< اَلْخُرُوجُ 39 >

وَمِنَ ٱلْأَسْمَانْجُونِيِّ وَٱلْأُرْجُوَانِ وَٱلْقِرْمِزِ صَنَعُوا ثِيَابًا مَنْسُوجَةً لِلْخِدْمَةِ فِي ٱلْمَقْدِسِ، وَصَنَعُوا ٱلثِّيَابَ ٱلْمُقَدَّسَةَ ٱلَّتِي لِهَارُونَ، كَمَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ مُوسَى. ١ 1
और उन्होंने मक़दिस में ख़िदमत करने के लिए आसमानी और अर्ग़वानी और सुर्ख़ बेल बूटे कढ़े हुए लिबास और हारून के लिए पाक लिबास, जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म दिया था बनाए।
فَصَنَعَ ٱلرِّدَاءَ مِنْ ذَهَبٍ وَأَسْمَانْجُونِيٍّ وَأُرْجُوَانٍ وَقِرْمِزٍ وَبُوصٍ مَبْرُومٍ. ٢ 2
और उसने सोने, और आसमानी और अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग के कपड़ों और बारीक बटे हुए कतान का अफ़ोद बनाया।
وَمَدُّوا ٱلذَّهَبَ صَفَائِحَ وَقَدُّوهَا خُيُوطًا لِيَصْنَعُوهَا فِي وَسَطِ ٱلْأَسْمَانْجُونِيِّ وَٱلْأُرْجُوَانِ وَٱلْقِرْمِزِ وَٱلْبُوصِ، صَنْعَةَ ٱلْمُوَشِّي. ٣ 3
और उन्होंने सोना पीट पीट कर पतले — पतले पत्तर और पतरों को काट — काट कर तार बनाए, ताकि आसमानी और अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग के कपड़ों और बारीक बटे हुए कतान पर माहिर उस्ताद की तरह उनसे ज़रदोज़ी करें।
وَصَنَعُوا لَهُ كَتِفَيْنِ مَوْصُولَيْنِ. عَلَى طَرَفَيْهِ ٱتَّصَلَ. ٤ 4
और अफ़ोद को जोड़ने के लिए उन्होंने दो मोंढे बनाए और उनके दोनों सिरों को मिलाकर बाँध दिया।
وَزُنَّارُ شَدِّهِ ٱلَّذِي عَلَيْهِ كَانَ مِنْهُ كَصَنْعَتِهِ مِنْ ذَهَبٍ وَأَسْمَانْجُونِيٍّ وَقِرْمِزٍ وَبُوصٍ مَبْرُومٍ، كَمَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ مُوسَى. ٥ 5
और उसके कसने के लिए कारीगरी से बुना हुआ कमरबन्द जो उसके ऊपर था, वह भी उसी टुकड़े और बनावट का था, या'नी सोने और आसमानी और अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग के कपड़ों और बारीक बटे हुए कतान का बना हुआ था; जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया था।
وَصَنَعُوا حَجَرَيِ ٱلْجَزْعِ مُحَاطَيْنِ بِطَوْقَيْنِ مِنْ ذَهَبٍ مَنْقُوشَيْنِ نَقْشَ ٱلْخَاتِمِ عَلَى حَسَبِ أَسْمَاءِ بَنِي إِسْرَائِيلَ. ٦ 6
और उन्होंने सुलेमानी पत्थर काट कर साफ़ किए जो सोने के ख़ानों में जड़े गए, और उन पर अँगूठी के नक़्श की तरह बनी इस्राईल के नाम खुदे थे।
وَوَضَعَهُمَا عَلَى كَتِفَيِ ٱلرِّدَاءِ حَجَرَيْ تَذْكَارٍ لِبَنِي إِسْرَائِيلَ، كَمَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ مُوسَى. ٧ 7
और उसने उनको अफ़ोद के मोंढों पर लगाया ताकि वह बनी — इस्राईल की यादगारी के पत्थर हों, जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया था।
وَصَنَعَ ٱلصُّدْرَةَ صَنْعَةَ ٱلْمُوَشِّي كَصَنْعَةِ ٱلرِّدَاءِ مِنْ ذَهَبٍ وَأَسْمَانْجُونِيٍّ وَأُرْجُوَانٍ وَقِرْمِزٍ وَبُوصٍ مَبْرُومٍ. ٨ 8
और उसने अफ़ोद की बनावट का सीनाबन्द तैयार किया जो माहिर उस्ताद के हाथ का काम था, या'नी वह सोने और आसमानी और अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग के कपड़ों और बारीक बटे हुए कतान का बना हुआ था।
كَانَتْ مُرَبَّعَةً. مَثْنِيَّةً صَنَعُوا ٱلصُّدْرَةَ. طُولُهَا شِبْرٌ وَعَرْضُهَا شِبْرٌ مَثْنِيَّةً. ٩ 9
वह चौकोर था; उन्होंने उस सीनाबन्द को दोहरा बनाया और दोहरा होने पर उसकी लम्बाई एक बालिश्त और चौड़ाई एक बालिश्त थी।
وَرَصَّعُوا فِيهَا أَرْبَعَةَ صُفُوفِ حِجَارَةٍ. صَفُّ: عَقِيقٌ أَحْمَرُ وَيَاقُوتٌ أَصْفَرُ وَزُمُرُّدٌ، ٱلصَّفُّ ٱلْأَوَّلُ. ١٠ 10
इस पर चार कतारों में उन्होंने जवाहर जड़े। याकू़त — ए — सुर्ख़, और पुखराज, और ज़मुर्रुद की कतार तो पहली कतार थी।
وَٱلصَّفُّ ٱلثَّانِي: بَهْرَمَانُ وَيَاقُوتٌ أَزْرَقُ وَعَقِيقٌ أَبْيَضُ. ١١ 11
और दूसरी क़तार में गौहर — ए — शब चराग़, और नीलम, और हीरा:
وَٱلصَّفُّ ٱلثَّالِثُ: عَيْنُ ٱلْهِرِّ وَيَشْمٌ وَجَمَسْتُ. ١٢ 12
तीसरी कतार में लश्म, और यश्म, और याकू़त:
وَٱلصَّفُّ ٱلرَّابِعُ: زَبَرْجَدٌ وَجَزْعٌ وَيَشْبٌ. مُحَاطَةٌ بِأَطْوَاقٍ مِنْ ذَهَبٍ فِي تَرْصِيعِهَا. ١٣ 13
चौथी क़तार में फ़ीरोज़ा, और संग — ए — सुलेमानी, और ज़बरजद; यह सब अलग — अलग सोने के ख़ानों में जड़े हुए थे।
وَٱلْحِجَارَةُ كَانَتْ عَلَى أَسْمَاءِ بَنِي إِسْرَائِيلَ، ٱثْنَيْ عَشَرَ عَلَى أَسْمَائِهِمْ كَنَقْشِ ٱلْخَاتِمِ. كُلُّ وَاحِدٍ عَلَى ٱسْمِهِ لِلِٱثْنَيْ عَشَرَ سِبْطًا. ١٤ 14
और यह पत्थर इस्राईल के बेटों के नामों के शुमार के मुताबिक़ बारह थे और अँगूठी के नक़्श की तरह बारह क़बीलों में से एक — एक का नाम अलग — अलग एक एक पत्थर पर ख़ुदा था।
وَصَنَعُوا عَلَى ٱلصُّدْرَةِ سَلَاسِلَ مَجْدُولَةً صَنْعَةَ ٱلضَّفْرِ مِنْ ذَهَبٍ نَقِيٍّ. ١٥ 15
और उन्होंने सीना बन्द पर डोरी की तरह गुन्धी हुई ख़ालिस सोने की ज़न्जीरें बनाई।
وَصَنَعُوا طَوْقَيْنِ مِنْ ذَهَبٍ وَحَلْقَتَيْنِ مِنْ ذَهَبٍ، وَجَعَلُوا ٱلْحَلْقَتَيْنِ عَلَى طَرَفَيِ ٱلصُّدْرَةِ. ١٦ 16
और उन्होंने सोने के दो ख़ाने और सोने के दो कड़े बनाए और दोनों कड़ों को सीनाबन्द के दोनों सिरों पर लगाया।
وَجَعَلُوا ضَفِيرَتَيِ ٱلذَّهَبِ فِي ٱلْحَلْقَتَيْنِ عَلَى طَرَفَيِ ٱلصُّدْرَةِ. ١٧ 17
और सोने की दोनों गुन्धी हुई ज़न्जीरें उन कड़ों में पहनाई जो सीनाबन्द के सिरों पर थे
وَطَرَفَا ٱلضَّفِيرَتَيْنِ جَعَلُوهُمَا فِي ٱلطَّوْقَيْنِ، وَجَعَلُوهُمَا عَلَى كَتِفَيِ ٱلرِّدَاءِ إِلَى قُدَّامِهِ. ١٨ 18
और दोनों गुन्धी हुई ज़न्जीरों के बाक़ी दोनों सिरों को दोनों ख़ानो में जड़कर उनको अफ़ोद के दोनों मोंढों पर सामने के रुख़ लगाया।
وَصَنَعُوا حَلْقَتَيْنِ مِنْ ذَهَبٍ وَوَضَعُوهُمَا عَلَى طَرَفَيِ ٱلصُّدْرَةِ. عَلَى حَاشِيَتِهَا ٱلَّتِي إِلَى جِهَةِ ٱلرِّدَاءِ مِنْ دَاخِلٍ. ١٩ 19
और उन्होंने सोने के दो कड़े और बना कर उनको सीना बन्द के दोनो सिरों के उस हाशिये में लगाया जिस का रुख़ अन्दर अफ़ोद की तरफ़ था।
وَصَنَعُوا حَلْقَتَيْنِ مِنْ ذَهَبٍ وَجَعَلُوهُمَا عَلَى كَتِفَيِ ٱلرِّدَاءِ مِنْ أَسْفَلُ مِنْ قُدَّامِهِ عِنْدَ وَصْلِهِ فَوْقَ زُنَّارِ ٱلرِّدَاءِ. ٢٠ 20
और उन्होंने सोने के दो कड़े और बना कर उनको अफ़ोद के दोनों मेढ़ों के सामने के हिस्से में अन्दर के रुख़ जहाँ अफ़ोद जुड़ा था लगाया ताकि वह अफ़ोद के कारीगरी से बुने हुए पटके के ऊपर रहे।
وَرَبَطُوا ٱلصُّدْرَةَ بِحَلْقَتَيْهَا إِلَى حَلْقَتَيِ ٱلرِّدَاءِ بِخَيْطٍ مِنْ أَسْمَانْجُونِيٍّ لِيَكُونَ عَلَى زُنَّارِ ٱلرِّدَاءِ، وَلَا تُنْزَعُ ٱلصُّدْرَةُ عَنِ ٱلرِّدَاءِ، كَمَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ مُوسَى. ٢١ 21
और उन्होंने सीना बन्द को लेकर उसके कड़े को अफ़ोद के कड़ों के साथ एक नीले फ़ीते से इस तरह बाँधा कि वह अफ़ोद के कारीगरी से बने हुए पटके के ऊपर रहे और सीना बन्द ढीला होकर अफ़ोद से अलग न होने पाए जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म दिया था।
وَصَنَعَ جُبَّةَ ٱلرِّدَاءِ صَنْعَةَ ٱلنَّسَّاجِ، كُلَّهَا مِنْ أَسْمَانْجُونِيٍّ. ٢٢ 22
और उसने अफ़ोद का जुब्बा बुन कर बिल्कुल आसमानी रंग का बनाया।
وَفَتْحَةُ ٱلْجُبَّةِ فِي وَسَطِهَا كَفَتْحَةِ ٱلدِّرْعِ، وَلِفَتْحَتِهَا حَاشِيَةٌ حَوَالَيْهَا. لَا تَنْشَقُّ. ٢٣ 23
और उसका गिरेबान ज़िरह के गिरेबान की तरह बीच में था और उसके चारों तरफ़ गोट लगी हुई थी ताकि वह फट न जाए।
وَصَنَعُوا عَلَى أَذْيَالِ ٱلْجُبَّةِ رُمَّانَاتٍ مِنْ أَسْمَانْجُونِيٍّ وَأُرْجُوَانٍ وَقِرْمِزٍ مَبْرُومٍ. ٢٤ 24
और उन्होंने उसके दामन के घेरे में आसमानी और अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग के बटे हुए तार से अनार बनाये।
وَصَنَعُوا جَلَاجِلَ مِنْ ذَهَبٍ نَقِيٍّ، وَجَعَلُوا ٱلْجَلَاجِلَ فِي وَسَطِ ٱلرُّمَّانَاتِ عَلَى أَذْيَالِ ٱلْجُبَّةِ حَوَالَيْهَا فِي وَسَطِ ٱلرُّمَّانَاتِ. ٢٥ 25
और ख़ालिस सोंने की घंटियाँ बना कर उनको जुब्बे के दामन के घेरे में चारों तरफ़ अनारों के बीच लगाया।
جُلْجُلٌ وَرُمَّانَةٌ. جُلْجُلٌ وَرُمَّانَةٌ. عَلَى أَذْيَالِ ٱلْجُبَّةِ حَوَالَيْهَا لِلْخِدْمَةِ، كَمَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ مُوسَى. ٢٦ 26
तब जुब्बे के दामन के सारे घेरे में ख़िदमत करने के लिए एक — एक घन्टी थी और फिर एक — एक अनार जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म दिया था।
وَصَنَعُوا ٱلْأَقْمِصَةَ مِنْ بُوصٍ صَنْعَةَ ٱلنَّسَّاجِ لِهَارُونَ وَبَنِيهِ. ٢٧ 27
और उन्होंने बारीक कतान के बुने हुए कुरते हारून और उसके बेटों के लिए बनाये।
وَٱلْعِمَامَةَ مِنْ بُوصٍ، وَعَصَائِبَ ٱلْقَلَانِسِ مِنْ بُوصٍ، وَسَرَاوِيلَ ٱلْكَتَّانِ مِنْ بُوصٍ مَبْرُومٍ. ٢٨ 28
और बारीक कतान का 'अमामा, और बारीक कतान की ख़ूबसूरत पगड़ियाँ, और बारीक बटे हुए कतान के पजामे,
وَٱلْمِنْطَقَةَ مِنْ بُوصٍ مَبْرُومٍ وَأَسْمَانْجُونِيٍّ وَأُرْجُوَانٍ وَقِرْمِزٍ صَنْعَةَ ٱلطَّرَّازِ، كَمَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ مُوسَى. ٢٩ 29
और बारीक बटे हुए कतान, और आसमानी अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग के कपड़ों का बेल बूटेदार कमरबन्द भी बनाया; जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया था।
وَصَنَعُوا صَفِيحَةَ ٱلْإِكْلِيلِ ٱلْمُقَدَّسِ مِنْ ذَهَبٍ نَقِيٍّ، وَكَتَبُوا عَلَيْهَا كِتَابَةَ نَقْشِ ٱلْخَاتِمِ: «قُدْسٌ لِلرَّبِّ». ٣٠ 30
और उन्होंने पाक ताज का पत्तर ख़ालिस सोने का बनाकर उस पर अँगूठी के नक़्श की तरह यह खुदवाया: ख़ुदावन्द के लिए पाक।
وَجَعَلُوا عَلَيْهَا خَيْطَ أَسْمَانْجُونِيٍّ لِتُجْعَلَ عَلَى ٱلْعِمَامَةِ مِنْ فَوْقُ، كَمَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ مُوسَى. ٣١ 31
और उसे 'अमामे के साथ ऊपर बाँधने के लिए उसमे एक नीला फ़ीता लगाया, जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया था।
فَكَمُلَ كُلُّ عَمَلِ مَسْكَنِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ. وَصَنَعَ بَنُو إِسْرَائِيلَ بِحَسَبِ كُلِّ مَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ مُوسَى. هَكَذَا صَنَعُوا. ٣٢ 32
इस तरह ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के घर का सब काम ख़त्म हुआ और बनी इस्राईल ने सब कुछ जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म दिया था वैसा ही किया।
وَجَاءُوا إِلَى مُوسَى بِٱلْمَسْكَنِ: ٱلْخَيْمَةِ وَجَمِيعِ أَوَانِيهَا، أَشِظَّتِهَا وَأَلْوَاحِهَا وَعَوَارِضِهَا وَأَعْمِدَتِهَا وَقَوَاعِدِهَا، ٣٣ 33
और वह घर को मूसा के पास लाए, या'नी ख़ेमा, और उसका सारा सामान, उसकी घुन्डियाँ, और तख़्ते, बेन्डे और सुतून और ख़ाने;
وَٱلْغِطَاءِ مِنْ جُلُودِ ٱلْكِبَاشِ ٱلْمُحَمَّرَةِ، وَٱلْغِطَاءِ مِنْ جُلُودِ ٱلتُّخَسِ، وَحِجَابِ ٱلسَّجْفِ، ٣٤ 34
और घटा टोप, मेंढों की सुर्ख़ रंगी हुई खालों का ग़िलाफ़ और तुख़स की खालों का ग़िलाफ़ और बीच का पर्दा;
وَتَابُوتِ ٱلشَّهَادَةِ وَعَصَوَيْهِ، وَٱلْغِطَاءِ، ٣٥ 35
शहादत का सन्दूक़ और उसकी चोबें और सरपोश,
وَٱلْمَائِدَةِ وَكُلِّ آنِيَتِهَا، وَخُبْزِ ٱلْوُجُوهِ، ٣٦ 36
और मेज़ और उसके सब बर्तन और नज़्र की रोटी;
وَٱلْمَنَارَةِ ٱلطَّاهِرَةِ وَسُرُجِهَا: ٱلسُّرُجِ لِلتَّرْتِيبِ، وَكُلِّ آنِيَتِهَا وَٱلزَّيْتِ لِلضَّوْءِ، ٣٧ 37
और पाक शमा'दान और उसकी सजावट के चराग़ और उसके सब बर्तनऔर जलाने का तेल;
وَمَذْبَحِ ٱلذَّهَبِ، وَدُهْنِ ٱلْمَسْحَةِ، وَٱلْبَخُورِ ٱلْعَطِرِ، وَٱلسَّجْفِ لِمَدْخَلِ ٱلْخَيْمَةِ، ٣٨ 38
और ज़र्रीन क़ुर्बानगाह, और मसह करने का तेल और ख़ुशबूदार ख़ुशबू और ख़ेमे के दरवाज़े का पर्दा;
وَمَذْبَحِ ٱلنُّحَاسِ، وَشُبَّاكَةِ ٱلنُّحَاسِ ٱلَّتِي لَهُ وَعَصَوَيْهِ وَكُلِّ آنِيَتِهِ، وَٱلْمِرْحَضَةِ وَقَاعِدَتِهَا، ٣٩ 39
और पीतल मढ़ा हुआ मज़बह, और पीतल की झंजरी, और उसकी चोबें और उसके सब बर्तन और हौज़ और उसकी कुर्सी;
وَأَسْتَارِ ٱلدَّارِ وَأَعْمِدَتِهَا وَقَوَاعِدِهَا، وَٱلسَّجْفِ لِبَابِ ٱلدَّارِ وَأَطْنَابِهَا وَأَوْتَادِهَا، وَجَمِيعِ أَوَانِي خِدْمَةِ ٱلْمَسْكَنِ لِخَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ، ٤٠ 40
सहन के पर्दे और उनके सुतून और ख़ाने और सहन के दरवाज़े का पर्दा और उसकी रस्सियाँ और मेख़े और ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के काम के लिए घर की इबादत के सब सामान;
وَٱلثِّيَابِ ٱلْمَنْسُوجَةِ لِلْخِدْمَةِ فِي ٱلْمَقْدِسِ، وَٱلثِّيَابِ ٱلْمُقَدَّسَةِ لِهَارُونَ ٱلْكَاهِنِ وَثِيَابِ بَنِيهِ لِلْكَهَانَةِ. ٤١ 41
और पाक मुक़ाम कि ख़िदमत के लिए कढ़े हुए लिबास और हारून काहिन के पाक लिबास और उसके बेटों के लिबास जिनको पहन कर उनको काहिन की ख़िदमत को अन्जाम देना था।
بِحَسَبِ كُلِّ مَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ مُوسَى هَكَذَا صَنَعَ بَنُو إِسْرَائِيلَ كُلَّ ٱلْعَمَلِ. ٤٢ 42
जो कुछ ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म किया था उसी के मुताबिक़ बनी इस्राईल ने सब काम बनाया।
فَنَظَرَ مُوسَى جَمِيعَ ٱلْعَمَلِ، وَإِذَا هُمْ قَدْ صَنَعُوهُ كَمَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ. هَكَذَا صَنَعُوا. فَبَارَكَهُمْ مُوسَى. ٤٣ 43
और मूसा ने सब काम का मुलाहज़ा किया और देखा कि उन्होंने उसे कर लिया है जैसा ख़ुदावन्द ने हुक्म दिया था उन्होंने सब कुछ वैसा ही किया, और मूसा ने उनको बरकत दी।

< اَلْخُرُوجُ 39 >