< حِزْقِيَال 13 >

وَكَانَ إِلَيَّ كَلَامُ ٱلرَّبِّ قَائِلًا: ١ 1
यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा,
«يَا ٱبْنَ آدَمَ، تَنَبَّأْ عَلَى أَنْبِيَاءِ إِسْرَائِيلَ ٱلَّذِينَ يَتَنَبَّأُونَ، وَقُلْ لِلَّذِينَ هُمْ أَنْبِيَاءُ مِنْ تِلْقَاءِ ذَوَاتِهِمِ: ٱسْمَعُوا كَلِمَةَ ٱلرَّبِّ. ٢ 2
“हे मनुष्य के सन्तान, इस्राएल के जो भविष्यद्वक्ता अपने ही मन से भविष्यद्वाणी करते हैं, उनके विरुद्ध भविष्यद्वाणी करके तू कह, ‘यहोवा का वचन सुनो।’
هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: وَيْلٌ لِلْأَنْبِيَاءِ ٱلْحَمْقَى ٱلذَّاهِبِينَ وَرَاءَ رُوحِهِمْ وَلَمْ يَرَوْا شَيْئًا. ٣ 3
प्रभु यहोवा यह कहता है: हाय, उन मूर्ख भविष्यद्वक्ताओं पर जो अपनी ही आत्मा के पीछे भटक जाते हैं, और कुछ दर्शन नहीं पाया!
أَنْبِيَاؤُكَ يَا إِسْرَائِيلُ صَارُوا كَٱلثَّعَالِبِ فِي ٱلْخِرَبِ. ٤ 4
हे इस्राएल, तेरे भविष्यद्वक्ता खण्डहरों में की लोमड़ियों के समान बने हैं।
لَمْ تَصْعَدُوا إِلَى ٱلثُّغَرِ، وَلَمْ تَبْنُوا جِدَارًا لِبَيْتِ إِسْرَائِيلَ لِلْوُقُوفِ فِي ٱلْحَرْبِ فِي يَوْمِ ٱلرَّبِّ. ٥ 5
तुम ने दरारों में चढ़कर इस्राएल के घराने के लिये दीवार नहीं सुधारी, जिससे वे यहोवा के दिन युद्ध में स्थिर रह सकते।
رَأَوْا بَاطِلًا وَعِرَافَةً كَاذِبَةً. ٱلْقَائِلُونَ: وَحْيُ ٱلرَّبِّ، وَٱلرَّبُّ لَمْ يُرْسِلْهُمْ، وَٱنْتَظَرُوا إِثْبَاتَ ٱلْكَلِمَةِ. ٦ 6
वे लोग जो कहते हैं, ‘यहोवा की यह वाणी है,’ उन्होंने दर्शन का व्यर्थ और झूठा दावा किया है; और तब भी यह आशा दिलाई कि यहोवा यह वचन पूरा करेगा; तो भी यहोवा ने उन्हें नहीं भेजा।
أَلَمْ تَرَوْا رُؤْيَا بَاطِلَةً، وَتَكَلَّمْتُمْ بِعِرَافَةٍ كَاذِبَةٍ، قَائِلِينَ: وَحْيُ ٱلرَّبِّ، وَأَنَا لَمْ أَتَكَلَّمْ؟ ٧ 7
क्या तुम्हारा दर्शन झूठा नहीं है, और क्या तुम झूठमूठ भावी नहीं कहते? तुम कहते हो, ‘यहोवा की यह वाणी है;’ परन्तु मैंने कुछ नहीं कहा है।”
لِذَلِكَ هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: لِأَنَّكُمْ تَكَلَّمْتُمْ بِٱلْبَاطِلِ وَرَأَيْتُمْ كَذِبًا، فَلِذَلِكَ هَا أَنَا عَلَيْكُمْ، يَقُولُ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ. ٨ 8
इस कारण प्रभु यहोवा तुम से यह कहता है: “तुम ने जो व्यर्थ बात कही और झूठे दर्शन देखे हैं, इसलिए मैं तुम्हारे विरुद्ध हूँ, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।
وَتَكُونُ يَدِي عَلَى ٱلْأَنْبِيَاءِ ٱلَّذِينَ يَرَوْنَ ٱلْبَاطِلَ، وَٱلَّذِينَ يَعْرِفُونَ بِٱلْكَذِبِ. فِي مَجْلِسِ شَعْبِي لَا يَكُونُونَ، وَفِي كِتَابِ بَيْتِ إِسْرَائِيلَ لَا يُكْتَبُونَ، وَإِلَى أَرْضِ إِسْرَائِيلَ لَا يَدْخُلُونَ، فَتَعْلَمُونَ أَنِّي أَنَا ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ. ٩ 9
जो भविष्यद्वक्ता झूठे दर्शन देखते और झूठमूठ भावी कहते हैं, मेरा हाथ उनके विरुद्ध होगा, और वे मेरी प्रजा की मण्डली में भागी न होंगे, न उनके नाम इस्राएल की नामावली में लिखे जाएँगे, और न वे इस्राएल के देश में प्रवेश करने पाएँगे; इससे तुम लोग जान लोगे कि मैं प्रभु यहोवा हूँ।
مِنْ أَجْلِ أَنَّهُمْ أَضَلُّوا شَعْبِي قَائِلِينَ: سَلَامٌ! وَلَيْسَ سَلَامٌ. وَوَاحِدٌ مِنْهُمْ يَبْنِي حَائِطًا وَهَا هُمْ يُمَلِّطُونَهُ بِٱلطُّفَالِ. ١٠ 10
१०क्योंकि हाँ, क्योंकि उन्होंने ‘शान्ति है’, ऐसा कहकर मेरी प्रजा को बहकाया है जबकि शान्ति नहीं है; और इसलिए कि जब कोई दीवार बनाता है तब वे उसकी कच्ची पुताई करते हैं।
فَقُلْ لِلَّذِينَ يُمَلِّطُونَهُ بِٱلطُّفَالِ: إِنَّهُ يَسْقُطُ. يَكُونُ مَطَرٌ جَارِفٌ، وَأَنْتُنَّ يَا حِجَارَةَ ٱلْبَرَدِ تَسْقُطْنَ، وَرِيحٌ عَاصِفَةٌ تُشَقِّقُهُ. ١١ 11
११उन कच्ची पुताई करनेवालों से कह कि वह गिर जाएगी। क्योंकि बड़े जोर की वर्षा होगी, और बड़े-बड़े ओले भी गिरेंगे, और प्रचण्ड आँधी उसे गिराएगी।
وَهُوَذَا إِذَا سَقَطَ ٱلْحَائِطُ، أَفَلَا يُقَالُ لَكُمْ: أَيْنَ ٱلطِّينُ ٱلَّذِي طَيَّنْتُمْ بِهِ؟ ١٢ 12
१२इसलिए जब दीवार गिर जाएगी, तब क्या लोग तुम से यह न कहेंगे कि जो पुताई तुम ने की वह कहाँ रही?
لِذَلِكَ هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: إِنِّي أُشَقِّقُهُ بِرِيحٍ عَاصِفَةٍ فِي غَضَبِي، وَيَكُونُ مَطَرٌ جَارِفٌ فِي سَخَطِي، وَحِجَارَةُ بَرَدٍ فِي غَيْظِي لِإِفْنَائِهِ. ١٣ 13
१३इस कारण प्रभु यहोवा तुम से यह कहता है: मैं जलकर उसको प्रचण्ड आँधी के द्वारा गिराऊँगा; और मेरे कोप से भारी वर्षा होगी, और मेरी जलजलाहट से बड़े-बड़े ओले गिरेंगे कि दीवार को नाश करें।
فَأَهْدِمُ ٱلْحَائِطَ ٱلَّذِي مَلَّطْتُمُوهُ بِٱلطُّفَالِ، وَأُلْصِقُهُ بِٱلْأَرْضِ، وَيَنْكَشِفُ أَسَاسُهُ فَيَسْقُطُ، وَتَفْنَوْنَ أَنْتُمْ فِي وَسْطِهِ، فَتَعْلَمُونَ أَنِّي أَنَا ٱلرَّبُّ. ١٤ 14
१४इस रीति जिस दीवार पर तुम ने कच्ची पुताई की है, उसे मैं ढा दूँगा, वरन् मिट्टी में मिलाऊँगा, और उसकी नींव खुल जाएगी; और जब वह गिरेगी, तब तुम भी उसके नीचे दबकर नाश होंगे; और तुम जान लोगे कि मैं यहोवा हूँ।
فَأُتِمُّ غَضَبِي عَلَى ٱلْحَائِطِ وَعَلَى ٱلَّذِينَ مَلَّطُوهُ بِٱلطُّفَالِ، وَأَقُولُ لَكُمْ: لَيْسَ ٱلْحَائِطُ بِمَوْجُودٍ وَلَا ٱلَّذِينَ مَلَّطُوهُ! ١٥ 15
१५इस रीति मैं दीवार और उसकी कच्ची पुताई करनेवाले दोनों पर अपनी जलजलाहट पूर्ण रीति से भड़काऊँगा; फिर तुम से कहूँगा, न तो दीवार रही, और न उसके लेसनेवाले रहे,
أَيْ أَنْبِيَاءُ إِسْرَائِيلَ ٱلَّذِينَ يَتَنَبَّأُونَ لِأُورُشَلِيمَ وَيَرَوْنَ لَهَا رُؤَى سَلَامٍ، وَلَا سَلَامَ، يَقُولُ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ. ١٦ 16
१६अर्थात् इस्राएल के वे भविष्यद्वक्ता जो यरूशलेम के विषय में भविष्यद्वाणी करते और उनकी शान्ति का दर्शन बताते थे, परन्तु प्रभु यहोवा की यह वाणी है, कि शान्ति है ही नहीं।
«وَأَنْتَ يَا ٱبْنَ آدَمَ، فَٱجْعَلْ وَجْهَكَ ضِدَّ بَنَاتِ شَعْبِكَ ٱللَّوَاتِي يَتَنَبَّأْنَ مِنْ تِلْقَاءِ ذَوَاتِهِنَّ، وَتَنَبَّأْ عَلَيْهِنَّ، ١٧ 17
१७“फिर हे मनुष्य के सन्तान, तू अपने लोगों की स्त्रियों से विमुख होकर, जो अपने ही मन से भविष्यद्वाणी करती है; उनके विरुद्ध भविष्यद्वाणी करके कह,
وَقُلْ: هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: وَيْلٌ لِلَّوَاتِي يَخُطْنَ وَسَائِدَ لِكُلِّ أَوْصَالِ ٱلْأَيْدِي، وَيَصْنَعْنَ مِخَدَّاتٍ لِرَأْسِ كُلِّ قَامَةٍ لِٱصْطِيَادِ ٱلنُّفُوسِ. أَفَتَصْطَدْنَ نُفُوسَ شَعْبِي وَتَسْتَحْيِينَ أَنْفُسَكُنَّ، ١٨ 18
१८प्रभु यहोवा यह कहता है: जो स्त्रियाँ हाथ के सब जोड़ो के लिये तकिया सीतीं और प्राणियों का अहेर करने को सब प्रकार के मनुष्यों की आँख ढाँपने के लिये कपड़े बनाती हैं, उन पर हाय! क्या तुम मेरी प्रजा के प्राणों का अहेर करके अपने निज प्राण बचा रखोगी?
وَتُنَجِّسْنَنِي عِنْدَ شَعْبِي لِأَجْلِ حَفْنَةِ شَعِيرٍ، وَلِأَجْلِ فُتَاتٍ مِنَ ٱلْخُبْزِ، لِإِمَاتَةِ نُفُوسٍ لَا يَنْبَغِي أَنْ تَمُوتَ، وَٱسْتِحْيَاءِ نُفُوسٍ لَا يَنْبَغِي أَنْ تَحْيَا، بِكَذِبِكُنَّ عَلَى شَعْبِي ٱلسَّامِعِينَ لِلْكَذِبِ؟ ١٩ 19
१९तुम ने तो मुट्ठी-मुट्ठी भर जौ और रोटी के टुकड़ों के बदले मुझे मेरी प्रजा की दृष्टि में अपवित्र ठहराकर, और अपनी उन झूठी बातों के द्वारा, जो मेरी प्रजा के लोग तुम से सुनते हैं, जो नाश के योग्य न थे, उनको मार डाला; और जो बचने के योग्य न थे उन प्राणों को बचा रखा है।
«لِذَلِكَ هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: هَا أَنَا ضِدُّ وَسَائِدِكُنَّ ٱلَّتِي تَصْطَدْنَ بِهَا ٱلنُّفُوسَ كَٱلْفِرَاخِ، وَأُمَزِّقُهَا عَنْ أَذْرُعِكُنَّ، وَأُطْلِقُ ٱلنُّفُوسَ، ٱلنُّفُوسَ ٱلَّتِي تَصْطَدْنَهَا كَٱلْفِرَاخِ. ٢٠ 20
२०“इस कारण प्रभु यहोवा तुम से यह कहता है, देखो, मैं तुम्हारे उन तकियों के विरुद्ध हूँ, जिनके द्वारा तुम प्राणों का अहेर करती हो, इसलिए जिन्हें तुम अहेर कर करके उड़ाती हो उनको मैं तुम्हारी बाँह पर से छीनकर उनको छुड़ा दूँगा।
وَأُمَزِّقُ مِخَدَّاتِكُنَّ وَأُنْقِذُ شَعْبِي مِنْ أَيْدِيكُنَّ، فَلَا يَكُونُونَ بَعْدُ فِي أَيْدِيكُنَّ لِلصَّيْدِ، فَتَعْلَمْنَ أَنِّي أَنَا ٱلرَّبُّ. ٢١ 21
२१मैं तुम्हारे सिर के बुर्के को फाड़कर अपनी प्रजा के लोगों को तुम्हारे हाथ से छुड़ाऊँगा, और आगे को वे तुम्हारे वश में न रहेंगे कि तुम उनका अहेर कर सको; तब तुम जान लोगी कि मैं यहोवा हूँ।
لِأَنَّكُنَّ أَحْزَنْتُنَّ قَلْبَ ٱلصِّدِّيقِ كَذِبًا وَأَنَا لَمْ أُحْزِنْهُ، وَشَدَّدْتُنَّ أَيْدِي ٱلشِّرِّيرِ حَتَّى لَا يَرْجِعَ عَنْ طَرِيقِهِ ٱلرَّدِيئَةِ فَيَحْيَا، ٢٢ 22
२२तुम ने जो झूठ कहकर धर्मी के मन को उदास किया है, यद्यपि मैंने उसको उदास करना नहीं चाहा, और तुम ने दुष्ट जन को हियाव बन्धाया है, ताकि वह अपने बुरे मार्ग से न फिरे और जीवित रहे।
فَلِذَلِكَ لَنْ تَعُدْنَ تَرَيْنَ ٱلْبَاطِلَ وَلَا تَعْرِفْنَ عِرَافَةً بَعْدُ، وَأُنْقِذُ شَعْبِي مِنْ أَيْدِيكُنَّ، فَتَعْلَمْنَ أَنِّي أَنَا ٱلرَّبُّ». ٢٣ 23
२३इस कारण तुम फिर न तो झूठा दर्शन देखोगी, और न भावी कहोगी; क्योंकि मैं अपनी प्रजा को तुम्हारे हाथ से छुड़ाऊँगा। तब तुम जान लोगी कि मैं यहोवा हूँ।”

< حِزْقِيَال 13 >