ١ 1
“हे मनुष्य के पुत्र, इस्राएल के पर्वतों के लिये भविष्यवाणी करो और कहो, ‘हे इस्राएल के पर्वतों, याहवेह की बात सुनो.
هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: مِنْ أَجْلِ أَنَّ ٱلْعَدُوَّ قَالَ عَلَيْكُمْ: هَهْ! إِنَّ ٱلْمُرْتَفَعَاتِ ٱلْقَدِيمَةَ صَارَتْ لَنَا مِيرَاثًا، ٢ 2
परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: शत्रु ने तुमसे कहा, “आहा! पुराने ज़माने के ऊंचे स्थान हमारे हो गये हैं.”’
فَلِذَلِكَ تَنَبَّأْ وَقُلْ: هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: مِنْ أَجْلِ أَنَّهُمْ قَدْ أَخْرَبُوكُمْ وَتَهَمَّمُوكُمْ مِنْ كُلِّ جَانِبٍ لِتَكُونُوا مِيرَاثًا لِبَقِيَّةِ ٱلْأُمَمِ، وَأُصْعِدْتُمْ عَلَى شِفَاهِ ٱللِّسَانِ، وَصِرْتُمْ مَذَمَّةَ ٱلشَّعْبِ، ٣ 3
इसलिये भविष्यवाणी करके कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: क्योंकि उन्होंने तुम्हें सब तरफ लूटा और कुचला जिससे बाकी जातियों के अधिकार में हो गये और जनताओं की ईर्ष्यालु बात और बदनामी के विषय हो गये,
لِذَلِكَ فَٱسْمَعِي يَا جِبَالَ إِسْرَائِيلَ كَلِمَةَ ٱلسَّيِّدِ ٱلرَّبِّ: هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ لِلْجِبَالِ وَلِلْآكَامِ وَلِلْأَنْهَارِ وَلِلْأَوْدِيَةِ وَلِلْخِرَبِ ٱلْمُقْفِرَةِ وَلِلْمُدُنِ ٱلْمَهْجُورَةِ ٱلَّتِي صَارَتْ لِلنَّهْبِ وَٱلِٱسْتِهْزَاءِ لِبَقِيَّةِ ٱلْأُمَمِ ٱلَّذِينَ حَوْلَهَا. ٤ 4
इसलिये, हे इस्राएल के पर्वतों, परम प्रधान याहवेह की बात सुनो: परम प्रधान याहवेह के पर्वतों और पहाड़ियों, तराइयों और घाटियों, उजाड़ खंडहरों और त्याग दिये गये नगरों, जो लूट लिये गये हैं और जिनकी तुम्हारे चारों तरफ की बाकी जातियां हंसी उड़ाती हैं, इन सबसे कहना है—
مِنْ أَجْلِ ذَلِكَ هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: إِنِّي فِي نَارِ غَيْرَتِي تَكَلَّمْتُ عَلَى بَقِيَّةِ ٱلْأُمَمِ وَعَلَى أَدُومَ كُلِّهَا، ٱلَّذِينَ جَعَلُوا أَرْضِي مِيرَاثًا لَهُمْ بِفَرَحِ كُلِّ ٱلْقَلْبِ وَبُغْضَةِ نَفْسٍ لِنَهْبِهَا غَنِيمَةً. ٥ 5
परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: अपने अति उत्साह में, मैंने बाकी जातियों के विरुद्ध और सारे एदोम के विरुद्ध कहा है, क्योंकि खुशी और अपने मन में ईर्ष्या के कारण, उन्होंने मेरे देश को अपने अधिकार में ले लिया ताकि वे इसके चरागाह को लूट सकें.’
فَتَنَبَّأْ عَلَى أَرْضِ إِسْرَائِيلَ وَقُلْ لِلْجِبَالِ وَلِلْتِّلَالِ وَلِلْأَنْهَارِ وَلِلْأَوْدِيَةِ: هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: هَأَنَذَا فِي غَيْرَتِي وَفِي غَضَبِي تَكَلَّمْتُ مِنْ أَجْلِ أَنَّكُمْ حَمَلْتُمْ تَعْيِيرَ ٱلْأُمَمِ. ٦ 6
इसलिये इस्राएल देश के बारे में भविष्यवाणी करो और पर्वतों और पहाड़ियों, तराइयों तथा घाटियों से कहो: ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं ईर्ष्यालु कोप में होकर कहता हूं क्योंकि तुमने जाति-जाति के लोगों के अपमान को सहा है.
لِذَلِكَ هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: إِنِّي رَفَعْتُ يَدِي، فَٱلْأُمَمُ ٱلَّذِينَ حَوْلَكُمْ هُمْ يَحْمِلُونَ تَعْيِيرَهُمْ. ٧ 7
इसलिये परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं हाथ उठाकर शपथ खाता हूं कि तुम्हारे चारों तरफ की जातियां भी अपमान सहेंगी.
أَمَّا أَنْتُمْ يَا جِبَالَ إِسْرَائِيلَ، فَإِنَّكُمْ تُنْبِتُونَ فُرُوعَكُمْ وَتُثْمِرُونَ ثَمَرَكُمْ لِشَعْبِي إِسْرَائِيلَ، لِأَنَّهُ قَرِيبُ ٱلْإِتْيَانِ. ٨ 8
“‘पर हे इस्राएल के पर्वतों, तुममें मेरे इस्राएली लोगों के लिये शाखाएं और फल पैदा होंगे, क्योंकि वे जल्दी घर लौट आएंगे.
لِأَنِّي أَنَا لَكُمْ وَأَلْتَفِتُ إِلَيْكُمْ فَتُحْرَثُونَ وَتُزْرَعُونَ. ٩ 9
मैं तुम्हारे लिये चिंतित हूं और तुम पर कृपादृष्टि रखूंगा; तुममें हल चलाया जाएगा और बीज बोया जाएगा,
وَأُكَثِّرُ ٱلنَّاسَ عَلَيْكُمْ، كُلَّ بَيْتِ إِسْرَائِيلَ بِأَجْمَعِهِ، فَتُعْمَرُ ٱلْمُدُنُ وَتُبْنَى ٱلْخِرَبُ. ١٠ 10
और मैं तुम पर बहुत से लोगों को बसाऊंगा—जी हां, पूरे इस्राएल के नगर बसाये जाएंगे और खंडहर हो गये स्थान फिर से बनाये जाएंगे.
وَأُكَثِّرُ عَلَيْكُمُ ٱلْإِنْسَانَ وَٱلْبَهِيمَةَ فَيَكْثُرُونَ وَيُثْمِرُونَ، وَأُسَكِّنُكُمْ حَسَبَ حَالَتِكُمُ ٱلْقَدِيمَةِ، وَأُحْسِنُ إِلَيْكُمْ أَكْثَرَ مِمَّا فِي أَوَائِلِكُمْ، فَتَعْلَمُونَ أَنِّي أَنَا ٱلرَّبُّ. ١١ 11
मैं तुममें रहनेवाले मनुष्यों एवं पशुओं की संख्या को बढ़ाऊंगा, वे फलवंत होंगे और संख्या में बहुत हो जाएंगे. मैं पहले की तरह तुममें लोगों को बसाऊंगा और मैं तुम्हें पहले से ज्यादा समृद्ध करूंगा. तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं.
وَأُمَشِّي ٱلنَّاسَ عَلَيْكُمْ شَعْبِي إِسْرَائِيلَ، فَيَرِثُونَكَ فَتَكُونُ لَهُمْ مِيرَاثًا وَلَا تَعُودُ بَعْدُ تُثْكِلُهُمْ. ١٢ 12
मैं ऐसा करूंगा कि लोग अर्थात् मेरे लोग इस्राएल तुममें बसेंगे. वे तुम पर अधिकार कर लेंगे, और तुम उनका उत्तराधिकार होगे; तुम फिर कभी उन्हें उनके संतान से वंचित नहीं करोगे.
هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: مِنْ أَجْلِ أَنَّهُمْ قَالُوا لَكُمْ: أَنْتِ أَكَّالَةُ ٱلنَّاسِ وَمُثْكِلَةُ شُعُوبِكِ. ١٣ 13
“‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: क्योंकि कुछ लोग तुम्हें कहते हैं, “तुम लोगों को खा जाते हो और अपनी जाति को उसके बच्चों से वंचित करते हो,”
لِذَلِكَ لَنْ تَأْكُلِي ٱلنَّاسَ بَعْدُ، وَلَا تُثْكِلِي شُعُوبَكِ بَعْدُ، يَقُولُ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ. ١٤ 14
इसलिये तुम फिर लोगों को नहीं खाओगे या अपनी जाति को संतानरहित नहीं करोगे, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.
وَلَا أُسَمِّعُ فِيكِ مِنْ بَعْدُ تَعْيِيرَ ٱلْأُمَمِ، وَلَا تَحْمِلِينَ تَعْيِيرَ ٱلشُّعُوبِ بَعْدُ، وَلَا تُعْثِرِينَ شُعُوبَكِ بَعْدُ، يَقُولُ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ». ١٥ 15
मैं फिर तुम्हें जाति-जाति के लोगों से ताना नहीं सुनवाऊंगा और फिर तुम्हें लोगों से अपमान सहना न पड़ेगा या तुम अपनी जाति के गिरने का कारण न बनोगे, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.’”
وَكَانَ إِلَيَّ كَلَامُ ٱلرَّبِّ قَائِلًا: ١٦ 16
याहवेह का वचन फिर मेरे पास आया:
«يَا ٱبْنَ آدَمَ، إِنَّ بَيْتَ إِسْرَائِيلَ لَمَّا سَكَنُوا أَرْضَهُمْ نَجَّسُوهَا بِطَرِيقِهِمْ وَبِأَفْعَالِهِمْ. كَانَتْ طَرِيقُهُمْ أَمَامِي كَنَجَاسَةِ ٱلطَّامِثِ، ١٧ 17
“हे मनुष्य के पुत्र, जब इस्राएल के लोग अपने देश में रह रहे थे, तब उन्होंने उसे अपने चालचलन और कार्यों के द्वारा अशुद्ध किया. मेरी दृष्टि में उनका चालचलन एक स्त्री के माहवारी अशुद्धता के जैसा था.
فَسَكَبْتُ غَضَبِي عَلَيْهِمْ لِأَجْلِ ٱلدَّمِ ٱلَّذِي سَفَكُوهُ عَلَى ٱلْأَرْضِ، وَبِأَصْنَامِهِمْ نَجَّسُوهَا. ١٨ 18
इसलिये मेरा कोप उन पर भड़का क्योंकि उन्होंने देश में खून बहाया था और इसे अपनी मूर्तियों से अशुद्ध किया था.
فَبَدَّدْتُهُمْ فِي ٱلْأُمَمِ فَتَذَرَّوْا فِي ٱلْأَرَاضِي. كَطَرِيقِهِمْ وَكَأَفْعَالِهِمْ دِنْتُهُمْ. ١٩ 19
मैंने उन्हें जाति-जाति के लोगों के बीच तितर-बितर कर दिया, और वे सारे देशों में बिखर गए; मैंने उनके चालचलन और उनके कार्यों के अनुसार उनका न्याय किया.
فَلَمَّا جَاءُوا إِلَى ٱلْأُمَمِ حَيْثُ جَاءُوا نَجَّسُوا ٱسْمِي ٱلْقُدُّوسَ، إِذْ قَالُوا لَهُمْ: هَؤُلَاءِ شَعْبُ ٱلرَّبِّ وَقَدْ خَرَجُوا مِنْ أَرْضِهِ. ٢٠ 20
और जहां कहीं भी वे जाति-जाति के लोगों के बीच गये, उन्होंने मेरे पवित्र नाम को अपवित्र किया, क्योंकि उनसे यह कहा गया था, ‘ये याहवेह के लोग हैं, तौभी उन्हें उसका देश छोड़ना पड़ा.’
فَتَحَنَّنْتُ عَلَى ٱسْمِي ٱلْقُدُّوسِ ٱلَّذِي نَجَّسَهُ بَيْتُ إِسْرَائِيلَ فِي ٱلْأُمَمِ حَيْثُ جَاءُوا. ٢١ 21
मुझे मेरे पवित्र नाम की चिंता थी, जिसे इस्राएल के लोग जहां भी गये, वहां जनताओं के बीच अपवित्र किया.
«لِذَلِكَ فَقُلْ لِبَيْتِ إِسْرَائِيلَ: هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: لَيْسَ لِأَجْلِكُمْ أَنَا صَانِعٌ يَا بَيْتَ إِسْرَائِيلَ، بَلْ لِأَجْلِ ٱسْمِي ٱلْقُدُّوسِ ٱلَّذِي نَجَّسْتُمُوهُ فِي ٱلْأُمَمِ حَيْثُ جِئْتُمْ. ٢٢ 22
“इसलिये इस्राएलियों से कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: हे इस्राएल के लोगों, जो कुछ मैं करने जा रहा हूं, वह तुम्हारे कारण नहीं, पर अपने पवित्र नाम के लिए करने जा रहा हूं, जिसे तुम जहां भी गये, वहां तुमने जनताओं के बीच अपवित्र किया.
فَأُقَدِّسُ ٱسْمِي ٱلْعَظِيمَ ٱلْمُنَجَّسَ فِي ٱلْأُمَمِ، ٱلَّذِي نَجَّسْتُمُوهُ فِي وَسْطِهِمْ، فَتَعْلَمُ ٱلْأُمَمُ أَنِّي أَنَا ٱلرَّبُّ، يَقُولُ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ، حِينَ أَتَقَدَّسُ فِيكُمْ قُدَّامَ أَعْيُنِهِمْ. ٢٣ 23
मैं अपने बड़े नाम की पवित्रता को दिखाऊंगा, जिसे तुमने जनताओं के बीच अपवित्र किया, वह नाम जिसे तुमने उनके बीच अपवित्र किया. तब लोग जानेंगे कि मैं याहवेह हूं, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है, जब मैं उनके आंखों के सामने तुम्हारे द्वारा पवित्र ठहरूंगा.
وَآخُذُكُمْ مِنْ بَيْنِ ٱلْأُمَمِ وَأَجْمَعُكُمْ مِنْ جَمِيعِ ٱلْأَرَاضِي وَآتِي بِكُمْ إِلَى أَرْضِكُمْ. ٢٤ 24
“‘क्योंकि मैं तुम्हें जातियों में से निकाल लूंगा; मैं तुम्हें सब देशों से इकट्ठा करूंगा और तुम्हें तुम्हारे स्वयं के देश में ले आऊंगा.
وَأَرُشُّ عَلَيْكُمْ مَاءً طَاهِرًا فَتُطَهَّرُونَ. مِنْ كُلِّ نَجَاسَتِكُمْ وَمِنْ كُلِّ أَصْنَامِكُمْ أُطَهِّرُكُمْ. ٢٥ 25
मैं तुम पर शुद्ध पानी छिड़कूंगा, और तुम शुद्ध हो जाओगे; मैं तुम्हें तुम्हारे सब अशुद्धियों से और तुम्हारे सब मूर्तियों से शुद्ध करूंगा.
وَأُعْطِيكُمْ قَلْبًا جَدِيدًا، وَأَجْعَلُ رُوحًا جَدِيدَةً فِي دَاخِلِكُمْ، وَأَنْزِعُ قَلْبَ ٱلْحَجَرِ مِنْ لَحْمِكُمْ وَأُعْطِيكُمْ قَلْبَ لَحْمٍ. ٢٦ 26
मैं तुम्हें एक नया हृदय दूंगा और तुममें एक नई आत्मा डालूंगा; मैं तुमसे तुम्हारे पत्थर के हृदय को हटा दूंगा और तुम्हें मांस का एक हृदय दूंगा.
وَأَجْعَلُ رُوحِي فِي دَاخِلِكُمْ، وَأَجْعَلُكُمْ تَسْلُكُونَ فِي فَرَائِضِي، وَتَحْفَظُونَ أَحْكَامِي وَتَعْمَلُونَ بِهَا. ٢٧ 27
और मैं अपनी आत्मा तुममें डालूंगा और ऐसा करूंगा कि तुम मेरे नियमों पर चलोगे और मेरे कानूनों पर सावधानीपूर्वक चलोगे.
وَتَسْكُنُونَ ٱلْأَرْضَ ٱلَّتِي أَعْطَيْتُ آبَاءَكُمْ إِيَّاهَا، وَتَكُونُونَ لِي شَعْبًا وَأَنَا أَكُونُ لَكُمْ إِلَهًا. ٢٨ 28
तब तुम उस देश में रहोगे, जिसे मैंने तुम्हारे पूर्वजों को दिया था; तुम मेरे लोग होगे और मैं तुम्हारा परमेश्वर ठहरूंगा.
وَأُخَلِّصُكُمْ مِنْ كُلِّ نَجَاسَاتِكُمْ. وَأَدْعُو ٱلْحِنْطَةَ وَأُكَثِّرُهَا وَلَا أَضَعُ عَلَيْكُمْ جُوعًا. ٢٩ 29
मैं तुम्हें तुम्हारी सब अशुद्धता से छुड़ाऊंगा. मैं अनाज के लिये आज्ञा दूंगा और इसे प्रचूर मात्रा में कर दूंगा और तुम पर अकाल नहीं लाऊंगा.
وَأُكَثِّرُ ثَمَرَ ٱلشَّجَرِ وَغَلَّةَ ٱلْحَقْلِ لِكَيْلَا تَنَالُوا بَعْدُ عَارَ ٱلْجُوعِ بَيْنَ ٱلْأُمَمِ. ٣٠ 30
मैं पेड़ों के फलों की संख्या में वृद्धि करूंगा और खेत के फसल को भी अधिक उपजाऊंगा, ताकि तुम्हें अकाल के कारण जाति-जाति के लोगों के बीच कलंकित न होना पड़े.
فَتَذْكُرُونَ طُرُقَكُمُ ٱلرَّدِيئَةَ وَأَعْمَالَكُمْ غَيْرَ ٱلصَّالِحَةِ، وَتَمْقُتُونَ أَنْفُسَكُمْ أَمَامَ وُجُوهِكُمْ مِنْ أَجْلِ آثَامِكُمْ وَعَلَى رَجَاسَاتِكُمْ. ٣١ 31
तब तुम्हारे बुरे चालचलन और दुष्कर्म तुम्हें याद आएंगे, और तुम अपने पापों और घृणित कार्यों के कारण अपने आपसे घृणा करने लगोगे.
لَا مِنْ أَجْلِكُمْ أَنَا صَانِعٌ، يَقُولُ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ، فَلْيَكُنْ مَعْلُومًا لَكُمْ. فَٱخْجَلُوا وَٱخْزَوْا مِنْ طُرُقِكُمْ يَا بَيْتَ إِسْرَائِيلَ. ٣٢ 32
मैं तुम्हें बताना चाहता हूं कि मैं यह सब तुम्हारे हित में नहीं कर रहा हूं, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है. हे इस्राएल लोगों, अपने आचरण के कारण लज्जित और कलंकित हो!
هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: فِي يَوْمِ تَطْهِيرِي إِيَّاكُمْ مِنْ كُلِّ آثَامِكُمْ، أُسْكِنُكُمْ فِي ٱلْمُدُنِ، فَتُبْنَى ٱلْخِرَبُ. ٣٣ 33
“‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: जिस दिन मैं तुम्हें तुम्हारे सब पापों से शुद्ध करूंगा, मैं तुम्हारे नगरों को पुनर्स्थापित करूंगा, और खंडहर फिर बनाये जाएंगे.
وَتُفْلَحُ ٱلْأَرْضُ ٱلْخَرِبَةُ عِوَضًا عَنْ كَوْنِهَا خَرِبَةً أَمَامَ عَيْنَيْ كُلِّ عَابِرٍ. ٣٤ 34
उजाड़ भूमि पर फसल उगाई जाएगी, इसके बदले कि वह वहां से आने-जानेवाले लोगों की दृष्टि में उजाड़ पड़ा रहे.
فَيَقُولُونَ: هَذِهِ ٱلْأَرْضُ ٱلْخَرِبَةُ صَارَتْ كَجَنَّةِ عَدْنٍ، وَٱلْمُدُنُ ٱلْخَرِبَةُ وَٱلْمُقْفِرَةُ وَٱلْمُنْهَدِمَةُ مُحَصَّنَةً مَعْمُورَةً. ٣٥ 35
वे कहेंगे, “यह देश जो उजड़ा पड़ा था, अब एदेन की वाटिका जैसा हो गया है; वे शहर जो खंडहर, उजड़े और नष्ट हो गये थे, वे अब गढ़वाले हो गये हैं और लोग वहां रहने लगे हैं.”
فَتَعْلَمُ ٱلْأُمَمُ ٱلَّذِينَ تُرِكُوا حَوْلَكُمْ أَنِّي أَنَا ٱلرَّبُّ، بَنَيْتُ ٱلْمُنْهَدِمَةَ وَغَرَسْتُ ٱلْمُقْفِرَةَ. أَنَا ٱلرَّبُّ تَكَلَّمْتُ وَسَأَفْعَلُ. ٣٦ 36
तब वे जातियां, जो तुम्हारे आस-पास बची हुई हैं, वे यह जानेंगी कि मैं याहवेह ने ही नष्ट हुए स्थानों को फिर से बनाया है और उजाड़े स्थानों को फिर से बसाया है. मैं याहवेह ने यह कहा है और मैं इसको पूरा भी करूंगा.’
هَكَذَا قَالَ السَّيِّدُ الرَّبُّ: بَعْدَ هَذِهِ أُطْلَبُ مِنْ بَيْتِ إِسْرَائِيلَ لِأَفْعَلَ لَهُمْ. أُكَثِّرُهُمْ كَغَنَمِ أُنَاسٍ، ٣٧ 37
“परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: एक बार फिर मैं इस्राएल की प्रार्थना को स्वीकार करूंगा और उनके लिये यह करूंगा: मैं उनके लोगों की संख्या को भेड़-बकरियों की तरह अत्यधिक करूंगा,
كَغَنَمِ مَقْدِسٍ، كَغَنَمِ أُورُشَلِيمَ فِي مَوَاسِمِهَا، فَتَكُونُ ٱلْمُدُنُ ٱلْخَرِبَةُ مَلآنَةً غَنَمَ أُنَاسٍ، فَيَعْلَمُونَ أَنِّي أَنَا ٱلرَّبُّ». ٣٨ 38
उन्हें पशुओं के उस झुंड के समान अत्यधिक करूंगा, जो येरूशलेम में ठहराये गए त्योहारों के लिये होते हैं. इस प्रकार वे खंडहर हुए शहर लोगों के झुंड से भर जाएंगे. तब वे जानेंगे कि मैं याहवेह हूं.”

< حِزْقِيَال 36 >