< اَلْخُرُوجُ 40 >

وَكَلَّمَ ٱلرَّبُّ مُوسَى قَائِلًا: ١ 1
फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
«فِي ٱلشَّهْرِ ٱلْأَوَّلِ، فِي ٱلْيَوْمِ ٱلْأَوَّلِ مِنَ ٱلشَّهْرِ، تُقِيمُ مَسْكَنَ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ، ٢ 2
“पहले महीने के पहले दिन को तू मिलापवाले तम्बू के निवास को खड़ा कर देना।
وَتَضَعُ فِيهِ تَابُوتَ ٱلشَّهَادَةِ. وَتَسْتُرُ ٱلتَّابُوتَ بِٱلْحِجَابِ. ٣ 3
और उसमें साक्षीपत्र के सन्दूक को रखकर बीचवाले पर्दे की ओट में कर देना।
وَتُدْخِلُ ٱلْمَائِدَةَ وَتُرَتِّبُ تَرْتِيبَهَا. وَتُدْخِلُ ٱلْمَنَارَةَ وَتُصْعِدُ سُرُجَهَا. ٤ 4
और मेज को भीतर ले जाकर जो कुछ उस पर सजाना है उसे सजा देना; तब दीवट को भीतर ले जाकर उसके दीपकों को जला देना।
وَتَجْعَلُ مَذْبَحَ ٱلذَّهَبِ لِلْبَخُورِ أَمَامَ تَابُوتِ ٱلشَّهَادَةِ. وَتَضَعُ سَجْفَ ٱلْبَابِ لِلْمَسْكَنِ. ٥ 5
और साक्षीपत्र के सन्दूक के सामने सोने की वेदी को जो धूप के लिये है उसे रखना, और निवास के द्वार के पर्दे को लगा देना।
وَتَجْعَلُ مَذْبَحَ ٱلْمُحْرَقَةِ قُدَّامَ بَابِ مَسْكَنِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ. ٦ 6
और मिलापवाले तम्बू के निवास के द्वार के सामने होमवेदी को रखना।
وَتَجْعَلُ ٱلْمِرْحَضَةَ بَيْنَ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ وَٱلْمَذْبَحِ، وَتَجْعَلُ فِيهَا مَاءً. ٧ 7
और मिलापवाले तम्बू और वेदी के बीच हौदी को रखकर उसमें जल भरना।
وَتَضَعُ ٱلدَّارَ حَوْلَهُنَّ، وَتَجْعَلُ ٱلسَّجْفَ لِبَابِ ٱلدَّارِ. ٨ 8
और चारों ओर के आँगन की कनात को खड़ा करना, और उस आँगन के द्वार पर पर्दे को लटका देना।
وَتَأْخُذُ دُهْنَ ٱلْمَسْحَةِ وَتَمْسَحُ ٱلْمَسْكَنَ وَكُلَّ مَا فِيهِ، وَتُقَدِّسُهُ وَكُلَّ آنِيَتِهِ لِيَكُونَ مُقَدَّسًا. ٩ 9
और अभिषेक का तेल लेकर निवास का और जो कुछ उसमें होगा सब कुछ का अभिषेक करना, और सारे सामान समेत उसको पवित्र करना; तब वह पवित्र ठहरेगा।
وَتَمْسَحُ مَذْبَحَ ٱلْمُحْرَقَةِ وَكُلَّ آنِيَتِهِ، وَتُقَدِّسُ ٱلْمَذْبَحَ لِيَكُونَ ٱلْمَذْبَحُ قُدْسَ أَقْدَاسٍ. ١٠ 10
१०सब सामान समेत होमवेदी का अभिषेक करके उसको पवित्र करना; तब वह परमपवित्र ठहरेगी।
وَتَمْسَحُ ٱلْمِرْحَضَةَ وَقَاعِدَتَهَا وَتُقَدِّسُهَا. ١١ 11
११पाए समेत हौदी का भी अभिषेक करके उसे पवित्र करना।
وَتُقَدِّمُ هَارُونَ وَبَنِيهِ إِلَى بَابِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ وَتَغْسِلُهُمْ بِمَاءٍ. ١٢ 12
१२तब हारून और उसके पुत्रों को मिलापवाले तम्बू के द्वार पर ले जाकर जल से नहलाना,
وَتُلْبِسُ هَارُونَ ٱلثِّيَابَ ٱلْمُقَدَّسَةَ وَتَمْسَحُهُ وَتُقَدِّسُهُ لِيَكْهَنَ لِي. ١٣ 13
१३और हारून को पवित्र वस्त्र पहनाना, और उसका अभिषेक करके उसको पवित्र करना कि वह मेरे लिये याजक का काम करे।
وَتُقَدِّمُ بَنِيهِ وَتُلْبِسُهُمْ أَقْمِصَةً. ١٤ 14
१४और उसके पुत्रों को ले जाकर अंगरखे पहनाना,
وَتَمْسَحُهُمْ كَمَا مَسَحْتَ أَبَاهُمْ لِيَكْهَنُوا لِي. وَيَكُونُ ذَلِكَ لِتَصِيرَ لَهُمْ مَسْحَتُهُمْ كَهَنُوتًا أَبَدِيًّا فِي أَجْيَالِهِمْ. ١٥ 15
१५और जैसे तू उनके पिता का अभिषेक करे वैसे ही उनका भी अभिषेक करना कि वे मेरे लिये याजक का काम करें; और उनका अभिषेक उनकी पीढ़ी-पीढ़ी के लिये उनके सदा के याजकपद का चिन्ह ठहरेगा।”
فَفَعَلَ مُوسَى بِحَسَبِ كُلِّ مَا أَمَرَهُ ٱلرَّبُّ. هَكَذَا فَعَلَ. ١٦ 16
१६और मूसा ने जो-जो आज्ञा यहोवा ने उसको दी थी उसी के अनुसार किया।
وَكَانَ فِي ٱلشَّهْرِ ٱلْأَوَّلِ مِنَ ٱلسَّنَةِ ٱلثَّانِيَةِ فِي أَوَّلِ ٱلشَّهْرِ أَنَّ ٱلْمَسْكَنَ أُقِيمَ. ١٧ 17
१७और दूसरे वर्ष के पहले महीने के पहले दिन को निवास खड़ा किया गया।
أَقَامَ مُوسَى ٱلْمَسْكَنَ، وَجَعَلَ قَوَاعِدَهُ وَوَضَعَ أَلْوَاحَهُ وَجَعَلَ عَوَارِضَهُ وَأَقَامَ أَعْمِدَتَهُ. ١٨ 18
१८मूसा ने निवास को खड़ा करवाया और उसकी कुर्सियाँ धर उसके तख्ते लगाकर उनमें बेंड़े डाले, और उसके खम्भों को खड़ा किया;
وَبَسَطَ ٱلْخَيْمَةَ فَوْقَ ٱلْمَسْكَنِ، وَوَضَعَ غِطَاءَ ٱلْخَيْمَةِ عَلَيْهَا مِنْ فَوْقُ، كَمَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ مُوسَى. ١٩ 19
१९और उसने निवास के ऊपर तम्बू को फैलाया, और तम्बू के ऊपर उसने ओढ़ने को लगाया; जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
وَأَخَذَ ٱلشَّهَادَةَ وَجَعَلَهَا فِي ٱلتَّابُوتِ، وَوَضَعَ ٱلْعَصَوَيْنِ عَلَى ٱلتَّابُوتِ مِنْ فَوْقُ. ٢٠ 20
२०और उसने साक्षीपत्र को लेकर सन्दूक में रखा, और सन्दूक में डंडों को लगाकर उसके ऊपर प्रायश्चित के ढकने को रख दिया;
وَأَدْخَلَ ٱلتَّابُوتَ إِلَى ٱلْمَسْكَنِ، وَوَضَعَ حِجَابَ ٱلسَّجْفِ وَسَتَرَ تَابُوتَ ٱلشَّهَادَةِ، كَمَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ مُوسَى. ٢١ 21
२१और उसने सन्दूक को निवास में पहुँचाया, और बीचवाले पर्दे को लटकवा के साक्षीपत्र के सन्दूक को उसके अन्दर किया; जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
وَجَعَلَ ٱلْمَائِدَةَ فِي خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ فِي جَانِبِ ٱلْمَسْكَنِ نَحْوَ ٱلشِّمَالِ خَارِجَ ٱلْحِجَابِ. ٢٢ 22
२२और उसने मिलापवाले तम्बू में निवास के उत्तर की ओर बीच के पर्दे से बाहर मेज को लगवाया,
وَرَتَّبَ عَلَيْهَا تَرْتِيبَ ٱلْخُبْزِ أَمَامَ ٱلرَّبِّ، كَمَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ مُوسَى. ٢٣ 23
२३और उस पर उसने यहोवा के सम्मुख रोटी सजा कर रखी; जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
وَوَضَعَ ٱلْمَنَارَةَ فِي خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ مُقَابِلَ ٱلْمَائِدَةِ فِي جَانِبِ ٱلْمَسْكَنِ نَحْوَ ٱلْجَنُوبِ. ٢٤ 24
२४और उसने मिलापवाले तम्बू में मेज के सामने निवास की दक्षिण ओर दीवट को रखा,
وَأَصْعَدَ ٱلسُّرُجَ أَمَامَ ٱلرَّبِّ، كَمَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ مُوسَى. ٢٥ 25
२५और उसने दीपकों को यहोवा के सम्मुख जला दिया; जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
وَوَضَعَ مَذْبَحَ ٱلذَّهَبِ فِي خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ قُدَّامَ ٱلْحِجَابِ، ٢٦ 26
२६और उसने मिलापवाले तम्बू में बीच के पर्दे के सामने सोने की वेदी को रखा,
وَبَخَّرَ عَلَيْهِ بِبَخُورٍ عَطِرٍ، كَمَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ مُوسَى. ٢٧ 27
२७और उसने उस पर सुगन्धित धूप जलाया; जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
وَوَضَعَ سَجْفَ ٱلْبَابِ لِلْمَسْكَنِ. ٢٨ 28
२८और उसने निवास के द्वार पर पर्दे को लगाया।
وَوَضَعَ مَذْبَحَ ٱلْمُحْرَقَةِ عِنْدَ بَابِ مَسْكَنِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ، وَأَصْعَدَ عَلَيْهِ ٱلْمُحْرَقَةَ وَٱلتَّقْدِمَةَ، كَمَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ مُوسَى. ٢٩ 29
२९और मिलापवाले तम्बू के निवास के द्वार पर होमवेदी को रखकर उस पर होमबलि और अन्नबलि को चढ़ाया; जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
وَوَضَعَ ٱلْمِرْحَضَةَ بَيْنَ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ وَٱلْمَذْبَحِ وَجَعَلَ فِيهَا مَاءً لِلِٱغْتِسَالِ، ٣٠ 30
३०और उसने मिलापवाले तम्बू और वेदी के बीच हौदी को रखकर उसमें धोने के लिये जल डाला,
لِيَغْسِلَ مِنْهَا مُوسَى وَهَارُونُ وَبَنُوهُ أَيْدِيَهُمْ وَأَرْجُلَهُمْ. ٣١ 31
३१और मूसा और हारून और उसके पुत्रों ने उसमें अपने-अपने हाथ पाँव धोए;
عِنْدَ دُخُولِهِمْ إِلَى خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ وَعِنْدَ ٱقْتِرَابِهِمْ إِلَى ٱلْمَذْبَحِ يَغْسِلُونَ، كَمَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ مُوسَى. ٣٢ 32
३२और जब जब वे मिलापवाले तम्बू में या वेदी के पास जाते थे तब-तब वे हाथ पाँव धोते थे; जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।
وَأَقَامَ ٱلدَّارَ حَوْلَ ٱلْمَسْكَنِ وَٱلْمَذْبَحِ وَوَضَعَ سَجْفَ بَابِ ٱلدَّارِ. وَأَكْمَلَ مُوسَى ٱلْعَمَلَ. ٣٣ 33
३३और उसने निवास के चारों ओर और वेदी के आस-पास आँगन की कनात को खड़ा करवाया, और आँगन के द्वार के पर्दे को लटका दिया। इस प्रकार मूसा ने सब काम को पूरा किया।
ثُمَّ غَطَّتِ ٱلسَّحَابَةُ خَيْمَةَ ٱلِٱجْتِمَاعِ وَمَلَأَ بَهَاءُ ٱلرَّبِّ ٱلْمَسْكَنَ. ٣٤ 34
३४तब बादल मिलापवाले तम्बू पर छा गया, और यहोवा का तेज निवास-स्थान में भर गया।
فَلَمْ يَقْدِرْ مُوسَى أَنْ يَدْخُلَ خَيْمَةَ ٱلِٱجْتِمَاعِ، لِأَنَّ ٱلسَّحَابَةَ حَلَّتْ عَلَيْهَا وَبَهَاءُ ٱلرَّبِّ مَلَأَ ٱلْمَسْكَنَ. ٣٥ 35
३५और बादल मिलापवाले तम्बू पर ठहर गया, और यहोवा का तेज निवास-स्थान में भर गया, इस कारण मूसा उसमें प्रवेश न कर सका।
وَعِنْدَ ٱرْتِفَاعِ ٱلسَّحَابَةِ عَنِ ٱلْمَسْكَنِ كَانَ بَنُو إِسْرَائِيلَ يَرْتَحِلُونَ فِي جَمِيعِ رِحْلَاتِهِمْ. ٣٦ 36
३६इस्राएलियों की सारी यात्रा में ऐसा होता था, कि जब जब वह बादल निवास के ऊपर से उठ जाता तब-तब वे कूच करते थे।
وَإِنْ لَمْ تَرْتَفِعِ ٱلسَّحَابَةُ لَا يَرْتَحِلُونَ إِلَى يَوْمِ ٱرْتِفَاعِهَا، ٣٧ 37
३७और यदि वह न उठता, तो जिस दिन तक वह न उठता था उस दिन तक वे कूच नहीं करते थे।
لِأَنَّ سَحَابَةَ ٱلرَّبِّ كَانَتْ عَلَى ٱلْمَسْكَنِ نَهَارًا. وَكَانَتْ فِيهَا نَارٌ لَيْلًا أَمَامَ عُيُونِ كُلِّ بَيْتِ إِسْرَائِيلَ فِي جَمِيعِ رِحْلَاتِهِمْ. ٣٨ 38
३८इस्राएल के घराने की सारी यात्रा में दिन को तो यहोवा का बादल निवास पर, और रात को उसी बादल में आग उन सभी को दिखाई दिया करती थी।

< اَلْخُرُوجُ 40 >