< اَلْخُرُوجُ 29 >

«وَهَذَا مَا تَصْنَعُهُ لَهُمْ لِتَقْدِيسِهِمْ لِيَكْهَنُوا لِي: خُذْ ثَوْرًا وَاحِدًا ٱبْنَ بَقَرٍ، وَكَبْشَيْنِ صَحِيحَيْنِ، ١ 1
“उन्हें पवित्र करने को जो काम तुझे उनसे करना है कि वे मेरे लिये याजक का काम करें वह यह है: एक निर्दोष बछड़ा और दो निर्दोष मेढ़े लेना,
وَخُبْزَ فَطِيرٍ، وَأَقْرَاصَ فَطِيرٍ مَلْتُوتَةً بِزَيْتٍ، وَرُقَاقَ فَطِيرٍ مَدْهُونَةً بِزَيْتٍ. مِنْ دَقِيقِ حِنْطَةٍ تَصْنَعُهَا. ٢ 2
और अख़मीरी रोटी, और तेल से सने हुए मैदे के अख़मीरी फुलके, और तेल से चुपड़ी हुई अख़मीरी पपड़ियाँ भी लेना। ये सब गेहूँ के मैदे के बनवाना।
وَتَجْعَلُهَا فِي سَلَّةٍ وَاحِدَةٍ، وَتُقَدِّمُهَا فِي ٱلسَّلَّةِ مَعَ ٱلثَّوْرِ وَٱلْكَبْشَيْنِ. ٣ 3
इनको एक टोकरी में रखकर उस टोकरी को उस बछड़े और उन दोनों मेढ़ों समेत समीप ले आना।
«وَتُقَدِّمُ هَارُونَ وَبَنِيهِ إِلَى بَابِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ وَتَغْسِلُهُمْ بِمَاءٍ. ٤ 4
फिर हारून और उसके पुत्रों को मिलापवाले तम्बू के द्वार के समीप ले आकर जल से नहलाना।
وَتَأْخُذُ ٱلثِّيَابَ وَتُلْبِسُ هَارُونَ ٱلْقَمِيصَ وَجُبَّةَ ٱلرِّدَاءِ وَٱلرِّدَاءَ وَٱلصُّدْرَةَ، وَتَشُدُّهُ بِزُنَّارِ ٱلرِّدَاءِ، ٥ 5
तब उन वस्त्रों को लेकर हारून को अंगरखा और एपोद का बागा पहनाना, और एपोद और चपरास बाँधना, और एपोद का काढ़ा हुआ पटुका भी बाँधना;
وَتَضَعُ ٱلْعِمَامَةَ عَلَى رَأْسِهِ، وَتَجْعَلُ ٱلْإِكْلِيلَ ٱلْمُقَدَّسَ عَلَى ٱلْعِمَامَةِ، ٦ 6
और उसके सिर पर पगड़ी को रखना, और पगड़ी पर पवित्र मुकुट को रखना।
وَتَأْخُذُ دُهْنَ ٱلْمَسْحَةِ وَتَسْكُبُهُ عَلَى رَأْسِهِ وَتَمْسَحُهُ. ٧ 7
तब अभिषेक का तेल ले उसके सिर पर डालकर उसका अभिषेक करना।
وَتُقَدِّمُ بَنِيهِ وَتُلْبِسُهُمْ أَقْمِصَةً. ٨ 8
फिर उसके पुत्रों को समीप ले आकर उनको अंगरखे पहनाना,
وَتُنَطِّقُهُمْ بِمَنَاطِقَ، هَارُونَ وَبَنِيهِ، وَتَشُدُّ لَهُمْ قَلَانِسَ. فَيَكُونُ لَهُمْ كَهَنُوتٌ فَرِيضَةً أَبَدِيَّةً. وَتَمْلَأُ يَدَ هَارُونَ وَأَيْدِيَ بَنِيهِ. ٩ 9
और उसके अर्थात् हारून और उसके पुत्रों के कमर बाँधना और उनके सिर पर टोपियाँ रखना; जिससे याजक के पद पर सदा उनका हक़ रहे। इसी प्रकार हारून और उसके पुत्रों का संस्कार करना।
«وَتُقَدِّمُ ٱلثَّوْرَ إِلَى قُدَّامِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ، فَيَضَعُ هَارُونُ وَبَنُوهُ أَيْدِيَهُمْ عَلَى رَأْسِ ٱلثَّوْرِ. ١٠ 10
१०“तब बछड़े को मिलापवाले तम्बू के सामने समीप ले आना। और हारून और उसके पुत्र बछड़े के सिर पर अपने-अपने हाथ रखें,
فَتَذْبَحُ ٱلثَّوْرَ أَمَامَ ٱلرَّبِّ عِنْدَ بَابِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ. ١١ 11
११तब उस बछड़े को यहोवा के सम्मुख मिलापवाले तम्बू के द्वार पर बलिदान करना,
وَتَأْخُذُ مِنْ دَمِ ٱلثَّوْرِ وَتَجْعَلُهُ عَلَى قُرُونِ ٱلْمَذْبَحِ بِإِصْبِعِكَ، وَسَائِرَ ٱلدَّمِ تَصُبُّهُ إِلَى أَسْفَلِ ٱلْمَذْبَحِ. ١٢ 12
१२और बछड़े के लहू में से कुछ लेकर अपनी उँगली से वेदी के सींगों पर लगाना, और शेष सब लहू को वेदी के पाए पर उण्डेल देना,
وَتَأْخُذُ كُلَّ ٱلشَّحْمِ ٱلَّذِي يُغَشِّي ٱلْجَوْفَ، وَزِيَادَةَ ٱلْكَبِدِ وَٱلْكُلْيَتَيْنِ وَٱلشَّحْمَ ٱلَّذِي عَلَيْهِمَا، وَتُوقِدُهَا عَلَى ٱلْمَذْبَحِ. ١٣ 13
१३और जिस चर्बी से अंतड़ियाँ ढपी रहती हैं, और जो झिल्ली कलेजे के ऊपर होती है, उनको और दोनों गुर्दों को उनके ऊपर की चर्बी समेत लेकर सब को वेदी पर जलाना।
وَأَمَّا لَحْمُ ٱلثَّوْرِ وَجِلْدُهُ وَفَرْثُهُ فَتَحْرِقُهَا بِنَارٍ خَارِجَ ٱلْمَحَلَّةِ. هُوَ ذَبِيحَةُ خَطِيَّةٍ. ١٤ 14
१४परन्तु बछड़े का माँस, और खाल, और गोबर, छावनी से बाहर आग में जला देना; क्योंकि यह पापबलि होगा।
«وَتَأْخُذُ ٱلْكَبْشَ ٱلْوَاحِدَ، فَيَضَعُ هَارُونُ وَبَنُوهُ أَيْدِيَهُمْ عَلَى رَأْسِ ٱلْكَبْشِ. ١٥ 15
१५“फिर एक मेढ़ा लेना, और हारून और उसके पुत्र उसके सिर पर अपने-अपने हाथ रखें,
فَتَذْبَحُ ٱلْكَبْشَ وَتَأْخُذُ دَمَهُ وَتَرُشُّهُ عَلَى ٱلْمَذْبَحِ مِنْ كُلِّ نَاحِيَةٍ. ١٦ 16
१६तब उस मेढ़े को बलि करना, और उसका लहू लेकर वेदी पर चारों ओर छिड़कना।
وَتَقْطَعُ ٱلْكَبْشَ إِلَى قِطَعِهِ، وَتَغْسِلُ جَوْفَهُ وَأَكَارِعَهُ وَتَجْعَلُهَا عَلَى قِطَعِهِ وَعَلَى رَأْسِهِ، ١٧ 17
१७और उस मेढ़े को टुकड़े-टुकड़े काटना, और उसकी अंतड़ियों और पैरों को धोकर उसके टुकड़ों और सिर के ऊपर रखना,
وَتُوقِدُ كُلَّ ٱلْكَبْشِ عَلَى ٱلْمَذْبَحِ. هُوَ مُحْرَقَةٌ لِلرَّبِّ. رَائِحَةُ سَرُورٍ، وَقُودٌ هُوَ لِلرَّبِّ. ١٨ 18
१८तब उस पूरे मेढ़े को वेदी पर जलाना; वह तो यहोवा के लिये होमबलि होगा; वह सुखदायक सुगन्ध और यहोवा के लिये हवन होगा।
«وَتَأْخُذُ ٱلْكَبْشَ ٱلثَّانِي، فَيَضَعُ هَارُونُ وَبَنُوهُ أَيْدِيَهُمْ عَلَى رَأْسِ ٱلْكَبْشِ. ١٩ 19
१९“फिर दूसरे मेढ़े को लेना; और हारून और उसके पुत्र उसके सिर पर अपने-अपने हाथ रखें,
فَتَذْبَحُ ٱلْكَبْشَ وَتَأْخُذُ مِنْ دَمِهِ وَتَجْعَلُ عَلَى شَحْمَةِ أُذُنِ هَارُونَ، وَعَلَى شَحْمِ آذَانِ بَنِيهِ ٱلْيُمْنَى، وَعَلَى أَبَاهِمِ أَيْدِيهِمِ ٱلْيُمْنَى، وَعَلَى أَبَاهِمِ أَرْجُلِهِمِ ٱلْيُمْنَى. وَتَرُشُّ ٱلدَّمَ عَلَى ٱلْمَذْبَحِ مِنْ كُلِّ نَاحِيَةٍ. ٢٠ 20
२०तब उस मेढ़े को बलि करना, और उसके लहू में से कुछ लेकर हारून और उसके पुत्रों के दाहिने कान के सिरे पर, और उनके दाहिने हाथ और दाहिने पाँव के अँगूठों पर लगाना, और लहू को वेदी पर चारों ओर छिड़क देना।
وَتَأْخُذُ مِنَ ٱلدَّمِ ٱلَّذِي عَلَى ٱلْمَذْبَحِ وَمِنْ دُهْنِ ٱلْمَسْحَةِ، وَتَنْضِحُ عَلَى هَارُونَ وَثِيَابِهِ، وَعَلَى بَنِيهِ وَثِيَابِ بَنِيهِ مَعَهُ، فَيَتَقَدَّسُ هُوَ وَثِيَابُهُ وَبَنُوهُ وَثِيَابُ بَنِيهِ مَعَهُ. ٢١ 21
२१फिर वेदी पर के लहू, और अभिषेक के तेल, इन दोनों में से कुछ कुछ लेकर हारून और उसके वस्त्रों पर, और उसके पुत्रों और उनके वस्त्रों पर भी छिड़क देना; तब वह अपने वस्त्रों समेत और उसके पुत्र भी अपने-अपने वस्त्रों समेत पवित्र हो जाएँगे।
ثُمَّ تَأْخُذُ مِنَ ٱلْكَبْشِ: ٱلشَّحْمَ وَٱلْإِلْيَةَ وَٱلشَّحْمَ ٱلَّذِي يُغَشِّي ٱلْجَوْفَ، وَزِيَادَةَ ٱلْكَبِدِ وَٱلْكُلْيَتَيْنِ، وَٱلشَّحْمَ ٱلَّذِي عَلَيْهِمَا، وَٱلسَّاقَ ٱلْيُمْنَى. فَإِنَّهُ كَبْشُ مِلْءٍ. ٢٢ 22
२२तब मेढ़े को संस्कारवाला जानकर उसमें से चर्बी और मोटी पूँछ को, और जिस चर्बी से अंतड़ियाँ ढपी रहती हैं उसको, और कलेजे पर की झिल्ली को, और चर्बी समेत दोनों गुर्दों को, और दाहिने पुट्ठे को लेना,
وَرَغِيفًا وَاحِدًا مِنَ ٱلْخُبْزِ، وَقُرْصًا وَاحِدًا مِنَ ٱلْخُبْزِ بِزَيْتٍ، وَرُقَاقَةً وَاحِدَةً مِنْ سَلَّةِ ٱلْفَطِيرِ ٱلَّتِي أَمَامَ ٱلرَّبِّ. ٢٣ 23
२३और अख़मीरी रोटी की टोकरी जो यहोवा के आगे धरी होगी उसमें से भी एक रोटी, और तेल से सने हुए मैदे का एक फुलका, और एक पपड़ी लेकर,
وَتَضَعُ ٱلْجَمِيعَ فِي يَدَيْ هَارُونَ وَفِي أَيْدِي بَنِيهِ، وَتُرَدِّدُهَا تَرْدِيدًا أَمَامَ ٱلرَّبِّ. ٢٤ 24
२४इन सब को हारून और उसके पुत्रों के हाथों में रखकर हिलाए जाने की भेंट ठहराकर यहोवा के आगे हिलाया जाए।
ثُمَّ تَأْخُذُهَا مِنْ أَيْدِيهِمْ وَتُوقِدُهَا عَلَى ٱلْمَذْبَحِ فَوْقَ ٱلْمُحْرَقَةِ رَائِحَةَ سَرُورٍ أَمَامَ ٱلرَّبِّ. وَقُودٌ هُوَ لِلرَّبِّ. ٢٥ 25
२५तब उन वस्तुओं को उनके हाथों से लेकर होमबलि की वेदी पर जला देना, जिससे वह यहोवा के सामने सुखदायक सुगन्ध ठहरे; वह तो यहोवा के लिये हवन होगा।
«ثُمَّ تَأْخُذُ ٱلْقَصَّ مِنْ كَبْشِ ٱلْمِلْءِ ٱلَّذِي لِهَارُونَ، وَتُرَدِّدُهُ تَرْدِيدًا أَمَامَ ٱلرَّبِّ، فَيَكُونُ لَكَ نَصِيبًا. ٢٦ 26
२६“फिर हारून के संस्कार को जो मेढ़ा होगा उसकी छाती को लेकर हिलाए जाने की भेंट के लिये यहोवा के आगे हिलाना; और वह तेरा भाग ठहरेगा।
وَتُقَدِّسُ قَصَّ ٱلتَّرْدِيدِ وَسَاقَ ٱلرَّفِيعَةِ ٱلَّذِي رُدِّدَ وَٱلَّذِي رُفِعَ مِنْ كَبْشِ ٱلْمِلْءِ مِمَّا لِهَارُونَ وَلِبَنِيهِ، ٢٧ 27
२७और हारून और उसके पुत्रों के संस्कार का जो मेढ़ा होगा, उसमें से हिलाए जाने की भेंटवाली छाती जो हिलाई जाएगी, और उठाए जाने का भेंटवाला पुट्ठा जो उठाया जाएगा, इन दोनों को पवित्र ठहराना।
فَيَكُونَانِ لِهَارُونَ وَبَنِيهِ فَرِيضَةً أَبَدِيَّةً مِنْ بَنِي إِسْرَائِيلَ لِأَنَّهُمَا رَفِيعَةٌ. وَيَكُونَانِ رَفِيعَةً مِنْ بَنِي إِسْرَائِيلَ مِنْ ذَبَائِحِ سَلَامَتِهِمْ، رَفِيعَتَهُمْ لِلرَّبِّ. ٢٨ 28
२८और ये सदा की विधि की रीति पर इस्राएलियों की ओर से उसका और उसके पुत्रों का भाग ठहरे, क्योंकि ये उठाए जाने की भेंटें ठहरी हैं; और यह इस्राएलियों की ओर से उनके मेलबलियों में से यहोवा के लिये उठाए जाने की भेंट होगी।
«وَٱلثِّيَابُ ٱلْمُقَدَّسَةُ ٱلَّتِي لِهَارُونَ تَكُونُ لِبَنِيهِ بَعْدَهُ، لِيُمْسَحُوا فِيهَا، وَلِتُمْلَأَ فِيهَا أَيْدِيهِمْ. ٢٩ 29
२९“हारून के जो पवित्र वस्त्र होंगे वह उसके बाद उसके बेटे पोते आदि को मिलते रहें, जिससे उन्हीं को पहने हुए उनका अभिषेक और संस्कार किया जाए।
سَبْعَةَ أَيَّامٍ يَلْبَسُهَا ٱلْكَاهِنُ ٱلَّذِي هُوَ عِوَضٌ عَنْهُ مِنْ بَنِيهِ، ٱلَّذِي يَدْخُلُ خَيْمَةَ ٱلِٱجْتِمَاعِ لِيَخْدِمَ فِي ٱلْقُدْسِ. ٣٠ 30
३०उसके पुत्रों के जो उसके स्थान पर याजक होगा, वह जब पवित्रस्थान में सेवा टहल करने को मिलापवाले तम्बू में पहले आए, तब उन वस्त्रों को सात दिन तक पहने रहें।
«وَأَمَّا كَبْشُ ٱلْمِلْءِ فَتَأْخُذُهُ وَتَطْبُخُ لَحْمَهُ فِي مَكَانٍ مُقَدَّسٍ. ٣١ 31
३१“फिर याजक के संस्कार का जो मेढ़ा होगा उसे लेकर उसका माँस किसी पवित्रस्थान में पकाना;
فَيَأْكُلُ هَارُونُ وَبَنُوهُ لَحْمَ ٱلْكَبْشِ وَٱلْخُبْزَ ٱلَّذِي فِي ٱلسَّلَّةِ عِنْدَ بَابِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ. ٣٢ 32
३२तब हारून अपने पुत्रों समेत उस मेढ़े का माँस और टोकरी की रोटी, दोनों को मिलापवाले तम्बू के द्वार पर खाए।
يَأْكُلُهَا ٱلَّذِينَ كُفِّرَ بِهَا عَنْهُمْ لِمِلْءِ أَيْدِيهِمْ لِتَقْدِيسِهِمْ. وَأَمَّا ٱلْأَجْنَبِيُّ فَلَا يَأْكُلُ لِأَنَّهَا مُقَدَّسَةٌ. ٣٣ 33
३३जिन पदार्थों से उनका संस्कार और उन्हें पवित्र करने के लिये प्रायश्चित किया जाएगा उनको तो वे खाएँ, परन्तु पराए कुल का कोई उन्हें न खाने पाए, क्योंकि वे पवित्र होंगे।
وَإِنْ بَقِيَ شَيْءٌ مِنْ لَحْمِ ٱلْمِلْءِ أَوْ مِنَ ٱلْخُبْزِ إِلَى ٱلصَّبَاحِ، تُحْرِقُ ٱلْبَاقِيَ بِٱلنَّارِ. لَا يُؤْكَلُ لِأَنَّهُ مُقَدَّسٌ. ٣٤ 34
३४यदि संस्कारवाले माँस या रोटी में से कुछ सवेरे तक बचा रहे, तो उस बचे हुए को आग में जलाना, वह खाया न जाए; क्योंकि वह पवित्र होगा।
وَتَصْنَعُ لِهَارُونَ وَبَنِيهِ هَكَذَا بِحَسَبِ كُلِّ مَا أَمَرْتُكَ. سَبْعَةَ أَيَّامٍ تَمْلَأُ أَيْدِيَهُمْ. ٣٥ 35
३५“मैंने तुझे जो-जो आज्ञा दी हैं, उन सभी के अनुसार तू हारून और उसके पुत्रों से करना; और सात दिन तक उनका संस्कार करते रहना,
وَتُقَدِّمُ ثَوْرَ خَطِيَّةٍ كُلَّ يَوْمٍ لِأَجْلِ ٱلْكَفَّارَةِ. وَتُطَهِّرُ ٱلْمَذْبَحَ بِتَكْفِيرِكَ عَلَيْهِ، وَتَمْسَحُهُ لِتَقْدِيسِهِ. ٣٦ 36
३६अर्थात् पापबलि का एक बछड़ा प्रायश्चित के लिये प्रतिदिन चढ़ाना। और वेदी को भी प्रायश्चित करने के समय शुद्ध करना, और उसे पवित्र करने के लिये उसका अभिषेक करना।
سَبْعَةَ أَيَّامٍ تُكَفِّرُ عَلَى ٱلْمَذْبَحِ وَتُقَدِّسُهُ، فَيَكُونُ ٱلْمَذْبَحُ قُدْسَ أَقْدَاسٍ. كُلُّ مَا مَسَّ ٱلْمَذْبَحَ يَكُونُ مُقَدَّسًا. ٣٧ 37
३७सात दिन तक वेदी के लिये प्रायश्चित करके उसे पवित्र करना, और वेदी परमपवित्र ठहरेगी; और जो कुछ उससे छू जाएगा वह भी पवित्र हो जाएगा।
«وَهَذَا مَا تُقَدِّمُهُ عَلَى ٱلْمَذْبَحِ: خَرُوفَانِ حَوْلِيَّانِ كُلَّ يَوْمٍ دَائِمًا. ٣٨ 38
३८“जो तुझे वेदी पर नित्य चढ़ाना होगा वह यह है; अर्थात् प्रतिदिन एक-एक वर्ष के दो भेड़ी के बच्चे।
ٱلْخَرُوفُ ٱلْوَاحِدُ تُقَدِّمُهُ صَبَاحًا، وَٱلْخَرُوفُ ٱلثَّانِي تُقَدِّمُهُ فِي ٱلْعَشِيَّةِ. ٣٩ 39
३९एक भेड़ के बच्चे को तो भोर के समय, और दूसरे भेड़ के बच्चे को साँझ के समय चढ़ाना।
وَعُشْرٌ مِنْ دَقِيقٍ مَلْتُوتٍ بِرُبْعِ ٱلْهِينِ مِنْ زَيْتِ ٱلرَّضِّ، وَسَكِيبٌ رُبْعُ ٱلْهِينِ مِنَ ٱلْخَمْرِ لِلْخَرُوفِ ٱلْوَاحِدِ. ٤٠ 40
४०और एक भेड़ के बच्चे के संग हीन की चौथाई कूटकर निकाले हुए तेल से सना हुआ एपा का दसवाँ भाग मैदा, और अर्घ के लिये ही की चौथाई दाखमधु देना।
وَٱلْخَرُوفُ ٱلثَّانِي تُقَدِّمُهُ فِي ٱلْعَشِيَّةِ. مِثْلَ تَقْدِمَةِ ٱلصَّبَاحِ وَسَكِيبِهِ تَصْنَعُ لَهُ. رَائِحَةُ سَرُورٍ، وَقُودٌ لِلرَّبِّ. ٤١ 41
४१और दूसरे भेड़ के बच्चे को साँझ के समय चढ़ाना, और उसके साथ भोर की रीति अनुसार अन्नबलि और अर्घ दोनों देना, जिससे वह सुखदायक सुगन्ध और यहोवा के लिये हवन ठहरे।
مُحْرَقَةٌ دَائِمَةٌ فِي أَجْيَالِكُمْ عِنْدَ بَابِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ أَمَامَ ٱلرَّبِّ، حَيْثُ أَجْتَمِعُ بِكُمْ لِأُكَلِّمَكَ هُنَاكَ. ٤٢ 42
४२तुम्हारी पीढ़ी से पीढ़ी में यहोवा के आगे मिलापवाले तम्बू के द्वार पर नित्य ऐसा ही होमबलि हुआ करे; यह वह स्थान है जिसमें मैं तुम लोगों से इसलिए मिला करूँगा कि तुझ से बातें करूँ।
وَأَجْتَمِعُ هُنَاكَ بِبَنِي إِسْرَائِيلَ فَيُقَدَّسُ بِمَجْدِي. ٤٣ 43
४३मैं इस्राएलियों से वहीं मिला करूँगा, और वह तम्बू मेरे तेज से पवित्र किया जाएगा।
وَأُقَدِّسُ خَيْمَةَ الِٱجْتِمَاعِ وَٱلْمَذْبَحَ، وَهَارُونُ وَبَنُوهُ أُقَدِّسُهُمْ لِكَيْ يَكْهَنُوا لِي. ٤٤ 44
४४और मैं मिलापवाले तम्बू और वेदी को पवित्र करूँगा, और हारून और उसके पुत्रों को भी पवित्र करूँगा कि वे मेरे लिये याजक का काम करें।
وَأَسْكُنُ فِي وَسَطِ بَنِي إِسْرَائِيلَ وَأَكُونُ لَهُمْ إِلَهًا، ٤٥ 45
४५और मैं इस्राएलियों के मध्य निवास करूँगा, और उनका परमेश्वर ठहरूँगा।
فَيَعْلَمُونَ أَنِّي أَنَا ٱلرَّبُّ إِلَهُهُمُ ٱلَّذِي أَخْرَجَهُمْ مِنْ أَرْضِ مِصْرَ لِأَسْكُنَ فِي وَسْطِهِمْ. أَنَا ٱلرَّبُّ إِلَهُهُمْ. ٤٦ 46
४६तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा उनका परमेश्वर हूँ, जो उनको मिस्र देश से इसलिए निकाल ले आया, कि उनके मध्य निवास करूँ; मैं ही उनका परमेश्वर यहोवा हूँ।

< اَلْخُرُوجُ 29 >